Tag: रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ

  • रक्षा राज्य मंत्री Shri Sanjay Seth ने एनसीसी के राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन किया

    रक्षा राज्य मंत्री Shri Sanjay Seth ने एनसीसी के राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन किया

    मंत्री Shri Sanjay Seth ने राज्य सरकारों से एनसीसी के विस्तार में सहयोग का आग्रह किया

    रक्षा राज्य मंत्री Shri Sanjay Seth ने आज 23 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशक (जेएस आरएंडए/डी) सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे यह संगठन अनुशासित, जिम्मेदार और प्रेरित युवा नागरिकों को तैयार करने में मदद करता है और इसके साथ ही जीवन के विभिन्न पहलुओं में नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देता है।

    स्वच्छ भारत अभियान, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल जागरूकता और पारंपरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ सामाजिक कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जैसे राष्ट्रीय पहलों में एनसीसी की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने राज्य सरकारों से अपने क्षेत्रों में एनसीसी की उपस्थिति के विस्तार और वृद्धि में सहयोग करने के लिए जरूरी जनशक्ति, वित्त पोषण और बुनियादी ढांचा प्रदान करने में अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने का आग्रह किया।

    रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने हाल ही में एनसीसी कैडेट रिक्तियों को तीन लाख तक बढ़ाने के लिए एक विस्तार योजना को मंजूरी दी है, जिससे आने वाले वर्षों में कुल संख्या 17 लाख से बढ़कर 20 लाख हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विस्तार में पूर्व सैनिकों को एनसीसी प्रशिक्षकों के रूप में शामिल किया जाएगा, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने में अपने कौशल और अनुभव का उपयोग करेंगे और इससे पूर्व सैनिकों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

    राष्ट्रीय कैडेट कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट गुरबीरपाल सिंह ने पिछले दो वर्षों में एनसीसी की प्रगति और उपलब्धियों के साथ-साथ इसमें भविष्य के विस्तार की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों को सभी राज्यों के विभिन्न हिस्सों में अच्छी तरह से सुसज्जित प्रशिक्षण और शिविर बुनियादी ढांचे की स्थापना से अवगत कराया ताकि कैडेटों के लिए उच्च स्तर का प्रोत्साहन और प्रेरणा सुनिश्चित की जा सके।

    संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशक (जेएस आरएंडए/डी) सम्मेलन एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है जिसमें शिक्षा मंत्री, युवा एवं खेल मंत्री तथा अपने-अपने राज्यों में एनसीसी कार्य को संभालने वाले विभागों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग लेते हैं। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा डीजीएनसीसी, सभी राज्यों के एनसीसी प्रमुख तथा डीजीएनसीसी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। नीतियों, वित्त, प्रशासनिक तथा अन्य पहलुओं के संदर्भ में एनसीसी गतिविधियों का संचालन केंद्र तथा राज्य सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी है। इसलिए यह सम्मेलन पूरे देश में एनसीसी गतिविधियों की योजना बनाने, उन्हें लागू करने तथा उनके बीच समन्वय करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

    source: http://pib.gov.in

  • Defence Minister Shri Rajnath Singh ने नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह में भाग लिया

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह में भाग लिया

    Defence Minister Shri Rajnath Singh (रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह) News:

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने सशस्त्र बल मुख्यालय (एएफएचक्यू) नागरिक सेवाओं के कर्मियों से रक्षा मंत्रालय (एमओडी) में किए जा रहे कुशल नीति निर्माण और सुधारों के कार्यान्वयन हेतु आज के तेजी से बदलते समय में अपने कौशल को उन्नत करने का आह्वान किया है। वह 01 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    नागरिक सेवाओं को शासन का स्टील फ्रेम बताते हुए, Defence Minister Shri Rajnath Singh ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयासों और सैनिकों के कल्याण में किये जाने वाले योगदानों सहित विभिन्न जारी कार्यों को आगे बढ़ाने में एएफएचक्यू कर्मियों के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की। Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कहा, “आप सशस्त्र बलों और बाकी नागरिक सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। बेहतर दक्षता के लिए अपनी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कहा कि तीनों सेनाएं रक्षा मंत्रालय के कामकाज का एक बड़ा हिस्सा हैं और एएफएचक्यू कैडर यह सुनिश्चित करता है कि ‘समूह-सोच’ की संभावना, जिसके परिणामस्वरूप खराब निर्णय लिए जाने की आशंका होती है, नीति निर्माण के क्रम में नकार दी जायें। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों के दौरान रक्षा मंत्रालय में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हमारी उपलब्धियों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। यह टीम वर्क के कारण संभव हुआ है। सशस्त्र बलों और नागरिक सेवाओं को बेहतर परिणाम के लिए कमांड मुख्यालय एवं सेवा मुख्यालय से लेकर मंत्रालय स्तर तक मिलकर काम करना चाहिए। रक्षा मंत्रालय में एएफएचक्यू नागरिक सेवा के अधिकारियों को प्रमुख भूमिकाओं में शामिल करने से निर्णय की गुणवत्ता बेहतर होगी।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने रक्षा विभाग से एएफएचक्यू नागरिक सेवा के कर्मियों की करियर में बेहतर प्रगति की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे उनकी क्षमताएं बढ़ेंगी, उनके करियर में प्रगति बेहतर होगी और ये कर्मी हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुए सशस्त्र  बलों को बेहतर सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे। बेहतर कैरियर प्रगति सुनिश्चित करने से एएफएचक्यू नागरिक सेवा की ओर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं भी आकर्षित होंगी।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कर्मियों से ईमानदारी, अनुशासन और एकरूपता के मूल मूल्यों पर ध्यान देने का आह्वान किया। उनका विचार था कि हर व्यक्ति सम्मान का हकदार है, चाहे उसकी हैसियत या पद कुछ भी हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अहंकार को त्यागना चाहिए और कर्मियों को एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने एक-दूसरे से सीखने का आह्वान किया, जिससे कठिन कार्य को भी पूरा करना आसान हो जाता है।

    इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री श्री संजय सेठ; थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी; नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी; वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी; सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा; रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    एएफएचक्यू दिवस हर साल 1 अगस्त को उन कर्मियों की भूमिका को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है जो मुख्य रूप से तीन एकीकृत सेना मुख्यालयों; एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के 24 अंतर-सेवा संगठनों में सैन्य कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। इसका उद्देश्य एएफएचक्यू कैडरों के उन नागरिक कर्मचारियों की समूह भावना को बढ़ावा देना है, जो शांति एवं युद्ध, दोनों काल के दौरान सेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक सेतु की भूमिका निभाते हैं।

    एएफएचक्यू कैडर की नींव 01 अगस्त, 1942 को मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के नियंत्रण में रक्षा मंत्रालय एवं वित्त (रक्षा) के विभिन्न सेवा मुख्यालयों व सचिवालय के तहत अलग-अलग संस्थाओं के रूप में तत्कालीन समय में विकेन्द्रीकृत नागरिक पदों/कैडर संचालन को व्यवस्थित करके रखी गई थी।

    source: https://pib.gov.in/


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/jcaxzbah/hindinewslive.in/wp-includes/functions.php on line 5464