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  • CM Dhami ने हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, गढ़ी कैण्ट में “विश्व मानक दिवस“ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

    CM Dhami ने हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, गढ़ी कैण्ट में “विश्व मानक दिवस“ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

    “विश्व मानक दिवस” इस अवसर पर CM Dhami ने विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया

    CM Dhami ने सोमवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, गढ़ी कैण्ट में “विश्व मानक दिवस“ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि आज हम एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे हैं, जो हमारे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बनाने के साथसाथ भारतीय उत्पादों को वैश्विक मानचित्र पर शीर्ष स्थान प्रदान कराने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोई भी मानक केवल तकनीकी दिशानिर्देश या मापदंड नहीं होते, बल्कि वे हमारे देश के विकास और आत्म निर्भरता की बुनियाद होते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक हमारे उद्योगों, व्यापार और सेवाओं के प्रमाणीकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल हमारे कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को भी किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाल के वर्षों में मानकों के इकोसिस्टम का व्यापक विस्तार हुआ है, जो अब कृषि, सड़क परिवहन, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं सहित लगभग सभी क्षेत्रों को समाहित करता है। सभी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता के मानक लागू हों, जिससे हमारे जीवनस्तर में सुधार हो और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल सके। मानक ये सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल सके और उनकी विश्वसनीयता बढ़े।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर भारत“ का सपना साकार हो रहा है और इसमें भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानकों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब हम अपने उत्पादों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करते हैं, तो हम न केवल उनकी गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, बल्कि अपने उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भी सशक्त आधार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि भारतीय उत्पाद अपनी गुणवत्ता, नवाचार और विश्वसनीयता के लिए पूरे विश्व में एक मिसाल स्थापित करें। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 22 हजार से अधिक मानक निर्धारित किए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध एक सुंदर प्रदेश होने के साथसाथ औद्योगिक और कृषि विकास में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए हमारे राज्य में मानकों का पालन करने की अत्यधिक आवश्यकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने पारंपरिक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पाद, औषधीय जड़ीबूटियाँ और अन्य स्थानीय उत्पादों के लिए भी उच्च मानक स्थापित करें। इससे हमारे उत्पादों की पहचान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हमारी ब्रांडिंग मजबूत होगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने “हाउस ऑफ हिमालयाज“ नाम से अम्ब्रेला ब्रांड की स्थापना की है, जो हमारे स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों से अपेक्षा की कि इन ब्रांड के मानकों का भी मापन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के विश्व मानक दिवस की थीम एसडीजी9 है, जो उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे से संबंधित है।

    मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के विभिन्न विभागों पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए, यूपीसीएल और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय करते हुए, भारतीय मानक ब्यूरो ने इन सभी को मानकीकरण की दिशा में जागरूक और सशक्त किया है। यह पहल इन विभागों के कार्यों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगी। भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के दस हजार से अधिक स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब स्थापित किए हैं, जिनके माध्यम से बच्चों में मानकों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर तक मानकों के महत्व को पंहुचाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों की सराहना की।

    कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि जीवन के किसी भी कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए जीवन में मानक बनाने जरूरी हैं। इसी तरह भारतीय मानक ब्यूरो भी विभिन्नि वस्तुओं और उत्पादों के मानकों का निर्धारण करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो का मानकों के निर्धारण का महत्वपूर्ण कार्य है। इस अवसर पर सचिव एवं आयुक्त खाद्य श्री हरि चन्द्र सेमवाल, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं संयुक्त निदेशक भारतीय मानक ब्यूरो श्री श्याम कुमार उपस्थित थे।

    source: http://uttarainformation.gov.in

  • CM Dhami: उत्तराखंड के खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जाएगा।

    CM Dhami: उत्तराखंड के खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जाएगा।

    CM Dhami: भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पीटी उषा ने घोषणा की कि 38वें राष्ट्रीय खेल जनवरी में होंगे।

    CM Dhami की आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से मुलाकात के बाद से चल रहे थे और आज 9 अक्टूबर को भारतीय ओलंपिक संघ ने इसकी घोषणा की है। राष्ट्रीय खेलों के 38वें संस्करण का कार्यक्रम 25 अक्टूबर को आईओए की आम सभा में घोषित किया जाएगा।

    भारतीय ओलंपिक संघ ने उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन करने की घोषणा की है। गोवा में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए थे। 28 जनवरी 2025 से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल होंगे।

    उत्तराखंड ने मेजबानी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई

    IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने मीडिया से कहा कि वे उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों को आयोजित करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। उनका कहना था कि उत्तराखंड ही ऐसा राज्य है जिसका उत्साह और प्रतिबद्धता इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी के लिए उल्लेखनीय है। अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि ये खेल आयोजन देश भर से एथलीटों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देते हैं। साथ ही युवा खेलों में सफलता पाने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं। 38 खेलों वाले राष्ट्रिय खेल पर्टियोगोटा में 10,000 से अधिक एथलीटों, अधिकारियों और कोचों की उपस्थिति की उम्मीद है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम विश्वस्तरीय खेल अनुभव देने को प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड की विविध संस्कृति और आतिथ्य का प्रदर्शन करेंगे।

    CM धामी ने कहा कि श्रीमती पीटी उषा, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष, ने नई दिल्ली में मुलाकात की। पूर्व में प्रस्ताव पर आज की बैठक में सहर्ष स्वीकृति मिली कि उत्तराखंड में 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 के मध्य होंगे। इस समय, उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों के अलावा शीतकालीन राष्ट्रीय खेलों का भी आयोजन किया जाएगा। इन खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का हमारी सरकार बहुत उत्साहित है।

  • IOA President PT Usha: खुशी है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए तैयार और आश्वस्त हैं

    IOA President PT Usha: खुशी है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए तैयार और आश्वस्त हैं

    IOA President PT Usha

    भारतीय ओलंपिक संघ IOA President PT Usha ने बुधवार को दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के बाद 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए उत्तराखंड की क्षमता पर भरोसा जताया।

    पीटी उषा ने कहा, “मुझे खुशी है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय खेलों और शीतकालीन खेलों की मेजबानी के लिए अच्छे तरीके से तैयार और आश्वस्त हैं।

    38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक आयोजित किए जाएंगे। इसका पूरा कार्यक्रम 25 अक्टूबर 2024 को प्रस्तावित भारतीय ओलंपिक संघ की आम सभा की बैठक में जारी किया जाएगा। राष्ट्रीय खेलों के साथ-साथ उत्तराखंड में शीतकालीन राष्ट्रीय खेलों का भी आयोजन किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें 38वें राष्ट्रीय खेलों की जिम्मेदारी मिली है, जिसके लिए उन्होंने पंडित ऊषा का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर आने का निमंत्रण भी दिया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य में काफी बुनियादी ढांचा तैयार है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन किया जाएगा। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल आयोजित किए गए थे, उनके अनुभवों के आधार पर प्रदेश में खेलों को बेहतर तरीके से आयोजित करने का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेल अब तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हों।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में खेलों के लिए अच्छी व्यवस्था के साथ-साथ देशभर से आने वाले खिलाड़ियों और लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से यहां के लोगों का मनोबल और प्रोत्साहन भी बढ़ेगा। राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से उत्तराखंड को अच्छा मंच मिलेगा। हमारे इमर्जिंग प्लेयर्स को आगे बढ़ने का अच्छा मौका मिलेगा।

     


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