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  • Haribhau Bagade: ‘टेक-कनेक्ट 2024’ आयोजित, राजस्थान का समावेशी विकास हम सभी का दायित्व

    Haribhau Bagade: ‘टेक-कनेक्ट 2024’ आयोजित, राजस्थान का समावेशी विकास हम सभी का दायित्व

    Haribhau Bagade: प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए कार्य हो

    राज्यपाल Haribhau Bagade ने प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने ‘टेक कनेक्ट 2024’ को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतर्गत उपलब्ध स्थानीय संपदा और मानव संपदा का प्रभावी उपयोग करने की रणनीति पर कार्य किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों, उद्योग जगत और प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थानों को मिलकर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का समावेशी विकास भी हम सभी का दायित्व है।
    राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे गुरूवार को पूर्णिमा कॉलेज में ‘टेक—कनेक्ट2024’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का है। देश में प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा के समावेश से ऐसे तंत्र की स्थापना की जाए जिससे सतत और स्थाई विकास के लिए कार्य हो सके। उन्होंने राजस्थान के युवाओं को प्रौद्योगिकी और शिक्षा के बीच की खाई को पाटकर राज्य में कृषि, खाद्य और पोषण, पशु चिकित्सा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र आदि के लिए प्रभावी कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई।
    राज्यपाल ने राइजिंग राजस्थान के जरिए विभिन क्षेत्रों में निवेश पहल की भी सराहना की। उन्होंने समावेशी विकास के लिए सभी के योगदान का आह्वान किया।
  • Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

    Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

    Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संस्कृति विकसित हो, नैक रैंकिंग के लिए सभी प्रयास करें

    Haribhau Bagade ने गुरुवार को राजभवन मे प्रदेश के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर आयोजित कार्यशाला में विश्वविद्यालयों का रोस्टर बनाने, कॉलेजों की भी नैक रैंकिग के लिए तैयारी करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम इस तरह से तैयार करने पर जोर दिया जिससे विद्यार्थी नौकरी करने के लिए नहीं बल्कि नौकरी देने वालों के रूप में तैयार हो सकें।
    उन्होंने राज्य के सभी वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की आवश्यक रूप से नेक रैंकिंग करवाने और इसके लिए अब तक की गई तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति विकसित करने के लिए नैक रैंकिंग जरूरी है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों को पाठ्यचर्या को बेहतर बनाने, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन व्यवस्था सुदृढ़ करने, अनुसंधान और नवाचारों को अपनाते हुए संस्थागत रूप में श्रेष्ठ प्रथाएं अपने यहां विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नैक रैंकिंग से विश्वविद्यालयों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, वे सक्रिय और जीवंत हो सकेंगे तथा इससे उन्हें विभिन्न एजेंसियों से समुचित आर्थिक सहायता समय पर मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च शिक्षा में अग्रणी बने, इसके लिए सभी विश्वविद्यालय नैक रैकिंग की आवश्यक तैयारियां और समय पर इस संबंध में आवेदन प्रस्तुत करें।
    राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने नैक रैंकिंग के लिए विश्वविद्यालयवार ऑनलाइन व ऑफलाइन डाक्यूमेंटेशन की प्रगति की भी समीक्षा की तथा शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि,  विश्वविद्यालय में मौलिक शोध और पेटेंट आदि के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भी ऐसे पाठ्यक्रम और नवाचार अपनाने पर जोर दिया जिससे भारत विश्व भर में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में तेजी से अपना महती स्थान बना सके। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रयास करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाए कि राजस्थान ‘विकसित भारत’ के संकल्प को शिक्षा के जरिए पूरा करने में देशभर में अग्रणी बनें।
    कार्यशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की नैक रैंकिंग के लिए मुख्य बिन्दुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर कुलपतियों का विमर्श भी हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालयों में आधारभूत  सुविधाओं के विकास और कार्यप्रणाली को सुदृढ किए जाने संबंधित सुझाव दिए। इस दौरान विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और नई शिक्षा नीति से जुड़े विषयों पर भी विषद् चर्चा हुई।
    राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने आरंभ में विश्वविद्यालयों में नैक रैंकिंग से होने वाले फायदों और इसके लिए अपनाई जाने वाली त्वरित कार्यप्रणाली के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कार्यशाला में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने राज्य सरकार स्तर पर उच्च शिक्षा में नवाचार और अन्य किए जा रहे विशेष कार्यों के बारे में जानकारी दी। प्रमुख सचिव श्री भवानी सिंह देथा ने राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में प्रदेश के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी और कॉलेज शिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने भी भाग लिया।
  • राज्यपाल Haribhau Bagade: ‘हार्ट कॉन्क्लेव 2024’ —हृदय रोग से बचाव और उपचार के लिए हो प्रभावी कार्य 

    राज्यपाल Haribhau Bagade: ‘हार्ट कॉन्क्लेव 2024’ —हृदय रोग से बचाव और उपचार के लिए हो प्रभावी कार्य 

    राज्यपाल Haribhau Bagade ने कहा, चिकित्सा व्यवसाय नहीं, सबसे पवित्र सेवा कार्य

    राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि चिकित्सा व्यवसाय नहीं, सबसे पवित्र सेवा कार्य है। चिकित्सक को चाहिए कि वह कम से कम दवा और सस्ता सुलभ इलाज करते हुए अपने रोगियों को ठीक करने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने हृदय रोग से बचाव और उपचार के लिए जागरूकता का प्रसार किए जाने पर भी जोर दिया है।
    राज्यपाल शनिवार को इटर्नल हॉस्पिटल द्वारा सिनाई हॉस्पिटल, न्यूयार्क के सहयोग से आयोजित ‘हार्ट कॉन्क्लेव 2024’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हृदय रोग इस समय सबसे बड़े रोग के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। हर उम्र के लोगों को यह हो रहा है। इससे बचाव के साथ इसके होने पर जीवन रक्षा के लिए निरंतर कार्य किया जाए।
    श्री हरिभाऊ बागडे ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया भर में हृदय रोग से संबंधित 17.9 मिलियन मौतों में से कम से कम पांचवां हिस्सा भारत का है। उन्होंने कहा कि हृदय रोगों से होने वाली मौतों में युवा उम्र के लोगों की संख्या बहुत अधिक है। यह चिंताजनक है।
    उन्होंने इस संबंध में हृदय रोग की आरंभिक पहचान और रोकथाम के लिए समाज में वातावरण बनाए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हृदय रोग की बुनियादी समझ और रोग से बचाव के लिए समाज में वातावरण निर्माण की दिशा में भी प्रभावी कार्य किया जाए।
    श्री बागडे ने योग की भारतीय संस्कृति और शारीरिक व्यायाम से युवा पीढ़ी को जोड़ने, कार्यस्थलों पर हैल्दी वातावरण निर्माण करने और हृदय रोगों से बचाव के साथ इसके होने पर तुरंत रखी जाने वाली सावधानियां पर भी चिकित्सकों को जागरूक किए जाने के कार्य करने पर जोर दिया।
  • Shri Bagade ने राष्ट्रपति के साथ “अध्यात्म से स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज” ग्लोबल समिट में भाग लिया

    Shri Bagade ने राष्ट्रपति के साथ “अध्यात्म से स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज” ग्लोबल समिट में भाग लिया

    Shri Bagade: स्वच्छ और स्वस्थ जीवन की राहों का निर्माण अध्यात्म में निहित

    राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को आबू रोड में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के साथ अध्यात्म से स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज” विषयक ग्लोबल समिट में भाग लिया।

    Shri Bagade ने इस वैश्विक परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए कहा कि अध्यात्म भारत की वह सुदृढ़ परंपरा है,जिसके जरिए जीवन की उत्कर्ष राहों का निर्माण किया जाता रहा है। उन्होंने कहा की अध्यात्म जीवन की नैतिकता है। स्वच्छ और स्वस्थ जीवन की राहों का निर्माण अध्यात्म में निहित है।

    श्री बागडे ने भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा करते हुए अध्यात्म से जुड़े मानवीय मूल्यों की भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अध्यात्म भारतीय जीवन का अंग है। हमारी संस्कृति में व्यक्ति की बजाय मनुष्य बनने पर जोर दिया गया है। मनुष्य बनने का अर्थ है,अपने लिए नहीं सम्पूर्ण समाज के लिए जीना। यही भारतीय संस्कृति है, जिससे स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है।

    तपोवन में जैविक खेती उद्यान को देखा-

    राज्यपाल ने कहा जैविक फल, सब्जी और खेती प्रकृति का वरदान, इसे अपनाएं

    राज्यपाल ने इससे पहले आबू रोड स्थित  ब्रह्मकुमारी आश्रम के जैविक खेती उद्यान “राजऋषि आदर्श वाटिका” का अवलोकन किया। उन्होंने वहां रसायन रहित खेती, फल, सब्जी आदि के उत्पादन की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और रासायनिक खेती के उत्पादनों से होने वाले असाध्य रोगों से बचाव का उपाय जैविक खेती ही है। इसके लिएसभी मिलकर प्रयास करें। इससे पहले उन्होंने वहां वृक्षारोपण भी किया।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in


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