Tag: राज्यपाल श्री पटेल

  • governor Mangubhai Patel जीवाजी विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास पहुँचे

    governor Mangubhai Patel जीवाजी विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास पहुँचे

    governor Mangubhai Patel : छात्राओं को दी शुभकामनायें और सुविधाओं के बारे में ली जानकारी

    राज्यपाल Mangubhai Patel ने मंगलवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में स्थित लक्ष्मीबाई कन्या छात्रावास का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं से चर्चा की और छात्रावास में मिल रहीं सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने छात्राओं को सुखद भविष्य के लिए शुभकामनायें दीं, साथ ही कहा कि वे पूरी मेहनत व लगन के साथ पढ़ाई करें। उन्होंने कहा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये तमाम योजनायें संचालित की जा रही हैं। छात्राएं इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपना भविष्य उज्ज्वल करें।

    राज्यपाल श्री पटेल द्वारा किए गए छात्रावास के भ्रमण के दौरान जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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  • Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें

    Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें

    Governor Mangubhai Patel : पद्मभूषण डॉ. विजय पी. भटकर और डॉ. नरेन्द्र नाथ लाहा मानद उपाधि से सम्मानित

    • दीक्षांत समारोह में 126 गोल्ड मैडल, 297 पीएचडी एवं 397 स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं
    • जीवाजी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
    Governor Mangubhai Patel ने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें और “अन-लर्निंग, रि-स्किलिंग व अप-स्किलिंग” पर विशेष ध्यान दें। साथ ही यह संकल्प लें कि जीवन के उतार-चढ़ाव और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आदर्शों, ज्ञान और आचरण के उच्चतम प्रतिमानों का निष्ठा के साथ पालन करेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कही। उन्होंने गोल्ड मैडल व उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावक व गुरुजनों को बधाई दी और सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
  • राज्यपाल Mr. Patel: लोक सेवा, वंचितों की सेवा करने का सुअवसर

    राज्यपाल Mr. Patel: लोक सेवा, वंचितों की सेवा करने का सुअवसर

    राज्यपाल Mr. Patel से राजभवन में प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टरों ने की मुलाकात

    राज्यपाल Mr. Patel ने कहा कि लोकसेवा पात्र, जरूरतमंदों और गरीबों की सेवा करने का सुअवसर है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टरों से कहा कि “लोकसेवा” शब्द का अर्थ गहराई से समझें। जनता की सेवा के भाव को अपने मन में सदैव सबसे ऊपर रखें।  सेवाकाल में ईमानदारी और निष्ठा से काम करने में ही जीवन की सार्थकता है।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय एकेडमी भोपाल में प्रशिक्षणाधीन राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर्स को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अकादमी के महानिदेशक श्री जे.एन. कंसोटिया भी मौजूद थे।

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के ग़रीब कल्याण कार्यक्रमों को सफल बनाना लोक सेवकों की ज़िम्मेदारी है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराना उनका मूल कर्तव्य है। अपने सेवाकाल में हमेशा बड़े-बुजुर्गों, दिव्यांगों और वंचितों के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखें। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राज्य की सेवा करने के लिए प्रशासनिक तंत्र का अंग बनने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। प्रशिक्षु अधिकारी प्रशिक्षण से जुड़ी बातें, नियमों और अधिनियमों को बारीकी से सीखें। प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक, चुनौतियों के अनुरूप समाधान का दृष्टिकोण अपनाए। उन्होंने प्रशासनिक अकादमी भोपाल द्वारा अधिकारियों को स्वच्छ और संवेदनशील लोक-सेवक बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने राज्य प्रशासनिक सेवा में चयन के लिए सभी प्रशिक्षणार्थियों को बधाई भी दी।

    जनजाति समुदाय के साथ संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार रखें

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश जनजातीय बहुल राज्य है। प्रदेश के समग्र विकास के लिए जनजाति वर्ग का विकास बहुत जरूरी है। प्रशिक्षु अधिकारी जनजाति समुदाय के प्रति हमेशा सरल, संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार रखें। उनके साथ आत्मीय, सीधा और जीवंत सम्पर्क बनाए। उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने में अपना  योगदान दें।

    महानिदेशक नरोन्हा एकेडमी, भोपाल श्री जे.एन. कंसोटिया ने स्वागत उद्बोधन में राज्यपाल श्री पटेल को प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी।

    राज्यपाल श्री पटेल का संचालक प्रशासनिक अकादमी श्री मुजीबुर्रहमान खान ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री प्रियंका भलावी और श्री आशुतोष महादेवसिंह ठाकुर ने प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया। विधि भारद्वाज ने आभार माना। कार्यक्रम में राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, राजभवन के अधिकारी उपस्थित थे।

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  • Mangubhai Patel: बच्चों को वन्य जीवन और जैव विविधता की महत्ता से बचपन में ही करें संस्कारित

    Mangubhai Patel: बच्चों को वन्य जीवन और जैव विविधता की महत्ता से बचपन में ही करें संस्कारित

    Mangubhai Patel: राज्यपाल ने दिलाई वन्य जीव संरक्षण की शपथ

    राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह का समापन और पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न

    राज्यपाल Mangubhai Patel ने कहा कि बच्चों को वन, वन्य जीव और जैव विविधता की महत्ता के बारे में बचपन से ही संस्कारित किया जाना चाहिए। माता-पिता उन्हें जैव संरक्षण की बहुलता और आवश्यकता के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाए। राज्यपाल श्री पटेल आज भोपाल में राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एक से 7 अक्टूबर 2024 तक आयोजित वन्य जीव सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत कर बधाई दी।  राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण की शपथ भी दिलाई।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारा संविधान पर्यावरण के संरक्षण, वन और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदान करता है। मौलिक कर्तव्यों के तहत प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान की अपेक्षा करता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र होने गौरव प्राप्त है। बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल, चीता, भेड़िये और गिद्धों की सर्वाधिक संख्या के लिये भी प्रदेश पहचाना जाता है। हर प्रदेशवासी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे वन और वन्य जीव रूपी अमूल्य धरोहर की विरासत को सहेज कर भावी पीढ़ी को सौंपने में अपना योगदान दे।

    कोविड ने दिया प्रकृति के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र का सबक

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कोविड ने हम सबको यह सबक दिया है कि हमें सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति की विविधता के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र के साथ रहना होगा। हमारे ऋषि-मुनियों ने भी अपने तप त्याग और साधना से हजारों साल पहले ही इकोलॉजी तंत्र के संरक्षण के लिए प्राणियों में सद्भावना का संदेश दिया था। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वन और वन्यजीवों का विशिष्ट स्थान रहा है। विभिन्न देवी-देवताओं के वाहन वन्यजीव है। अनेक विधि-विधानों में भी पेड़-पौधों की आराधना होती है।

    शपथ को अपने कार्य और व्यवहारों में शामिल करे

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन अवसर पर उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि आप सभी अपने कार्य, और व्यवहार में शपथ का 24 घंटे और 365 दिन पालन करे। आपका यह संकल्प वनों और वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा प्रयासों को जन आन्दोलन बनाने में योगदान देगा। इसे अपना कर्तव्य मानकर कार्य करे।

    राज्य मंत्री वन, श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण और कानूनों की जागरूकता में वन्य जीव सप्ताह की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा वन्य जीव संरक्षण, पुनर्वास, अपराध नियंत्रण आदि प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

    राज्यपाल श्री पटेल का तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के पोस्टर, मध्यप्रदेश सामान्य तितलियाँ पोस्टर, कान्हा के पक्षी पुस्तक, मध्यप्रदेश टाईगर फान्डेशन की वार्षिक रिपोर्ट, वन्य जीव संरक्षण पर आधारित प्रकाशन का विमोचन किया। एक से 7 अक्टूबर तक आयोजित हुए वन्य जीव सप्ताह के आयोजन का प्रतिवेदन प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही.के. अंबाडे ने प्रस्तुत किया। आभार संचालक वन विहार, श्री मीना अवधेश कुमार शिवकुमार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल, मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव और अधिकारी-कर्मचारी, वन्य जीव संरक्षण से जुड़े व्यक्ति, स्कूली बच्चें और उनके अभिभावक उपस्थित थे।

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  • President Smt. Murmu: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये आगे बढ़ें

    President Smt. Murmu: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये आगे बढ़ें

    President Smt. Murmu

    शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की अग्रणी भूमिका प्रदेश में समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं

    सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने उज्जैन में स्वच्छता मित्रों को सम्मानित किया

    1692 करोड़ के उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन रोड़ का किया भूमि-पूजन

    President Smt. Murmu ने कहा है कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये सभी आगे बढ़ें। स्वच्छता ही देश को स्वस्थ और विकसित बना सकती है। देश का प्रत्येक व्यक्ति इस कार्य में सहयोग करे और सब मिलकर देश को विकसित राष्ट्र बनायें। मध्यप्रदेश ने शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई के लिये श्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। इन्दौर निरन्तर 7वीं बार देश का स्वच्छतम शहर घोषित हुआ है। भोपाल स्वच्छतम राजधानी बनी है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु आज उज्जैन में सफाई मित्रों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने सफाई मित्रों श्रीमती रश्मि टांकले, श्रीमती किरण खोड़े, श्रीमती शोभा घावरी, श्रीमती अनिता चावरे और श्री गोपाल खरे का सम्मान भी किया। राष्ट्रपति ने 1692 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन मार्ग का भूमि-पूजन भी किया। प्रारम्भ में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया और उन्हें श्रीमहाकाल लोक की प्रतिकृति प्रदान की। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी भी उपस्थित थे।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि अवन्तिका बाबा महाकाल की पवित्र, दिव्य एवं पावन नगरी है। गुप्तकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग रहा है और उस समय उज्जैन भारत का महत्वपूर्ण नगर था। यहां संस्कृति और सभ्यता की प्राचीन परम्परा है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज से 2000 वर्ष पूर्व उज्जैन परिवहन व्यवस्था का उत्कृष्ट केन्द्र था। यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र भी था। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की विशालता और भव्यता का अदभुत चित्रण किया है। देवलोक में जो महत्व अल्कापुरी नगरी का है, वही महत्व पृथ्वी पर उज्जैन नगरी का बताया गया है। मैं बाबा महाकाल, अवन्तिका नगरी और पवित्र शिप्रा नदी को प्रणाम करती हूँ।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उज्जैन एवं प्रदेश में समग्र विकास के अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आज उज्जैन में उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन मार्ग का भूमि-पूजन किया गया है। यहां विक्रम उद्योगपुरी मेडिकल डिवाइसेस पार्क बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में एक्सप्रेस-वे एवं एलीवेटेड कॉरिडोर बनाये जा रहे हैं। इन सभी के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास सराहनीय हैं।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में स्वच्छता देशव्यापी जन-अभियान बन गया है। स्वच्छता अभियान के द्वितीय चरण में वर्ष 2025 तक हमें देश में सम्पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करना है। देश में खुले में शौच से पूर्णत: मुक्ति और सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट किया जा रहा है। महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्श को हमें पूरा करना है। मैंने स्वयं अपने कैरियर की शुरूआत स्वच्छता के कार्यों से की। मैं नगर परिषद में उपाध्यक्ष थी और वार्डों में जा-जाकर स्वच्छता के लिये कार्य करती थी और लोगों को जागरूक करती थी। देशवासियों में आज स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मध्यप्रदेश के कई शहर ‘वॉटर+’, ‘ओडीएफ++’ के रूप में पुरस्कृत हुए हैं।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा हैं। इन्हें आज सम्मानित कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। हम सफाईकर्मियों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुरक्षित करेंगे। देश में “मेन होल” को समाप्त कर अब “मशीन होल” बनाये जा रहे हैं। सफाईकर्मियों को लाभान्वित करने के लिये अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। मध्यप्रदेश ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

    देश में पवित्र सेवा का संदेश देगा, उज्जैन का सफाई मित्र सम्मेलन : राज्यपाल श्री पटेल

    राज्यपाल श्री पटेल ने मध्यप्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के आगमन पर प्रदेशवासियों की ओर से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है आध्यात्मिक केन्द्र उज्जैन में आयोजित सफाई मित्र सम्मेलन देश में स्वच्छता केवल जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि पवित्र सेवा का संदेश प्रसारित करेगा। स्वच्छता अभियान की यह पहल सफाई मित्रों की प्रतिबद्धता के साथ स्वच्छ, स्वस्थ और आध्यात्मिक रुप से सशक्त देश के निर्माण का संदेश प्रसारित करेगी। आज का दिन हमारे समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वच्छता वीरों के लिए अभूतपूर्व और अविस्मरणीय है। अपनी मेहनत और समर्पण से शहरों को साफ बनाकर हमारे जीवन को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने वाले सफाई मित्रों को पहचानना, उनका सर्मथन और सम्मान करना, समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है। उन्होंने सफाई मित्रों को हृदय से बधाई देते हुए कहा कि सफाई का काम ईश्वर की पवित्र सेवा है। सफाई मित्र हमारे लिए वंदनीय है। राज्य सरकार सदैव सफाई मित्रों के काम को समर्थन देने के लिए तैयार है।

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वच्छता क्रांति का सूत्रपात हुआ है, हमने सही अर्थों में स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाया है। हमारे शहर और नागरिकों ने स्वच्छता को आत्मसात करते हुए पूर्णकालिक विषय के रूप में स्थापित किया है। स्वच्छता सुविधाओं जैसे व्यक्तिगत, सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालय बनाने और कचरा प्र-संस्करण इकाइयों के निर्माण को प्रदेश में प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं प्रदेश के विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण इंदौर-उज्जैन 6 लेन परियोजना आध्यात्मिक सांस्कृतिक केन्द्र उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को और अधिक सुगम, आसान बनाकर पर्यटन, सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को तेज करेगी।

    आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में‍लिखा जायेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह दिन ऐतिहासिक होकर नई सौगात लेकर आया है। हर युग में, हर काल में जिसका अस्तित्व रहा, ऐेसी महान एवं पवित्र नदी क्षिप्रा के किनारे स्थित अवंतिका, हर काल में अपने विकास के आयामों से सदैव लोगों के उत्कर्ष की परिचायक है। कहा जाता है कि क्षिप्रा तट पर जो भी व्यक्ति आते हैं और जैसा सोचते हैं, परमात्मा उसे जीवनकाल में उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कामों से दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र का गौरव हासिल करने के प्रत्येक आयामों को छुआ है। विकास के सभी क्षेत्र में सफाई मित्रों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के जन्म-दिवस 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता अभियान, पखवाडे के रूप में मनाया जा रहा है। यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री की स्वच्छता के प्रति लगाव की भावना को रेखांकित करता है और सफाईकर्मियों की बड़ी भूमिका का भी अहसास भी कराता है। स्वच्छताकर्मी बीमारी और जिंदगी के बीच मजबूत दीवार की तरह खड़े रहते हैं। मध्यप्रदेश, देश के सभी राज्यों में स्वच्छता के लिए दूसरे नम्बर पर आया है, यह हम सबका सौभाग्य है। साथ ही देश की सबसे स्वच्छ राजधानी का दर्जां भी प्रदेश की राजधानी भोपाल को प्राप्त हुआ है। स्वच्छता का हमारा सबसे मजबूत रिश्ता है। भारत के सबसे स्वच्छ नगरों में लगातार 7 बार से प्रदेश ने इस गौरव को इंदौर के माध्यम से हासिल किया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि स्वच्छता अभियान को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले स्वच्छताकर्मियों को योगदान के लिये उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक नगर की स्टार रैकिंग के हिसाब से स्वच्छताकर्मियों को प्रति स्टार रैंकिंग पर एक हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। उज्जैन को तीन स्टार मिले हैं, इसलिए यहां के सभी स्वच्छताकर्मियों को तीन-तीन हजार रुपए का पुरस्कार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पाषाण शिल्प को महत्व देने के लिये श्रीमहाकाल लोक की सभी प्रतिमाएं पाषाण की बनवाएंगे। इससे प्रदेश में पाषाण शिल्प को प्रोत्साहन मिलेगा। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश भी अब पाषाण शिल्प में स्थान हासिल करेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का बडा महत्व है। महारानी अहिल्याबाई का वर्तमान में 300वां जन्मोत्सव चल रहा है। महारानी अहिल्याबाई ने 30 साल के शासनकाल में नारी सेना, विधवा-विवाह प्रोत्साहन सहित अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चलाई थी। उन्होंने महिलाओं की आत्म-निर्भरता के लिए महेश्वर साड़ी का उद्योग स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा इंदौर से उज्जैन को जोड़ने के लिए 1692 करोड़ रुपए लागत से 6 लेन रोड के निर्माण का शुभारम्भ किया गया है, इससे उज्जैन न केवल इंदौर से बल्कि पूरे देश से जुड़ेगा और आध्यात्मिक नगरी उज्जैन आने-जाने के लिए मार्ग सुगम होगा।

    लघु फिल्म का प्रदर्शन

    समारोह में उज्जैन के विकास कार्यों को लेकर बनाई गई लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें उज्जैन में होने वाले विकास कार्यों को दर्शाया गया। समारोह का शुभारम्भ एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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  • Shri Mangubhai Patel: “पेसा एक्ट” अंतर्गत ग्राम सभा सशक्तिकरण के प्रयास जरूरी

    Shri Mangubhai Patel: “पेसा एक्ट” अंतर्गत ग्राम सभा सशक्तिकरण के प्रयास जरूरी

    Shri Mangubhai Patel: विकास की गति के लिए पर्यवेक्षण, निरीक्षण, अन्वेषण जरूरी

    राज्यपाल Shri Mangubhai Patel ने कहा है कि पेसा अंतर्गत ग्राम सभाओं को प्रभावी बनाने के लिए उनको हैन्ड होल्डिंग सपोर्ट उपलब्ध कराने की संभावनाओं का परीक्षण किया जाना चाहिए। सभी ग्राम सभाओं द्वारा पेसा एक्ट के प्रावधानों का सफलता पूर्वक उपयोग किया जाए। समुदाय विकास के पथ पर समान रुप से सबके साथ आगे बढ़े। इस संबंध में जन-जागृति के साथ जन-जागरण के लिए विभागीय स्तर पर पहल की जानी चाहिए।

    राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में आयोजित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में चर्चा कर रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह भी मौजूद थी।

     राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि विकास की गति बनाए रखने के लिए पर्यवेक्षण निरीक्षण और अन्वेषण के कार्यों की निरंतरता जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निर्माण कार्य के निरीक्षण के साथ ही आवंटित राशि के उपयोग का पर्यवेक्षण जरूरी है। साथ ही आवास की डिजाइनिंग, हवा और रोशनी की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए जमीनी हकीकतों और व्यावहारिक कठिनाइयों के समाधानों का अन्वेषण भी किया जाना चाहिए। उन्होंने पेसा एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट के तहत ग्रामसभा के सशक्तिकरण प्रयासों पर विशेष बल दिया जाए। ग्राम सभाओं को उनके अधिकारों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए। जरूरी है कि ग्रामसभा सशक्तिकरण के कार्य सकारात्मक दृष्टिकोण और नवीन विचारों के साथ योजनाबद्ध ढंग से किए जाएं।

    राज्यपाल श्री पटेल ने टी.बी. उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति वर्ष 2025 तक करने के लिए पूर्ण एकाग्रता के साथ प्रयासों की जरूरत बताई। क्षय रोगियों को पोषण आहार की उपलब्धता के लिए नि:क्षय मित्र योजना को विस्तारित करने के लिए कहा है। इस कार्य में व्यापारिक और व्यावसायिक संगठनों के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास प्रयासों पर चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पी.एम. जनमन) अभूतपूर्व पहल है। योजना की मंशा विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन को खुशहाल बनाना है। योजना की सफलता के लिए जरूरी है कि संवेदनशील दृष्टिकोण और गुणात्मक गुणवत्ता के साथ विकास के कार्य किए जाएं।

     बैठक में राज्यपाल श्री पटेल को बताया गया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना में देश में पहली सड़क और आवास पूर्ण करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। विभाग द्वारा निर्देशानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले आवासों के पर्यवेक्षण और निरीक्षण का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) भी तैयार कराया जाएगा।

    अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय श्रीवास्तव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता, राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, संचालक पंचायतराज श्री मनोज पुष्प एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org


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