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  • CM Bhajan Lal Sharma के सानिध्य में माइंस विभाग के प्री समिट में होंगे 60 हजार करोड़ रु. से अधिक के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित

    CM Bhajan Lal Sharma के सानिध्य में माइंस विभाग के प्री समिट में होंगे 60 हजार करोड़ रु. से अधिक के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित

    CM Bhajan Lal Sharma करेंगे दो कॉफी टेबल बुक का विमोचन -पोटाश, आरईई, क्रिटिकल मिनरल्स, यूसीजी पर शोध, अनुसंधान, तकनीक, कौशल विकास के लिए ऑयल इण्डिया व आईआईटी मद्रास के साथ होगा एमओयू

    CM Bhajan Lal Sharma के मुख्य आतिथ्य में शुक्रवार को प्रातः 10.30 बजे से माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग का राइजिंग राजस्थान प्री समिट जयपुर के होटल ललित में आयोजित किया गया है। प्री समिट में मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के सानिध्य में माइनिंग एवं पेट्रोलियम सेक्टर के 60 हजार करोड़ से एमओयू प्रस्तावों पर हस्ताक्षर होंगे। प्री समिट की अध्यक्षता उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ करेंगे।
    माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री जो स्वयं माइंस मंत्री भी है के नेतृत्व में प्रदेश में पहली बार माइनिंग व पेट्रोलियम सेक्टर में प्री समिट में होने वाले निवेश एमओयू सहित एक लाख 38 हजार करोड़ से भी अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट के तहत विभाग के प्री समिट से पहले रोड़ शो व अन्य आयोजनों में माइनिंग व पेट्रोलियम सेक्टर में निवेश के 77 हजार 721 करोड़ रुपए के एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं। शुक्रवार को आयोजित प्री समिट में माइनिंग सेक्टर के 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश और पेट्रोलियम सेक्टर के 19 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर राज्य सरकार व निवेशकों के बीच हस्ताक्षर और एमओयू का आदान—प्रदान होगा।
    श्री टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश के माइनिंग सेक्टर को देश का अग्रणी सेक्टर बनाने के लिए खनिज खोज में तेजी लाने ओैर खनिज ब्लॉक्स तैयार कर नीलामी पर जोर रहा है। प्रदेश मेें माइनिंग सेक्टर में शोध व अनुसंधान, तकनीकी सहयोग व कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए इस अवसर पर ऑयल इण्डिया और आईआईटी मद्रास के साथ एमओयू किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश में पोटाश, रेयर अर्थ एलिमेंट, क्रिटिकल मिनरल और अण्डरग्राउण्ड कोल गैसिफिकेशन (यूसीजी) के क्षेत्र में परस्पर सहयोग से कार्य किया जाएगा।
    प्रमुख सचिव श्री रविकान्त ने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा व अतिथिगण मिनरल मार्वल्स ऑफ राजस्थानःबिल्डिंग इंडियाज आइकोनिक मोन्यूमेंटस एवं टाइमलैस ट्रेसरेस‘ द जियो हेरिटेज ऑफ राजस्थान कॉफी टेबल बुक का विमोचन करेंगे। उन्होंने कॉफी टेबल बुक में राजस्थान के स्टोन्स से बने ताजमहल, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, विक्टोरिया मेमोरियल सहित ख्यातनाम मोन्यूमेंट्स में राजस्थान के स्टोन्स के सौंदर्य व उपयोगिता को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसी तरह से दूसरी कॉफी टेबल बुक में राजस्थान के जियो हेरिटेज साइट्स और उनकी एतिहासिकता पर आकर्षक तरीक से ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी गई है।
    निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि प्री समिट को और अधिक उपादेय बनाने के लिए माइनिंग सेक्टर के जाने माने प्रतिभागियों से अनुभव साझा करने के साथ ही दो विशेषज्ञ वार्ताएं और दो पेनल चर्चाओं के सत्र रखे गए हैं।
  • प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant: परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाएं

    प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant: परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाएं

    Shri T. Ravikant -जीएसआई एमईसीएल द्वारा 49 ब्लॉक तैयार, 16 की नीलामी शुरु

    खान व पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant ने बताया है कि राज्य में जीएसआई और एमईसीएल द्वारा मेजर मिनरल के 49 ब्लॉक तैयार कर उपलब्ध कराए गए हैं जिसमें से 16 ब्लॉकों की नीलामी की निविदा जारी कर दी गई है वहीं अन्य ब्लॉक नीलामी पूर्व आवश्यक प्रक्रिया में हैं।
    प्रमुख सचिव खान श्री टी. रविकान्त सोमवार को सचिवालय में ज्वाइंट वर्किंग गु्रप जेड्ब्लूजी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जेड्ब्लूजी में केन्द्र सरकार के खान विभाग, जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, एमईसीएल, आईबीएम, वन विभाग, आरएसएमईटी के साथ ही खान व भूविज्ञान विभाग के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विपुल खनि संपदा है इसलिए एक और जहां खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देनी होगी वहीं खोजे गए खनिजों की नीलामी प्रक्रिया में तेजी लानी होगी।
    श्री टी. रविकान्त ने कहा कि राज्य में खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य में लगी सभी संस्थाओं को परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लानी है जिससे ओवरलेपिंग भी नहीं हो और प्रदेश की खनि संपदा का बेहतर खोज व खनन कार्य हो सके। उन्होंने बताया कि मेजर मिनरल में मुख्यतः लाईम स्टोन, कॉपर, गोल्ड, लेड जिंक आदि शामिल है और प्रदेश में इनके अच्छी मात्रा में डिपोजिट मिल रहे हैं।
    जेड्ब्लूजी के सदस्य सचिव व जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उप निदेशक श्री अनिंध्य भट्टाचार्य ने बताया कि जीएसआई व एमईसीएल द्वारा अब तक प्रदेश में 126 जियोलोजिकल रिपोर्ट व जियोलोजिकल मेमोरेण्डम तैयार कर प्रस्तुत किये जा चुके हैं। उन्होंने प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।
    बैठक में भारत सरकार के निदेशक तकनीकी श्री योगेन्द्र सिंह, जीएसआई के निदेशक श्री संजय सिंह आ​दि अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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