Tag: सीएम भगवंत मान समाचार

  • Vigilance Bureau ने प्लॉट के नामांतरण के लिए किश्तों में 65 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे पूर्व पटवारी और उसके सहयोगी को किया गिरफ्तार

    Vigilance Bureau ने प्लॉट के नामांतरण के लिए किश्तों में 65 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे पूर्व पटवारी और उसके सहयोगी को किया गिरफ्तार

    Vigilance Bureau ने पटवारी गुरनाम सिंह और उसके सहायक राणा सिंह को गिरफ्तार किया है, जिन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा।

    पंजाब Vigilance Bureau ने राज्य में भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ मुहिम के तहत राजस्व हलका गिल में तैनात पूर्व पटवारी गुरनाम सिंह, उसके साथियों बूटा सिंह और लुधियाना जिले के गिल गांव निवासी राणा सिंह के खि़लाफ़ 65,000 रुपए की रिश्वत लेने के लिए भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने पटवारी गुरनाम सिंह और उसके सहायक राणा सिंह को गिरफ्तार किया है, जिन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा।

    इस संबंधी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि जिला लुधियाना के गांव डुल्ले निवासी सरबजीत सिंह द्वारा दायर एक शिकायत की जांच के आधार पर उपरोक्त आरोपियों के खि़लाफ़ यह मामला दर्ज किया गया है

    शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बूटा सिंह और राणा सिंह नाम के दो निजी व्यक्तियों ने पटवारी गुरनाम सिंह के साथ उनकी बैठक की व्यवस्था की थी, जिन्होंने उनके प्लॉट के म्यूटेशन (इंतकल) के लिए एक लाख रुपये की मांग की थी। उन्होंने आगे बताया कि पटवारी ने अपने उपरोक्त सहयोगियों (करिंडा) बूटा और राणा के माध्यम से 15000 रुपये, 35000 रुपये और 15000 रुपये की तीन किस्तों में कुल 65000 रुपये की रिश्वत ली थी। शिकायतकर्ता ने पटवारी और उसके साथियों के साथ फोन कॉल रिकॉर्ड की थी।

    प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान 65000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप सिद्ध हुए। इस संबंध में पटवारी गुरनाम सिंह, उसके साथियों बूटा सिंह और राणा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में आगे की जांच प्रगति पर है।

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  • Hardeep Singh Mundian: कॉलोनाइजरों के लंबित कार्यों के निपटारे के लिए 16 अक्टूबर को पहली बार विशेष शिविर लगेगा

    Hardeep Singh Mundian: कॉलोनाइजरों के लंबित कार्यों के निपटारे के लिए 16 अक्टूबर को पहली बार विशेष शिविर लगेगा

    Hardeep Singh Mundian: शहरों के नियोजित विकास के दौरान पर्यावरण प्रदूषण और अनधिकृत कॉलोनियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

    • आवास एवं शहरी विकास मंत्री ने क्रेडाई के साथ मैराथन बैठक की

    मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार नागरिकों और कॉलोनाइजरों के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए 16 अक्टूबर को पहली बार विशेष शिविर का आयोजन कर रही है, जिसमें कॉलोनाइजरों के कम से कम 50 प्रकरणों में प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। यह बात आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने आज चंडीगढ़ के पंजाब भवन में क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कही।

    मुंडियन ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कॉलोनाइजरों और नागरिकों के कार्यों के संबंध में जीरो पेंडेंसी सुनिश्चित की जा रही है ताकि सुचारू और समय पर सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को पहले शिविर के बाद, नवंबर के अंत में एक दूसरा ऐसा शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें अधिक से अधिक लंबित मामलों को निपटाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

    आवास एवं शहरी विकास मंत्री ने आगे कहा कि यदि विभाग का कोई अधिकारी कॉलोनाइजरों के मामलों से संबंधित रिश्वत की मांग करता है, तो शिकायत तुरंत विभाग के ईमेल transparency.hud@gmail.com पर भेजी जाए जो सीधे उन्हें और सचिव को संबोधित की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जब भी नागरिक या कॉलोनाइजर किसी भी कार्यालय में काम के लिए आते हैं, तो उनकी समस्याओं को सुना जाना चाहिए और प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाना चाहिए।

    शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि राज्य सरकार शहरों के नियोजित विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र का प्रमुख योगदान होने की संभावना है। इसके अलावा सरकार की ओर से अनधिकृत कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा 18 से 29 अक्टूबर तक सरकार सरकारी संपत्तियों की दूसरी नीलामी शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि विकास केंद्रित कार्य करते समय किसी को भी पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

    सचिव राहुल तिवारी ने बताया कि लम्बित मामलों के निस्तारण के लिए हर महीने शिविर लगाए जाएंगे। अब तक विभाग के अधिकारियों की मेहनत के कारण विभाग में विभिन्न प्रकार के 1000 लंबित मामलों को घटाकर 100 कर दिया गया है और भविष्य में इसे पूरी तरह से खत्म करने का उद्देश्य है।

    इस अवसर पर क्रेडाई के अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री का स्वागत किया और अधिकारियों के साथ उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे इस तरह के पहले शिविर की सराहना करते हुए कहा कि यह एक नया कदम है। कैबिनेट मंत्री एस. मुंडियन ने कहा कि कॉलोनाइजरों की मांगों और फीडबैक का पता लगाने के लिए इस तरह की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी।

    बैठक में मुख्य प्रशासक (सीए) गमाडा मोनीश कुमार, सीए पुडा और निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग नीरू कत्याल गुप्ता और एसीए पुडा इनायत भी उपस्थित थे।

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  • मुख्य सचिव KAP Sinha ने श्री दरबार साहिब और श्री दुर्गियाना मंदिर में मत्था टेका

    मुख्य सचिव KAP Sinha ने श्री दरबार साहिब और श्री दुर्गियाना मंदिर में मत्था टेका

    पंजाब के मुख्य सचिव KAP Sinha ने रविवार को अमृतसर में श्री दरबार साहिब और श्री दुर्गियाना मंदिर में मत्था टेका।

    श्री दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद मुख्य सचिव सिन्हा ने पवित्र स्थान के चारों ओर पारंपरिक परिक्रमा की। उन्होंने गुरबाणी कीर्तन भी सुना। इसके बाद सूचना कार्यालय में एसजीपीसी द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। श्री दुर्गियाना मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद श्री सिन्हा को मंदिर समिति द्वारा सम्मानित भी किया गया।

    मुख्य सचिव श्री केएपी सिन्हा ने कहा कि नए पद का दायित्व संभालने के बाद वह ‘गुरु घर’ से आशीर्वाद लेकर आभार व्यक्त करने आए हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उन्हें ईमानदारी और समर्पण के साथ पंजाब के लोगों की सेवा करने का आशीर्वाद दिया है।

    इस मौके पर उपायुक्त अमृतसर साक्षी साहनी, एसडीएम मनकंवल सिंह चहल और डीसीपी हरप्रीत सिंह मंदर भी मौजूद रहे।

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  • CM Bhagwant Mann की कोशिशें रंग लाई, भारत सरकार ने मिल मालिकों और आढ़तियों की मुख्य मांगें मानी

    CM Bhagwant Mann की कोशिशें रंग लाई, भारत सरकार ने मिल मालिकों और आढ़तियों की मुख्य मांगें मानी

    CM Bhagwant Mann ने मिल मालिकों और आढ़तियों से किए वादे पूरे किए, केंद्र सरकार के समक्ष उठाए मुद्दे

    •  केंद्र सरकार ने अतिरिक्त स्टोरेज क्षमता के लिए 31 मार्च 2025 तक राज्य से 120 लाख मीट्रिक टन अनाज उठाने की सहमति दी
    •  एफ.सी.आई. के डिपो में चावल की डिलीवरी के लिए लगने वाले ट्रांसपोर्टेशन खर्च की भरपाई करेगी भारत सरकार
    • समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए ड्रायेज की 1 प्रतिशत बहाली की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन
    • कम पानी की खपत वाली धान की किस्मों को लाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने पंजाब की सराहना की
    • आढ़तियों का कमीशन एम.एस.पी. का 2.5% बहाल करने पर केंद्र विचार करेगा

    पंजाब के आढ़तियों और चावल मिल मालिकों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने CM Bhagwant Mann द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के साथ बैठक के दौरान उठाई गई प्रमुख मांगों को मान लिया है।

    केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में धान की खरीद एक त्यौहार की तरह होती है। उन्होंने बताया कि पंजाब की अर्थव्यवस्था इस खरीद सीजन पर निर्भर करती है और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह सीजन बहुत महत्वपूर्ण है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि मौजूदा खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान पंजाब में 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की संभावना है और मिलिंग के बाद 125 लाख मीट्रिक टन चावल की डिलीवरी का अनुमान है।

    मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि मौजूदा सीजन के दौरान स्टोरेज की कमी लगातार हो रही है और अब तक सिर्फ सात लाख मीट्रिक टन क्षमता ही उपलब्ध है, जिससे राज्य के मिल मालिकों में व्यापक असंतोष है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे मंडियों में धान की खरीद/उठान पर बुरा असर पड़ रहा है, जिससे किसानों के बीच भी नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से अपील की कि खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने के लिए 31 मार्च 2025 तक राज्य से कम से कम 20 प्रतिशत अनाज की उठान सुनिश्चित की जाए। इसके लिए ओएमएसएस/इथेनॉल के लिए निर्धारित/निर्यात/कल्याण योजनाओं और अन्य श्रेणियों के तहत चावल की उठान बढ़ाई जाए।

    मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री जोशी ने मार्च 2025 तक राज्य से 120 लाख मीट्रिक टन धान की उठान सुनिश्चित करने पर सहमति जताई।

    चावल की डिलीवरी के लिए मिल मालिकों को परिवहन खर्च की अदायगी का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कई बार मिलिंग केंद्रों में स्टोरेज की जगह न होने के कारण एफसीआई मिल मालिकों को अपने डिपो पर चावल पहुंचाने के लिए कहता है, जो अधिकांश मामलों में 50 से 100 किलोमीटर के दायरे में होते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई मामलों में ये डिपो राज्य के बाहर भी स्थित होते हैं, जिससे मिल मालिकों पर परिवहन लागत के रूप में अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की लागत चावल मिल मालिकों और राज्य की खरीद एजेंसियों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों में शामिल नहीं होती।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए एफसीआई के डिपो तक चावल की डिलीवरी के लिए आने वाले अतिरिक्त परिवहन खर्च की पूर्ति करने की मांग जायज है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि मिल मालिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए और उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि चावल की डिलीवरी के लिए परिवहन खर्च की अदायगी वास्तविक दूरी के अनुसार की जानी चाहिए और इसमें बैकवर्ड चार्ज और अन्य खर्चों की कटौती न हो। इस मुद्दे के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने भगवंत सिंह मान को आश्वासन दिया कि इस संबंध में मिल मालिकों को आने वाले परिवहन खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी।

    धान की ड्राइएज का मुद्दा उठाते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि दशकों से एमएसपी पर खरीद के लिए एक प्रतिशत ड्राइएज की अनुमति थी, जिसे बिना किसी विचार-विमर्श और बिना वैज्ञानिक सर्वेक्षण के 2023-24 के खरीफ सीजन में डीएफपीडी द्वारा एकतरफा घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे चावल मिल मालिकों को अनावश्यक वित्तीय नुकसान हुआ है, जो पहले से ही भंडारण के लिए जगह की कमी के कारण वित्तीय दबाव में थे और इससे उनके बीच असंतोष और बढ़ गया है। उन्होंने आगे कहा कि जैसे स्थान की कमी के कारण पिछले मिलिंग सीजन को 31 मार्च से आगे बढ़ाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप गर्मी के मौसम के कारण अप्रैल से 24 जुलाई तक धान के सूखने/वजन घटने/रंग बदलने के कारण अधिक नुकसान हुआ था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि खरीफ सीजन 2023-24 से पहले की तरह ड्राइएज को एमएसपी के एक प्रतिशत तक बहाल किया जा सकता है और जहां एफसीआई को दिए गए सीएमआर/एफआर में नमी की मात्रा 14 प्रतिशत से कम हो, वहां 31 मार्च के बाद डिलीवरी के लिए मिलरों को उचित मुआवजा दिया जा सकता है।

    ड्राइएज के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा कि इस संबंध में उसने आईआईटी खड़गपुर से पहले ही एक सर्वेक्षण करवाया है। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में पंजाब के दृष्टिकोण को भी शामिल किया जाएगा।

    धान की हाइब्रिड किस्मों के आउट-टर्न अनुपात का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ग्रेड-ए धान के लिए आउट-टर्न अनुपात 67 प्रतिशत तय किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रेड-ए धान की पारंपरिक किस्मों के लिए अधिक पानी की खपत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने राज्य में कुछ हाइब्रिड किस्मों की खेती को प्रोत्साहित किया है। भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि कम समय में पकने वाली इन किस्मों में पानी की कम खपत होती है और अधिक उपज देती हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि स्वाभाविक है।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि मिल मालिकों ने जानकारी दी है कि इन किस्मों का आउट-टर्न अनुपात 67 प्रतिशत से कम है, जिसका पुनर्मूल्यांकन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि वह धान की इन किस्मों के आउट-टर्न अनुपात का अध्ययन करने के लिए केंद्रीय टीमों को नियुक्त करें। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने धान की कम पानी की खपत वाली किस्मों को लाने की पंजाब सरकार की अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने ऐसी और किस्मों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार को पूरी मदद और सहयोग देने का आश्वासन दिया।

    एक और मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब एपीएमसी अधिनियम के तहत आढ़तियों को कमीशन भत्ता देने की जोरदार अपील की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले पांच वर्षों/2019-20 से आढ़तियों को दिए जा रहे कमीशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इन वर्षों के दौरान उनके खर्चे कई गुना बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हर साल बढ़ाया जाता है जबकि 2019-20 से ही आढ़तियों को 45.38 से 46 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन दिया जा रहा है। हालांकि पंजाब राज्य कृषि उत्पादन बाजार समिति अधिनियम के नियम और उप-नियमों के तहत आढ़तियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2.5% कमीशन देने का प्रावधान है, जो मौजूदा खरीफ सीजन में 58 रुपए प्रति क्विंटल बनता है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान खरीद में कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों के बावजूद, श्रमिकों की कमी, मौसम की गड़बड़ी और मशीनों द्वारा कटाई के कारण मंडियों में तेजी से आवक को सुनिश्चित करने के बावजूद आढ़तियों ने केंद्रीय पूल के तहत अनाज की निर्बाध खरीद सुनिश्चित की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य द्वारा पिछले तीन वर्षों से हर साल केंद्रीय पूल में 45-50 प्रतिशत गेहूं का योगदान देकर देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इससे गेहूं के बफर स्टॉक को बनाए रखने, खुले बाजार में गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने और महंगाई को रोकने में मदद मिली है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आढ़तियों के कमीशन में कोई वृद्धि न होने के कारण आढ़तियों में भारी असंतोष है। भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि आढ़तियों के कमीशन को न्यूनतम समर्थन मूल्य के 2.5 प्रतिशत करने की अनुमति दी जाए। केंद्रीय मंत्री ने भगवंत सिंह मान को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और आढ़तियों की इस मांग पर अगली बैठक में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।


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