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CM Bhajanlal Sharma का व्यापारियों एवं उद्यमियों के साथ संवाद, राइजिंग राजस्थान समिट के ब्रांड एम्बेसडर हैं
CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि स्थानीय उद्यमी एवं व्यापारी राइजिंग राजस्थान के ब्रांड एम्बेसडर हैं। वे देश के कई राज्यों में कार्यरत प्रवासी राजस्थानी उद्योगपतियों से संपर्क कर उन्हें प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करें, ताकि वे अपना औद्योगिक कौशल अपनी मातृभूमि पर दिखा सके।मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर जयपुर में 9 से 11 दिसंबर तक आयोजित होने वाली ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ के संबंध में स्थानीय औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्यमी एवं उनके संगठनों का व्यापक नेटवर्क आगामी राइजिंग राजस्थान समिट की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस नेटवर्क का उपयोग करते हुए ये संगठन अपनी शाखाओं के माध्यम से आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आसाम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड एवं बिहार में प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन का आयोजन करें और उन्हें निवेश करने के लिए आकर्षित करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वोकल फोर लोकल पर विशेष रूप से ध्यान देने के साथ ही ‘एक जिला, एक उत्पाद नीति’ भी लागू करने जा रही है। इससे स्थानीय उद्यमियों की आर्थिक प्रगति होगी और रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) 2024 के अंतर्गत स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इन्सेंटिव्स के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 25 करोड़ रुपये कर दी है। साथ ही, राज्य सरकार उद्योग नीति, स्टार्टअप नीति, ग्रीन हाइड्रोजन नीति, निर्यात प्रोत्साहन नीति, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग नीति पर कार्य कर रही है, जिनमें निवेश को सुगम एवं सुलभ बनाने के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राइजिंग राजस्थान समिट के क्रम में अब तक 18 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए हैं, जिन्हें राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ धरातल पर उतारेगी।श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत 10 महीने के कार्यकाल में एक रोडमैप के तहत बिजली एवं पानी के क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया है। राज्य सरकार ने बिजली के क्षेत्र में 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं, जिससे हम प्रदेश को 2027 तक ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बना सकेंगे। राजस्थान बिजली खरीदेगा नहीं, बल्कि बेचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना एवं यमुना जल समझौता कर हमने प्रदेश में पानी की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। बिजली और पानी की उपलब्धता हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं, इसी से प्रदेश औद्योगिक विकास के पथ पर निरंतर गतिमान होगा।बैठक में उद्योगपतियों एवं व्यापारियों ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट को सफल बनाने के लिए स्थानीय व्यापारिक संगठन राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। प्रदेश में निवेश लाने के लिए व्यापारिक संगठनों की देशभर में फैली शाखाएं सक्रिय रूप से कार्य करेगी। उन्होंने पर्यटन, कृषि, शिक्षा, खनन, आवासन, हस्तशिल्प, मार्बल, अक्षय ऊर्जा, टैक्सटाइल्स, इलेक्ट्रोनिक, जेम्स एंड ज्वैलरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश से संबंधित पर अपने सुझाव भी मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किए। क्रेडाई के चेयरमैन श्री गोपाल गुप्ता एवं संरक्षक श्री अनुराग शर्मा, जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष श्री सुभाष गोयल, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष श्री घनश्याम ओझा, फोर्टी के कार्यकारी निदेशक श्री अरूण अग्रवाल, जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर के चेयरमैन श्री आई सी अग्रवाल, प्रबंध निदेशक आरएमसी जेम्स श्री निर्मल बरड़िया, जयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष श्री श्याम अग्रवाल सहित प्रमुख उद्योगपति बैठक में उपस्थित थे।इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव उद्योग श्री अजिताभ शर्मा, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) श्री आलोक गुप्ता, आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य श्री रोहित गुप्ता, रीको प्रबंध निदेशक श्री इंद्रजीत सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
मुख्यमंत्री व खान मंत्री Bhajan Lal Sharma ने प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में लिया बड़ा निर्णय
Bhajan Lal Sharma: अप्रधान खनिज लीज धारकों को राज्य सरकार की बड़ी राहत, लीज अवधि में वृद्धि के सभी अधिकार संबंधित खनिज अभियंता व सहायक अभियंता को मिलेंगे
राज्य सरकार ने प्रदेश के अप्रधान खनिज लीज धारकों को बड़ी राहत देते हुए लीज अवधि में वृद्धि के सभी अधिकार संबंधित खनिज अभियंता व सहायक अभियंता को दे दिए हैं। मुख्यमंत्री व खान मंत्री Bhajan Lal Sharma ने खनिज क्षेत्र में प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अधिकारों के विकेन्द्रीकरण का यह बड़ा निर्णय किया है। इससे अप्रधान खनिजधारकों को लीज अवधि बढ़ाने के लिए अलग—अलग स्तर पर आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे प्रदेश के हजारों अप्रधान खनिज लीज धारक लाभान्वित होंगे साथ ही, समय व धन की बचत भी होगी।मुख्यमंत्री व खान मंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने खनिज क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग पर जोर देते हुए प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर दिया है। इससे पहले एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी की बिड राशि दस लाख रुपये से घटाकर दो लाख रुपये कर दी। इससे आर्थिक दृष्टि से कमजोर और स्थानीय नागरिकों की खनिज क्षेत्र में भागीदारी बढ़ सकेगी।प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम श्री टी. रविकान्त ने बताया कि अब तक अप्रधान खनिज लीजों की अवधि बढ़ाने के लिए मिनरल के अनुसार राज्य सरकार, निदेशक माइंस, अतिरिक्त निदेशक माइंस एवं अधीक्षण खनिज अभियंता स्तर पर आवेदन करना होता था। राज्य सरकार के सरलीकरण के निर्णय से अब संबंधित खनिज अभियंता या सहायक खनिज अभियंता के स्तर पर आवेदन किया जा सकेगा और उसी स्तर पर लीज अवधि को बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सरलीकरण की दिशा में यह राज्य सरकार का बड़ा और क्रांतिकारी कदम है।श्री रविकान्त ने बताया कि बजट घोषणा की क्रियान्विति में पिछले दिनों ही अधिसूचना जारी कर एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी के लिए बिड सिक्योरिटी की राशि दस लाख रुपये से कम कर दो लाख रुपये करने से एक हैक्टेयर से कम के खनिज पट्टों की नीलामी में स्थानीय और अधिक लोग हिस्सा ले सकेंगे।प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त ने बताया कि इसी तरह से माइनर मिनरल्स के खनन पट्टाधारी और लाइसेंसधारकों की क्वारी लाइसेंस अवधि वर्ष 2040 तक बढ़ाने के बाद देय प्रीमियम राशि एकमुश्त जमा कराने में असुविधा को देखते हुए अधिकतम पांच किश्तों में प्रीमियम राशि जमा कराने की छूट प्रदान कर दी गई है। एक साल से अधिक की अवधि बढ़ाने पर पांच किश्तों में प्रीमियम राशि जमा कराने की छूट होगी। इसमें पहली किश्त आवेदन के साथ व उसके बाद सालाना किश्त जमा करानी होगी। इसी तरह से पांच से दस साल लीज अवधि बढ़ाने पर तीन किश्तों व दो से पांच साल की अवधि के लिए प्रीमियम राशि दो किश्तों में जमा करानी होगी। उन्होंने बताया कि इससे अप्रधान खनिज लीज व क्वारी लाइसेंस धारकों को बड़ी राहत मिलेगी।गौरतलब है कि अप्रधान खनिजों में मेसेनरी स्टोन, लाइमस्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट, फेल्सपार, क्वार्टज, सिलिका सेंड आदि माइनर मिनरल आते हैं।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
CM Bhajanlal Sharma ने सुना ’मन की बात’ कार्यक्रम
CM Bhajanlal Sharma ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का श्रवण किया
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को किया संबोधित, प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर इनोवेशन, मेक फॉर द वर्ल्ड, डिजिटल सुरक्षा का दिया संदेश
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 115वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। CM Bhajanlal Sharma ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का श्रवण किया। इस दौरान राज्यसभा सांसद श्री मदन राठौड़ भी उपस्थित रहे।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश ने बीते वर्षों में महान नायक-नायिकाओं की जन्म जयन्ती को नई ऊर्जा से मनाकर, नई पीढ़ी को नई प्रेरणा दी है। इसी कड़ी में देश की एकता का विजन साझा करने वाले सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती मनाने का निश्चय किया है। 31 अक्टूबर से सरदार पटेल का 150वीं जन्म जयंती का वर्ष एवं 15 नवंबर से भगवान बिरसा मुंडा का 150वीं जयंती का वर्ष शुरू होगा। उन्होंने इस उत्सव को भारत की अनेकता में एकता का उत्सव बनाने का आह्वान किया।‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड एवं डिजीटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण ‘रुको-सोचो-एक्शन’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है तथा डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के खिलाफ जांच एजेंसियां राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र की स्थापना की गई है। साथ ही, साइबर स्कैम की रोकथाम के लिए लोगों का जागरूक होना भी आवश्यक है।प्रधानमंत्री ने पेरू में भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य के प्रशिक्षण का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति लगातार विश्व को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। आज दुनिया भर के लोग भारत को जानना चाहते हैं, भारत के लोगों को जानना चाहते हैं। उन्होंने देशवासियों से आस-पास ऐसी सांस्कृतिक पहल को साझा करने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की बदौलत आत्मनिर्भरता हमारी पॉलिसी के साथ ही हमारे पैशन का भी हिस्सा बन गया है। आत्मनिर्भर हो रहा भारत, हर क्षेत्र में कमाल कर रहा है। ये नया भारत है, जहां ‘मेक इन इंडिया’ अब ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ बन गया है। हमें न सिर्फ भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि अपने देश को इनोवेशन के ग्लोबल पॉवर हाउस के रूप में मजबूत भी करना है। उन्होंने देशवासियों को धनतेरस, दीवाली, छठ पूजा, गुरु नानक जयंती और सभी पर्वों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान ‘वोकल फोर लोकल’ के साथ स्थानीय दुकानदारों से खरीददारी करें।इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम हमेशा ही प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक व सकारात्मकता को बढ़ावा देने वाला होता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि त्योहारों के दौरान ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ से जुड़ें और ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पादों को अपनाएं।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
प्रमुख शासन सचिव Gayatri Rathod सहित अन्य अधिकारियों ने किया विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण
Gayatri Rathod: स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए नवाचार, करौली जिले से शुरू हुआ स्टेट रिव्यू मिशन
- स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा कर दिए दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण, सुचारू संचालन एवं स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट रिव्यू मिशन के रूप में नवाचार किया है। इसके तहत प्रदेशभर में जिलावार निरीक्षण एवं समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ के निर्देशन में इस स्टेट रिव्यू मिशन की शुरूआत गुरूवार को करौली जिले से की गई। इससे पहले ही मुख्यालय से अधिकारियों की 9 टीमें 22 अक्टूबर को करौली पहुंची और वहां 3 दिन में सभी ब्लॉक्स को कवर करते हुए 21 चिकित्सा संस्थानों और कई घरों में जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इन टीमों ने जिला मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने करौली मेडिकल कॉलेज में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य मानकों में सुधार करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, टीबी मुक्ति, साफ-सफाई सहित अन्य पैरामीटर्स पर शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचे और आमजन को जांच, उपचार आदि में किसी तरह की कठिनाई नहीं हो।शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें
श्रीमती राठौड़ ने कहा कि करौली जिले में संस्थागत प्रसव व टीकाकरण के लिए आमजन में और अधिक जागरूकता पैदा की जाए। उन्होंने जिले के विभिन्न ब्लॉक्स में मेटरनल, चाइल्ड हैल्थ एण्ड न्यूट्रीशन डे के तहत आयोजित गतिविधियों में और सुधार कर निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के सभी एफआरयू को जल्द से जल्द क्रियाशील किया जाए। उन्होंने विभिन्न पैरामीटर्स को बेहतर बनाते हुए अधिक से अधिक चिकित्सा संस्थानों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्कीम के तहत प्रमाणीकरण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ई-उपकरण पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेशन किया जाए, ताकि खराब जांच मशीनों का तत्काल मेंटीनेंस सुनिश्चित हो। उन्होंने जिला अस्पताल में उपलब्ध जांच मशीनों को तुरंत प्रभाव से क्रियाशील करने के भी निर्देश दिए।दूरस्थ क्षेत्रों तक मिले योजनाओं का पूरा लाभ
श्रीमती राठौड़ ने वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किए गए रामाश्रय वार्डों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मा-वाउचर योजना महत्वपूर्ण कदम है। पिछडे़ एवं दूरस्थ क्षेत्रों में इसकी प्रभावी क्रियान्विति करें।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना आमजन को इलाज के खर्च से चिंतामुक्त करने की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल है। सुनिश्चित करें कि अधिकाधिक पात्र लोग योजना में पंजीकृत हों और उन्हें योजना के तहत पूरा लाभ सुगमता से मिले। श्रीमती राठौड़ ने अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट का गाइडलाइन के अनुसार निस्तारण करने तथा बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण, उपकरणों के उपयोग एवं अन्य गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण व क्षमता संवर्धन करने के भी निर्देश दिए।सिलिकोसिस से बचाव के लिए अपनाएं सुरक्षात्मक उपाय
दौसा एवं करौली जिले में सिलिकोसिस की गंभीर समस्या के दृष्टिगत उन्होंने सुरक्षात्मक उपायों, स्क्रीनिंग आदि पर विशेष फोकस करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस सर्टिफिकेट जारी करने में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। साथ ही, पीड़ितों को सिलिकोसिस नीति के तहत उपचार एवं आर्थिक मदद समय पर उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने गैर संक्रामक रोगों से बचाव व उपचार के लिए सीएचओ के माध्यम से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने के लिए स्क्रीनिंग के काम को प्राथमिकता दी जाए।साफ-सफाई पर दें विशेष ध्यान
निरीक्षण के दौरान करौली जिले के ज्यादातर चिकित्सा संस्थानों में साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी मिलने, पर्याप्त मानव संसाधन, जांच एवं दवाओं की समुचित उपलब्धता होने पर प्रमुख शासन सचिव ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सा संस्थानों में इन सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है, वहां तत्काल जरूरी कदम उठाएं। चेक लिस्ट बनाकर नियमित निरीक्षण किया जाए और साफ-सफाई एवं जांच व उपचार की व्यवस्थाओं को पुख्ता रखा जाए। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर, चिकित्सा संस्थानों के भवनों की स्थिति, एंबुलेंस, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना, कार्मिकों को वेतन या मानदेय के भुगतान आदि की भी समीक्षा की।बैठक में आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि, निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत राणावत सहित अन्य अधिकारियों ने करौली जिले में उनके द्वारा किए गए निरीक्षणों में सामने आई कमियों एवं सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने के बारे में अवगत कराया। जिला कलेक्टर श्री नीलाभ सक्सेना ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश मीणा ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति से अवगत कराया। विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी अधिकारियों ने करौली जिले में इन कार्यक्रमों के संचालन एवं प्रगति की जानकारी दी।यूनीसेफ के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि विगत दो दिनों में चिकित्सकों एवं अन्य अधिकारियों की टीमों ने जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का गहनता के साथ निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों एवं अन्य आवश्यकताओं का विस्तृत डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसके आधार पर स्वास्थ्य मानकों को बेहतर किया जाएगा।यहां किया निरीक्षण
बैठक से पहले प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने गंगापुर सिटी के खेड़ली में उप स्वास्थ्य केंद्र, अमरगढ़ चौकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने हिण्डौन में जिला अस्पताल एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।इसी प्रकार निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान ने गंगापुर सिटी जिले के मेहंदीपुर बालाजी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा करौली के श्री महावीरजी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। निदेशक आरसीएच श्री सुनीत सिंह राणावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़गांव व प्रोजेक्ट डायरेक्टर मेटरनल हैल्थ डॉ. तरूण चौधरी ने शिवराज सिंह राजकीय सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण किया। अन्य अधिकारियों ने भी जिले में विभिन्न ब्लॉक्स के चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया।बैठक में परियोजना निदेशक एनएचएम श्रीमती तूलिका सैनी, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्री महिपाल सिंह, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार, करौली मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरसी मीणा, एसपीएम डॉ. लोकेश चतुर्वेदी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री हेमराज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शिवचरण मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गुमनाराम, पीएमओ डॉ. रामकेश मीणा सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा करौली के जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
Haribhau Bagade: ‘टेक-कनेक्ट 2024’ आयोजित, राजस्थान का समावेशी विकास हम सभी का दायित्व
Haribhau Bagade: प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए कार्य हो
राज्यपाल Haribhau Bagade ने प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने ‘टेक कनेक्ट 2024’ को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतर्गत उपलब्ध स्थानीय संपदा और मानव संपदा का प्रभावी उपयोग करने की रणनीति पर कार्य किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों, उद्योग जगत और प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थानों को मिलकर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का समावेशी विकास भी हम सभी का दायित्व है।राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे गुरूवार को पूर्णिमा कॉलेज में ‘टेक—कनेक्ट2024’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का है। देश में प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा के समावेश से ऐसे तंत्र की स्थापना की जाए जिससे सतत और स्थाई विकास के लिए कार्य हो सके। उन्होंने राजस्थान के युवाओं को प्रौद्योगिकी और शिक्षा के बीच की खाई को पाटकर राज्य में कृषि, खाद्य और पोषण, पशु चिकित्सा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र आदि के लिए प्रभावी कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई।राज्यपाल ने राइजिंग राजस्थान के जरिए विभिन क्षेत्रों में निवेश पहल की भी सराहना की। उन्होंने समावेशी विकास के लिए सभी के योगदान का आह्वान किया।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा
Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संस्कृति विकसित हो, नैक रैंकिंग के लिए सभी प्रयास करें
Haribhau Bagade ने गुरुवार को राजभवन मे प्रदेश के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर आयोजित कार्यशाला में विश्वविद्यालयों का रोस्टर बनाने, कॉलेजों की भी नैक रैंकिग के लिए तैयारी करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम इस तरह से तैयार करने पर जोर दिया जिससे विद्यार्थी नौकरी करने के लिए नहीं बल्कि नौकरी देने वालों के रूप में तैयार हो सकें।उन्होंने राज्य के सभी वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की आवश्यक रूप से नेक रैंकिंग करवाने और इसके लिए अब तक की गई तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति विकसित करने के लिए नैक रैंकिंग जरूरी है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों को पाठ्यचर्या को बेहतर बनाने, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन व्यवस्था सुदृढ़ करने, अनुसंधान और नवाचारों को अपनाते हुए संस्थागत रूप में श्रेष्ठ प्रथाएं अपने यहां विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नैक रैंकिंग से विश्वविद्यालयों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, वे सक्रिय और जीवंत हो सकेंगे तथा इससे उन्हें विभिन्न एजेंसियों से समुचित आर्थिक सहायता समय पर मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च शिक्षा में अग्रणी बने, इसके लिए सभी विश्वविद्यालय नैक रैकिंग की आवश्यक तैयारियां और समय पर इस संबंध में आवेदन प्रस्तुत करें।राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने नैक रैंकिंग के लिए विश्वविद्यालयवार ऑनलाइन व ऑफलाइन डाक्यूमेंटेशन की प्रगति की भी समीक्षा की तथा शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि, विश्वविद्यालय में मौलिक शोध और पेटेंट आदि के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भी ऐसे पाठ्यक्रम और नवाचार अपनाने पर जोर दिया जिससे भारत विश्व भर में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में तेजी से अपना महती स्थान बना सके। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रयास करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाए कि राजस्थान ‘विकसित भारत’ के संकल्प को शिक्षा के जरिए पूरा करने में देशभर में अग्रणी बनें।कार्यशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की नैक रैंकिंग के लिए मुख्य बिन्दुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर कुलपतियों का विमर्श भी हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विकास और कार्यप्रणाली को सुदृढ किए जाने संबंधित सुझाव दिए। इस दौरान विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और नई शिक्षा नीति से जुड़े विषयों पर भी विषद् चर्चा हुई।राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने आरंभ में विश्वविद्यालयों में नैक रैंकिंग से होने वाले फायदों और इसके लिए अपनाई जाने वाली त्वरित कार्यप्रणाली के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कार्यशाला में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने राज्य सरकार स्तर पर उच्च शिक्षा में नवाचार और अन्य किए जा रहे विशेष कार्यों के बारे में जानकारी दी। प्रमुख सचिव श्री भवानी सिंह देथा ने राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में प्रदेश के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी और कॉलेज शिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने भी भाग लिया।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
Vasudev Devnani पहुँचे एस.एम.एस अस्पताल, दुर्घटना में घायल हुए लोगों के जाने हाल
Vasudev Devnani —परिजनों को दिलाई हिम्मत, चिकित्सा व्यवस्था की ली जानकारी
राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani ने बुधवार को एस.एम.एस अस्पताल के बांगड और ट्रोमा सेन्टर में पहुँचकर घायल लोगों के स्वास्थ्य और चिकित्सीय उपचार की जानकारी ली।श्री वासुदेव देवनानी को अजमेर के घायल लोगों ने बताया कि अजमेर के 40 लोगों का एक दल आध्यात्मिक यात्रा के लिए बस से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। कोटपूतली के समीप एक ट्रोले ने टक्कर से उनकी बस को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया। बस में सवार लोगों ने श्री देवनानी को बताया कि इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, दो यात्रियों की हालत खराब है और 35 यात्री घायल हुए है। ये सभी यात्री अजमेर के निवासी है।श्री देवनानी को दुर्घटना की जानकारी मिलने पर तुरन्त एस.एम.एस अस्पताल पहुँचे। श्री देवनानी ने वहां ईलाज ले रहे सभी घायलों के पास जाकर उनके स्वास्थ्य और उपचार की जानकारी ली। उपचार कर रहे चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दिए। श्री देवनानी ने घायल लोगों और उनके परिजनों को हिम्मत दिलाई। श्री देवनानी गहन चिकित्सा ईकाई में उपचार ले रहे गम्भीर रूप से घायल दो लोगों के पास भी गए और उनके पूरी तरह से देखभाल व चिकित्सा के लिए अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
District Collector Suman Panwar: राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेन्ट समिट-2024, 1 हजार 400 करोड़ रुपये के निवेश करारों पर बनी सहमति
अतिरिक्त जिला कलक्टर Suman Panwar ने किया उद्योगपतियों एवं निवेशकों के साथ किया संवाद
जयपुर, जयपुर ग्रामीण एवं दूदू जिलों की जिला स्तरीय इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 8 नवंबर 2024 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में किया जाएगा। मीट के सफल आयोजन के लिए संपूर्ण जिले के उद्यमियों से संपर्क किया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती सुमन पंवार ने 22-गोदाम एवं सुदर्शनपुरा औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों एवं निवेशकों से संवाद किया।बैठक में औद्योगिक क्षेत्र के समस्याओं के निराकरण के लिए औद्योगिक संघ द्वारा ज्ञापन दिया गया। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आश्वासन दिया गया की, इन्हें उचित फोरम के माध्यम से निदान कराने के प्रयास किए जायेंगे। बैठक में लघु उद्योग भारती से श्रीमती अंजु सिंह, श्रीमती सुनीता शर्मा, श्री अनिल खुराना तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने सभी को राइजिंग राजस्थान इंवेस्टर मीट में होने वाले एमएसएमई कॉन्क्लेव की जानकारी दी। बैठक में जयपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विमल सारड़ा द्वारा 1400 करोड़ के एमओयू निष्पादित करने की सहमति बनी।रीको से श्री आर. के. रोहिल्ला द्वारा रीको के नए औद्योगिक क्षेत्र कुंजबिहारीपुरा, थोलाई, मातासूला, इत्यादि की जानकारी प्रदान की। महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, जयपुर (शहर) श्रीमती शिल्पी आर. पुरोहित द्वारा राज्य सरकार की योजनाओं एवं ओडीओपी की जानकारी दी। बैठक में सचिव श्री राकेश शर्मा द्वारा धन्यवाद देते हुए एमओयू निष्पादन के लिए कहा की 1400 करोड़ तो शुरुआत है, वे राज्य सरकार को निवेश आकर्षित करने के लिए इससे कई गुना निवेश बाबत् प्रयास करेंगे।source: http://dipr.rajasthan.gov.in