Bihar के पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा- ‘नाइंसाफी’ के बावजूद NDA के साथ:
Bihar के पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हालांकि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) से ‘‘नाइंसाफी” की, फिर भी उन्होंने राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ बने रहने का निर्णय लिया।
पारस ने बिहार में राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज होकर केंद्रीय मंत्री पद छोड़ दिया था। पार्टी की एक बैठक के बाद पारस संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। रालोजपा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से अलग हुई थी। पारस ने कहा कि हालांकि लोकसभा चुनाव में हमें बुरा लगा, लेकिन हमने अपनी वफादारी नहीं बदली। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से उम्मीद है कि वे इस बात को समझेंगे और अगले वर्ष Bihar विधानसभा चुनाव में हमें उचित प्रतिनिधित्व देंगे।
पारस ने यह भी कहा कि रालोजपा विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर स्वयं चुनाव लड़ेगी अगर उनकी पार्टी को उचित सम्मान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि राजग के चार विधानसभा सीटों में से एक पर रालोजपा उपचुनाव लड़ना चाहेगी। संबंधित विधायकों के लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद ये सीटें खाली हो गई हैं।