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  • रेल मंत्री Ashwini Vaishnav द्वारा ‘शेतकरी समृद्धि’ विशेष किसान रेलगाड़ी का शुभारंभ

    रेल मंत्री Ashwini Vaishnav द्वारा ‘शेतकरी समृद्धि’ विशेष किसान रेलगाड़ी का शुभारंभ

    Ashwini Vaishnav: महाराष्ट्र के 132 रेलवे स्टेशनों का होगा विकास, अमृत स्टेशन के रूप में किया जाएगा विस्तार

    • महाराष्ट्र के किसानों को प्याज, अंगूर और अन्य कृषि उत्पादों को दूसरे राज्यों के बाजारों में पहुंचाना हुआ आसान

    • महाराष्ट्र के रेलवे विकास बजट में 13 गुना वृद्धि,पिछले दस सालों में राज्य का आवंटन, 1,171 करोड़ से बढ़ाकर 15,940 करोड़ हुआ

    केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्री Ashwini Vaishnav ने आज महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक ‘शेतकरी समृद्धि’ विशेष किसान रेलगाड़ी का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र के देवलाली रेलवे स्टेशन पर आयोजित किया गया तथा केंद्रीय रेल मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेल भवन से जुड़े थे।

    रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इस रेलगाड़ी का शुभारंभ करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य महाराष्ट्र के किसानों की उपज को तेजी से देश के अन्य राज्यों तक पहुंचाना है। यह ट्रेन नासिक, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, इटारसी, जबलपुर, सतना, और दीनदयाल उपाध्याय सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी, जिससे किसानों को अपनी उपज को सही समय पर और सही दाम पर बेचने का अवसर मिलेगा। किसान मात्र ₹4 प्रति किलो की दर से अपनी उपज को देवलाली और नासिक जैसे इलाकों से बिहार तक भेज सकेंगे। इस ट्रेन में छोटे और बड़े किसानों के लिए पार्सल वैन के साथ-साथ साधारण श्रेणी के कोच भी लगाए गए हैं, जिससे किसान और श्रमिक दोनों को सफर की सुविधा मिलेगी। देवलाली से दानापुर तक की 1,515 किमी लंबी दूरी पर भाड़ा प्रति किलोमीटर, प्रति किलोग्राम मात्र 28 पैसे से भी कम होगा, जिससे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों का कम लागत पर परिवहन संभव होगा। यह गाड़ी न केवल किसानों को नए बाजार उपलब्ध कराएगी बल्कि श्रमिकों को भी सस्ती और सुविधाजनक यात्रा का साधन प्रदान करेगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

    श्री वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र के किसानों के लिए यह एक नई पहल है, जो उन्हें उनकी फसलों के लिए बाजार में सही कीमत प्राप्त करने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन किसानों के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है, जिसके सफल होने पर आगे भी ऐसे और किसान हितैषी रेलगाड़ियों की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में रेलवे के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है। 2014 से पहले, महाराष्ट्र को प्रतिवर्ष रेलवे विकास के लिए मात्र 1,171 करोड़ रुपये का आवंटन मिलता था, जबकि इस वर्ष यह बजट बढ़ाकर 15,940 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में 5,870 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने के 41 प्रोजेक्ट्स स्वीकृत हैं, जिन पर कुल 81,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इसके अलावा, महाराष्ट्र के 132 रेलवे स्टेशनों का विकास अमृत स्टेशन के रूप में किया जा रहा है, और 318 फ्लाईओवर तथा रोड अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

    इसके अलावा, श्री वैष्णव ने महाराष्ट्र में रेलवे परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि मुंबई से विभिन्न स्टेशनों के लिए 11 वंदे भारत एक्सप्रेस स्वीकृत हैं, जिनमें से 6 ट्रेनें वर्तमान में चल रही हैं। उन्होंने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी जानकारी दी, जिसके अंतर्गत महाराष्ट्र, गुजरात, और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली से गुजरने वाली इस परियोजना के लिए अब तक 350 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 316 किलोमीटर पियर निर्माण, और 221 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है। बुलेट ट्रेन परियोजना में समुद्र के नीचे 7 किलोमीटर की सुरंग भी शामिल है, जो भारतीय रेल के आधुनिक और प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाता है।

    श्री वैष्णव ने कहा कि महाराष्ट्र के मुंबई उपनगरीय नेटवर्क में कई परियोजनाएं तेजी से पूरी हो रही हैं, जिनसे मुंबई की कनेक्टिविटी में सुधार आएगा। साथ ही, विरार से दहानू रोड के बीच रेल लाइन का चौहरीकरण भी किया जा रहा है। मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के उपनगरीय क्षेत्र में नई लोकल सेवाओं के विस्तार से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं, और रोजगार के नए अवसर भी निर्मित हो रहे हैं।

    अंत में, रेल मंत्री ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के किसानों और जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन महाराष्ट्र के किसानों की पुरानी मांग को पूरा करती है और इससे उनकी आय में वृद्धि होगी। यह विशेष किसान रेलगाड़ी न केवल किसानों के उत्पादों को समय पर बाजार में पहुंचाने में सहायक होगी बल्कि श्रमिकों और आम लोगों के लिए भी एक नया यात्रा विकल्प प्रदान करेगी। भारतीय रेल निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है और आने वाले समय में भी महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में रेलवे की आधारभूत संरचना और सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए कार्य करती रहेगी।

    इस कार्यक्रम में मुंबई से सेंट्रल रेलवे के रेल महाप्रबंधक श्री धर्मवीर मीणा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

    source: http://pib.gov.in

  • केंद्रीय रेल मंत्री  Shri Vaishnaw ने महाराष्ट्र के नाशिक में मुख्य इंजन निरीक्षकों के साथ बातचीत की

    केंद्रीय रेल मंत्री Shri Vaishnaw ने महाराष्ट्र के नाशिक में मुख्य इंजन निरीक्षकों के साथ बातचीत की

    Shri Vaishnaw

    केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री Shri Vaishnaw ने आज महाराष्ट्र के नाशिक में भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संस्थान (आईआरआईईईएन) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मुख्य इंजन निरीक्षकों (सीएलआई) के साथ बातचीत की।

    केंद्रीय मंत्री महोदय ने अपनी यात्रा के दौरान लोकोमोटिव परिचालन के आधुनिकीकरण और भारतीय रेलवे में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने से संबंधित विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।

    श्री अश्विनी वैष्णव ने सीएलआई के साथ उनके प्रशिक्षण अनुभव, विशेष रूप से स्वदेशी स्वचालित रेलगाडी सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली कवच ​​के उपयोग के बारे में बातचीत की।

    सीएलआई ने इस बारे में अपने विचार साझा करते हुए बताया कि कैसे कवच प्रणाली रेलगाडी संचालन के दौरान गति बनाए रखने  सुरक्षा और समयपालन दोनों में सुधार करने में उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है। चर्चा आधुनिक ब्रेकिंग प्रणाली, रेल इंजन में नई तकनीक और प्रभावी चालक दल प्रबंधन प्रथाओं पर भी केंद्रित थी।

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    केंद्रीय रेल मंत्री महोदय ने 100 प्रतिशत वातानुकूलित रनिंग रूम और रेल इंजन निरीक्षकों के लिए बेहतर सुविधाओं की शुरूआत सहित चालक दल के लिए कामकाजी परिस्थितियों में सुधार के लिए रेलवे के प्रयासों की प्रशंसा की उन्होंने ड्यूटी रोस्टर को विभाजित करके ड्यूटी के घंटों को कम करने और रेल इंजन को एयर कंडीशनिंग, शौचालय और आरामदायक सीटों से लैस करके आराम और सुरक्षा बढ़ाने के चल रहे प्रयासों को भी स्वीकार किया।

    श्री वैष्णव ने सीएलआई के साथ अपनी बातचीत के दौरान, सुरक्षा प्रोटोकॉल के कडाई से पालन के महत्व को रेखांकित किया और प्रशिक्षण मॉड्यूल पर दोहराया जिसमें सिमुलेटर, फील्ड स्टाफ के सुझाव आदि शामिल हैं। श्री एस के राठी, सीएलआई भोपाल डिवीजन ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “इंटरलॉकिंग से स्टेशन को मदद मिलती है।” सुरक्षित संचालन के लिए मास्टर, ट्रैकमैन और कवच के लिए पीएससी स्लीपर ट्रैक एक क्रांतिकारी कदम है क्योंकि यह इंजन चालकों को रेलगाडी के सुरक्षित संचालन में सहायता करता है।

    इसे जारी रखते हुए सीएलआई में से एक निरीक्षक ने कहा कि कवच ने न केवल सुरक्षित रेलगाडी परिचालन में सहायता की है बल्कि उनके परिवार को खुश रखने में भी मदद की है क्योंकि कवच के कारण एलपी ड्यूटी सुरक्षित हो गई है सीएलआई में से एक निरीक्षक ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कवच एसपीएडी (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) घटनाओं को रोकने में सहायता कर रहा है और समपार फाटकों पर सुरक्षा सुनिश्चित करता है। केंद्रीय मंत्री महोदय ने सीएलआई से पेश की जा रही आधुनिक प्रौद्योगिकियों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया और भारतीय रेलवे के उच्च मानकों को बनाए रखने में निरंतर सीखने, समर्पण और प्रतिबद्धता के महत्व पर बल दिया।

    केंद्रीय मंत्री महोदय ने नाशिक की अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, शिरडी साईं बाबा मंदिर में भी पूजा की और भारतीय रेलवे तथा इसके समर्पित कार्यबल की निरंतर प्रगति और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगा।

    source: http://pib.gov.in


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