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  • Haryana Chunav 2024:  महिलाओं को 2100 रुपये और 2 लाख सरकारी नौकरियां,  BJP ने जारी किया संकल्प पत्र

    Haryana Chunav 2024:  महिलाओं को 2100 रुपये और 2 लाख सरकारी नौकरियां,  BJP ने जारी किया संकल्प पत्र

    Haryana Chunav 2024

    भाजपा ने अब Haryana Chunav 2024 के लिए कांग्रेस के बाद अपना संकल्प पत्र जारी किया है। रोहतक में जेपी नड्डा, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ने संकल्प पत्र जारी किया है। रोहतक में आयोजित समारोह में कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी भी उपस्थित थे।

    संकल्प पत्र के अनुसार, भाजपा प्रदेश की सभी महिलाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये प्रति महीना देगी। इसके अलावा, 2 लाख लोगों को काम मिलेगा और हरियाणा के अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। भाजपा ने राज्य की जनता से 20 वादे किए हैं, जबकि कांग्रेस ने सिर्फ 7 किए हैं।

    भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादे

    • लाडो लक्ष्मी योजना के तहत सभी महिलाओं को मासिक ₹2,100
    • IMT खरखौदा का अनुसरण करते हुए दस औद्योगिक शहरों का निर्माण। उद्यमियों को प्रति शहर 50,000 स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए विशेष प्रोत्साहन।
    • चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलता है, और 70 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक बुजुर्ग को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलता है।
    • 24 फसलों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद
    • 2 लाख युवा लोगों को पक्की सरकारी नौकरी मिली।
    • 5 लाख युवा लोगों को रोजगार के अतिरिक्त अवसर और राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना से मासिक स्टाइपेंड।
    • 5 लाख घर दोनों शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में।
    • डायलिसिस और डायग्नोसिस दोनों सरकारी अस्पतालों में मुफ्त ।
    • हर जिले में ओलंपिक खेलों का मैदान
    • ₹500 में सिलेंडर, हर घर गृहणी योजना में शामिल ।
    • अव्वल बालिका योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज जाने वाली हर छात्रा को स्कूटर।
    • हर हरियाणवी अग्निवीर को सरकारी नौकरी की सुनिश्चितता।
    • भारत सरकार के सहयोग से केएमपी का ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाया गया है और नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत
    • भारत सरकार के सहयोग से फरीदाबाद से गुरुग्राम के बीच एक इंटरसिटी एक्सप्रेस मेट्रो सेवा शुरू
    • छोटे पिछड़े समाज की 36 बिरादरियों के लिए अलग-अलग कल्याण बोर्ड।
    • DA और पेंशनों को जोड़ने वाले साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर सभी सामाजिक मासिक पेंशनों में वृद्धि
    • हरियाणा के ओबीसी और एससी जातियों के विद्यार्थियों को भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल और इंजीनियरिंग पढ़ने का पूरा छात्रवृत्ति।
    • हरियाणा राज्य सरकार मुद्रा योजना के अलावा सभी ओबीसी वर्ग के उद्यमियों को 25 लाख रुपये तक का ऋण देगी।
    • हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाकर आधुनिक स्किल का प्रशिक्षण देंगे।
    • दक्षिण हरियाणा में अरावली जंगल सफारी पार्क, जो विश्व प्रसिद्ध है

    सभा में जेपी नड्डा ने क्या कहा?

    केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा की छवि 10 साल पहले पर्ची और पर्ची पर नौकरी वाली थी। 10 साल पहले हरियाणा में जमीन हड़पना, जमीन का उपयोग बदलना और किसानों से जमीन को लेना। जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1158 रुपये का फसल अनुदान दिया था। लेकिन भाजपा सरकार ने किसानों को 12 हजार करोड़ से अधिक का अनुदान दिया है। अब किसानों को फसलों के नुकसान पर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलता है, जबकि पहले 6 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलता था। हिसार में एयरपोर्ट बनाया गया है।

    2 लाख 26 हजार 237 लोगों ने घोषणापत्र पर सुझाव दिया

    भाजपा हरियाणा के संकल्प पत्र समति के अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने समारोह में कहा कि 2 लाख 26 हजार 237 लोगों ने घोषणा पत्र के लिए अपना मत दिया है। इसमें समाज के हर वर्ग से बातचीत की गई है। धनखड़ ने कहा कि संकल्प पत्र में हर वर्ग के लिए कुछ है और समाज का कोई हिस्सा अछूता नहीं है। उनका कहना था कि हमने हर जिले में जाकर लोगों के सुझावों को शामिल किया है। बजट को छोड़कर घोषणा नहीं करते। जबकि दूसरे दल झूठे वादे करके सत्ता हथियाते हैं। हम जो घोषणा करते हैं, वह करते हैं। वहीं, कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ये चुनावी घोषणा नहीं है और हम प्रदेश के लोगों की आकांक्षा पूरी कर रहे हैं। 2014 में हमने अपने घोषणा पत्र को पूरी तरह से लागू किया है, जिसमें 187 संकल्प लिए गए थे। इसी तरह, 2019 में 165 वायदे किए गए, जो सभी पूरे हुए।

  • CM Pushkhar Singh Dhami: इसमें कोई शक नहीं कि यहां कमल खिलेगा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सभा में भाग लिया

    CM Pushkhar Singh Dhami: इसमें कोई शक नहीं कि यहां कमल खिलेगा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सभा में भाग लिया

    CM Pushkhar Singh Dhami

    उत्तराखंड के CM Pushkhar Singh Dhami ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के खटुआ में जनसभाओं को संबोधित करते हुए क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार किया।
    माशेदी के छिंज मैदान में भाजपा उम्मीदवार जीवन लाल के लिए प्रचार करते हुए सीएम ने कहा, “यह क्षेत्र भी उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की तरह है। हाल ही में उत्तराखंड के 5 जवान इस क्षेत्र में भारत माता की सेवा में शहीद हो गए थे। क्षेत्र के लोग आगामी चुनाव में नया इतिहास रचकर कमल खिलेंगे। यहां के लोग जम्मू-कश्मीर का विकास चाहते हैं।

    विभिन्न विकास परियोजनाओं के निरंतर विस्तार के बारे में बात करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे राष्ट्रीय राजमार्गों, पुलों, अस्पतालों का उल्लेख किया।

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर में आतंकवादियों, जिहादियों और अलगाववादियों की बात होती थी। लेकिन आज चुनाव में विकास की बात की जा रही है। क्योंकि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सिर्फ विकास को आगे बढ़ाया है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेस-वे, चिनाब ब्रिज, एम्स, आईआईएम समेत कई परियोजनाओं का केंद्र सरकार द्वारा लगातार विस्तार किया जा रहा है।

    बानी में एक सार्वजनिक सभा के दौरान, सीएम ने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए जम्मू-कश्मीर में बढ़ते पर्यटन का उल्लेख किया।

    उन्होंने कहा, ‘एक तरफ मोदी जी की सुरक्षित और समृद्ध जम्मू कश्मीर के निर्माण की गारंटी है. दूसरी ओर कांग्रेस, पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियां अलगाववाद और अनुच्छेद 370 को वापस लाने के वादे कर रही हैं। विपक्षी दल 30 साल तक आतंकवाद और अलगाववाद के आगे जम्मू-कश्मीर की बलि चढ़ाए हुए हैं। कांग्रेस, पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने जम्मू कश्मीर को भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल दिया।

    इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि वह इस क्षेत्र में लोगों के उत्साह को देख सकते हैं, जो भाजपा के विधानसभा चुनाव जीतने में आश्वस्त हैं।

    जम्मू-कश्मीर में इस बार हो रहे चुनाव को लेकर मैं आपके अंदर जिस तरह का उत्साह और जोश देख रहा हूं, मुझे अपने मन में कोई संदेह नहीं है, मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार जम्मू-कश्मीर के लोग एक नया इतिहास रचने वाले हैं। यहां कमल खिलने वाला है। (एएनआई)

  • Yogi Adityanath ने क्यों छेड़ा ‘राग ज्ञानवापी’, समझिये यूपी उपचुनाव के नजरिये से | 

    Yogi Adityanath ने क्यों छेड़ा ‘राग ज्ञानवापी’, समझिये यूपी उपचुनाव के नजरिये से | 

    Yogi Adityanath

    Yogi Adityanath ने अयोध्या के बाद काशी हिंदुत्व की राजनीति में शुरू से ही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है. बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी पर बयान से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने उनका पूरा समर्थन किया है. यूपी उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ ने यह बयान क्यों दिया? योगी आदित्यनाथ का ज्ञानवापी पर बयान राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। योगी आदित्यनाथ की पॉलिटिकल लाइन कट्टर हिंदुत्व पर आधारित है, इसलिए उनका ज्ञानवापी पर कुछ भी बोलना अयोध्या आंदोलन से संबंधित है। क्या योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से ज्ञानवापी का उल्लेख करके अयोध्या की तरह संघ, बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद की किसी नई योजना का संकेत दिया है, या लव-जिहाद और घर वापसी जैसी उनकी नई योजनाओं की ओर संकेत किया है? या फिर ये सिर्फ चुनावी बहाना है?

    योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि ज्ञानववापी एक मस्जिद नहीं है। विश्व हिंदू परिषद ने योगी आदित्यनाथ के बयान का खुला सपोर्ट किया है, लेकिन बीजेपी बचती हुई दिखती है।ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने यूपी के मुख्यमंत्री के बयान पर कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद सदियों पुरानी एक ऐतिहासिक मस्जिद है। मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, जो किसी विशेष धर्म के

    योगी की ज्ञानवापी पर बीजेपी का क्या मत है?

    गोरखपुर में नाथ पंथ पर एक सेमिनार में यूपी के प्रधानमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुर्भाग्य से आज जिस ज्ञानवापी को कुछ लोग मस्जिद कहते हैं, वह साक्षात विश्वनाथ जी हैं।

    योगी आदित्यन ने कहा कि ज्ञानवापी सच्चे विश्वनाथ की प्रतिकृति है। भारतीय संतों और ऋषियों की परंपरा हमेशा से सहयोगी रही है। योगी आदित्यनाथ ने आदि शंकराचार्य की बनारस यात्रा भी बताई।

    विश्व हिंदू परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सच सब जानते हैं और ऐसे में वहां पर मस्जिद की भारी जिद करना उचित नहीं है।

    यूपी के मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा है, उसे गंभीरता से लेना चाहिए। ज्ञानवापी मामले को जल्द से जल्द हल करना चाहिए। काशी धर्म और ज्ञान की नगरी है। गुरु शंकराचार्य को भी वहीं ज्ञान प्राप्त हुआ था।

    क्या अयोध्या की तरह काशी भी चर्चा में है?

    हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मामले में व्यास तहखाने की छत पर नमाजियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग की थी, जो हाल ही में वाराणसी की एक अदालत ने खारिज कर दी। हिन्दू पक्ष की याचिका, जिसमें व्यास तहखाने की छत पर नमाजियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मरम्मत कराने की मांग भी नहीं मानी, लेकिन वहां पूजा जारी रहेगी। योगी आदित्यनाथ ने भी ऐसे ही समय में बयान दिया है। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है; सभी राजनीतिक दल जोर शोर से विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
    यह प्रश्न उठता है कि क्या ये सीजनल राजनीति है या बीजेपी काशी को लेकर एक नए अभियान की योजना बना रही है – क्या अयोध्या में हार के बाद बीजेपी काशी का मुद्दा उठाने जा रही है?

    VHP की प्रतिक्रिया से इस प्रश्न का जवाब हां में मिलता है, लेकिन BJP की प्रतिक्रिया से जवाब को ना में भी समझा जा सकता है।

    यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि बीजेपी कानून के अनुसार ज्ञानवापी पर काम करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राम मंदिर को लेकर कानून बनाने की मांग करते हुए यही बात कही थी। योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर पूछे जाने पर भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा, ‘मुझे मालूम नहीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किस परिप्रेक्ष्य में ये बयान दिया है, लेकिन पूरा देश और सब लोग जानते हैं कि हमारे देव स्थानों को लेकर उनका दृष्टिकोण रहा है।
    बीजेपी का रुख इस मामले को मौसमी लगता है। ऐसा इसलिए भी है कि योगी आदित्यनाथ को मिल्कीपुर और करहल की दो सीटों पर विशेष ध्यान है। मिल्कीपुर सीट से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद विधायक थे, जबकि करहल सीट अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने से खाली हो गई है।
    योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की मिल्कीपुर सीट की जिम्मेदारी वैसे ही संभाली है जैसे अमित शाह मुश्किल काम करते हैं। योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव में हर सीट के लिए तीन मंत्रियों की टीम बनाई है, लेकिन मिल्कीपुर में चार मंत्री लगाए गए हैं, शायद योगी आदित्यनाथ को अयोध्या में हुई हार का असर दिख रहा हो।

  • BJP जम्मू-कश्मीर में कठिन समय से गुजर रही है?

    BJP जम्मू-कश्मीर में कठिन समय से गुजर रही है?

    BJP

    केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले विधानसभा चुनाव में BJP और नेशनल कॉन्फ्रेंस+कांग्रेस गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है, जो दस साल बाद हो रहे हैं। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी लड़ाई में पिछड़ती दिखती हैं, लेकिन निर्दलीय और छोटे दलों की भूमिका सरकार बनाने में अहम रहने वाली है। सांसद रशीद इंजीनियर को आतंकवादी फंडिंग मामले में जमानत मिलने की खबर ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को और भी गर्म कर दिया है। Rashida को दिल्ली की NIA कोर्ट ने चुनाव प्रसार करने के लिए जमानत दी है। इस खबर को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि ये वही इंजीनियर राशिद हैं जो 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को बारामूला से हराया था।

    ऐसे में इंजीनियर राशिद जेल से बाहर होने के बाद सबसे ज्यादा किसका नुकसान हो सकता है, ये समझना इतना मुश्किल भी नहीं है। नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी छोटे दलों के साथ ही ऐसे निर्दलीयों को पीछे से समर्थन दे रही है जो पहले अलगावादी विचारधारा से जुड़े थे। बीजेपी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर अलगाववादी मुख्यधारा में आने का निर्णय लेते हैं तो उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए।

    अगर किसी अलगाववादी ने चुनाव लड़कर सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है, तो उसे इस लोकतांत्रिक अवसर से वंचित किया जाना चाहिए।’ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

    वास्तव में, इस बार भी जम्मू कश्मीर में किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना कम है। बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेस-कांग्रेस गठबंधन मुख्य मुकाबला हैं। लेकिन असली संघर्ष यह है कि किसे अधिक सीटें मिलेंगी? छोटे छोटे दलों के अलावा, सबसे बड़ा दल निर्दलीय के साथ मिलकर सरकार बना सकता है। पीडीपी मुख्य संघर्ष से बाहर दिख रही है, लेकिन अगर उसे आठ से दस सीट भी मिल जाएं तो सरकार बनाने में भी उसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

    विपक्षी दल भी जम्मू कश्मीर को अपनी पार्टी और गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रैटिक प्रोगेसिव आजाद पार्टी (बीजेपी) की बी टीम का हिस्सा बताते हैं। हालांकि ये दोनों दल इन आरोपों को अस्वीकार कर रहे हैं।

    बीजेपी का मुख्य लक्ष्य जम्मू क्षेत्र है, जहां परिसीमन के बाद 6 सीटें बढ़कर 43 हो गई हैं। बीजेपी ने इस रीजन में अधिकांश सीटें जीतकर छोटे छोटे कश्मीर दलों के साथ सरकार बनाने की योजना बनाई है। नेशनल कॉन्फ्रेस और पीडीपी दोनों बीजेपी की इस चाल से परेशान हैं।

    नेशनल कॉन्फ्रेंस इस चुनाव को करो या मरो का निर्णय ले रही है। लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला के हारने के बाद विधानसभा चुनाव में भी पिछड़ने का मतलब कश्मीर की राजनीति में नेशनल कॉन्फ्रेस की दखल काफी कम हो जाएगी। जिससे इसका भविष्य भी खतरे में है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का भी यही हाल है। पीडीपी को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली, और यह विधानसभा चुनाव भी बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस से पीछे है। इस बार महबूबा ने अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को भी चुनाव में उतारा है। यह विधानसभा चुनाव स्पष्ट रूप से जम्मू कश्मीर के दो प्रमुख परिवारों पर निर्भर है। इन दो परिवारों ने अब तक जम्मू-कश्मीर के पांच मुख्यमंत्री बनाए हैं, और इस परिवार ने कई दशकों से जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर प्रभाव डाला है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से ही उनका प्रभाव कम होना शुरू हो गया था।

    थोड़ा पीछे चलकर जम्मू-कश्मीर की बदलती राजनीति को स्पष्ट करना चाहिए। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करके आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया। कश्मीर घाटी में अलगाववादी ताकतों का एक समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस है। सुरक्षा बलों ने आतंकवाद की जड़ों को काफी हद तक समाप्त कर दिया है। इससे जम्मू-कश्मीर की हवा और राजनीति दोनों बदल गई हैं। वरना ऐसा कब हुआ है कि अब्दुल्ला या मुफ्ती परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव जीतकर भी लोकसभा में पहुंच पाया है? महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला दोनों को 2024 के लोकसभा चुनाव में हार मिली। नेशनल कॉन्फ्रेस के मियां अल्ताफ ने अनंतनाग-रजौरी सीट से महबूबा को हराया था। 2024 का लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण था। आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में हुआ पहला बड़ा चुनाव था, जिसमें अधिक लोगों ने भाग लिया। बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेस को 2-2 सीटें मिली, वहीं निर्दलीय इंजीनियर राशिद को एक सीट मिली।

    नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को कमजोर होने से छोटे छोटे दलों को फायदा होगा क्योंकि इनकी राजनिति मुख्यतः कश्मीर घाटी में है। यही कारण है कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है। क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने छोटे दलों या निर्दलीयों को अलगाववादी बताया है। तो दूसरे ओर, यही दल आर्टिकल 370 को हटाने और पाकिस्तान से बातचीत करने के बारे में ऐसे बयान देते रहे हैं जो आतंकियों को उत्साहित करते हैं। आने वाले समय में बीजेपी का दांव कितना सफल होगा पता चलेगा।

  • HARNAIYA CHUNAV: BJP हरियाणा में आंकड़ों में आगे है? कांग्रेस के समय से सरकारी नौकरियों की संख्या दोगुनी हो गई है

    HARNAIYA CHUNAV: BJP हरियाणा में आंकड़ों में आगे है? कांग्रेस के समय से सरकारी नौकरियों की संख्या दोगुनी हो गई है

    HARNAIYA CHUNAV

    HARNAIYA CHUNAV: हरियाणा में महासभा का मंच तैयार है। भाजपा 10 साल की डबल इंजन सरकार का असर दिखा रही है, वहीं कांग्रेस हरियाणा सरकार पर सवाल उठा रही है क्योंकि राज्य में बढ़ती बेरोजगारी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दस सालों में केंद्र सरकार की कई योजनाओं और हरियाणा सरकार की कोशिशों से हालात सुधरे हैं। लेकिन कांग्रेस शासन के 2004 से 2014 और भाजपा शासन के 2014 से 2024 के दो दशकों में सरकार ने रोजगार सृजन के आंकड़े जुटाए हैं, जो सत्ता विरोधी लहर की तपिश को दिखाते हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा में आय, समग्र जीवन स्तर और रोजगार की स्थिति में अखिल भारतीय औसत से अधिक सुधार हुआ है।

    कांग्रेस शासन के दौरान 2005 से 2014 तक केवल 86,067 सरकारी क्षेत्र की नौकरियां निकाली गईं। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस के दौर में व्यवस्था पारदर्शी नहीं थी। एक सूत्र ने कहा, “जबकि नौकरी की रिक्तियों का विज्ञापन किया गया था, उन्हें अक्सर पार्टी के आंतरिक सर्कल और करीबी सहयोगियों द्वारा भरा गया था, जिससे योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया गया था।” कांग्रेस ने हरियाणा को भाई-भतीजावाद, निरंतर घोटाले, भ्रष्टाचार और सरकारी धन का व्यापक दुरुपयोग करते हुए बहुत पीड़ा दी। जनता का भरोसा कांग्रेस की बेवकूफी से धोखा खा गया।एक सूत्र ने कहा कि हरियाणा में 2014 से 2024 तक भाजपा की “डबल इंजन सरकार” ने 1,43,000 सरकारी नौकरियां बनाईं, जो इसके असली प्रभाव को दिखाता है। PM मोदी की घोषणा, “न खाऊंगा, न खाने दूंगा”, ने योग्यता पर आधारित भ्रष्टाचार को दूर किया। नया भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सभी के लिए उज्ज्वल भविष्य के वादों को पूरा करने का प्रतीक है। एचआरईएक्स, एचपीएससी और एचएसएससी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने नौकरी चाहने वालों को आसानी से अपलोड और ट्रैक करने में मदद की है।

    साथ ही, सूत्रों ने बताया कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार नौकरी बाजार में औपचारिकता को बढ़ावा देने और अपने नागरिकों को नौकरी की सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में, हाल ही में हरियाणा संविदा कर्मचारी (कार्यकाल की सुरक्षा) अध्यादेश, 2024 जारी किया गया. यह अध्यादेश संविदा कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देता है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के 1.20 लाख कर्मचारियों को इससे लाभ मिलेगा। नियमित रूप से जॉब फेयर भी आयोजित किए गए हैं।

    सूत्रों ने कहा कि हरियाणा गैर-कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सूत्रों ने बताया कि “2022-23 में, हरियाणा में सृजित 70% नौकरियां गैर-कृषि क्षेत्र में थीं, जबकि अखिल भारतीय क्षेत्रीय संरचना में केवल 54% नौकरियां गैर-कृषि क्षेत्र में थीं।” हालांकि  गैर-कृषि क्षेत्र में सीमित नौकरियों के मुद्दे पर व्यापक बहस हुई है, लेकिन यह प्रशंसनीय है कि भाजपा की नेतृत्व वाली हरियाणा राज्य सरकार ने इस चुनौती को सख्ती से उठाया है। रोजगार को बढ़ावा देने और सभी के लिए विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता ने लगातार प्रयासों और सक्रिय नीतियों के माध्यम से गैर-कृषि क्षेत्र में औपचारिक क्षेत्र के रोजगार को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है।”

    हरियाणा एक आकर्षक इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन है, क्योंकि राज्य में स्थिर सरकार, व्यापार करने में आसानी, मजबूत बुनियादी ढांचा और रसद सुविधाओं के कारण रोजगार सृजन हो रहा है। जैसा कि नीचे दिखाया गया है, राज्य प्रमुख सूचकांकों और मेट्रिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से रहा है:

    ● हरियाणा को व्यापार सुधार कार्य योजना (BRAP) 2020 में शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वालों में स्थान मिलता है।

    ● भूमिबद्ध राज्यों में रसद सुगमता (LEADS 2023) में हरियाणा को “अचीवर” घोषित किया गया है और 2022 में निर्यात तैयारी सूचकांक में 5वां स्थान मिला है।

    ● हरियाणा में विदेश सेवा (BPO) कार्यबल का सर्वाधिक संख्या है; गुरुग्राम में विश्वव्यापी BPO कार्यबल का सिर्फ 5% कार्यरत है।

    ● देश का सबसे बड़ा ऑटोमोटिव हब हरियाणा है। 150 मूल उपकरण निर्माता (OEM) में से 50 हरियाणा में हैं।

    हरियाणा ने नौकरी के क्षेत्र में औपचारिकता को काफी बढ़ा दिया।

    EPFO सदस्यता डेटा स्पष्ट रूप से हरियाणा में औपचारिक क्षेत्र में नौकरी की वृद्धि का संकेत देता है। एक सूत्र ने कहा, “कांग्रेस सरकार के 2004-05 से 2013-14 के कार्यकाल के दौरान, केवल 46.20 लाख औपचारिक क्षेत्र की नौकरियां सृजित की गईं।” इसके विपरीत, 2013-14 से 2022-23 तक भाजपा की सरकार ने राज्य में लगभग 1.60 करोड़ औपचारिक क्षेत्र की नौकरियां बनाईं, जो रोजगार के अवसरों में बड़ी वृद्धि को दर्शाता है।”

    केंद्रीय सरकार की नीतियों का बड़ा उपयोग

    राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं का अधिक उपयोग किया गया है। विभिन्न सूत्रों के अनुसार, 2015 में शुरू हुई पीएम मुद्रा योजना ने लगभग 16.85 लाख नौकरियां बनाईं, पीएम रोजगार प्रोत्साहन योजना ने 9.88 लाख नौकरियां बनाईं, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना ने 4 लाख से अधिक नौकरियां बनाईं. 2008 में शुरू हुआ पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम ने 2008-2014 तक 39,667 नौकरियां बनाईं, डीडीयू ग्रामीण कल्याण योजना ने आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार की योजनाओं से देश में 3.96 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी। इनमें से 2014 से 2024 के बीच हरियाणा में 33.81 लाख नए रोजगार पैदा होने का अनुमान है। स्टार्ट-अप इंडिया को सफलतापूर्वक अपनाने से राज्य में अच्छे परिणाम मिले हैं, जो रोजगार सृजन में मदद करते हैं: हरियाणा में 7,385 नवोदय उद्यमियों में से 14 यूनिकॉर्न हैं।

    आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार की योजनाओं से देश में 3.96 करोड़ अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। 2014 से 2024 के बीच हरियाणा में इससे 33.81 लाख अधिक नौकरियां पैदा होने का अनुमान है। स्टार्ट-अप इंडिया को सफलतापूर्वक अपनाने से राज्य में अच्छे परिणाम मिले हैं, जो रोजगार सृजन में मदद करते हैं: हरियाणा में 7,385 नवोदय उद्यमियों में से 14 यूनिकॉर्न हैं।

    हरियाणा राज्य का प्रयास

    2015 से 2023 के बीच राज्य सरकार की विभिन्न पहलों (योजनाओं/कार्यक्रमों) ने 17.18 लाख नौकरियां बनाईं, सूत्रों ने बताया। 2023 में हरियाणा विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों और उत्तरों से संकलित आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (एमपीसीई) और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय में वृद्धि हुई है. यह राष्ट्रीय औसत और कई अन्य राज्यों से अधिक है। अंत्योदय उत्थान योजना मेले ने 34,000 नौकरियां, जॉब फेयर में 27,516, सक्षम युवा योजना ने 1.71 लाख, हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने 1.20 लाख, औद्योगिक रोजगार में 12.64 लाख और HSSC और HPS ने एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियां बनाईं। ये दो संकेतक अप्रत्यक्ष रूप से दिखाते हैं कि समय के साथ राज्य में नौकरी की स्थिति, आय का स्तर और समग्र जीवन स्तर सुधर रहे हैं। इन आंकड़ों ने मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही भाजपा के अभियान को और तेज कर दिया है।

  • Karan Mahra: कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तराखंड सरकार पर केदारनाथ धाम के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया

    Karan Mahra: कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तराखंड सरकार पर केदारनाथ धाम के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया

    Karan Mahra (करन माहरा) News:

    Karan Mahra News: कांग्रेस अध्यक्ष Karan Mahra ने उत्तराखंड सरकार पर केदारनाथ धाम के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। आज 25 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष ने केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा शुरू करने से पहले मीडियाकर्मियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि बीजेपी का धर्म पर राजनीतिक नाटक है.

    Karan Mahra का कहना है कि केदारनाथ धाम पर राजनीति हो रही है। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी एक बयान में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेताओं से कहा कि वे नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास के लिए बाबा को सूचित करें और माफी मांगें। इस संबंध में उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन से स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

    आपको बता दें कि दसौनी ने हरकी पैड़ी से शुरू होने वाली कांग्रेस की पदयात्रा के दिन मुख्यमंत्री के केदारनाथ धाम पहुंचने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने भाजपा पर प्रसिद्ध धर्मों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं केदारनाथ धाम से सोना चोरी मामले में BKTC को भी विवादों में घिरी बताया है।

  • CM Hemant Soren ने बजट को बताया पॉलिटिकल; बोले- केंद्र सरकार को झारखंड पर देना चाहिए ध्यान !

    CM Hemant Soren ने बजट को बताया पॉलिटिकल; बोले- केंद्र सरकार को झारखंड पर देना चाहिए ध्यान !

    CM Hemant Soren (सीएम हेमंत सोरेन) की केंद्रीय बजट परप्रतिक्रिया:

    CM Hemant Soren ने कहा कि आपने देखा कि इस देश का बजट कैसे पेश किया गया है और मैं कहना चाहूंगा कि अगर हम इस बजट को झारखंड के नजरिए से देखें तो केंद्र सरकार को झारखंड पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

    CM Hemant Soren ने कहा कि झारखंड ने क्या दिया, हमने क्या पाया और हमें क्या मिला, इसकी तुलना सबके सामने है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बजट को निश्चित रूप से राजनीतिक बजट कहा जा सकता है। विपक्ष के चुनाव आयोग जाने के मुद्दे पर CM Hemant ने कहा कि अगर हमारे विपक्ष को कोई दिक्कत नहीं है तो चुनाव आयोग, राजभवन, ईडी, सीबीआई, कोर्ट ये सब उनका अपना है.

    CM Hemant Soren ने कहा कि यह लोकतंत्र का खूबसूरत उदाहरण है. हम बच्चे के रूप में पढ़ते हैं, हो सकता है कि आपने बच्चे के रूप में एक लेख लिखा हो, जिसमें कहा गया हो कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है, विविधता से भरा हुआ है, और विविधता में एकता है। विपक्ष को ये सब पसंद नहीं है.

  • Samrat Chaudhary ने कहा- पहले 15 सालों का हिसाब दें लालू यादव, बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश मार्च

    Samrat Chaudhary ने कहा- पहले 15 सालों का हिसाब दें लालू यादव, बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश मार्च

    Samrat Chaudhary (सम्राट चौधरी) ने कहा- लालू यादव पहले 15 सालों का हिसाब दें

    Samrat Chaudhary News: बिहार बीजेपी अध्यक्ष और Deputy CM Samrat Chaudhary ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जोरदार हमला बोला है. दरअसल, बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ आज महागठबंधन विरोध मार्च निकाल रहा है. इस बीच Samrat Chaudhary ने इस मामले में लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी|

    बिहार में कानून का राज खत्म किया गया था: सम्राट चौधरी

    सम्राट चौधरी ने कहा कि लोगों को देखना चाहिए कि लालू प्रसाद जी ने 15 साल तक कैसा शासन चलाया. बिहार में कानून का राज खत्म कर दिया गया है. लालू जी को 15 वर्षों तक बिहार की जनता के साथ किये गये अन्याय का स्पष्टीकरण देना चाहिए. इससे पहले भी सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर हमला बोलते हुए कहा था कि ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि कानून का राज खत्म हो रहा है. लालू यादव और उनके परिवार को कुछ कहने का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री रहने के दौरान लालू यादव अपने घर से ही पूरे बिहार में अपराध की योजना बनाते थे, लेकिन आज उन्होंने 24 से 48 घंटे के अंदर अपराधियों को पकड़ लिया.

     पहले अपने गिरेबान में झांके राजद: रविशंकर प्रसाद

    इस बीच, बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत संघ के लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उससे पहले राजद को अपने मामले में देखना चाहिए. पहले (उनके शासन में) पटना में दिनदहाड़े अपहरण होते थे… अब हालात सुधरे हैं… नीतीश कुमार सरकार इस मामले (बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति) को देख रही है।

    बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य: मांझी

    इधर, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है. सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. वे (भारतीय संघ) विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपने काले कामों को छिपाना चाहते हैं।

  • UP में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच PM Modi से मिले भूपेंद्र चौधरी, 1 घंटे तक हुई बातचीत

    UP में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच PM Modi से मिले भूपेंद्र चौधरी, 1 घंटे तक हुई बातचीत

    UP में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच भूपेंद्र चौधरी मिले PM Modi से:

    UP बीजेपी में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट के बीच पार्टी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने PM Modi से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक बातचीत चली. चौधरी ने मंगलवार को जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. केशव प्रसाद मौर्य और भूपेन्द्र चौधरी मंगलवार से ही दिल्ली में डटे हुए हैं. भाजपा लंबे समय से लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा उप-चुनावों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन से परेशान है।

    केशव के बयान से सियासी पारा गरमा गया है

    आपको याद दिला दें कि UP के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हाल ही में लखनऊ में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक में की गई टिप्पणी ने UP की राजनीति में अशांति पैदा कर दी है। उन्होंने एक बार कहा था कि संगठन सरकारों से बड़े होते हैं और संगठनों से बड़ा कोई नहीं होता। प्रत्येक कर्मचारी हमारा गौरव है।उनके इबयान के बाद मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार और संगठन दोनों के प्रतिनिधियों को दिल्ली बुलाया.

    केशव चौधरी की नड्डा से मुलाकात

    जेपी नड्डा ने क्रमश: केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी से मुलाकात की. दोनों नेताओं के साथ जेपी नड्डा की मुलाकात एक घंटे से ज्यादा चली. समझा जाता है कि जेपी नड्डा ने बैठक में आगामी उपचुनावों पर चर्चा की। संगठनों को मजबूत करने के अलावा कार्यकर्ताओं के मुद्दों और सभी जातियों के मतदाताओं को एकजुट करने की योजनाओं पर भी चर्चा की गई।

    बीजेपी के लिए उपचुनाव बेहद अहम हैं

    केशव प्रसाद मौर्य और भूपेन्द्र चौधरी को अचानक दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार तेज हो गया है. लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम है. पार्टी के अंदर ऐसे बयानों को लेकर बीजेपी विपक्ष को कोई मौका नहीं देना चाहती. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान ने दोनों नेताओं को सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाए रखने और अनावश्यक बयानबाजी बंद करने का निर्देश दिया है.

    बीजेपी फंस गई है अंदरूनी विवादों में 

    बीजेपी में चल रहे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी की लगातार बढ़ रही बढ़त पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी आंतरिक विवादों में फंसी हुई है।

    अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि बीजेपी में अध्यक्ष पद की होड़ के बीच UP में शासन-प्रशासन ठप्प हो गया है. भाजपा जो राजनीतिक तोड़फोड़ दूसरे दलों में करती थी वही अब अपनी पार्टी में कर रही है। भाजपा में कोई जनता के बारे में नहीं सोचता।

  • CM Kejriwal की अंतरिम जमानत पर AAP ने कहा कि BJP की “साजिश” का “पर्दाफाश” हुआ

    CM Kejriwal की अंतरिम जमानत पर AAP ने कहा कि BJP की “साजिश” का “पर्दाफाश” हुआ

    CM Kejriwal News: अंतरिम जमानत पर AAP ने कहा कि BJP की “साजिश” का “पर्दाफाश”

    CM Kejriwal News: आम आदमी पार्टी (AAP) ने कथित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में दिल्ली के CM Kejriwal को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया। पार्टी ने कहा कि फैसले ने CM Kejriwal के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की “साजिश” को “उजागर” कर दिया।

    हालाँकि, AAP के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल जमानत मिलने के बावजूद जेल में रहेंगे क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बाद में उन्हें शराब घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। AAP नेता आतिशी, सौरभ भारद्वाज और संदीप पाठक ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को “सच्चाई की जीत” बताया। इससे पहले, AAP ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर केजरीवाल की तिरंगा थामे तस्वीर साझा की और लिखा: “सत्यमेव जयते”।

    आतिशी ने दावा किया कि भाजपा को पता था कि केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े ईडी के धन शोधन मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल जाएगी, इसलिए उनकी गिरफ्तारी CBI द्वारा की गई। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल ईमानदार थे, अब भी ईमानदार हैं और ईमानदार रहेंगे। उन्होंने कहा कि हर अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ भाजपा की ‘साजिश’ का पर्दाफाश किया है। फेडरल हाउस के सदस्य पाठक ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को “ऐतिहासिक” बताया।

    उन्होंने दावा किया कि आबकारी नीति घोटाला मामला भाजपा का “सर्कस” था। भारद्वाज ने कहा कि ‘AAP’ चाहती है कि कथित शराब घोटाले में CBI द्वारा दर्ज मामले में केजरीवाल को भी जमानत मिले। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि केजरीवाल को 90 दिन से ज्यादा जेल में रहना होगा.


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