Tag: बिहार की राजनीति

  • Giriraj Singh ने जनसंख्या बढ़ने के पीछे PFI की साजिश बताई, बिहार में सीमांचल के बदले  हरिद्वार की चिंता

    Giriraj Singh ने जनसंख्या बढ़ने के पीछे PFI की साजिश बताई, बिहार में सीमांचल के बदले  हरिद्वार की चिंता

    Giriraj Singh

    बिहार में विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक बहस चल रही है। बिहार में अब सीमांचल क्षेत्र में बढ़ती मुस्लिम आबादी की वजहों की जगह हरिद्वार में बढ़ती जनसंख्या की चर्चा हो रही है।केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh के एनआरसी (NRC) वाले बयान पर अभी बवाल शांत भी नहीं हुआ था कि उन्होंने एक बार फिर से हरिद्वार में बढ़ती जनसंख्या से जुड़ी बड़ी बात कही है.  गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर एक पोस्ट में PFI की साजिश को हरिद्वार की बढ़ती जनसंख्या का कारण बताया है।

    अपने पोस्ट में गिरिराज सिंह ने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि मुस्लिम आबादी बढ़ी है और यह एक तरह से  PFI की बड़ी साजिश के तहत हुआ है। गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि हरिद्वार की जनसंख्या पिछले कुछ समय से PFI जैसे संगठनों ने बढ़ाई है, न कि भारत के सभी सनातनियों (तथाकथित सेक्युलरों) ने बढ़ाई है। क्या हरिद्वार इस नकारात्मक विचार से बच सकेगा?

    आंकड़े रखते हुए रखी अपनी बात

    अपने लेख में गिरिराज सिंह ने आंकड़ों के माध्यम से हरिद्वार की बढ़ती जनसंख्या को समझाने का प्रयास किया है। गिरिराज सिंह की पोस्ट में बताया गया है कि हरिद्वार में हिंदू जनसंख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या में 39 प्रतिशत की वृद्धि दर है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरिद्वार में 18900422 लोगों की आबादी थी, जिसमें हिंदुओं की आबादी 64.27 प्रतिशत थी और मुस्लिमों की आबादी 34.28 प्रतिशत थी। सिखो की जनसंख्या 0.92% थी, जबकि ईसाई धर्मावलम्बियों की जनसंख्या 0.26% थी। गिरिराज सिंह ने अपने लेख में स्पष्ट रूप से PFI की साजिश को मुस्लिमों की बढ़ती आबादी का कारण बताया है।

    इससे पहले, गिरिराज सिंह ने एक न्यूज़ चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि देश में एनआरसी की बहुत जरूरत है। NRC को लागू नहीं करने पर भारत के राज्यों में 200 से अधिक जिले हैं, जहां बांग्लादेशी और रोहंगिया अवैध रूप से बस जाएंगे और भारतवंशियों की संख्या कम हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के मस्जिद वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि आपके मंत्री विधानसभा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अवैध घुसपैठ की जांच और सर्टिफिकेट (NRC) की मांग कर रहे हैं। लेकिन आप इसके खिलाफ हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बिहार के चार जिलों में नहीं बल्कि पूरे बिहार में NRC की जरूरत है। NRC लागू नहीं हुआ तो भारतवंशी देश से खत्म हो जाएंगे।

  • CM Nitish झूठ नहीं बोल रहे हैं, NDA नहीं छोड़ेंगे; समझिए असलियत

    CM Nitish झूठ नहीं बोल रहे हैं, NDA नहीं छोड़ेंगे; समझिए असलियत

    CM Nitish

    एनडीए में CM Nitish शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान, नीतीश ने खुद कई बार कहा कि वे दो बार अलग-अलग जगह गए थे। यह गलत था। अब कहीं नहीं जाना चाहेंगे। भाजपा के साथ एनडीए में रहना ही उनका लक्ष्य है। हाल ही में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी यह बात कही। हालाँकि, उनके अतीत को देखते हुए बार-बार चर्चा होती है कि वे मौके के इंतजार में हैं। भाजपा  से उनका जी भर गया है। फिर पाला बदलने की तैयारी में हैं।

    नीतीश को संदिग्ध दिखाने के लिए कभी पुराने वीडियो वायरल किए जाते हैं, तो कभी संवैधानिक प्रक्रिया में नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव की नीतीश से मुलाकात होते ही अटकलों का बाजार गर्म हो जाता है। RJD ऐसी अटकलों से खुश होगा। यही कारण है कि RJD ऐसे आरोपों पर चुप है। लेकिन, क्या नीतीश कुमार वास्तव में पुरानी गलती दोहराएंगे, इस पर विचार करते हैं।

    लोग अटकलों के लिए कड़ियां जोड़ते हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक भी अटकलों को पुख्ता बनाने का प्रयास करते हैं। वे प्रत्येक कड़ी गिनाते हैं। साथ ही, वे कहते हैं कि नीतीश कुमार को केंद्र सरकार के कई निर्णयों से असहजता है। वे वक्फ संशोधन बिल से असहमत हैं। हालाँकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने अपने इस विश्लेषण पर सिर्फ एक बयान दिया है। रहमानी ने दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों को यकीन दिलाया है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करेंगे। नीतीश कुमार ने हालांकि कभी ऐसा बयान नहीं दिया है। वास्तव में, जेडीयू से केंद्रीय मंत्री बनने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सदन में वक्फ संशोधन बिल की प्रशंसा की।

    कास्ट सेंसस भी बताई जा रही है वजह

    विश्लेषक जाति जनगणना और आरक्षण के उदाहरण को नीतीश की नरेंद्र मोदी सरकार से असंतोष की दूसरी वजह बताते हैं। केंद्र सरकार ने नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में जाति जनगणना नहीं करने की बात कही थी। इसमें केंद्र ने तकनीकी कारणों का उल्लेख किया था। केंद्रीय सरकार ने हालांकि राज्यों को यह अधिकार दे दिया था कि वे चाहें तो अपने स्थान पर ऐसा कर सकते हैं। राज्य सरकारों को ही इसका खर्च उठाना होगा।

    नीतीश कुमार ने जाति सर्वेक्षण शुरू किया। आज लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जाति जनगणना के लिए केंद्र पर दबाव डाल रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वे इसी सदन (लोकसभा) में सरकार से जाति जनगणना की मांग करेंगे। लालू यादव का दावा है कि कान पकड़कर जाति जनगणना कराने को मजबूर करेंगे। विपक्षी नेता अपने शासन वाले राज्यों में यह नहीं कर पाए। नीतीश की केंद्र सरकार से असंतोष का कारण माना जाता है।

    रिजर्वेशन  पर भी बता रहे हैं नाराजगी

    नीतीश कुमार ने जाति सर्वेक्षण के अनुसार आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत कर दी थी। उस समय, वे आरजेडी की साथी सरकार चलाते थे। नीतीश सरकार ने संविधान की नौंवीं अनुसूची में इसे शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र भेजा, ताकि कानूनी प्रक्रिया से बच सकें। विश्लेषकों का कहना है कि यह न्यायिक समीक्षा के दायरे में आया क्योंकि यह नौवीं अनुसूची में नहीं था। इसके लागू होने पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। राज्य सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट भेजा है। RJD ने भी इसे लेकर अलग से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है। विश्लेषक इसे मोदी सरकार से नीतीश कुमार की नाराजगी के रूप में देख रहे हैं और मानते हैं कि नीतीश नाराज हैं। नीतीश ने अनेक अतिरिक्त मुद्दों पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके पूर्व प्रवक्ता केसी त्यागी ने उनके खिलाफ आवाज उठाई थी।

    नीतीश एनडीए नहीं छोड़ेंगे , जानिए क्यों

    अब प्रश्न उठता है कि क्या जो लोग नीतीश कुमार को नाराज बता रहे हैं और उनके पाला बदल की आशंका जता रहे हैं, वे सही हैं? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने पिछले तीन दिनों में नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पहले की गलती नहीं दोहराएंगे, इसलिए यह आशंका लगभग सच नहीं लगती। वे आज भी वहीं रहेंगे। इतना ही नहीं, दूसरे पक्षों पर विचार करने से पता चलेगा कि नीतीश कुमार की बातें सही हैं। इसका तार्किक आधार है, भले ही वे पहले इस तरह की बात कहने के बावजूद पलटते रहे हैं।

    जेडीयू की हार से सरकार पर कोई प्रभाव नहीं

    पहला आधार यह है कि जेडीयू, नीतीश कुमार की पार्टी, लोकसभा में 12 सदस्यों का हिस्सा है। भाजपा के 240 सांसद हैं। 272 का आंकड़ा बहुमत के लिए आवश्यक है। नरेंद्र मोदी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर नीतीश कुमार अपना रुख बदलते हैं। इसलिए मोदी सरकार को तब भी 278 सांसदों का समर्थन मिलेगा। नीतीश के पाला बदल से विपक्ष की सरकार भी नहीं बनेगी। विपक्षी गठबंधन भारत में 232 सांसद हैं। नीतीश की पार्टी जेडीयू के 12 सांसदों का समर्थन यानी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। नीतीश कुमार ऐसी स्थिति में भाजपा से दूरी बनाकर इंडिया ब्लाक में शामिल क्यों होंगे? नीतीश, बिहार के विकास पर हमेशा चिंतित रहने वाले, अभी एनडीए में रहते हुए बिहार के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा बजट प्रावधान किया है, जिसे वे गंवाना नहीं चाहेंगे।

    नीतीश भाजपा से लाभ कैसे भूल जाएंगे?

    दूसरा आधार यह है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को 12 सीटें दीं, जो भाजपा के बराबर थीं। नीतीश भी इसे जानते हैं। उन्हें भी पता है कि अगर वे इंडिया ब्लाक में रहते तो क्या होता। बिहार में अपनी मजबूत स्थिति का दावा करने वाले RJD को 23 सीटों पर सिर्फ 5 सीटें मिलीं, जबकि JDU को भाजपा के साथ 16 पर ही लड़ कर 12 सीटें मिल गईं। इतना ही नहीं, बिहार में 243 विधानसभा सीटों में एनडीए ने 160 से अधिक सीटें जीतीं। विधानसभा चुनाव अगले वर्ष बिहार में होना है। नीतीश ने निश्चित को छोड़कर अनिश्चित की ओर क्यों रुख किया?

    India Block को भूलना मुश्किल है

    तीसरा आधार यह है कि नीतीश ने 2022 में एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई। इसके बाद, उन्होंने विरोधी पक्ष को एकजुट किया। एक दूसरे को नापसंद करने वालों को एक मंच पर एकत्रित किया गया। तब आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच टकराव स्पष्ट था। ममता ने कांग्रेस से इतना घबरा गया था कि उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी तीसरी जीत के बाद गैर-कांग्रेस विपक्ष की कल्पना पर काम करना शुरू कर दिया था। नीतीश कुमार को एक मंच पर एकत्र करने के बावजूद उनके साथ जो व्यवहार हुआ, सबको पता है। नीतीश ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से इनकार कर दिया, फिर भी उन्हें संयोजक पद के लिए तरस जाना पड़ा। उन्हें लालू यादव से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन वे कांग्रेस के साथ खड़े हो गए। नीतीश शायद फिर से ऐसी गलती करे।

    जेडीयू टूटने का खतरा

    नीतीश कुमार को शायद यह भी पता होगा कि जिन सांसदों की बदौलत उनकी पूछ बढ़ी है, अगर उन्होंने एनडीए छोड़ दिया तो उनके टूटने की आशंका अस्वीकार्य होगी। नीतीश कुमार इसके पहले भी भुक्तभोगी रह चुके हैं। नीतीश ने अपने निकटतम और स्वजातीय आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया। आरसीपी ने भाजपा से जेडीयू के विलय के बाद पार्टी छोड़ दी। वे भाजपा का सदस्य बन गए। आरजेडी के साथ जेडीयू जाना भी उपेंद्र कुशवाहा को पसंद नहीं आया। उन्हें JDU भी छोड़ दिया गया। जेडीयू के दो मंत्री फिलहाल केंद्र में हैं। नीतीश को लगता है कि ललन सिंह सरकार के फैसलों के साथ खड़े दिखते हैं, इसलिए अगर रिश्ते खराब होते हैं तो उनसे भी हाथ धोने का खतरा होगा। नीतीश यह स्थिति कभी नहीं होने देंगे। नीतीश की सरकार में परिवर्तन की उम्मीद करने वालों की बहस बेकार है।

  • Shambhavi Chaudhary: “CM नीतीश ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को रखा आगे”, CM के पक्ष में बोलीं LJP सांसद

    Shambhavi Chaudhary: “CM नीतीश ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को रखा आगे”, CM के पक्ष में बोलीं LJP सांसद

    Shambhavi Chaudhary (शांभवी चौधरी) ने कहा “CM नीतीश ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को रखा आगे”

    Shambhavi Chaudhary News: बिहार के CM Nitish Kumar ने राज्य विधानसभा में राजद विधायक रेखा देवी पर अपनी टिप्पणी के बाद हंगामा मचा दिया। विपक्षी दल जहां CM Nitish Kumar पर हमलावर रहते हैं, वहीं सत्ता पक्ष उनका बचाव कर रहा है. इस बीच, LJP (रामविलास) सांसद Shambhavi Chaudhary ने नीतीश कुमार के समर्थन में एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।

    “CM Nitish महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं”

    कांग्रेस सांसद Shambhavi Chaudhary ने कहा, “उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं को सदन में बोलने का अधिकार दिया है। जब उन्होंने शिकायत की तो उन्होंने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? हमने आपको अधिकार दिया है।उनका कहने का मतलब था कि महिलाओं की जो आवाज आज सदन में गूंज रही है वो Nitish Kumar और NDA की वजह से मिली है। CM Nitish Kumar ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को आगे रखा है और उन्हें सशक्त करने का काम किया है।”

    आपको बता दें कि बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान CM ने राजद विधायक मसौढ़ी रेखा देवी की निंदा करते हुए कहा था…आप महिला हैं, कुछ नहीं जानतीं…आज आप महिला की तरह बोलती हैं. राजद काल में किसी भी महिला को बोलने की इजाजत नहीं थी. कभी-कभी ये लोग (आरजेडी) किसी महिला को बढ़ावा देते हैं. 2005 के बाद हमने महिलाओं की संख्या बढ़ाई। तुमने तो आज बस बकवास की। इसीलिए हम कहते हैं सुनो…अरे क्या चल रहा है, सुनो हम क्या कह रहे हैं, क्या चल रहा है, क्या हुआ सुनोगे नहीं? हम तो सुनाएंगे।

  • Union Minister Giriraj Singh ने कहा कि “राहुल गांधी ने हिंदुओं को खत्म करने की छेड़ रखी है मुहिम”, कांग्रेस नेता पर बरसे और तेजस्वी पर भी हमला बोला।

    Union Minister Giriraj Singh ने कहा कि “राहुल गांधी ने हिंदुओं को खत्म करने की छेड़ रखी है मुहिम”, कांग्रेस नेता पर बरसे और तेजस्वी पर भी हमला बोला।

    Union Minister Giriraj Singh का बार फिर राहुल गांधी पर जोरदार हमला

    Union Minister Giriraj Singh ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह से हिंदुओं का अपमान किया है. वह पहले भी हिंदुओं को गालियां दे चुका है और उनका विरोध करता रहता है।

    हिंदू धर्म के खिलाफ छेड़ रखा है राहुल गांधी ने मुहिम 

    दरअसल, Union Minister Giriraj Singh गुरुवार को दिल्ली से पटना पहुंचे थे. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सदन में खुलेआम हिंदुओं का अपमान करना सनातन को नष्ट करने की साजिश है. मुझे लगता है कि स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हम सनातनी को खत्म कर देंगे… यह राहुल गांधी के इशारे पर कहा गया था और अब भी राहुल गांधी सनातनी को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने हिंदू धर्म के खिलाफ मुहिम चलाया. आने वाले दिनों में हिंदू समाज, सनातन समाज इसका बदला लेगा।

    तेजस्वी यादव शुरू से ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खड़े रहे

    इसी तरह बिहार में गिरते पूल और तेजस्वी के सरकार पर आरोपों पर Union Minister Giriraj Singh ने कहा कि वह जश्न मनाने विदेश गए थे और बिहार की चिंता उन्हें सता रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले को देखेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि एक कमेटी बनाकर सभी ध्वस्त पुलों का सर्वे कराएं और पता लगाएं कि ये कब बने और किसके समय बने, लोगों को बताएं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव शुरू से ही भ्रष्टाचार के नींव पर खड़े हैं, इसीलिए उन्हें यह सब आनंद आता है।

  • Bihar CM Nitish Kumar की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 18 एजेंडों पर मुहर लगाई गई

    Bihar CM Nitish Kumar की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 18 एजेंडों पर मुहर लगाई गई

    मंगलवार को कैबिनेट की बैठक Bihar CM Nitish Kumar की अध्यक्षता में समाप्त हुई। मुख्य सचिवालय में मंत्रिमंडल कक्ष में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में कुल 18 एजेंडे पर मुहर लगाई गई। मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, इनमें से अठारह एजेंड इस प्रकार हैं..।

    1. माध्यमिक स्कूलों से वंचित पंचायतों में 3,530 हाई स्कूलों के भवन निर्माण को पूरा करने के लिए पूर्व में स्वीकृत 2,768 हाई स्कूलों के भवन निर्माण को पूरा करने के लिए 75.30 अरब रुपये की राशि मंजूर की गई।
    2. कृषि रोड मैप को 31 मार्च 2021 तक लागू किया गया। कृषि विश्वविद्यालयों में जैव प्रौद्योगिकी वानिकी और कम्युनिटी साइंस में स्नातक स्तर पर नामांकित छात्रों को कृषि स्नातक छात्रों की तुलना में समान स्टाइपेंड प्रदान करने का फैसला
    3. पटना विश्वविद्यालय में एक नया अकादमिक भवन बनाया जा रहा है। इस पर लगभग 89.45 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। साथ ही योजना को लागू करने के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी
    4. कृषि सेवा अधिकारी मनोज कुमार को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में बर्खास्त किया गया
    5. मुंगेर में तारापुर में शहीदों की याद में हर वर्ष 15 फरवरी को राजकीय समारोह तारापुर शहीद स्मारक परिसर में आयोजित किया जाएगा।
    6. 2022 के बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा शर्त संशोधन नियमावली का प्रारूप पर स्वीकृति दी गई
    7. अधिहरित एवं राज्य सड़क परिवहन या गैर-परिवहन वाहनों की सार्वजनिक नीलामी की उच्च बोली की राशि को क्रय मूल्य मानते हुए क्रेता से वाहन पर पथ करने की अनुमति दी गई, साथ ही अन्य शुल्क भी वसूलने की अनुमति दी गई।
    8. बिहार पुलिस मुख्यालय में नियमित चालक के लिए स्वीकृत 5,996 पदों में से 1,255 पदों को भरने के लिए सेना से सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) चालकों की सेवा लेने के लिए आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाइजेशन एजेंसी को बाह्य स्रोत से चयन करने की अनुमति दी गई. इसके लिए 38 करोड़ 15 लाख 20 हजार रुपये की लागत होगी।
    9. दिघवारा-शेरपुर सिक्स लेन पुल के निर्माण के लिए प्रशासन ने 316 करोड़ 71 लाख 61 हजार रुपए की लागत से 86 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहण करने की अनुमति भी दी है।
    10. समग्र शिक्षा अभियान स्कीम में कार्यरत शिक्षकों का वेतन भुगतान करने के लिए राज्य बजट से 22 अरब 56 करोड़ 21 लाख 15 हजार रुपये की छुट्टी दी गई।
    11. पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के विस्तार के लिए पटना जिले में पटना सदर क्षेत्र में पांच एकड़ जमीन अधिग्रहण की घोषणा की गई। 59.75 करोड़ रुपये इसके लिए दिए गए
    12. बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग की 2022 की सेवा शर्त संशोधन नियमावली का प्रारूप मंजूर
    13. 2014 में शहरी योजना और विकास से संबंधित नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत। यह विधेयक आगामी बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
    14. मंत्रिमंडल ने बिहार भवन उपविधि 2014 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
    15. 1981 में गन्ना आपूर्ति और खरीद का विनियमन अधिनियम में अंकित ईख खरीद पर ईख बिक्री कर को समाप्त करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया

     


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