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  • Dr. Jitendra Singh ने प्रधानमंत्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक में स्वच्छता ही सेवा अभियान 4.0 का नेतृत्व किया

    Dr. Jitendra Singh ने प्रधानमंत्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक में स्वच्छता ही सेवा अभियान 4.0 का नेतृत्व किया

    Dr. Jitendra Singh: स्वच्छता सिर्फ एक बार का प्रयास नहीं बल्कि एक सतत प्रक्रिया है जिसमें सामूहिक भागीदारी की आवश्यकता होती है 

    केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री,  परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री Dr. Jitendra Singh ने कहा कि “स्वच्छता केवल एक बार का प्रयास नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है जिसमें सामूहिक भागीदारी की आवश्यकता होती है।”

    मंत्री ने यह बयान आज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), साउथ ब्लॉक में स्वच्छता ही सेवा अभियान 4.0 का नेतृत्व करते हुए दिया। उनके साथ प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री पी. के. मिश्रा, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे और तरूण कपूर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्‍होंने स्वच्छ भारत मिशन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

    यह समीक्षा जीवन के एक तरीके के रूप में स्वच्छता को सुदृढ़ करने के लिए सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर चलाए जा रहे बड़े राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है।

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “स्वच्छता ही सेवा सिर्फ एक अभियान नहीं है बल्कि राष्ट्रव्यापी आंदोलन है जो भारत के लोगों की सामूहिक इच्छा और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह महात्मा गांधी के स्वच्छता और सभी के लिए सम्मान के दृष्टिकोण से गहराई से मेल खाता है। यह अभियान शारीरिक स्वच्छता से भी आगे जाता है – यह हमारे परिवेश के प्रति जिम्मेदारी की मानसिकता को बढ़ावा देता है और स्वस्थ, अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान देता है।

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, यह सुनिश्चित करना हमारा साझा कर्तव्य है कि ये प्रयास केवल एक बार की कार्रवाई नहीं, बल्कि आदत बन जाएं। प्रत्येक व्यक्ति, कार्यालय और समुदाय को स्वच्छता के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के इस मिशन में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

    आज की समीक्षा के दौरान मंत्री ने पीएमओ कर्मचारियों को स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी कार्यालयों को राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत अभियान में रोल मॉडल के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने अभियान को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने में उनकी भूमिका पर बल देते हुए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की प्रतिबद्धता की भी सराहना की।

    2 अक्टूबर 2024 को शुरू की गई गतिविधियों पर विचार करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने महात्मा गांधी के स्वच्छता के दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला। उस दिन, मंत्री ने बड़े सफाई अभियान का नेतृत्व किया और नागरिकों एवं अधिकारियों को स्वच्छता प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इसकी शुरुआत के दौरान उन्होंने स्वयंसेवकों और सरकारी कर्मियों से बातचीत की और उनसे अपने परिवेश का स्वामित्व लेने और टिकाऊ, स्वच्छ भविष्य में योगदान देने का आग्रह किया।

    स्वच्छता ही सेवा अभियान 4.0 व्यापक पहल का हिस्सा है, जो भारत को स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर जोर देता है। कई सरकारी संस्थानों और मंत्रालयों की सक्रिय भागीदारी के साथ इस अभियान ने प्रत्येक नागरिक में स्वच्छता की आदतें डालने और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम करने के प्रयासों को और अधिक सक्रिय कर दिया है।

    डीएआरपीजी के सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा अभियान 4.0 में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है, 63.48 लाख वर्ग फुट से अधिक जगह साफ की गई है और स्क्रैप निपटान से 53.6 करोड़ रुपए सर्जित हुए। वर्तमान प्रयास का उद्देश्य सरकारी संस्थानों में पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ परिपाटियों को बढ़ावा देना है, जिससे स्वच्छ और स्वस्थ भारत की दिशा में राष्ट्रव्यापी अभियान को सक्रिय किया जा सके।

    source: http://pib.gov.in

  • केंद्रीय कोयला Satish Chandra Dubey ने ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया

    केंद्रीय कोयला Satish Chandra Dubey ने ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया

    Satish Chandra Dubey

    केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने रांची स्थित सीएमपीडीआई के दौरे के समय ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर आयोजित हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया। सीएमपीडीआई ने देश की ऊर्जा तथा रासायनिक आवश्यकताओं को पूरा करने और आर्थिक स्वतंत्रता तथा पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने हेतु महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए 6 समस्या कथनों पर ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर हैकाथॉन का आयोजन किया।

    इस हैकाथॉन के माध्यम से, सीएमपीडीआई और कोयला मंत्रालय ऐसे समाधान की तलाश कर रहे हैं जो कोयला कंपनियों के जटिल ताने-बाने के भीतर मापनीय, प्रदर्शन या व्यावसायिक प्रतिकृति के लिए तैयार हों। इस हैकाथॉन ने स्टार्ट-अप, शोध संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों को कोयला गैसीकरण के क्षेत्र में नवाचार करने का अवसर भी प्रदान किया। हैकाथॉन के तहत 34 प्रस्ताव प्राप्त हुए और उन्हें आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी हैदराबाद, सीआईएमएफआर धनबाद, सीआईएल कोलकाता और सीएमपीडीआई रांची के प्रतिष्ठित निर्णायकों के सामने प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय मंत्री ने प्रत्येक समस्या कथन के शीर्ष 3 प्रतिभागियों को सम्मानित किया।

    इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने सीएमपीडीआई की गतिविधियों की प्रशंसा की और कहा कि सीएमपीडीआई प्रौद्योगिकी के बल पर देश को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने हैकाथॉन के विजेताओं को भी बधाई दी। इस अवसर पर सीएमपीडीआई के सीएमडी श्री मनोज कुमार; बीसीसीएल के सीएमडी श्री समीरन दत्ता; सीसीएल के सीएमडी श्री निलेन्दु कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

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    सीएमपीडीआई के अपने दौरे के दौरान मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने इसके परिसर में कई सुविधाओं का उद्घाटन किया। विशेष अभियान 4.0 के तहत, उन्होंने सीएमपीडीआई में स्थापित 5 किलोवाट क्षमता वाले तीन ‘‘सोलर ट्री’’ का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रयास से आसपास के लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूक किया जा सकेगा।

    विशेष अभियान 4.0 के तहत श्री दुबे ने वैस्ट टू वेल्थ थीम के तहत स्कूटर से बने ‘‘हिरण की संरचना’’ का भी उद्घाटन किया। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत ‘‘सफाई कर्मचारियों’’ को सम्मानित किया और उन्होंने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ पहल के तहत सीएमपीडीआई इकाई परिसर में एक पौधा लगाया।

    इसके अलावा, श्री दुबे ने सीएमपीडीआई के खेल मैदान में नवनिर्मित बैडमिंटन कोर्ट, जिम्नेजियम और चार हाई मास्ट लाइट का उद्घाटन किया। ये गतिविधियां भारत सरकार के ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के अनुरूप हैं और इनका उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और फिटनेस तथा स्वास्थ्य में सुधार करना है।

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  • कोयला मंत्रालय Shri V.L. Kanta Rao ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत मिलेनियम पार्क में “एक पेड़ माँ के नाम” के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाया

    कोयला मंत्रालय Shri V.L. Kanta Rao ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत मिलेनियम पार्क में “एक पेड़ माँ के नाम” के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाया

    Shri V.L. Kanta Rao

    Ministry of Coal ने आज “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के तहत मिलेनियम पार्क में वृक्षारोपण अभियान चलाया। यह कार्यक्रम स्वच्छता ही सेवा अभियान का एक हिस्सा है, जिसका लक्ष्य स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बढ़ावा देना है।

    कोयला मंत्रालय के सचिव Shri V.L. Kanta Rao ने वृक्षारोपण अभियान की अगुवाई की और कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में एक छोटा पौधा लगाया। कोयला मंत्रालय के अधिकारियों की सक्रिय साझेदारी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके सामूहिक समर्पण को दर्शाया। यह साझेदारी मंत्रालय की अपने खनन कार्यों में संधारणीय प्रथाओं को एकीकृत करने की कटिबद्धता की पुष्टि करती है और राष्ट्र के स्वच्छ और हरित मिशन का समर्थन करने में ऐसी पहलों के महत्व को उजागर करती है।

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    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के एक हिस्से के रूप में, केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने 25 जुलाई 2024 को भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, धनबाद से वृक्षारोपण अभियान 2024 को शुरू किया था। उद्घाटन के दिन, सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला/लिग्नाइट उपक्रमों ने सामूहिक रूप से 10 लाख से अधिक पौधे लगाए और वितरित किए। कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में, इन सार्वजनिक उपक्रमों ने अपने प्रयास जारी रखे हैं और वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 31 अगस्त 2024 तक खनन क्षेत्रों में और उसके आसपास 1,388 हेक्टेयर भूमि पर 33 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं।

    भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाने के अलावा, इन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। पिछले पांच वर्षों में, इन उपक्रमों ने कोयला खनन क्षेत्रों में 10,942 हेक्टेयर भूमि पर 240 लाख पौधे लगाए हैं, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

    कोयला मंत्रालय भूमि सुधार और इको-पार्क विकसित करने सहित विभिन्न पहलों के जरिये से सतत विकास को लगातार बढ़ावा दे रहा है। आज का वृक्षरोपण अभियान एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण प्राप्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है और जो स्वच्छ भारत के विज़न को आगे बढ़ा रहा है।

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  • CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों के साथ मध्यप्रदेश ने रचे नये कीर्तिमान

    CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों के साथ मध्यप्रदेश ने रचे नये कीर्तिमान

     CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगाँठ

     

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में शुरू हुए स्वच्छता अभियान में मध्यप्रदेश अनेक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। प्रधानमंत्री की मंशानुरूप प्रदेशवासियों ने पूरे उत्साह और जन-सहयोग से स्वच्छता के क्षेत्र में नये आयाम भी स्थापित किये हैं। इसमें जहाँ एक ओर वर्ष 2022 के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश को सबसे स्वच्छतम राज्य का दर्जा मिला, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के इंदौर शहर ने लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त किया। इसके साथ ही वर्ष 2023 में प्रदेश में गीले कचरे से बॉयो सीएनजी का उत्पादन करने का अभिनव नवाचार भी हुआ है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन 17 सितम्बर से स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी की जयंती तक चलेगा। इस वर्ष अभियान की थीम “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ रखी गयी है। स्वच्छता ही सेवा अभियान में अधिक से अधिक जन-भागीदारी और स्थानीय निकायों की भागीदारी पर जोर दिया गया है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में कई मामलों में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। प्रदेश के सभी शहरों ने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं। जनता के सहयोग से स्वच्छ भारत मिशन को जन-आंदोलन का रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जन-भागीदारी के साथ बड़े पैंमाने पर स्वच्छता संबंधी विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेगी।

    स्वच्छता के क्षेत्र में प्रदेश की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

    स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार-2023 में इंदौर शहर को लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला है। यह इंदौर के नागरिकों की जन-भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण है। मध्यप्रदेश कम लागत पर एसटीपी इंसेप्शन एण्ड डायवर्सन आधारित सीवेज उपचार प्रणाली के लिये दिशा-निर्देश तैयार करने और कार्यादेश जारी करने वाला पहला राज्य है। इस वर्ष मार्च-2024 में मध्यप्रदेश ने नगरीय निकायों के लिये “उपयोगिता जल और सेप्टेज प्रबंधन नीति’’ प्रकाशित की है, जिसमें सीवर और सैप्टिक टैंकों की मशीनीकृत सफाई 100 प्रतिशत सुनिश्चित की गयी है। इंदौर वाटर प्लस प्रमाणन और 7 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाला देश का पहला शहर है। हाल ही में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में जबलपुर को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

    शत-प्रतिशत मोटराइज्ड वाहनों से कचरा संग्रहण

    प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 7 हजार 82 से अधिक मोटराइज्ड वाहनों से कचरा संग्रहण व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। इनमें सूखे, गीले, घरेलू हानिकारक और सेनेटरी अपशिष्ट को अलग-अलग रखने के लिये कम्पार्टमेंट बनाये गये हैं। जीपीएस और पीए सिस्टम से वाहनों की निगरानी और स्वच्छता विषयों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन के लिये स्पॉट कम्पोजिटिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 850 से अधिक ठोस अपशिष्ट उत्पादकों द्वारा स्पॉट कम्पोजिटिंग की जा रही है। प्रदेश में फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता देते हुए 368 नगरीय निकायों में 399 एफएसटीपी और 20 निकायों में 55 एसटीपी संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में 401 नगरीय निकाय 368 केन्द्रीयकृत इकाइयों से कम्पोजिटिंग कर रहे हैं। सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 401 नगरीय निकायों में 360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है।

     गीले कचरे से बॉयो सीएनजी का उत्पादन

    निकायों में लीगेसी वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से खत्म करने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के 108 नगरीय निकायों के लीगेसी वेस्ट का उपचार किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण में 50 नगरीय निकायों ने अपने लीगेसी वेस्ट का पूर्ण निपटान कर लिया है। गीले कचरे की कम्पोजिटिंग के लिये कटनी और सागर में अत्याधुनिक स्व-चलित इकाइयाँ कार्य कर रही हैं। इन इकाइयों में 16 शहरों से कचरा लाकर उसे कम्पोस्ट में बदला जा रहा है। इंदौर में गीले कचरे से बॉयो सीएनजी तैयार करने के लिये 550 टन प्रतिदिन क्षमता की गोवर्धन इकाई काम कर रही है। रीवा और जबलपुर में कचरे से बिजली बनाने की इकाइयाँ भी चल रही हैं। इन इकाइयों में प्रतिदिन 950 टन कचरे का प्र-संस्करण कर 18 मेगावॉट बिजली पैदा की जा रही है। प्रदेश के 10 निकायों के लिये क्लस्टर आधारित 1019 टन प्रतिदिन क्षमता की इकाइयों के लिये केन्द्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। इंदौर और उज्जैन में 660 टन कचरे से बिजली बनाने का काम प्रस्तावित है। इस यूनिट में करीब 12.15 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। इन सब कामों से प्रदेश के नगरीय निकाय वर्ष 2027 तक कचरा प्रबंधन में आत्म-निर्भर बन सकेंगे।

    स्वच्छ सर्वेक्षण में हासिल की नई ऊँचाइयाँ

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में मध्यप्रदेश को देश के सबसे स्वच्छतम राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ है। वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे स्वच्छतम राज्य घोषित किया गया है। स्वच्छता के मामले में मध्यप्रदेश को 7 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 361 निकाय ओडीएफ डबल प्लस, 3 निकाय ओडीएफ प्लस और 7 निकाय को ओडीएफ का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। नगरीय निकायों में अपशिष्ट जल के शोधन एवं उपचारित जल के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये 7 निकायों को वाटर प्लस का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। अब तक प्रदेश के 384 निकायों द्वारा स्वयं को सीपीएचईईओ मानदण्डों के आधार पर संरक्षित शहर घोषित किया गया है।

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2024

    खुले में शौच से मुक्त शहरों की श्रेणी में 27 शहरों को वाटर प्लस और शेष सभी शहरों को डबल प्लस, वहीं कचरा मुक्त स्टार प्रमाणीकरण के लिये सभी शहरों को कम से कम 3 स्टार से प्रमाणित किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है।

    नवाचार एवं उत्कृष्ट प्रयास

    प्रदेश में स्वच्छता विषयों के प्रति जागरूकता लाने के लिये स्वच्छता की पाठशाला नामक गतिविधि शुरू की गयी है। इसके लिये अब तक 388 प्रशिक्षण सत्रों में 44 हजार 639 सफाई मित्रों, 2004 अधिकारियों, 243 जन-प्रतिनिधियों और 200 अशासकीय संगठनों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिलाया गया है। आपसी अनुभव से सीखने की प्रक्रिया को सशक्त करने के मकसद से प्रतिदिन स्वच्छता संवाद परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। सफाई मित्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन के सहयोग से सफाई मित्रों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये शिविर लगाये गये। इनमें 44 हजार 701 सफाई मित्रों और उनके परिवार को फायदा पहुँचाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता से जुड़े प्रमुख विषयों पर 10 से अधिक ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जा चुके हैं। हाल ही में आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में 16 प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की दिशा में 14 नगरीय निकायों और 311 निकायों में 600 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण के साथ सह एक्सपोजर विजिट कराया गया।

    source: http://www.mpinfo.org

  • Minister Shri Vijayvargiya मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में  हुए शामिल

    Minister Shri Vijayvargiya मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल

    Minister Shri Vijayvargiya: सरकारी योजनाओं की सफलता में जन-भागीदारी की अहम भूमिका

    नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि सरकारी योजनाओं और कार्यक्रम की सफलता में जन-भागीदारी का महत्वपूर्ण रोल होता है। उन्होंने समाज के हर स्तर पर जन-भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। मंत्री श्री विजयवर्गीय आज भोपाल के नरोन्हा प्रशासन अकादमी में नगरीय सुशासन – मानव अधिकार विषय पर हुए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन किया गया।

    नगरीय विकास मंत्री श्री विजयवर्गीय ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिये केन्द्र सरकार से अधिक से अधिक राशि मिल रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शहरों के विकास के लिये स्मार्ट सिटी जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इंदौर शहर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में एक दिन में केवल 12 घंटे में सफल जन-भागीदारी से 12 लाख पौधे लगाये गये हैं। आज इन पौधों की देख-भाल शहर का नागरिक आगे बढ़कर कर रहा है।

    स्वच्छता कार्यक्रम में संस्कार जरूरी

    स्वच्छता ही सेवा अभियान की चर्चा करते हुए मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि बच्चों में सफाई के संस्कार शुरू से डाले जायें, तो इसके बेहतर परिणाम इंदौर में देखे जा सकते हैं। इंदौर शहर में स्वच्छता के मामले में देशभर में मध्यप्रदेश को विशिष्ट पहचान दिलाई है। अब इंदौर को क्लीन सिटी के साथ ग्रीन सिटी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब का दायित्व है कि हम सफाई मित्रों के हितों का ख्याल रखें और उन्हें पूरा सम्मान दें। मंत्री श्री विजयवर्गीय ने अपने नगर निगम जन-प्रतिनिधि के रूप में कच्चे शौचालय को पक्के शौचालय में परिवर्तित किये गये कार्यों की जानकारी दी।

    मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने आयोग की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोग की पहुंच बढ़ाने के लिये नवाचार करते हुए ‘आयोग आपके द्वार’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। आयोग 35 जिला मुख्यालय तक अपने कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। अध्यक्ष श्री ममतानी ने बताया कि आयोग की मंशा है कि समाज के प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार हो। कार्यक्रम को आयोग के सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में महानिदेशक नरोन्हा अकादमी श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव विधि श्री एन.पी. सिंह भी मौजूद थे।

    कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की योजनाओं की जानकारी, नगर निगम भोपाल, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान का प्रेजेन्टेशन भी दिया गया।

    source: http://www.mpinfo.org


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