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  • राष्ट्रपति Draupadi Murmu से भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने की भेंट

    राष्ट्रपति Draupadi Murmu से भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने की भेंट

    भारतीय पुलिस सेवा के 76 आरआर (2023 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती Draupadi Murmu से भेंट की।

    राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं में से भारतीय पुलिस सेवा का अपना एक अलग महत्व है। कानून और व्यवस्था न केवल शासन की आधारशिला है, बल्कि यह आधुनिक राष्ट्र का आधार भी है। सरल शब्दों में, हम यह भी कह सकते हैं कि कई स्थलों और कई स्थितियों में वे साथी नागरिकों के लिए राष्ट्र का चेहरा और राष्ट्र की प्रशासनिक मशीनरी के साथ उनका संपर्क होंगे।

    राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छूने का लक्ष्य रखता है, ऐसे में आईपीएस अधिकारियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। आर्थिक विकास और सामाजिक विकास तभी संभव है जब कानून का शासन स्थापित हो। कानून और व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाती है।

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    राष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में महिला आईपीएस अधिकारियों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती संख्या पुलिसिंग के समग्र चरित्र और पुलिस-समुदाय संबंधों को बेहतर बना सकती है और यह राष्ट्र के लिए भी लाभप्रद सिद्ध होगी।

    राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की रोकथाम और पता लगाना तथा पुलिसिंग के अन्य पहलुओं को प्रौद्योगिकी में प्रगति से लाभ मिला है। हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि अपराधियों और आतंकवादियों ने भी प्रौद्योगिकी का सहारा लिया है। जब दुनिया भर में साइबर अपराध और साइबर युद्ध बढ़ रहे हैं, तो आईपीएस अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे तकनीक के जानकार होने के साथ-साथ अपराधियों से एक कदम आगे भी रहें।

    source: http://pib.gov.in

  • President Droupadi Murmu 2 और 3 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी

    President Droupadi Murmu 2 और 3 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी

    President Droupadi Murmu (राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु) News:

    President Droupadi Murmu 2 और 3 अगस्त, 2024 को राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी। यह सम्मेलन राज्यपालों का ऐसा पहला सम्मेलन होगा जिसकी अध्यक्षता President Droupadi Murmu करेंगी।

    इस सम्मेलन में सभी राज्यों के राज्यपाल भाग लेंगे। इस सम्मेलन में उपराष्ट्रपति; प्रधानमंत्री; केंद्रीय गृह मंत्री; कृषि और किसान कल्याण मंत्री; शिक्षा मंत्री; जनजातीय कार्य मंत्री; सूचना एवं प्रसारण मंत्री; पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन; और युवा मामले एवं खेल; नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सीईओ के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, गृह मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।

    राज्यपालों के इस सम्मेलन के एजेंडे में तीन आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन; उच्च शिक्षा में सुधार एवं विश्वविद्यालयों की मान्यता; आदिवासी क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे फोकस क्षेत्रों का विकास; ‘माईभारत’, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ और ‘एक वृक्ष मां के नाम’ और प्राकृतिक खेती जैसे अभियानों में राज्यपालों की भूमिका; जनता से संपर्क बढ़ाना; और राज्य में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में राज्यपालों की भूमिका जैसे विषय शामिल हैं। राज्यपाल विभिन्न पृथक समूहों में एजेंडा के इन विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन के समापन सत्र में, राज्यपालों का ये समूह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुतिकरण देंगे।

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  • President Draupadi Murmu ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे किए

    President Draupadi Murmu ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे किए

    President Draupadi Murmu (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू):

    • राष्ट्रपति पद पर दूसरा वर्ष पूरा करने पर राष्ट्रपति ने एक स्कूल शिक्षिका की भूमिका निभाई
    • राष्ट्रपति भवन में विभिन्न पहलों की शुरुआत की

    President Draupadi Murmu ने कल (25 जुलाई, 2024) अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर लिए।

    अपने कार्यकाल का दूसरा वर्ष पूरा करते हुए President Draupadi Murmu ने एक शिक्षक की भूमिका निभाई, जो वह कभी हुआ करती थीं। प्रेजीडेंट्स एस्‍टेट में डॉ राजेन्‍द्र प्रसाद केन्‍द्रीय विद्यालय के कक्षा 9 के छात्रों के साथ अपनी संक्षिप्त लेकिन जीवंत बातचीत में, उन्होंने प्रकृति संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर पाठ पढ़ाया। उस समय को याद करते हुए जब वह उनकी उम्र की थीं, उन्होंने पौधों और जानवरों की देखभाल के अपने अनुभव साझा किए। छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी और कई सुझाव भी दिए।

    उन्होंने प्रेजीडेंट्स एस्‍टेट में की गई अन्य महत्वपूर्ण पहलों में भी भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:

    1. पुनर्विकसित शिव मंदिर का उद्घाटन
    2. प्रणब मुखर्जी पब्लिक लाइब्रेरी का दौरा, जहां उन्होंने छात्रों से बातचीत की और राष्ट्रपति भवन लाइब्रेरी की पुरानी और दुर्लभ पुस्तकों के डिजिटल संस्करण देखे।
    3. कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी की उपस्थिति में कौशल भारत केन्‍द्र का उद्घाटन
    4. डॉ राजेन्‍द्र प्रसाद केन्‍द्रीय विद्यालय के खेल मैदान में क्रिकेट पवेलियन का उद्घाटन
    5. सिंथेटिक और ग्रास टेनिस कोर्ट का उद्घाटन
    6. राष्ट्रपति भवन में ई-उपहार, आरबी ऐप, ई-बुक – राष्ट्रपति कार्यकाल के पिछले एक वर्ष की झलकियों का संकलन ((लिंक https://rb.nic.in/ebook.htm) और अन्य डिजिटल पहलों का शुभारंभ।

    विभिन्न डिजिटल पहलों के शुभारंभ के अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में किए गए डिजिटलीकरण कार्य की सराहना की और कहा कि इससे सुविधा, गति, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।

    President Draupadi Murmu ने कहा कि हमें हमेशा समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचित और पिछड़े वर्गों के विकास में योगदान देने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पिछले दो वर्षों में कई ऐसे निर्णय लिए गए हैं, जिनसे राष्ट्रपति भवन के साथ आम लोगों का जुड़ाव बढ़ा है।

    राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति संपदा में पठन संस्कृति और खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के निरन्‍तर प्रयासों की भी सराहना की।

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  • PM Modi, मंत्रियों ने इस्तीफा दिया, लेकिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुम्मू ने उनसे किया यह अनुरोध !

    PM Modi, मंत्रियों ने इस्तीफा दिया, लेकिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुम्मू ने उनसे किया यह अनुरोध !

    PM Modi Meet Draupadi Murmu:

    PM Modi: परंपरा के मुताबिक, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद PM Modi ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और मंत्रिपरिषद के साथ अपना इस्तीफा सौंप दिया. राष्ट्रपति मुर्मू ने PM Modi का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नई सरकार के कार्यभार संभालने तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा है.

    इससे पहले आज PM Modi ने प्रधानमंत्री आवास पर संघीय कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की और मौजूदा लोकसभा (17वीं लोकसभा) को भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक भी हुई, जिसके बाद PM Modi राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपने राष्ट्रपति भवन गए.

    आज रात बीजेपी अपने एनडीए सहयोगियों के साथ सरकार गठन और भविष्य के राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा करेगी. एनडीए गठबंधन के नेता राष्ट्रपति से मिलकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. सूत्रों ने बताया कि नई एनडीए गठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को हो सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्र सरकार के सभी मौजूदा मंत्रियों को भी आज रात के खाने पर आमंत्रित किया है.

    मंगलवार को जारी चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले न्यू डेमोक्रेटिक अलायंस ने एक बार फिर बहुमत हासिल कर लिया है। हालाँकि, चुनाव नतीजों ने बीजेपी के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू की भूमिका को महत्वपूर्ण बना दिया है, इसलिए बीजेपी की पहली प्राथमिकता एनडीए में अपने सभी सहयोगियों को मजबूती से समर्थन देने की होगी।

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू

    सशक्त अनुसंधान, दक्षता वृद्धि विषय के साथ विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 को मनाया गया

    विश्व होम्योपैथी दिवस पर वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को प्रोत्सा हित करना और होम्योपैथी अनुसंधान के लिए उन्नत तकनीकों के उपयोग की ओर बढ़ना है

    कार्यक्रम के दौरान होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में मानक उपचार दिशानिर्देशों के एक संस्करण के साथ एसटीजीएच ऐप-मोबाइल एप्लिकेशन सहित 17 सीसीआरएच प्रकाशन जारी किए गए

    प्रदर्शनी स्टाल पर लगभग 80 पोस्टर प्रस्तुतियां तथा 30 फार्मास्युटिकल और अन्य फर्मों की प्रस्तु्तियां दिखीं

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 के अवसर पर यशोभूमि पारंपरिक केंद्र द्वारका, नई दिल्ली में आयोजित वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, “अनेक व्यक्ति जिनका उपचार के विभिन्न तरीकों से मोह भंग हो गया था, वे होम्योपैथी के चमत्कारों से लाभान्वित हुए हैं, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय में ऐसे अनुभवों को केवल तभी स्वीकार किया जा सकता है जब अनुभवों को तथ्यों और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया जाए। वैज्ञानिक गंभीरता को प्रोत्साहित करने से लोगों में इस उपचार पद्धति में विश्वास बढ़ेगा।”

    राष्‍ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “वैज्ञानिक वैधता प्रामाणिकता का आधार बनती है और प्रामाणिकता के साथ स्वीकृति और लोकप्रियता दोनों में वृद्धि होगी। अनुसंधान को सशक्त बनाने तथा दक्षता बढ़ाने के आपके प्रयास होम्योपैथी को बढ़ावा देने में लाभकारी होंगे। इससे होम्योपैथी से जुड़े सभी लोगों को लाभ होगा, जिनमें डॉक्टर, मरीज, औषधि निर्माता और शोधकर्ता शामिल हैं।

    राष्ट्रपति ने कहा कि होम्योपैथी शिक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार इस पद्धति को युवा विद्यार्थियों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। होम्योपैथी के उज्ज्वल भविष्य के लिए युवाओं की व्‍यापक भागीदारी आवश्यक है। राष्ट्रपति ने इस विशाल कार्यक्रम के आयोजन और अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ होम्योपैथी को प्रोत्‍साहित करने के लिए आयुष मंत्रालय को बधाई दी।

    राष्ट्रपति ने आज विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त शीर्ष अनुसंधान संगठन केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) द्वारा आयोजित ‘अनुसंधान को सशक्तिकरण, प्रवीणता बढ़ाने’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन की शोभा बढ़ाई।

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    आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इस अवसर पर कहा, “होम्योपैथी में, अन्य चिकित्सा पद्धतियों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच एकीकरण की अपार संभावनाएं हैं। इन प्रणालियों को एकीकृत करने के प्रयास, जहां उपयुक्त हो, उन रोगियों को लाभान्वित करेंगे जो स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यापक दृष्टिकोण चाहते हैं। होम्योपैथी के लिए एक सशक्‍त वैज्ञानिक आधार तैयार करने के लिए मजबूत शोध और नैदानिक परीक्षण महत्वपूर्ण हैं। सरकार होम्योपैथिक समुदाय के साथ काम करके गुणवत्ता नियंत्रण और रोगी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। होम्योपैथी की सार्वजनिक सुलभता बढ़ाने और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए, हम प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में इसके एकीकरण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। हम सीसीआरएच तथा अन्य सहयोगियों जैसी सुविधाओं के माध्यम से होम्योपैथी में अनुसंधान को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रहे हैं और नैदानिक परीक्षणों तथा साक्ष्य-आधारित अध्ययनों के लिए संसाधनों का आवंटन कर रहे हैं।”

    आयुष मंत्रालय के अंतर्गत सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने अपने स्वागत भाषण में वर्तमान युग में साक्ष्य आधारित अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया, जिसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न क्षेत्रों और विशिष्टताओं के वैज्ञानिक एक साथ आएं। उन्होंने एम्स, आईसीएमआर, अपोलो कैंसर अस्पताल, चेन्नई, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली जैसे विभिन्न संगठनों के जाने-माने वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को संगोष्ठी में भाग लेकर होम्योपैथी के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए धन्यवाद दिया।

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    उद्घाटन समारोह के बाद पद्म भूषण और पद्म श्री वैद्य देवेंद्र त्रिगुना जी और पद्मश्री डॉ. एचआर नागेंद्र जी की अध्यक्षता में ‘वर्ड्स ऑफ विजडम’ पर एक सत्र हुआ। इसमें होम्योपैथी क्षेत्र के पद्म पुरस्कार सम्‍मानित पद्मश्री डॉ. वी. के. गुप्ता, पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा, पद्मश्री डॉ. कल्याण बनर्जी और पद्मश्री डॉ. आर. आर. पारीक ने अपने समृद्ध अनुभव साझा किए।

    इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना, आयुष वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. संगीता ए. दुग्गल, सलाहकार (होम्योपैथी) आयुष मंत्रालय, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन फॉर होम्योपैथी, एनसीएच के अध्‍यक्ष डॉ. पिनाकिन एन त्रिवेदी, होम्योपैथी के लिए मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड, एनसीएच के अध्‍यक्ष डॉ. जनार्दनन नायर, डॉ. होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड, एनसीएच के अध्‍यक्ष डॉ. तारकेश्वर जैन,  डॉ. नंदिनी कुमार आयुष प्रतिष्ठित चेयर उपस्थित थे। समारोह में नीदरलैंड, स्पेन, कोलंबिया, कनाडा और बांग्लादेश के 8 प्रतिनिधियों की भागीदारी हुई। इसमें 17 सीसीआरएच प्रकाशन का लोकार्पण किया गया।

    इसके बाद के सत्रों में होम्योपैथी को सशक्त बनाने तथा आधुनिक परिप्रेक्ष्य, चिकित्सकों के परिप्रेक्ष्य और अभ्यास को आगे बढ़ाने जैसे विषयों पर वार्ता और पैनल चर्चा शामिल होगी। इन सत्रों में एसएबी, सीसीआरएच के अध्यक्ष डॉ. वी. के. गुप्ता, आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री बी. के. सिंह, आयुष मंत्रालय की सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता ए. दुग्गल, आयुष विभाग के होम्योपैथिक अनुभागीय समिति के अध्यक्ष, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तथा सीसीआरएच के पूर्व महानिदेशक डॉ. राज के. मनचंदा, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोगके मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव, एससीसीआर, सीसीआरएच के अध्‍यक्ष डॉ. एल के नंदा और अन्य प्रसिद्ध चिकित्सक अपने विचार व्‍यक्‍त करेंगे।

    2 दिनों के वैज्ञानिक सम्मेलन में ट्रांसलेशनल रिसर्च, साक्ष्य आधार: अनुसंधान और अभ्यास अनुभव, महामारी तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य, होम्योपैथिक दवा मानकीकरण और बुनियादी अनुसंधान, अंतःविषयी अनुसंधान, शिक्षा में सुधार और अनुसंधान, वैश्विक परिप्रेक्ष्य, होम्योपैथी में चुनौतियां- होम्योपैथिक पेशेवर संघों की भूमिका, पशु चिकित्सा होम्योपैथी, होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों और सेवाओं में गुणवत्ता आश्वासन पर सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

    इस सम्मेलन का उद्देश्य नैदानिक अभ्यास और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक उपचार को प्रोत्‍साहित करना, अनुसंधान-आधारित चिकित्सा विज्ञान में होम्योपैथिक समुदाय को सक्षम बनाना, व्यक्तिगत, सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल के लिए आबादी की आवश्‍यकताओं को पूरा करने वाला हेल्थकेयर पावर हाउस बनना तथा बेहतर रोगी परिणामों के के लिए गुणवत्ता निदान, चिकित्सा विज्ञान और वैज्ञानिक उपकरणों के साथ होम्योपैथिक दवा को समृद्ध बनाना है।

    source: https://pib.gov.in

  • राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मु कल विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 पर एक होम्योपैथिक सेमिनार का उद्घाटन करेंगी

    राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मु कल विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 पर एक होम्योपैथिक सेमिनार का उद्घाटन करेंगी

    राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मु

    इस वर्ष की होम्योपैथिक संगोष्ठी का विषय अनुसंधान को सशक्त बनाना और दक्षता बढ़ाना है

    इस आयोजन का उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती को बढ़ावा देना और होम्योपैथी अनुसंधान में उन्नत तकनीकों के उपयोग की दिशा में आगे बढ़ना है

    आयोजन के दौरान, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के 17 प्रकाशन जारी किए जाएंगे; इनमें होम्योपैथिक ड्रग प्रोविंग, खंड 7, ड्रग मोनोग्राफ – राउवोल्फिया, उत्तर पूर्व भारत में होम्योपैथी के इतिहास, संघर्ष और प्रगति की एक झलक और ऐसे कई संबंधित प्रकाशन शामिल हैं

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु कल विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर यशोभूमि कन्वेंशनल सेंटर द्वारका, नई दिल्ली में दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। इसका आयोजन आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त शीर्ष अनुसंधान संगठन केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) करेगी। इस सम्मेलन का विषय “अनुसंधान को सशक्त बनाना, दक्षता बढ़ाना: एक होम्योपैथिक संगोष्ठी” होगा। सम्मेलन का उद्देश्य नैदानिक ​​​​अभ्यास और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक उपचार को बढ़ावा देना, अनुसंधान-आधारित चिकित्सा विज्ञान में होम्योपैथिक समुदाय को सक्षम बनाना, व्यक्तिगत, सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल के लिए लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाला स्वास्थ्य देखभाल केंद्र बनना और बेहतर इलाज के लिए गुणवत्तापूर्ण निदान, उपचार विज्ञान और वैज्ञानिक उपकरणों के साथ होम्योपैथिक चिकित्सा को समृद्ध करना है।

    आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय के सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना और होम्योपैथी में पद्म पुरस्कार विजेता पद्मश्री डॉ. वी. के. गुप्ता, पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा, पद्मश्री डॉ. कल्याण बनर्जी, पद्मश्री डॉ. अनिल कुमारी मल्होत्रा ​​और पद्मश्री डॉ. आरएस पारीक शामिल होंगे। इस आयोजन में आयुष वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. नंदिनी कुमार, आयुष मंत्रालय सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता ए. दुग्गल, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन फॉर होम्योपैथी के अध्यक्ष डॉ. पिनाकिन एन त्रिवेदी, मेडिकल होम्योपैथी के लिए मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड अध्यक्ष एनसीएच डॉ. जनार्दन नायर, होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एनसीएच डॉ. तारकेश्वर जैन और कई अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। इनके अलावा नीदरलैंड, स्पेन, कोलंबिया, कनाडा और बांग्लादेश से 8 प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

    इस भव्य आयोजन के दौरान केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के 17 प्रकाशन जारी किए जाएंगे। इनमें होम्योपैथिक ड्रग प्रोविंग, खंड-7; ड्रग मोनोग्राफ – राउवोल्फिया; उत्तर-पूर्व भारत में होम्योपैथी के इतिहास, संघर्ष और प्रगति की एक झलक; होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका के मुख्य नोट्स, खंड III; डॉ. नीलमणि घटक द्वारा होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका, खंड-I (अंग्रेजी संस्करण); एसटीजीएच ऐप – होम्योपैथी में मानक उपचार दिशानिर्देशों पर मोबाइल एप्लिकेशन और उसका एक ब्रोशर; पॉकेट मैनुअल ऑफ एक्टिविटीज एंड अचीवमेंट्स: सीसीआरएच; सीसीआरएच ब्रोशर; इंडियन जर्नल ऑफ रिसर्च इन होम्योपैथी, संस्करण 18 अंक 1 (जनवरी-मार्च 2024); होम्योपैथी में प्रयुक्त पशु स्रोतों की औषधियां खंड-II; होम्योपैथिक औषधियों का मानकीकरण खंड-I (दूसरा संशोधित संस्करण); ड्रग प्रोविंग पर एक छोटी डॉक्यूमेंट्री-होम्योपैथी में एक शोध कार्यक्रम; एचआईडीओसी: एक ऑनलाइन यूनियन कैटलॉग (पुनर्निर्मित संस्करण); कोविड- 19 महामारी: सीसीआरएच द्वारा शोध, परिषद की गतिविधियों पर ब्रोशर; रोगाणुरोधी प्रतिरोध और होम्योपैथिक क्लिनिकल केस रिपोजिटरी (एचसीसीआर) वर्कफ़्लो और डब्ल्यूएचडी 2024 कार्यक्रम के लिए स्मारिका शामिल हैं।

    इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के बाद ‘बुद्धिमत्ता के शब्द’ पर एक सत्र होगा, जिसकी अध्यक्षता पद्म भूषण और पद्मश्री वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा जी और पद्मश्री डॉ. एचआर नागेंद्र जी करेंगे।

    इसके बाद के सत्रों में होम्योपैथी और आधुनिक परिप्रेक्ष्य को सशक्त बनाने, चिकित्सकों के परिप्रेक्ष्य और अभ्यास को आगे बढ़ाने जैसे विषयों पर बातचीत और पैनल चर्चा शामिल होगी। इन सत्रों में डॉ. वी.के. गुप्ता, अध्यक्ष, एसएबी, सीसीआरएच; श्री. बी.के. सिंह, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय; डॉ. संगीता ए. दुग्गल, सलाहकार (होम्योपैथी), आयुष मंत्रालय; डॉ. राज के. मनचंदा, अध्यक्ष, होम्योपैथिक अनुभागीय समिति, आयुष विभाग, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और पूर्व महानिदेशक, सीसीआरएच; डॉ. चिंतन वैष्णव, मिशन निदेशक, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग; डॉ. एल के नंदा, अध्यक्ष, एससीसीआर, सीसीआरएच और अन्य प्रसिद्ध चिकित्सक अपनी बात रखेंगे।

    दो दिनों के इस वैज्ञानिक सम्मेलन में ट्रांसलेशनल रिसर्च, साक्ष्य आधार: अनुसंधान एवं अभ्यास अनुभव, महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य, होम्योपैथिक दवा मानकीकरण एवं बुनियादी अनुसंधान, अंतःविषेयक अनुसंधान, शिक्षा में सुधार एवं अनुसंधान, वैश्विक परिप्रेक्ष्य, होम्योपैथी-होम्योपैथिक व्यावसायिक संघों में चुनौतियां, पशु चिकित्सा होम्योपैथी, होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों एवं सेवाओं में गुणवत्ता आश्वासन आदि पर सत्र भी शामिल होंगे। इसमें संसाधन व्यक्तियों के रूप में बायोमेडिसिन और संबद्ध विज्ञान की विभिन्न क्षेत्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की भागीदारी होगी।

    SOURCE: https://pib.gov.in


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