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  • CM Dr. Mohan Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रदेश के 2 जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का करेंगे लोकार्पण

    CM Dr. Mohan Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रदेश के 2 जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का करेंगे लोकार्पण

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बिहार के जमुई में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15 नवम्बर को बिहार के जमुई में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के 2 जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का वर्चुअली लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी छिंदवाड़ा के श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय एवं जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 अगस्त 2016 को देश के विभिन्न प्रदेशों में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित संग्रहालय के निर्माण की घोषणा की गई थी।

    श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय, छिंदवाड़ा

    छिंदवाड़ा शहर में स्थित श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय भवन का निर्माण 40 करोड़ 69 लाख रूपये की लागत से लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। यहां क्यूरेशन का कार्य जनजातीय कार्य विभाग के अधीन वन्या संस्थान द्वारा किया गया है। इसका निर्माण पुराने जनजातीय संग्रहालय की उपलब्ध भूमि पर ही किया गया है। यह स्थल पेंच-पचमढ़ी मार्ग पर स्थित है। संग्रहालय के आस-पास कई दर्शनीय तथा जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण स्थल भी हैं।

    नवीन जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय भवन में 6 गैलरी, एक कार्यशाला कक्ष तथा एक लाइब्रेरी के अलावा कार्यालय के लिये समुचित स्थान भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 800 दर्शकों की क्षमता वाले ओपन एयर थिएटर, शिल्प बाजार (शिल्पग्राम) एवं ट्राइबल कैफेटेरिया का निर्माण भी यहां किया गया है। इसी परिसर में स्थित पुराने जनजातीय संग्रहालय का नवीनीकरण भी किया गया है, जिसमें जनजातीय संस्कृति से संबंधित विभिन्न प्रादर्श रखे हुए हैं।

    नवीन जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय में प्रदेश के 9 मुख्य जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम तथा 16 जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का वर्णन एवं जीवंत चित्रण किया गया है। प्रथम गैलरी रानी दुर्गावती को समर्पित की गई है, जिसमें रानी दुर्गावती के जीवन, उनके शासन और उनके बाहरी आक्रमणकारियों से संघर्ष को प्रदर्शित किया गया है। ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेज सरकार द्वारा गोंड राज्यों को अपने अधीन लेने के खिलाफ गोंड राजाओं द्वारा किये गये संघर्ष का चित्रण गैलरी-2 में किया गया है।

    ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1927 में इंडियन फारेस्ट एक्ट लागू किया गया था, जिसके विरोध में जनजाति समाज द्वारा किये गये संघर्ष का चित्रण गैलरी-3 में “जंगल सत्याग्रह” के रूप में प्रदर्शित किया गया है। चौथी गैलरी में भील-भिलाला जनजाति, जो गोरिल्ला युद्ध में बेहद पारंगत थी उनका ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध किया गया संघर्ष चित्रित किया गया है। इस गैलरी में भीमा नायक, खाज्या नायक और टंट्या भील जैसे वीरों का संघर्ष चित्रित है। गैलरी-5 एवं 6 समय-समय पर पेंटिंग एवं फोटो एग्जीबिशन के लिए आरक्षित की गई हैं।

    राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय, जबलपुर

    अद्वितीय वीरता और अदम्य साहस के प्रतीक राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के सम्मान में राज्य सरकार और केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से वर्ष 2021 में जबलपुर में संग्रहालय का निर्माण किया गया। इसका नामकरण राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय किया गया है। एक एकड भूमि पर निर्मित इस संग्रहालय में 14 करोड़ 26 लाख रूपये की लागत से भारतीय सांस्कृतिक निधि (इनटेक, नई दिल्ली) द्वारा संग्रहालय भवन का जीर्णोद्वार एवं क्यूरेशन का कार्य किया गया है। यह संग्रहालय परिसर ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यहीं पर राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को उनके बलिदान से चार दिन पहले कैद करके रखा गया था। इस ऐतिहासिक महत्व की इमारत को पारम्परिक संरक्षण विधि से उसके मूल स्वरूप में पुन: र्निमित किया गया है, ताकि राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान का प्रतीक यह स्थल भावी पीढियों के लिए प्रेरणा और गर्व का स्थायी स्रोत बना रहे।

    संग्रहालय की पहली दीर्घा में गोंड जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है। दूसरी दीर्घा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले मध्यप्रदेश के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को समर्पित है। तीसरी दीर्घा को राजा शंकरशाह के दरबार हाल के रूप में प्रदर्शित किया गया है, जिसमें राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान की कहानी को फिल्म के जरिये प्रदर्शित किया गया है। राजा एवं कुंवर के बलिदान के बाद उनकी रानियों के एवं 52वीं रेजीमेंट के विद्रोह को अगली गैलरी में प्रदर्शित किया गया है। अंतिम गैलरी में थ्री-डी होलोग्राम के माध्यम से राजा एवं कुंवर को श्रृद्धांजलि दी गयी है। जिस परिसर में राजा एवं कुंवर को कैद करके रखा गया था, उस जेल भवन में उनकी प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं। जनजातीय समुदाय के लोग इस स्थल को पवित्र मानते हैं और नियमित रूप से यहां श्रृद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क

    CM Dr. Mohan Yadav: पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क

    CM Dr. Mohan Yadav: समान कार्य स्वरूप की संस्थाएं‍मिलकर करें कार्य

    • सायबर सुरक्षा का जिम्मा इलेक्ट्रानिक विकास निगम को देंगे
    • मुख्यमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि शासकीय विभाग जन-कल्याण के लिए ड्रोन तकनीक के अधिक उपयोग के लिए प्रयास बढ़ाएं। अवैध वृक्ष कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, सघन बस्तियों में पुलिस पेट्रोलिंग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाया जाए। वन क्षेत्रों में शिकार की घटनाएं भी ड्रोन तकनीक से ज्ञात कर अपराधियों को दंडित करने में उपयोग किया जाए। मैपकास्ट के साथ‍क्रिस्प और इस तरह की अन्य संस्थाएं समान स्वरूप की गतिविधियों का संयुक्त रूप से समन्वय पूर्वक संचालन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय कक्ष में हुई बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के महत्वपूर्ण कार्यों और संचालित प्रकल्पों से संबंधित निर्देश दिए।

    पीपीपी मोड पर बनें आईटी पार्क

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पीपीपी मोड से आईटी पार्क बनाए जाएं। इंदौर, उज्जैन और रीवा में इन संभावनाओं को साकार किया जाए। सभी आईटी प्रोजेक्ट्स के कार्यों की समय- सीमा तय कर कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों, फसलों की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नवीन टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग करने पर जोर दिया।

    आईआईटी इंदौर से जुड़े डोंगला वेधशाला

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन जिले की डोंगला वेधशाला को आईआईटी इंदौर के साथ कनेक्ट कर रिसर्च एवं डेवलपमेंट पाठ्यक्रम विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने उज्जैन प्लेनेटोरियम में टॉपर विद्यार्थियों का प्राथमिकता के आधार पर भ्रमण प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। शोधकर्ताओं के लिए वेधशाला की रिमोटली ऑपरेटेड सुविधा नई शिक्षा नीति के अनुरूप भी है।

    विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान का अध्ययन करवाने पर करें फोकस

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया जाए। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी वेधशालाओं का भ्रमण कर ज्ञान स्तर बढ़ाएं। प्रदेश में अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित अतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर युवाओं को जोड़ा जाए। इन क्षेत्र में पीएच.डी. के लिए भी छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाए। विद्यार्थियों को वर्तमान दौर से जोड़ने के लिए उनके बौद्धिक स्तर को बढ़ाना आवश्यक है। नव -वैज्ञानिक संवाद सत्र आयोजित किए जाएं। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष उज्जैन तारामंडल में 8 करोड़ की लागत से अपग्रेडेशन के कार्य हुए हैं। यहाँ थ्रीडी 4K प्रोजेक्शन सिस्टम लोकार्पित होने के बाद 400 से अधिक शो सम्पन्न हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में स्कूल- कॉलेज के विद्यार्थी रूचि लेकर पहुंच रहे हैं।

    उज्जैन विश्व समय मानक का केंद्र बने

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रीनविच टाइम्स को जिस तरह की मान्यता प्राप्त है, उस तरह उज्जैन के भौगोलिक महत्व और श्री जनार्दन नेगी जैसे वैज्ञानिकों के अनुसंधान के प्रकाश में विश्व स्तर पर उज्जैन को विशेष केंद्र के रूप में पहचान मिलना चाहिए। यहां दुनिया में अपनी तरह की प्रथम वैदिक घड़ी भी स्थापित की गई है। प्राचीन आचार्यों ने भी भौगोलिक गणना के अनुसार उज्जैन को शून्य रेखांश पर स्थित माना है। विश्व समय मानक ग्रीनविच से परिवर्तित होकर उज्जैन हो जाए, इस दिशा में बहुआयामी प्रयास होना चाहिए।

    शासकीय विभागों और सिंहस्थ-2028 के लिए एमपीएसईडीसी को देंगे जिम्मेदारी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी विभागों में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) के माध्यम से साइबर सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के लिए भी नगरीय प्रशासन विभाग के आईटी प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी एमपीएसईडीसी को दी जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) द्वारा अभी से प्लान बनाकर कार्य किया जाए।

    इंजीनियरिंग कॉलेजों का उच्च शिक्षा से हो समन्वय

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग सक्षम बने एवं विभिन्न प्रोजेक्ट की साइबर सुरक्षा के लिए भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6 पुराने शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को आईआईटी की तर्ज पर विकसित किया जाए। आवश्यकता अनुसार इंडस्ट्री की मदद कॉलेज को विकसित करने में ली जाए। प्रदेश में आ रहे नए उद्योगों में कौशल प्राप्त श्रमिक कार्य के लिए उपलब्ध हों, इस दिशा में भी प्रयास बढ़ाए जाएं। उन्होंने स्टेट डाटा सेंटर के लिए आवश्यकता के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि उद्योगों के लिए सभी विभागों का इंटीग्रेटेड सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप किया जाए। सभी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को आईटी डिपार्टमेंट से समन्वय स्थापित कर विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्च शिक्षा विभाग और क्रिस्प एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को आपस में समन्वय कर ग्रामीण प्रौद्योगिकी के लिए कार्य करने के लिए निर्देशित किया।

    बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने पीपीपी मोड पर प्रदेश में आईटी पार्क विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग की जरूरत बताते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स जैसी नवीन तकनीक का समावेश किया जाए। पुलिस विभाग में विभिन्न स्थानों का डाटा को इंटीग्रेटेड कर हीट मैप डेवलप करें, जिससे अपराध का विशलेषण किया जाए अपराधों में कमी लाई जा सके। मुख्य सचिव ने पीएम गति शक्ति पोर्टल का प्रभावी उपयोग करने पर भी जोर दिया। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्री संजय दुबे ने विभागीय कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का विभिन्न विभागों में उपयोग हो रहा है। प्रदेश में राजस्व, वन, नगरीय प्रशासन, रेरा, कृषि और उद्योग विभागों में ड्रोन टेक्नोलॉजी तकनीक विकसित करने के प्रोजेक्ट्स प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट्स की भी जानकारी दी।

    प्रदेश में आने वाले वर्ष की महत्वपूर्ण गतिविधियां

    मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक श्री अनिल कोठारी ने परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों, भविष्य की योजनाओं, प्रस्तावित गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। दिसम्बर माह में वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला डोंगला के ऑटोमेशन के सम्पन्न कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का भोपाल में 3 से 6 जनवरी 2025 तक आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के 1200 विद्यार्थी, विषय विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आदि शामिल होंगे। मध्यप्रदेश कारीगर विज्ञान सम्मेलन फरवरी 2025 में प्रस्तावित है। इसी तरह 19 से 21 मार्च तक विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव और 40 वाँ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी रहेगी। बैठक में बताया गया कि डॉ. वी. एस. वाकणकर लुमनेसन्स डेटिंग लेबोरेटरी में गैलरी विकसित की जा रही है, जो डॉ. वाकणकर के योगदान को दर्शाएगी। भू-पुरातत्वीय काल गणनाओं के लिए आधुनिक प्रयोग शाला के रूप में यह लेबोरेटरी पहचान बनाएगी। इस क्षेत्र में 10 लाख वर्ष तक की भू-पुरातत्वीय घटनाओं के काल निर्धारण में मदद मिलेगी। वर्तमान में पूर्व में प्रचलित पद्धतियों से दो लाख वर्ष तक पुरानी घटनाओं और नमूनों का काल निर्धारण होता है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा

    CM Dr. Mohan Yadav: पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा

    CM Dr. Mohan Yadav: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दुरूपयोग और सायबर क्राइम के खतरे से समाज को बचाने रहें तैयार

    • प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर किया जाए कॉल सेंटर स्थापित
    • नशे के नेटवर्क को धवस्त करें : संदिग्ध हुक्काबार एवं नाइट क्लब पर बढ़ाएं निगरानी
    • वन्य पशुओं की गतिविधियों के संबंध में वन विभाग से सम्पर्क में रहें पुलिस कर्मी
    • मुख्यमंत्री ने की गृह विभाग की समीक्षा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दुरूपयोग और सायबर क्राइम के खतरे से समाज को बचाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी की अद्यतन तकनीकों का उपयोग करते हुए प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित किया जाए। सायबर फ्रॉड और क्राइम से लोगों को बचाने के लिए सघन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस, सोशल मीडिया पर चलने वाली गतिविधियों और मैसेज आदि पर निगरानी रखें तथा भ्रामक, गलत खबर फैलाने वालों पर त्वरित कार्रवाई करें। कानून-व्यवस्था के साथ अन्य भ्रामक खबरों के बारे में संबंधित विभाग को तथ्यों की जाँच करने के लिए अवगत कराया जाए, जिससे वस्तुस्थिति की पुष्टि करते हुए सही जानकारी का सोशल मीडिया पर तत्काल प्रसार सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मंत्रालय में हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    गौ-तस्करों पर कठोर कार्यवाही की जाए

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सघन मॉनिटरिंग की जाए। थानावार नशे से संबंधित गतिविधियों वाले संभावित क्षेत्रों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाते हुए संदिग्ध व्यक्तियों पर कठोर कार्यवाही करें। संदिग्ध हुक्काबार, नाइट क्लब आदि पर भी निगरानी बढ़ाई जाए। नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों से समन्वय कर अंतर्राज्यीय गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाया जाए। साथ ही गौ-तस्करों पर भी कठोर कार्रवाई की जाए। बैठक में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास करने और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों को कठोरतम दंड दिलाना सुनिश्चित किया जाए। गुम हुई बालिकाओं की बरामदगी के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

    नवीन क्रिमिनल कोड के संबंध में जागरूकता और जांच के लिए करें आवश्यक व्यवस्था

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नवीन क्रिमिनल कोड के संबंध में जागरूकता के लिए मैदानी स्तर तक सघन प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। नवीन व्यवस्था अनुसार प्रत्येक प्रकरण की जांच और चालान प्रस्तुत करने आवश्यकतानुसार पेन ड्राइव, टेबलेट इत्यादि पुलिस स्टॉफ को उपलब्ध कराने विभागीय स्तर पर बजट प्रावधान किया जाए। प्रत्येक संभाग में एफएसएल लेब भी स्थापित की जाए।

    मार्च 2026 तक नक्सल गतिविधियों को पूर्णत: समाप्त किया जाए

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल विरोधी अभियान संबंधी बैठक में मार्च-2026 तक नक्सल गतिविधियों को पूर्णत: समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के संभावित नक्सल क्षेत्र में सघन ऑपरेशन चलाया जाए। इसके लिए निश्चित समय सीमा में आवश्यकतानुसार हॉक-फोर्स की भर्ती की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन जिलों में वन्य पशुओं की गतिविधियों से जन जीवन प्रभावित होने या जन हानि होने की संभावना है वहां वन विभाग से समन्वय और सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए पुलिस सक्रिय रहे।

    पुलिसकर्मी और अधिकारियों को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराना आवश्यक

    मुख्यमंत्री डॉ, यादव ने कहा कि बेहतर पुलिस व्यवस्था के लिए पुलिस की साख स्थापित करना और पुलिस कर्मी और अधिकारियों को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने पुलिस परिवारों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से संवेदनशीलता के साथ आवश्यक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिसकर्मी और अधिकारी को स्वयं का आवास निर्मित करने के लिये विभाग की ओर से दी जाने वाली अनुमति और ऋण व्यवस्था की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। पुलिस संरचना में प्रत्येक स्तर पर निश्चित समयावधि के बाद पदोन्नति की जाए। पुलिस की उपलब्धियों और प्रभावी कार्यवाहियों का प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए।

    सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों के स्थान पर भर्ती सुनिश्चित की जाए

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार पुलिस बल और वाहनों आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भर्ती और वाहनों की आपूर्ति संबंधी आगामी कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस अनुपात में पुलिस कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उस अनुपात में प्रतिवर्ष भर्ती की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में यदि अधिक पुलिस बल की आवश्यकता हो तो तदानुसार भर्ती की जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आगामी वर्षों में पुलिस कर्मी और विभिन्न पदक्रमों पर पर्याप्त बल उपलब्ध हो और प्रदेश में काडर मैनेजमेंट व्यवस्थित बना रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रेष्ठ कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय ‘रूस्तमजी’ पुरस्कार पुन: प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही एडीजी स्तर के अधिकारियों को नियमित रूप से संभाग स्तर पर दौरे और अपराधों की समीक्षा करने के लिए भी निर्देशित किया गया।

    पुलिस बैंड का पुलिस बल के उत्साह और कौशल पर होता है सकारात्मक प्रभाव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस बैंड का पुलिस बल के उत्साह और कौशल पर सकारात्मक प्रभाव होता है। पूर्व रियासतों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों में ऐतिहासिक रूप से पुलिस बैंड की परम्परा रही है। पुलिस बैंड के केडर को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य-योजना बनाई जाए। उन्होंने उज्जैन में महाकाल मंदिर क्षेत्र के प्रबंधन के लिए मंदिर क्षेत्र को समर्पित थाना स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav: उज्जैन में 12 नवम्बर को उप राष्ट्रपति करेंगे अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ

    • नर्मदापुरम में सात दिसंबर को होगी अगली रीजनल इंडस्ट्री समिट
    • हाथियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा
    • उमरिया-बांधवगढ़ क्षेत्र में स्थाई रूप से बसे हाथियों पर केंद्रित पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयास के रूप में राज्य शासन द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। अपनी संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता को प्रकट करते इस नवाचार की सभी ओर सराहना हुई। गौ-वंश के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने वाले इस पर्व से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उत्साहवर्धक रही है। उद्योगपतियों और निवेशको नें प्रदेश में गतिविधियों के संचालन में रुचि प्रदर्शित की है। रीवा में 31 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए और लगभग 28 हजार रोजगार के अवसर सृजित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अगली रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव आगामी 7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले हुए संबोधन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ मंत्रालय में आरंभ हुई।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नीमच, मंदसौर और सिवनी मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया गया। धन्वंतरि जयंती पर हुए कार्यक्रम में 512 आयुर्वेदिक चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश को मिली इन सौगातों ने धन्वंतरि जयंती को अविस्मरणीय बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 12 नवम्बर को अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करने के लिए पधार रहे हैं। उन्होंने मंत्रीगण को अपने विभाग के नवीन पदों संबंधी जानकारी अगले तीन दिन में लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जंगली जानवरों द्वारा जनहानि पर सहायता राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया गया है। हाथियों के दलों के आवागमन संबंधी पूर्व सूचना के आदान-प्रदान, आवश्यक सतर्कता और सावधानियां बरतने तथा उनके प्रबंधन के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत की गई है। प्रयास है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उमरिया और बांधवगढ़ के वन क्षेत्र में लगभग एक सौ से अधिक हाथी स्थाई रूप से बस गए हैं। उनके प्रबंधन के लिए हाथी मित्र योजना लागू करने, टास्क फोर्स बनाने सहित मानक परिचालन निर्देश लागू किए जाएंगे। राज्य शासन का प्रयास होगा कि जंगल आबाद रहे, उनमें हाथी विद्यमान रहें और कोई जनहानि ना हो। वन और वन्य जीव के क्षेत्र में प्रदेश की साख बेहतर हुई है, टाइगर और चीतों के संरक्षण में मध्यप्रदेश, देश में प्रथम है। प्रदेश में हाथियों पर केंद्रित पर्यटन संभावनाओं को तलाशते हुए गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट को उनके जन्मदिन पर बधाई दी।

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