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  • पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने मंत्री Manohar Lal से मुलाकात की और इन मुद्दों पर चर्चा की

    पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने मंत्री Manohar Lal से मुलाकात की और इन मुद्दों पर चर्चा की

    पंजाब सरकार ने बिजली और शहरी विकास के मुद्दों को केंद्रीय मंत्री Manohar Lal के सामने दृढ़ता से प्रस्तुत किया।

    राज्य को बेहतर बनाने के लिए पंजाब की मान सरकार काम कर रही है। पंजाब सरकार ने इसके लिए कई आवश्यक उपाय किए हैं। इसके तहत पंजाब सरकार, सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) के नेतृत्व में, भारत सरकार के सामने बिजली और शहरी विकास के मुद्दों को दृढ़ता से प्रस्तुत किया।

    पंजाब के एक प्रतिनिधिमंडल ने आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री Manohar Lal से यहां पंजाब भवन में मुलाकात की और तथ्यात्मक मांगें रखीं।

    केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस बीच प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि भारत सरकार पंजाब के मामले पर सहानुभूति से विचार करेगी। पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने बिजली और आवास विकास विभागों की केंद्र सरकार से संबंधित मामलों पर समन्वय समिति की बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार राज्य में कई विकास परियोजनाओं को लागू कर रही है। दोनों विभागों से संबंधित केंद्र जल्द ही अपनी लंबित मांगों को पूरा करना चाहिए।

    पंजाब ने केंद्र से मांग की है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (Bhakra Beas Management Board) के नियमों को 2022 में संशोधित कर दिया जाए, ताकि पंजाब राज्य को सदस्य पावर देने की परंपरा जारी रहे। नई शर्तों के अनुसार राज्य से कोई भी उम्मीदवार योग्य नहीं होगा, पंजाब ने कहा।

    इसी तरह, पंजाब ने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत हिमाचल प्रदेश में शानन परियोजना पर अपना पूरा अधिकार जताया। पंजाब को अधिक बिजली की जरूरत है, और राज्य की पनबिजली और ताप विद्युत परियोजनाओं की सीमित क्षमता को देखते हुए राज्य को दीर्घावधि आधार पर केंद्रीय संयंत्रों से बिजली दी जाए।

    बैठक के दौरान पंजाब ने कृषि क्षेत्र में सब्सिडी वाले सोलर पंपों की क्षमता को कम से कम 15 हॉर्स पावर तक बढ़ाने का अनुरोध किया। राज्य सरकार से कोयला खदानों से निकालकर निजी थर्मल प्लांटों (तलवंडी साबो और नाभा) को देने की अनुमति भी मांगी गई। व्यापार मार्जिन में सात पैसे प्रति यूनिट की कमी करके अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की मांग की गई।

    RDSS योजना की समय-सीमा बढ़ाने की आवश्यकता

    RDSS योजना पंजाब में देरी से शुरू हुई, इसलिए राज्य ने इसका समय सीमा भी बढ़ाने की मांग की। धान की पराली से बिजली बनाने वाले प्लाटों को बायोगैस प्लांटों की तरह सब्सिडी देने की भी मांग की गई। इसी तरह, छतों पर सोलर प्रोजेक्टों की क्षमता बढ़ाने की मांग की गई।

    यही कारण है कि पंजाब ने शहरी विकास पर चर्चा करते हुए सुल्तानपुर लोधी स्मार्ट सिटी परियोजना की समयसीमा बढ़ा दी। पंजाब ने कहा कि अन्य तीन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की तुलना में यह परियोजना बाद में दी गई है, इसलिए इसकी समयसीमा कम से कम दो साल बढ़ाई जानी चाहिए. 31 मार्च, 2025।

    पंजाब की कई मांगों पर सैद्धांतिक सहमति मिलने पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ने का आश्वासन दिया।

  • CM Bhagwant Mann: शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की राह पर पंजाब, सरकारी स्कूलों के मेगा पीटीएम में 27 लाख अभिभावकों ने भाग लिया

    CM Bhagwant Mann नंगल के ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में मेगा पीटीएम में पहुंचे

    • स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता
    • सरकार के प्रयासों से राज्य में पानी के स्तर में सुधार हुआ

    मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के चलते आज राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में अध्यापक-अभिभावक मुलाकात (मेगा पीटीएम) के दौरान 27 लाख अभिभावकों ने हिस्सा लिया।

    आज यहां मेगा पीटीएम के दौरान ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पंजाब के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि राज्य के हर सरकारी स्कूल में पीटीएम आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि करीब 27 लाख अभिभावक आज स्कूलों में जाकर पढ़ाई, वातावरण, गतिविधियों और बच्चों को प्रदान की जा रही अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहल से अध्यापकों को अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों के प्रदर्शन पर विचार-विमर्श करने का सही मौका मिलता है।

    मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के शिक्षा क्षेत्र में पीटीएम आयोजित करने का निर्णय एक अनुकरणीय कदम है, क्योंकि इससे पहले इस तरह की पीटीएम सिर्फ निजी स्कूलों में होती थी, जबकि सरकारी स्कूल ऐसे महत्वपूर्ण अवसरों से वंचित रह जाते थे। उन्होंने कहा कि यह कदम विद्यार्थियों के हित में शिक्षा के बेहतरीन तरीकों में से एक है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा क्रांति के एक नए युग की शुरुआत की है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार 202 प्रिंसिपलों/शिक्षा अधिकारियों के छह बैचों को पांच दिवसीय लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए सिंगापुर भेज चुकी है। इस दौरान उन्होंने बताया कि 72 होनहार प्राथमिक शिक्षकों का एक बैच पिछले शुक्रवार को पेशेवर प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड दौरे पर गया है। उन्होंने कहा कि 152 हेडमास्टर/शिक्षा अधिकारियों के तीन बैच आईआईएम अहमदाबाद में उच्च स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य विद्यार्थियों को विश्व स्तर की शिक्षा प्रदान करना है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग में 10 साल से अधिक समय से सेवा निभाने वाले 12,316 योग्य अध्यापकों को नियमित किया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 से अब तक 10,361 अध्यापकों की भर्ती की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्कूलों की सुरक्षा और सफाई के लिए 82 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल 118 सरकारी स्कूलों को उच्च स्तर के ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ के रूप में विकसित किया जा रहा है और राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में हाई-स्पीड फाइबर वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन के लिए 29.3 करोड़ रुपए का बजट प्रदान किया गया है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरित की गई हैं और विद्यार्थियों को मुफ्त यूनिफॉर्म प्रदान करने के लिए 35 करोड़ रुपए जारी किए गए। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस और 17 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की लड़कियों के लिए परिवहन सुविधा शुरू की गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों में जन्म से ही नेतृत्व क्षमता होती है और इन विद्यार्थियों में हर क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त करने के गुण हैं। उन्होंने कहा कि ये विद्यार्थी अपने सपनों की उड़ान भरेंगे और राज्य सरकार इन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए उचित मंच प्रदान करेगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक पंजाब के विद्यार्थी अपने निर्धारित लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों की क्षमता और योग्यता पर भरोसा होना चाहिए, क्योंकि वे किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी विशेष विषय को अपनाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार प्रेरित करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचा उनकी सरकार की पांच प्राथमिकताएं हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के चलते राज्य में पानी के स्तर में सुधार होना शुरू हो गया है, क्योंकि नहरी पानी का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पानी की सफाई और संरक्षण पर ध्यान दे रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि राज्य में भूमिगत जल के पुनर्भरण का कार्य शुरू हो गया है और यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण देने हेतु आठ हाई-टेक सेंटर खोल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये केंद्र युवाओं को यूपीएससी परीक्षा पास करने और राज्य तथा देश में प्रतिष्ठित पदों पर सेवा करने के लिए मापदंड आधारित प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य युवाओं को उच्च पदों पर बैठाकर देश की सेवा सुनिश्चित करना है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब हमेशा अग्रणी राज्य रहा है और भविष्य में भी अग्रणी रहेगा, क्योंकि पंजाबियों को कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की विशेषता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभा रही है ताकि पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्हें आगामी चुनावों की चिंता नहीं है, बल्कि वे अगली पीढ़ियों के लिए काम कर रहे हैं, जिसके चलते लोगों की भलाई के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के कंडी क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है और इन क्षेत्रों को दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जा सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन क्षेत्रों को विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं, जिसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के उपबंधों के तहत भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) एक संवैधानिक संस्था है, जो मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा से संबंधित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बीबीएमबी के खाली पदों को भरने के लिए पहले ही प्रक्रिया में है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब के कोटे के सभी पद पहले ही भरे जा चुके हैं और अब बीबीएमबी में पदों को भरा जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि वांछित परिणाम सामने आ रहे हैं और हमारे युवा राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड पर है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में युवाओं के दाखिलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की जनहितकारी नीतियों के कारण यह रुझान भविष्य में भी जारी रहेगा।
    इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस, लोकसभा सदस्य मालविंदर सिंह कंग, शिक्षा सचिव के.के. यादव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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