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  • केन्द्रीय गृह Amit Shah ने केन्द्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की

    केन्द्रीय गृह Amit Shah ने केन्द्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की

    Amit Shah: केन्द्रीय हिंदी समिति का उद्देश्य हिंदी के साहित्य का संवर्धन और हिंदी को देश की संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना है

    • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और व्यापक उपयोग के लिए अनेक कदम उठायें हैं
    • अगले 5 साल में ‘हिंदी शब्द सिंधु’ शब्दकोष विश्व का सबसे बड़ा और समृद्ध शब्दकोष बनेगा
    • मोदी सरकार का कालखंड भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौरवमयी कालखंड है
    • भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश, जिसके पास 11 शास्त्रीय भाषाएँ हैं
    • मोदी जी ने हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिंदी में अपने विचार व्यक्त कर राजभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया
    • देश के विकास में युवा पीढ़ी की शत-प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने के लिए आवयश्क है कि वें अपनी मातृभाषा में पढ़ें, सोचें, विश्लेषण करें और निर्णय लें
    • देश में इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राथमिक और सेकंडरी शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना है
    • हिंदी को सशक्त बनाने के लिए 5 साल में हुए 3 बड़े कार्य- हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष का निर्माण, भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना और राजभाषा सम्मेलन का देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजन करना

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय हिन्दी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय हिन्दी समिति हिन्दी के विकास और प्रसार के संबंध में दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है।

    अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और व्यापक उपयोग के लिए कई बड़ी पहल की हैं और 2014 से 2024 तक का कालखंड भारतीय भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए गौरवमयी कालखंड है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 5 और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया है। श्री शाह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिदी में अपने विचार व्यक्त कर राजभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश में इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राथमिक और सेकंडरी शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना है। श्री शाह ने कहा कि देश में भाषाओं के विकास की दिशा में यह एक प्रेरणादायी परिवर्तन है और इसका उद्देश्य देश की क्षमता का शत-प्रतिशत दोहन करना है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे बच्चों और  युवाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग देश के विकास में करना है तो ये आवयश्क है कि वे अपनी मातृभाषा में पढ़ें, विश्लेषण करें और निर्णय लें। श्री शाह ने कहा कि केन्द्रीय हिन्दी समिति का उद्देश्य हिन्दी के साहित्य का संवर्धन और हिन्दी को देश की संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना है।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हिंदी को सशक्त बनाने के लिए पिछले 5 साल में 3 बड़े कार्य किए गए हैं। पहला बड़ा कार्य हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष का निर्माण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले 5 साल में शब्दसिंधु विश्व का सबसे समृद्ध शब्दकोष बनेगा। भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना दूसरा बड़ा कार्य हुआ है। श्री शाह ने कहा कि जब तक हम सभी भारतीय भाषाओं को मज़बूत नहीं करेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा अनुभाग ने तकनीक का प्रयोग कर अनुवाद करने की पहल की है। गृह मंत्री ने कहा कि तीसरा बड़ा कार्य देश के विभिन्न हिस्सों में राजभाषा सम्मेलन आयोजित करना है जिससे राजभाषा के महत्व को समझने में सरलता होगी।

    श्री अमित शाह ने हिंदी को मज़बूत करने के लिए दो बड़े कार्य करने की आवश्यकता बताई। पहला, हिंदी साहित्य को मज़बूत करने, संजोने और व्याकरण के लिए दीर्घकालीन नीति बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही आधुनिक शिक्षा के सभी पाठ्यक्रमों का हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की भी जरूरत है। गृह मंत्री ने हिंदी को सर्वस्वीकृत और लचीली बनाने पर भी बल दिया।

    बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा, शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, विधि और न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल, संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री डॉ. एल.मुरुगन , ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी, संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्‍यक्ष श्री भर्तृहरि महताब,

    संसदीय राजभाषा समिति की तीनों उप समितियों के संयोजक, राजभाषा विभाग की सचिव श्रीमती अंशुली आर्या और संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली ने भाग लिया।

    उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय हिन्दी समिति हिन्दी के प्रचार-प्रसार तथा प्रगामी प्रयोग के संबंध में दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है। समिति का कार्य हिन्दी के विकास और प्रसार में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे कार्यों और कार्यक्रमों का समन्वय करना है। अपने काम के निष्पादन में सहायता देने के लिए समिति को आवश्यकतानुसार उप-समितियां नियुक्त करने और अतिरिक्त सदस्य सहयोजित करने का अधिकार है। समिति का कार्यकाल सामान्‍यत: तीन वर्ष का होता है। वर्तमान समिति का पुनर्गठन 09 नवंबर, 2021 को किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता वाली वर्तमान केन्द्रीय हिन्दी समिति में 9 केन्द्रीय मंत्री, 6 राज्यों के मुख्यमंत्री और संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष एवं तीनों संयोजकों सहित कुल 21 सदस्य हैं।

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  • Union Home Minister Amit Shah ने राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत नई दिल्ली में आयोजित ‘एकता दौड़’ को हरी झंडी दिखाई

    Union Home Minister Amit Shah ने राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत नई दिल्ली में आयोजित ‘एकता दौड़’ को हरी झंडी दिखाई

    गृह मंत्री Amit Shah ने देशवासियों से एकता दौड़ के माध्यम से भारत की एकता को मज़बूत करने और 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प लेने का आह्वान किया

    • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में सरदार पटेल जी की याद में देश की एकता व अखंडता के लिए पूरे देश को संकल्पित करने हेतु ‘एकता दौड़’ का आयोजन शुरू किया
    • आज ‘एकता दौड़’ देश की एकता के संकल्प के साथ-साथ विकसित भारत का संकल्प भी बनी
    • आज़ादी के बाद 550 से ज़्यादा रियासतों को एकजुट कर वर्तमान भारत का निर्माण सरदार साहब की दृढ़ इच्छाशक्ति और त्वरित निर्णय से संभव हुआ
    • आज भारत दुनिया के सामने मज़बूती के साथ सर्वप्रथम बनने के रास्ते पर खड़ा है, इसकी नींव डालने का काम सरदार पटेल जी ने किया
    • वर्षों तक सरदार साहब को भुलाने का काम किया गया, मगर मोदी जी ने सरदार साहब की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाकर उनकी याद को चिरंजीव करने का काम किया
    • मोदी जी ने हर क्षेत्र में सरदार साहब के दृष्टिकोण, विचार व संदेश को मूर्त रूप देने का काम किया


    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah ने आज नई दिल्ली में आयोजित ‘एकता दौड़’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ‘एकता दौड़’ का आयोजन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती यानी 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, डॉ. मनसुख मंडाविया, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और दिल्ली के उप-राज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

    अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में सरदार पटेल जी की याद में देश की एकता व अखंडता के लिए पूरे देश को संकल्पित करने हेतु ‘एकता दौड़’ का आयोजन शुरू किया। उन्होंने कहा कि तब से आज तक पूरा देश एकता दौड़ से न सिर्फ पूरे देश की एकता और अखंडता के लिए संकल्प लेता है बल्कि अपने आप को भारत माता की सेवा में फिर से समर्पित भी करता है। श्री शाह ने कहा कि आज ‘एकता दौड़’ देश की एकता के संकल्प के साथ-साथ विकसित भारत का संकल्प भी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण का संकल्प सभी देशवासियों के सामने रखा है, जो हर क्षेत्र में पूरी दुनिया में सर्वप्रथम हो।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत एक फलता-फूलता, विकसित होता, मजबूत राष्ट्र बनकर दुनिया के सामने खड़ा है। उन्होंने कहा कि इतिहास की ओर मुड़कर देखें तो आज़ादी के बाद 550 से ज़्यादा रियासतों को एकजुट कर वर्तमान भारत का निर्माण सरदार साहब की दृढ़ इच्छाशक्ति और त्वरित निर्णय से संभव हुआ। उन्होंने कहा कि वे सरदार पटेल ही थे जिनकी दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण आज भारत एकजुट होकर दुनिया के सामने मज़बूती के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि आज जब भारत दुनिया के सामने मज़बूती के साथ सर्वप्रथम बनने के रास्ते पर खड़ा है, इसकी नींव डालने का काम सरदार पटेल ने किया था।

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    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि सालों तक सरदार वल्लभभाई पटेल को भुलाने का काम किया गया और उन्हें भारत रत्न के उचित सम्मान से भी वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुजरात के केवड़िया में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाकर सरदार पटेल की याद को चिरंजीव करने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर क्षेत्र में सरदार वल्लभभाई पटेल के दृष्टिकोण, विचार और संदेश को मूर्त रूप देने का काम किया है।

    श्री अमित शाह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के महान विचार निश्चित रूप से देश की युवा पीढ़ी के लिए पथ प्रदर्शक बनेंगे। गृह मंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया कि एकता दौड़ के माध्यम से भारत की एकता को मज़बूत करने और 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प लें।

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  • Indian government सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को दो साल के राष्ट्रव्यापी उत्सव के साथ मनाएगा

    Indian government सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को दो साल के राष्ट्रव्यापी उत्सव के साथ मनाएगा

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में Indian government, सरदार पटेल के महान योगदान के सम्मान स्वरूप उनकी 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक दो वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह के रूप में मनाएगी

    • फैसले के घोषणा करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, यह समारोह सरदार पटेल की उल्लेखनीय उपलब्धियों और एकता की भावना के प्रतीक का साक्षी होगा
    • दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्रों में से एक भारत के लोकतंत्र की स्थापना के पीछे एक विज़नरी के रूप में सरदार पटेल जी की स्थायी विरासत और कश्मीर से लक्षद्वीप तक भारत के एकीकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका अमिट है

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार, सरदार पटेल के महान योगदान के सम्मान स्वरूप उनकी 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक दो वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह के रूप में मनाएगी।

    इस फैसले की घोषणा करते हुए X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में श्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्रों में से एक भारत के लोकतंत्र की स्थापना के पीछे एक विज़नरी के रूप में सरदार पटेल जी की स्थायी विरासत और कश्मीर से लक्षद्वीप तक भारत के एकीकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका अमिट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार, सरदार पटेल के महान योगदान के सम्मान स्वरूप उनकी 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक दो वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह के रूप में मनाएगी। श्री शाह ने कहा कि यह समारोह सरदार पटेल की उल्लेखनीय उपलब्धियों और एकता की भावना के प्रतीक का साक्षी होगा।

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  • केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

    केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

    केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़ संकल्पित हैं

    • ‘राष्ट्रीय पुलिस स्मारक’ की यह शिला जवानों के कर्तव्य पर चलने के अडिग फैसले, देशभक्ति व सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक
    • अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों का देश सदैव ऋणी रहेगा
    • पुलिसकर्मियों का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है
    • मोदी सरकार स्वास्थ्य, आवास, छात्रवृत्ति से संबंधित अनेक वेलफेयर योजनाएँ पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों के लिए लेकर आई है
    • मोदी जी द्वारा जवानों के बलिदान के सम्मान में बनवाया गया ये पुलिस स्मारक युवाओं को प्रेरणा देगा व नागरिकों को स्मरण कराएगा कि देश आज सुरक्षित है तो इसके पीछे हज़ारों जवानों का बलिदान है
    • विगत एक दशक में सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण ही वामपंथी उग्रवाद, कश्मीर और उत्तर-पूर्व में दशकों से फैली अशांति समाप्त हुई
    • ड्रोन, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, AI के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास जैसी चुनौतियां देश के सामने खड़ी हैं
    • खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने टिक नहीं सकेंगी
    • जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी कारण देश प्रगति कर रहा है
    • आज ही के दिन 1959 में CRPF के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी, इसीलिए इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) श्री तपन कुमार डेका, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस बलों के जवान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथू तक देश की सीमाओ को सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों के जवान दिन-रात, उत्सव और आपदा, भीषण गर्मी, बारिश या शीतलहर के दौरान सीमाओं पर अडिग रहकर हमारी और सीमाओं की सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस स्मारक के मध्य में स्थापित शिला हमारे जवानों के कर्तव्य पर चलने के अडिग फैसले, उनकी प्रखर देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान देने की उनकी उत्कंठा की प्रतीक है। गृह मंत्री ने कहा कि आज ही के दिन 1959 में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी और इसीलिए हम इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद निर्णय लिया कि दिल्ली के मध्य में इन जवानों के बलिदान के सम्मान में एक पुलिस स्मारक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ये पुलिस स्मारक हमारे युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा और नागरिकों को ये स्मरण कराता रहेगा कि आज हम सुरक्षित हैं और विकास के रास्ते पर चल रहे हैं, तो इसके पीछे इन हज़ारों जवानों का सर्वोच्च बलिदान है। उन्होंने कहा कि 36,468 पुलिस बलों के कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी कारण देश प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 216 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य को पूरा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं और हमारा देश इन जवानों का सदैव ऋणी रहेगा।

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में हमारे पुलिस बलों द्वारा सर्वोच्च बलिदान देने की एक परंपरा रही है। हमारा गौरवशाली इतिहास भी रहा है कि हिमालय की बर्फीली दुर्गम चोटियों से लेकर, कच्छ और बाड़मेर के विषम मरुस्थलों और विशाल सागर की निर्भीक होकर रक्षा करने वाले जवान ही देश को सुरक्षित रखते हैं।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर-पूर्व में दशकों से अशांति का माहौल था लेकिन पिछले एक दशक में हमारे सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण हम इन जगहों पर शांति स्थापित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, लेकिन हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। ड्रोन के उभरते खतरे, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, AI के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाएं भड़काने के षडयंत्र, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद जैसी चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। श्री शाह ने कहा कि खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने वो टिक नहीं सकेंगी।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि देश की संसद द्वारा पारित किए गए 3 नए आपराधिक कानूनों पर देश के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में अमल शुरू हो चुका है। इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी। देश के किसी भी कोने में दर्ज हुए अपराध में सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से निजात दिलाने का रास्ता इन 3 नए कानूनों के क्रियान्वयन में है।

    श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाई है। आयुष्मान CAPFs के माध्यम से 41 लाख से अधिक कार्ड वितरित कर लगभग 1422 करोड़ रूपए के 13 लाख दावों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानऔर उनके परिजन देश में कहीं पर भी हों इस कार्ड के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की चिंता हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि हमने हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा है। मोदी सरकार ने 2015 में 3100 करोड़ रूपए की लागत से 13,000 घरों और 113 बैरक के निर्माण को मंज़ूरी दी थी, जिनमें से मार्च, 2024 तक 11,276 घरों और 111 बैरक का निर्माण पूरा हो चुका है। सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल से खाली पड़े घरों को भी आवंटित करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना हमारे पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आशीर्वाद साबित हुई है। इसके साथ ही, सीएपीएफकर्मियों के आश्रितों के लिए MBBS में 26 और BDS में 3 सीटें भी आरक्षित की हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अनुग्रह राशि को बढ़ाकर एकमुश्त मुआवज़ा देने से हमारे जवानों के परिजनों को काफी राहत मिलती है।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे पुलिसकर्मी, विशेषकर केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), के सभी जवान कानून व्यवस्था और देश की सुरक्षा को संभालने के अलावा भी कई अन्य काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 तक CAPFs के जवानों ने लगभग 5 करोड़ 80 लाख 90 हज़ार पौधे लगाए हैं और वे अपने बच्चे की तरह उन पौधों की देखभाल कर रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से सभी सीमांत ज़िलों में भारत सरकार और राज्य सरकारों की सभी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम हो रहा है। गृह मंत्री  ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणो की आहुति देने वाले जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इन जवानों के बलिदान के कारण देश की सुरक्षा सुनिश्चित रहेगी और 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा। उन्होंने कहा कि आज़ादी की शताब्दी के समय भी कृतज्ञ राष्ट्र इन जवानों के बलिदान को नतमस्तक होकर सदैव याद रखेगा।

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  • International Co-operative Alliance (आईसीए) महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का 25 नवंबर से 30 नवंबर तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में होगा आयोजन

    International Co-operative Alliance (आईसीए) महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का 25 नवंबर से 30 नवंबर तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में होगा आयोजन

    International Co-operative Alliance

    International Co-operative Alliance 130 वर्षों में पहली बार भारत में अपनी आम सभा और वैश्विक सहकारिता सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है

    सम्मेलन का विषय है “सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण करती है”, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना ‘सहकार से समृद्धि’ के अनुरूप है

    यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष – 2025 का आधिकारिक शुभारंभ भी करेगा

    सम्मेलन में भारतीय गांवों की थीम पर बने ‘हाट’ में भारतीय सहकारी उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन किया जाएगा

    प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन से भारतीय सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी

    भारत में सहकारी समितियों की संख्या और सदस्यों की संख्या दोनों ही दृष्टि से वैश्विक संख्या का एक-चौथाई हिस्सा है: डॉ. आशीष कुमार भूटानी

    भारतीय सहकारी प्रणाली में सबसे बड़ा परिवर्तन पैक्स मॉडल उपनियमों का क्रियान्वयन था: डॉ. भूटानी

    सहकारिता सचिव ने कहा कि “सहकार से समृद्धि” का विचार अब पूरी दुनिया में फैलेगा

    पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, तीन नई सहकारी समितियां, एनसीओएल, एनसीईएल और बीबीएसएसएल के गठन ने भारत को वैश्विक सहकारिता आंदोलन में अग्रणी स्थान दिलाया है

    भारतीय सहकारिता आंदोलन हमेशा से ही पर्यावरण की रक्षा के लिए सांस्कृतिक रूप से प्रेरित रहा है और भारतीय सहकारिता आंदोलन की इस विरासत को जारी रखते हुए, यह आयोजन कार्बन न्यूट्रल होगा

    इफको की सहायक कंपनी IFFDC पिछले कुछ वर्षों में कार्बन क्रेडिट अर्जित करने वाली अग्रणी कंपनियों में से एक रही है

    संभावित कार्बन उत्सर्जन की भरपाई के लिए इफको दस हजार पीपल के पौधे लगाएगा

    International Co-operative Alliance (ICA) महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का आयोजन 25 नवंबर से 30 नवंबर, 2024 तक भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया जाएगा। वैश्विक सहकारी आंदोलन के लिए प्रमुख निकाय, अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) के 130 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा कि ICA महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन का आयोजन भारत द्वारा किया जा रहा है। आज नई दिल्ली में केंद्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी,  ICA के महानिदेशक श्री हेरोन डगलस और इफको लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी द्वारा एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन कार्यक्रमों का विवरण दिया गया।

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    इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है “Cooperatives Build Prosperity for All”, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण ‘सहकार से समृद्धि’ के अनुरूप है। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष – 2025 का आधिकारिक शुभारंभ भी होगा। इस कार्यक्रम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष – 2025 पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। सम्मेलन में भारतीय गांवों की थीम पर बने ‘हाट’ में भारतीय सहकारिता के उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।

    सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत में सहकारिता के आंदोलन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया। डॉ. भूटानी ने कहा कि सहकारी समितियों के वैश्विक संख्या का एक-चौथाई हिस्सा भारत में है, चाहे, सदस्यों की दृष्टि से या समितियों की संख्या की दृष्टि से हो । उन्होंने बताया कि भारतीय सहकारी क्षेत्र ने सहकारी आंदोलन के विकास और वृद्धि के लिए सहकारिता मंत्रालय की 54 नई पहलों के शुभारंभ के साथ राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में अधिक योगदान प्राप्त करते हुए नई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। डॉ. भूटानी ने कहा कि भारतीय सहकारी प्रणाली में सबसे बड़ा परिवर्तन पैक्स मॉडल उपनियमों का कार्यान्वयन था  । डॉ. भूटानी ने कहा कि चाहे वह पैक्स का कम्प्यूटरीकरण हो या सहकारिता क्षेत्र में तीन नई सहकारी समितियों का गठन, जैसे राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (NCOL), राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) या अन्य पहल, इन सबने भारत को वैश्विक सहकारिता आंदोलन में सबसे आगे रखा है और भारत सबसे तेजी से बढ़ते सहकारी क्षेत्रों में से एक बन गया है। डॉ. भूटानी ने कहा कि नई दिल्ली में इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन से “सहकार से समृद्धि” का विचार अब पूरे विश्व में फैलेगा।

    ICA के महानिदेशक श्री हेरोन डगलस ने आयोजित होने जा रहे सम्मेलन के भारत में होने के महत्व पर जोर देकर कहा कि भारत ICA का संस्थापक सदस्य रहा है। सहकारिता मंत्रालय और इफको तथा अन्य सहकारी समितियों की भूमिकाओं पर प्रकाश डालते हुए श्री डगलस ने कहा कि भारत वैश्विक सहकारी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने इफको को एक महत्वपूर्ण भागीदार बताया, जिसकी रैंकिंग लगातार तीन वर्षों से विश्व सहकारी मॉनिटर में नंबर 1 है। श्री डगलस ने कहा कि दुनिया में लगभग 3 मिलियन सहकारी समितियां हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र के लगभग सभी सदस्य देशों के एक अरब से अधिक सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि scalability of sustainability के संदर्भ में, सहकारी आंदोलन सभी में सबसे अधिक sustainable और टिकाऊ मॉडल साबित होता है। 200 वर्षों के ट्रैक रिकॉर्ड में इसने मानवता के आठवें हिस्से से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई है और वर्तमान में देश में सहकारी समितियों की संख्या और उनके विस्तार की संभावनाओं के मामले में भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है। श्री हेरोन डगलस ने कहा कि दुनिया एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां दुनिया का संकटों की एक श्रृंखला से सामना हो सकता है। जलवायु संकट, जैव विविधता संकट और कई अन्य। उन्होंने कहा कि सहकारिता के मॉडल के माध्यम से हम अपनी सारी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सहकारिता के सिद्धांतों के माध्यम से, लोकतांत्रिक रूप से उद्यमों को अपने सदस्यों के बीच उचित मूल्य वितरण के साथ, लिंग, जातीयता, देश, उम्र की परवाह किए बिना हर भागीदार के लिए खुलापन, और सहकारी समितियों के बीच सहयोग की मूल्य प्रणाली, समुदायों का ख्याल रखते हुए, दुनिया अपनी मौजूदा समस्याओं का समाधान पा सकती है।

    इफको लिमिटेड के एमडी डॉ. यू.एस. अवस्थी ने कहा कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में इफको की सहायक कंपनी IFFDC पिछले वर्षों में कार्बन क्रेडिट अर्जित करने वाले अग्रणी फर्मों में से एक रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय सहकारिता आंदोलन हमेशा से ही पर्यावरण की रक्षा के लिए सांस्कृतिक रूप से प्रेरित रहा है और भारतीय सहकारिता आंदोलन की इसी विरासत को जारी रखते हुए यह आयोजन कार्बन न्यूट्रल होगा। डॉ. अवस्थी ने कहा कि संभावित कार्बन उत्सर्जन की भरपाई के लिए दस हजार पीपल के पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने पीपल के वृक्षारोपण की संख्या बढ़ाने में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की भूमिका पर जोर दिया। डॉ. अवस्थी ने बताया कि कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने के लिए लगभग 4000 पेड़ लगाने की जरूरत है, लेकिन सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सभी की भलाई के लिए 10,000 पेड़ लगाने पर जोर दिया और वह भी पीपल के पेड़ जो अच्छे कार्बन अवशोषक हैं।

    इस कार्यक्रम में भूटान के माननीय प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक परिषद (यूएन ईसीओएसओसी) के अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि, आईसीए सदस्य, भारतीय सहकारी आंदोलन के प्रमुख तथा 100 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1500 प्रतिष्ठित अतिथियों के भाग लेने की उम्मीद है।

    source: http://pib.gov.in

  • One Nation One Election: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को उच्चस्तरीय समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की

    One Nation One Election: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को उच्चस्तरीय समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की

    One Nation One Election: उच्चस्तरीय समिति ने आकांक्षी भारत के लिए एक साथ चुनाव कराये जाने पर One Nation One Election विषयक रिपोर्ट प्रस्तुत की

    पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में देश में एक साथ चुनाव करये जाने के संदर्भ में गठित उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें One Nation One Election अपनी रिपोर्ट सौंपी। उल्लेखनीय है कि उच्चस्तरीय समिति का गठन 2 सितंबर, 2023 को किया गया था। हितधारकों व विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श करने और 191 दिनों के शोध के बाद 18,626 पृष्ठों वाली यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

    इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता श्री गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त श्री संजय कोठारी सदस्य थे। समिति में कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य और डॉ. नितेन चंद्रा एचएलसी के सचिव थे।

    समिति ने विभिन्न हितधारकों के विचारों को समझने के लिए व्यापक विचार-विमर्श किया। 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें से 32 ने एक साथ चुनाव कराये जाने का समर्थन किया। इस सिलसिले में कई राजनीतिक दलों ने एचएलसी के साथ व्यापक चर्चा की। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समाचार पत्रों में प्रकाशित एक सार्वजनिक सूचना के प्रत्युत्तर में, पूरे भारत से नागरिकों से 21,558 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 80 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया। भारत के चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और प्रमुख उच्च न्यायालयों के बारह पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, भारत के चार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों, आठ राज्य चुनाव आयुक्तों और भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष जैसे कानून विशेषज्ञों को समिति द्वारा व्यक्तिगत रूप से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। भारत निर्वाचन आयोग की राय भी मांगी गई।

    अलग-अलग चुनाव कराये जाने की स्थिति पर सीआईआई, फिक्की, एसोचैम जैसे शीर्ष व्यापारिक संगठनों और प्रख्यात अर्थशास्त्रियों से उसके आर्थिक प्रभावों पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए परामर्श लिया गया। उन सभी ने कहा कि अलग-अलग चुनाव कराये जाने से महंगाई बढ़ती है और अर्थव्यवस्था धीमी होती है। इस सिलसिले में एक साथ चुनाव कराया जाना उचित होगा। इन निकायों द्वारा समिति को बताया गया कि एक साथ चुनाव न होने के कारण आर्थिक विकास, सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता, शैक्षिक और अन्य परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसके अलावा सामाजिक सद्भाव पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।

    सभी सुझावों और दृष्टिकोणों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए दो-चरणीय दृष्टिकोण की सिफारिश की है। पहले कदम के रूप में, लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के लिए एक साथ चुनाव होंगे। दूसरे चरण में, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव को लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के साथ इस तरह से समन्वित किया जाएगा कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोकसभा के चुनाव होने के सौ दिनों के भीतर हो जाएं।

    समिति ने यह भी सिफारिश की है कि तीनों स्तरों के चुनावों में उपयोग के लिए एक ही मतदाता सूची और चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) होना चाहिए।

    एक साथ चुनाव कराये जाने की संभावनाओं की पड़ताल करने और संविधान के मौजूदा प्रारूप को ध्यान में रखते हुए समिति ने अपनी सिफारिशें इस तरह तैयार की हैं कि वे संविधान की भावना के अनुरूप हैं तथा उसके लिए संविधान में संशोधन करने की नाममात्र जरूरत है।

    सर्व-समावेशी विचार-विमर्श के बाद, समिति ने निष्कर्ष निकाला कि इसकी सिफारिशों से मतदाताओं की पारदर्शिता, समावेशिता, सहजता और विश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में प्राप्त जबरदस्त समर्थन से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, हमारा लोकतांत्रिक ताना-बाना मजबूत होगा और भारत की आकांक्षाओं को साकार रूप प्राप्त होगा।

    विस्तृत रिपोर्ट यहां उपलब्ध है: onoe.gov.in/HLC-Report

    News Source: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2014568


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