Shambhu Border (शंभू बॉर्डर) अभी नहीं खुलेगा, बनी रहेगी यथास्थिति… सुप्रीम कोर्ट का आदेश
Shambhu Border (शंभू बॉर्डर) पर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि शंभू बॉर्डर अभी नहीं खोला जाएगा और यथास्थिति बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कमेटी बनने तक Punjab और Haryana सरकार शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच विश्वास की कमी है। इस कमी को दूर करने और किसानों की मांगों का समाधान ढूंढने के लिए कोर्ट ने एक स्वतंत्र समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा. समिति में प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी जो प्रदर्शनकारी किसानों से बात करेंगी।
‘ उठाने होंगे कुछ कदम’
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच विश्वास बनाने के लिए एक “निष्पक्ष मध्यस्थ” की आवश्यकता है। “आपको किसानों तक पहुंचने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। अन्यथा वे दिल्ली क्यों आएंगे? आप यहां से मंत्रियों को भेज रहे हैं, लेकिन उनके अच्छे इरादों के बावजूद, विश्वास की कमी है,” पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ”एक हफ्ते के भीतर उचित निर्देश लिए जाएं.” इससे पहले Shambhu Border पर हालात बिगड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाई कोर्ट को चुनौती दी गई थी. जिसमें अंबाला के पास शंभू बॉर्डर से बैरिकेड हटाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. किसान 13 फरवरी से Shambhu Border पर डेरा डाले
हुए हैं.
हरियाणा सरकार की ओर से तुषार मेहता ने क्या दलीलें दीं?
- SG तुषार मेहता ने कहा कि हमें लोगों की असुविधा का ध्यान है लेकिन बॉर्डर की दूसरी तरफ 500
ट्रैक्टर ट्राली बख्तरबंद के रूप में मौजूद हैं. - तुषार मेहता ने आगे कहा कि जनता की परेशानियों को लेकर हम भी चिंतित हैं लेकिन ट्रैक्टर ट्रॉली हैं, जो पंजाब से दिल्ली की तरफ जाना चाहती हैं.
- SG तुषार मेहता ने कहा कि इसके बारे में अदालत को सूचित करेगें. जेसीबी और ट्रैक्टर को वार ट्रैंक के रूप में बनाया गया है. हम इस सुझाव को सरकार के सामने रखेंगे.
- तुषार मेहता ने कहा कि नेशनल हाईवे पर जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली की इजाजत नहीं दे सकते.
- तुषार मेहता ने कहा कि किसानों द्वारा टैंक के रूप में बनाए गए वाहन चिंता का कारण हैं.