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  •  Aam Aadmi Party  नेता आतिशी कैसे बनीं दिल्‍ली की ‘एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर’, AAP के बाकी नेता पिछड़े बारी बारी 

     Aam Aadmi Party नेता आतिशी कैसे बनीं दिल्‍ली की ‘एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर’, AAP के बाकी नेता पिछड़े बारी बारी 

     Aam Aadmi Party

    Aam Aadmi Party नेता और दिल्‍ली की केबिनेट मंत्री आतिशी कैसे बनीं दिल्‍ली की ‘एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर’,का किस्सा तो मशहूर रहा ही है, दिल्ली का नया मुख्यमंत्री भी बिलकुल वैसा ही है – और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने  सुबह पहले ही सभी संदेह दूर करते हुए कहा, “कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है और हमेशा उनकी रहेगी।”
    आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक ने आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना है। लंबे समय से चली आ रही दिल्ली सरकार के नेतृत्व को लेकर चल रही उठापटक और राजनीतिक संघर्ष इस चुनाव से समाप्त हो गया है। जब से केजरीवाल को शराब घोटाले के आरोप में जेल में डाला गया था, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वे मुख्यमंत्री पद को किसे सौंपेंगे। हालाँकि, जेल से सरकार चलाने का निर्णय लेते हुए केजरीवाल ने इन संदेहों को थोड़ा टाल दिया था। लेकिन उनके इस्‍तीफे की घोषणा के बाद तय हो गया कि सीएम पद के लिए लॉटरी किसके नाम पर खुलेगी। जो नाम दिखाई देता है, वे आतिशदिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का नाम आश्चर्यजनक नहीं है। वे  दिल्ली सरकार में केजरीवाल की स्वाभाविक प्रतिभा हैं। शराब घोटाले में केजरीवाल और मनीष सिसौदिया भी शामिल थे। ऐसे में आतिशी को उनके जेल जाने के बाद उनके लगभग सभी मंत्रालय सौंप दिए गए। केजरीवाल और सिसौदिया की अनुपस्थिति में दिल्ली सरकार आक्रोशित हो गई। वे पार्टी के भीतर होने वाले कामों को भी देख रहे थे और केजरीवाल पर हमला करने वाली बीजेपी से भी लड़ रहे थे। तेजतर्रार और केजरीवाल की विश्वसनीयता के साथ। इन दो चीजों ने आतिशी का बायोडेटा बेहतर बनाया।

    आतिशी सीएम भी कई विभागों को संभालेंगी!

    राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को “शीशमहल” कहते हैं, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास से बाहर रहते हुए, वह दिल्लीवासियों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण था क्योंकि वह अभी तक चीफ मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलियो के रूप में कार्यरत रहा है। यह स्पष्ट है कि वे तिहाड़ जेल में रहते हुए भी सरकार चलाते थे, जैसे मुख्यमंत्री आवास में रहते हुए। हां, आप अब आतिशी में कई विभागों को संभालने वाली पहली मुख्यमंत्री  होंगी। यकीन है कि केजरीवाल सुपर सीएम रहेंगे।

    देश की राजनीति में “एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” की कहानी प्रचलित है, और दिल्ली का नया मुख्यमंत्री ऐसा ही होगा। आतिशी  पांच महीने के लिए मुख्यमंत्री रहेंगी। हालाँकि, दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का कार्यकाल इससे भी कम रहा है।

    कौन कौन नहीं बन पाया सीएम, और क्यों?

    यह आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं की सूची है, जिनकी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनने की कोई संभावना नहीं थी। ऐसा ही मान कर चला जा रहा था, कम से कम दिल्ली विधानसभा चुनाव होने तक। अरविंद केजरीवाल की आश्चर्यजनक राजनीति में, हालांकि, कुछ नियम लागू होते हैं। इसलिए  कयास लगाने में किसी का नाम नहीं छूट रहा था।

    गोपाल राय आम आदमी पार्टी के सबसे अनुभवी, सम्माननीय और अनुभवी नेताओं में से एक हैं; वे अपने राजनीतिक विरोधियों को नजरअंदाज करते हैं और कोई बहस नहीं करते।
    गोपाल राय पहले सेहत से परेशान थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल की जेल में रहते हुए वे काफी एक्टिव थे. फिर भी, अरविंद केजरीवाल को लगता नहीं था कि वे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी लेंगे।

    राघव चड्ढा: अरविंद केजरीवाल के करीबी और भरोसेमंद नेताओं में राघव चड्ढा भी शामिल हैं। उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनने तक इस विषय पर चर्चा हुई। साथ ही, राघव चड्ढा ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    जब अरविंद केजरीवाल के जेल चले जाने के बाद भी राघव चड्ढा कहीं नहीं दिखाई दिए, तो उन पर सवाल उठने लगे। परिणीत चोपड़ा से विवाह के बाद वे कहीं नहीं दिखाई देते थे। परिणीत चोपड़ा से विवाह करने के बाद वे देश भर में घूमते रहे, और उस समय उनके इलाज के लिए विदेश में होने की चर्चा हुई। जो भी हो, संदेह और प्रश्नों के घेरे में आकर वह स्वयं संभावितों की सूची से बाहर हो गया।

    संजय सिंह: जेल से बाहर आने के बाद, संजय सिंह ने आप नेताओं की सूची में भी जगह बनाई थी. हालांकि, स्वाति मालीवाल मामले में उनके बयान, जो मीडिया के सामने आए, अरविंद केजरीवाल की राय से पूरी तरह अलग थे, इससे उनकी राय अलग थी। अरविंद केजरीवाल को संजय सिंह पर पहले जैसा भरोसा नहीं रहा होगा, भले ही वे हर कदम पर उनके साथ हों।वह भी उनको बाहर मानकर चला जा रहा था।

    कैलाश गहलोत: कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री हैं, लेकिन जांच एजेंसियों के घेरे में आने के बाद वे भी सूची से बाहर हो गए।

    मनीष सिसोदिया: अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि मनीष सिसोदिया दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री पद पर नहीं उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें डिप्टी पद मिलने के बावजूद, वह जेल भेजे जाने से पहले अपना काम पूरा कर रहे थे।

    नोटों का भाव बढ़ाने के लिए लक्ष्मी-गणेश की चित्रों को लगाने की मांग कर चुके अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के बुजुर्गों को अयोध्या की सैर कराने वाले, निश्चित रूप से अपनी जेल डायरी को चुनावों के दौरान राम-वनवास की तरह प्रस्तुत करेंगे।

    ये भी बताएंगे कि वे अभी भी वनवास में हैं, जब तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद फिर से बोलने का अवसर नहीं मिलता। दिल्लीवासियों, मैं आपको प्यार करता हूँ!

    सुनीता केजरीवाल: वनवास के दौरान लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले मनीष सिसोदिया के साथ रहने के लिए सुनीता केजरीवाल का भी साथ होना अनिवार्य था. इसलिए, सुनीता केजरीवाल को संभावित मुख्यमंत्रियों की सूची से बाहर रखा गया।

    वैसे भी, सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने की सबसे बड़ी आवश्यकता उनके जेल में रहते हुए थी, जो अब नहीं रही। लेकिन अरविंद केजरीवाल ऐसा करते तो यह उनकी राजनीतिक भूल होती।

    वास्तव में, सोमनाथ भारती भी आपके वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बांसुरी स्वराज के खिलाफ खड़ा किया गया था, लेकिन उनका जन्मजात विवाद उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गया।

  • Lok Sabha Election Result: केजरीवाल की AAP ने हार का ठीकरा दिल्‍ली के इस नेता के सिर फोड़ा, पार्टी से किया सस्‍पेंड

    Lok Sabha Election Result: केजरीवाल की AAP ने हार का ठीकरा दिल्‍ली के इस नेता के सिर फोड़ा, पार्टी से किया सस्‍पेंड

    Lok Sabha Election Result 2024:

    Lok Sabha Election Result आने के बाद जीतने वाली पार्टियां सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गई हैं, वहीं हारने वाली पार्टियां भी हार का गम मिटाने के लिए कार्रवाई में जुट गई हैं. इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद दिल्‍ली की सातों सीटों पर मुंह की खाने वाली आम आदमी पार्टी ने हार का ठीकरा अपने ही नेता पर फोड़ दिया है.। AAP ने अपनी पार्टी के पूर्व विधायक की सदस्यता निलंबित कर दी है.

    आम आदमी पार्टी (AAP) के लेटरहेड पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल राय द्वारा जारी आदेश में छठी लोकसभा में आम आदमी पार्टी के प्रमुख लक्ष्मी नगर से विधायक नितिन त्यागी को निलंबित कर दिया गया है। अब नितिन त्यागी आम आदमी पार्टी के सदस्य नहीं रहेंगे.

    गोपाल राय की ओर से जारी निलंबन पत्र में कहा गया है कि नितिन त्यागी 2024 के Lok Sabha Election के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए थे. इसके बाद उनकी पार्टी ने उनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं, पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई लंबित रहेगी और नेता को निशाना बनाया जाता रहेगा।

    आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में हैं. इस बीच, दिल्ली में हार के बाद पार्टी न सिर्फ अपने स्तर पर मंथन और कार्रवाई कर रही है, बल्कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद अब चुनावी हार के बाद मतभेद की खबरें आ रही हैं.

    कौन हैं नितिन त्‍यागी:

    नितिन त्यागी आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं और उन्होंने 2015 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की ओर से लक्ष्मी नगर से विधानसभा चुनाव लड़ा था। त्यागी ने यह चुनाव जीता और विधायक चुने जाने के बाद वह दिल्ली विधानसभा में पहुंचे. नितिन त्‍यागी ने 2020 तक अपना कार्यकाल पूरा किया और आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे। त्यागी मेरठ से आम आदमी पार्टी के शिक्षित उम्मीदवार हैं।

    स्वाति मालीवाल बनाम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार मामला सामने आने के बाद त्यागी पर Lok Sabha Election के दौरान पीपुल्स समर्थित स्वाति मालीवाल का आरोप लगा था. इसके अलावा उन्होंने चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी को लेकर भी बयान दिया था.


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