Tag: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह

  • Defence Minister Shri Rajnath Singh ने नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह में भाग लिया

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह में भाग लिया

    Defence Minister Shri Rajnath Singh (रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह) News:

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने सशस्त्र बल मुख्यालय (एएफएचक्यू) नागरिक सेवाओं के कर्मियों से रक्षा मंत्रालय (एमओडी) में किए जा रहे कुशल नीति निर्माण और सुधारों के कार्यान्वयन हेतु आज के तेजी से बदलते समय में अपने कौशल को उन्नत करने का आह्वान किया है। वह 01 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    नागरिक सेवाओं को शासन का स्टील फ्रेम बताते हुए, Defence Minister Shri Rajnath Singh ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयासों और सैनिकों के कल्याण में किये जाने वाले योगदानों सहित विभिन्न जारी कार्यों को आगे बढ़ाने में एएफएचक्यू कर्मियों के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की। Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कहा, “आप सशस्त्र बलों और बाकी नागरिक सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। बेहतर दक्षता के लिए अपनी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कहा कि तीनों सेनाएं रक्षा मंत्रालय के कामकाज का एक बड़ा हिस्सा हैं और एएफएचक्यू कैडर यह सुनिश्चित करता है कि ‘समूह-सोच’ की संभावना, जिसके परिणामस्वरूप खराब निर्णय लिए जाने की आशंका होती है, नीति निर्माण के क्रम में नकार दी जायें। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों के दौरान रक्षा मंत्रालय में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हमारी उपलब्धियों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। यह टीम वर्क के कारण संभव हुआ है। सशस्त्र बलों और नागरिक सेवाओं को बेहतर परिणाम के लिए कमांड मुख्यालय एवं सेवा मुख्यालय से लेकर मंत्रालय स्तर तक मिलकर काम करना चाहिए। रक्षा मंत्रालय में एएफएचक्यू नागरिक सेवा के अधिकारियों को प्रमुख भूमिकाओं में शामिल करने से निर्णय की गुणवत्ता बेहतर होगी।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने रक्षा विभाग से एएफएचक्यू नागरिक सेवा के कर्मियों की करियर में बेहतर प्रगति की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे उनकी क्षमताएं बढ़ेंगी, उनके करियर में प्रगति बेहतर होगी और ये कर्मी हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुए सशस्त्र  बलों को बेहतर सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे। बेहतर कैरियर प्रगति सुनिश्चित करने से एएफएचक्यू नागरिक सेवा की ओर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं भी आकर्षित होंगी।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कर्मियों से ईमानदारी, अनुशासन और एकरूपता के मूल मूल्यों पर ध्यान देने का आह्वान किया। उनका विचार था कि हर व्यक्ति सम्मान का हकदार है, चाहे उसकी हैसियत या पद कुछ भी हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अहंकार को त्यागना चाहिए और कर्मियों को एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने एक-दूसरे से सीखने का आह्वान किया, जिससे कठिन कार्य को भी पूरा करना आसान हो जाता है।

    इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री श्री संजय सेठ; थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी; नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी; वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी; सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा; रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    एएफएचक्यू दिवस हर साल 1 अगस्त को उन कर्मियों की भूमिका को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है जो मुख्य रूप से तीन एकीकृत सेना मुख्यालयों; एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के 24 अंतर-सेवा संगठनों में सैन्य कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। इसका उद्देश्य एएफएचक्यू कैडरों के उन नागरिक कर्मचारियों की समूह भावना को बढ़ावा देना है, जो शांति एवं युद्ध, दोनों काल के दौरान सेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक सेतु की भूमिका निभाते हैं।

    एएफएचक्यू कैडर की नींव 01 अगस्त, 1942 को मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के नियंत्रण में रक्षा मंत्रालय एवं वित्त (रक्षा) के विभिन्न सेवा मुख्यालयों व सचिवालय के तहत अलग-अलग संस्थाओं के रूप में तत्कालीन समय में विकेन्द्रीकृत नागरिक पदों/कैडर संचालन को व्यवस्थित करके रखी गई थी।

    source: https://pib.gov.in/

  • DRDO ने दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

    DRDO ने दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

    DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) News:

    DRDO ने 24 जुलाई, 2024 को चरण- II बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस लक्ष्य मिसाइल को एलसी-IV धामरा से शाम 1620 बजे प्रतिद्वंद्वी बैलिस्टिक मिसाइल की नकल करते हुए लॉन्च किया गया था, जिसे भूमि और समुद्र पर तैनात हथियार प्रणाली रडार द्वारा पता लगाया गया था और एडी इंटरसेप्टर प्रणाली को सक्रिय किया गया।

    चरण- II एडी एंडो-वायुमंडलीय मिसाइल को आईटीआर, चांदीपुर में एलसी-III से शाम 1624 बजे लॉन्च किया गया था। उड़ान परीक्षण ने लंबी दूरी के सेंसर, कम विलंबता संचार प्रणाली एवं एमसीसी और एडवांस इंटरसेप्टर मिसाइलों से युक्त संपूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध हथियार प्रणाली को मान्य करते हुए सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरी तरह से पूरा किया।

    इस परीक्षण ने 5000 किलोमीटर श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए राष्ट्र की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन किया है। इस मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा से की गई थी।

    चरण- II एडी एंडो-वायुमंडलीय मिसाइल एक स्वदेशी रूप से विकसित दो चरण की ठोस चालित जमीन से प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य एंडो से कम बाहरी-वायुमंडलीय क्षेत्रों की ऊंचाई ब्रैकेट में कई प्रकार के दुश्मन बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को बेअसर करना है। मिसाइल प्रणाली में विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों को शामिल किया गया है।

    रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज के सफल उड़ान परीक्षण के लिए DRDO की सराहना की और कहा कि DRDO ने फिर से बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया है।

    DRDO के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने आज के सफल उड़ान परीक्षण में उनके अथक प्रयास और योगदान के लिए पूरी DRDO टीम को बधाई दी।

    source: https://pib.gov.in/


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/jcaxzbah/hindinewslive.in/wp-includes/functions.php on line 5464