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  • CM Yogi Adityanath: जनपद अयोध्या में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम

    CM Yogi Adityanath: जनपद अयोध्या में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम

    CM Yogi Adityanath

    • मुख्यमंत्री ने लगभग 10 अरब 04 करोड़ 75 लाख रु0 लागत की कुल 83 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया
    • मुख्यमंत्री ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, प्रतीकात्मक चेक, अनुदान पत्र, सिलाई मशीन, प्रमाण पत्र एवं आवास की चाभी प्रदान की
    • प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश व प्रदेश में  विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया: मुख्यमंत्री
    • नए भारत में विकास और सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण प्राप्त हो रहा
    • नए भारत का नया उ0प्र0 देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा, प्रदेश विकास का मॉडल बन रहा
    • डबल इंजन सरकार विकास, सुरक्षा, निवेश, रोजगार को आगे बढ़ाने का काम कर रही
    • प्रदेश में साढ़े 06 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई, 02 करोड़ से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए
    • 60 लाख से अधिक उद्यमियों को प्रदेश में उद्यम लगाने के लिए प्रेरित कर स्वतः रोजगार से जोड़ने का काम किया गया
    • प्रदेश में 2-लेन व 4-लेन की सड़कें, बेहतर ग्रामीण कनेक्टिविटी, प्रत्येक गांव व मजरे में बिजली व पानी आदि की अच्छी व्यवस्था की गई
    • विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य के 02 करोड़ 62 लाख परिवारों को एक-एक शौचालय देने का कार्य किया
    • 56 लाख गरीबों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई, 01 लाख 20 हजार मजरों तक बिजली पहुंचाई गई
    • 01 करोड़ 56 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन, उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 83 लाख परिवारों को निःशुल्क सिलेण्डर प्रदान किए गए
    • प्रदेश सरकार द्वारा एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया
    • प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या ऋषियों तथा संतों की परम्परा से जुड़ी
    • अयोध्या में किसानों को जमीन का 1700 करोड़ रु0 मुआवजा प्रदान किया गया, 6,461 दुकानों का पुनर्वास किया गया
    • अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, एयरपोर्ट पथ तथा अयोध्या को अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर से जोड़ने वाले मार्ग फोरलेन हो चुके
    • 821 एकड़ भूमि पर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका, कुछ ही दिनों के बाद अयोध्या इण्टरनेशनल कनेक्टिविटी से जुड़ने वाला
    • अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन रही, भगवान सूर्य की ऊर्जा से यहां प्रकाश जगमगायेगा अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक मिनी स्टेडियम बनने जा रहा
    • अयोध्या में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत अब तक 43,664 तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 19,964 आवास स्वीकृत किए गए
    • अयोध्या में ‘हर घर जल योजना’ के माध्यम से 1,184 राजस्व ग्रामों में प्रत्येक घर तक पेयजल का कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य हो रहा

      CM Yogi Adityanath ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश व प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। नए भारत में विकास और सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण प्राप्त हो रहा है। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश, देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। प्रदेश विकास का मॉडल बन रहा है। डबल इंजन सरकार विकास, सुरक्षा, निवेश, रोजगार को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

    मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 10 अरब 04 करोड़ 75 लाख रुपये लागत की कुल 83 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इनमें 82 करोड़ 83 लाख रुपये से अधिक लागत की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 09 अरब 21 करोड़ 91 लाख रुपये से अधिक लागत की 46 परियोजनाओं का शिलान्यास सम्मिलित है। यह परियोजनाएं नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, लोक निर्माण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन, समाज कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग से सम्बन्धित हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, प्रतीकात्मक चेक, अनुदान पत्र,सिलाई मशीन, प्रमाण पत्र एवं आवास की चाभी प्रदान की।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि सरकार अच्छी होती है, तो विकास की प्रक्रिया स्वयं ही गति प्राप्त करने लगती है। अच्छी सरकार सुरक्षा शांति और सौहार्द का माहौल बनाती है। युवाओं के लिए रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाती है। बिना भेदभाव विकास कार्यों तथा कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों, महिलाओं तथा युवाओं आदि तक पहुंचाकर उनके चेहरे पर खुशहाली लाने का कार्य करती है। प्रदेश में साढ़े 06 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। 02 करोड़ से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। 60 लाख से अधिक उद्यमियों को प्रदेश में उद्यम लगाने के लिए प्रेरित कर स्वतः रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है। वर्ष 2017 से पूर्व, यही प्रदेश देश के विकास का बैरियर माना जाता था। आज डबल इंजन सरकार प्रदेश में सबका साथ-सबका विकास के भाव के साथ कार्य कर रही है। अन्नदाता किसानों की खुशहाली, बेटियों और बहनों की सुरक्षा व स्वावलम्बन तथा व्यापारियों के सम्मान के लिए कार्य कर रही है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साढ़े 07 वर्ष पूर्व प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। प्रदेश में अराजकता चरम पर थी। विकास की योजनाओं में भेदभाव किया जाता था। महापुरुषों का अपमान किया जाता था। माफियाओं की समानान्तर सरकारें चलती थीं। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने विकास कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाया। आज प्रदेश में 2-लेन व 4-लेन की सड़कें, बेहतर ग्रामीण कनेक्टिविटी, प्रत्येक गांव व मजरे में बिजली व पानी आदि की अच्छी व्यवस्था की गई है। प्रत्येक गरीब को बिना भेदभाव के आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

    विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य के 02 करोड़ 62 लाख परिवारों को एक-एक शौचालय देने का कार्य किया है। 56 लाख गरीबों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 01 लाख 20 हजार मजरों तक बिजली पहुंचाई गई है। 01 करोड़ 56 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए। उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 83 लाख परिवारों को निःशुल्क सिलेंडर प्रदान किए गए हैं। इस योजना के अन्तर्गत होली तथा दीपावली के पर्व पर भरा हुआ निःशुल्क गैस सिलेण्डर देने का कार्य गत वर्ष से प्रारम्भ हो चुका है। आगामी दीपावली पर्व परपुनः भरा हुआ निःशुल्क गैस सिलेंडर प्राप्त होगा। प्रदेश में 15 करोड़ लोग निःशुल्क राशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। यह कार्य वर्ष 2017 से पूर्व सम्भव नहीं थे।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या ऋषियों तथा संतों की परम्परा से जुड़ी हुई है। अयोध्या में किसानों को जमीन का 1700 करोड़ रुपये मुआवजा प्रदान किया गया है। अयोध्या धाम में अब तक 03 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं। जब यहां दीपोत्सव पर मंदिरों व घाटों पर दीप जलते हैं, तो अपराधियों तथा देश के दुश्मनों को परेशानी होती है, क्योंकि उन्हें पता है कि अयोध्या में जलने वाला दीप प्रदेश व देश को रोशन करेगा। इससे निकलने वाला प्रकाश बुराइयों तथा देश के दुश्मनों को भी समाप्त करने का सामर्थ्य रखता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस अयोध्या को बिजली तथा विकास से वंचित किया गया, उस अयोध्या में डबल इंजन सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी है। पहले अयोध्या में इतना विकास कभी नहीं हुआ। हम सभी आज 1,004 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात लेकर फिर से आए हैं। यहां 6,461 दुकानों का पुनर्वास किया गया। इसके अन्तर्गत किसी व्यक्ति को दुकान तथा किसी को कम्पनसेशन प्रदान किया गया। एफ0ए0आर0 में छूट देकर जमीन के पिछले भाग पर दुकान बनाने की अनुमति दी गई। नक्शा पास करवाया गया। आज अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी बन रही है। देश और दुनिया के सनातन धर्मावलम्बी आज यहां आने को उत्सुक हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, एयरपोर्ट पथ तथा अयोध्या को अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर से जोड़ने वाले मार्ग 4-लेन हो चुके हैं। हजारों वर्ष पहले प्रभु श्रीराम अयोध्या धाम में पुष्पक विमान से आए थे। पहले अयोध्या में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एक कल्पना थी। आज यहां 821 एकड़ भूमि पर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है। अयोध्या की देश के अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी है। कुछ ही दिनों के बाद अयोध्या इण्टरनेशनल कनेक्टिविटी से जुड़ने वाला है। अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन रही है। भगवान सूर्य की ऊर्जा से यहां प्रकाश जगमगाएगा।

    अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक मिनी स्टेडियम बनने जा रहा है। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 30 मार्गांे के शिलान्यास का कार्य हो रहा है। इसके साथ ही, यहां पर रेवना में ग्रामीण स्टेडियम के निर्माण के लिए भी 09 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। इससे यहां के युवा भी ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियाई खेलों तथा विश्व चैम्पियनशिप के लिए स्वयं को तैयार कर भारत के गौरव को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकंेगे। विकास परियोजनाओं तथा कार्यों से अयोध्या धाम में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

    अयोध्या में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत अब तक 43,664 तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 19,964 आवास स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत मिल्कीपुर में 8,195 आवासों हेतु धनराशि लाभार्थियों के खातों में अन्तरित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 2,369 लाभार्थियों को आवास की सुविधा प्रदान की गई है। अयोध्या में ‘हर घर जल योजना’ के माध्यम से 1,184 राजस्व ग्रामों में प्रत्येक घर तक पेयजल का कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य हो रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व अन्नदाता किसान आत्महत्या करता था। आज अयोध्या में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 04 लाख 21 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इनके खातों में अब तक 1,430 करोड़ रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है। इस योजना के अन्तर्गत मिल्कीपुर के 94,549 किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है। जनपद में युवाओं को 67,014 स्मार्टफोन तथा 26,974 टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं।

    आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 09 लाख 726 व्यक्तियों को गोल्डन कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं। इसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत 30,245 बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। 01 लाख 08 हजार 228 वृद्धजनों, 54,529 निराश्रित महिलाओं तथा 11,603 दिव्यांगजन को मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अयोध्या में 59 गो-आश्रय स्थलों में 12,611 से अधिक गोवंश संरक्षित किए जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत भी 04 लाख 32 हजार राशन कार्डधारकों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर खेल और युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र  यादव, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री श्री सतीश चन्द्र शर्मा, विधायक श्री वेद प्रकाश गुप्ता, श्री रामचन्द्र यादव, डॉ0 अमित सिंह चौहान, डॉ0 हरिओम पाण्डेय, श्री अवनीश पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • केंद्रीय मंत्री Shri Shivraj Singh Chouhan: डिजिटल कृषि मिशन के लॉन्च को स्वीकृति

    केंद्रीय मंत्री Shri Shivraj Singh Chouhan: डिजिटल कृषि मिशन के लॉन्च को स्वीकृति

    केंद्रीय मंत्री Shri Shivraj Singh Chouhan ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में 100 दिन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए किये गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों के उपलक्ष्य में प्रेसवार्ता की


    किसान कल्याण और कृषि के विकास की हमारी छह सूत्रीय रणनीति है: श्री चौहान

    65 फसलों की 109 प्रजातियों के नए बीज प्रधानमंत्री ने किसानों को समर्पित किए थे  जोकि जलवायु अनुकूल, कीट प्रतिरोधी और अधिक उपज वाली हैं: केंद्रीय कृषि मंत्री

    सरकार के 100-दिवसीय कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सैचुरेशन अभियान चलाए गए जिसमें 25 लाख से अधिक नए किसानों को पीएम-किसान योजना से जोड़ा गया: केंद्रीय कृषि मंत्री

    बागवानी (हॉर्टिकल्चर) की फसलों के अधिक उत्पादन के प्रत्यन में लगे हैं  और 9 आधुनिक केंद्र बना रहे हैं: श्री शिवराज सिंह चौहान

    आधुनिक किसान चौपाल – लैब टू लैंड, अक्टूबर में प्रारंभ करने वाले हैं जिसमें  वैज्ञानिक, किसानों तक सीधी जानकारियां पहुंचाएंगे: श्री चौहान

    केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में 100 दिन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए किये गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों के उपलक्ष्य में प्रेसवार्ता कर मीडिया को जानकारी दी। सचिव कृषि एवं किसान कल्याण विभाग,  श्री देवेश चतुर्वेदी और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) सचिव, डेयर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक व मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी प्रेसवार्ता में उपस्थित थे।

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    श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हमारे जीवन का आधार भी है। 140 करोड़ देशवासियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। किसान कृषि की आत्मा है और उसके प्राण भी हैं। इसलिए किसान कल्याण और कृषि के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 100 दिनों में  जो लालक़िले के प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा था कि तीसरे कार्यकाल में पहले से तीन गुणा काम करूंगा। कृषि विभाग के सभी अधिकारियों ने मेरे सहित यह संकल्प लिया था कि प्रधानमंत्री ही अकेले काम क्यों करें हम सब मिलकर काम करेंगे। पहले सौ दिनों में हमने यह प्रयत्न किया है। किसान कल्याण और कृषि के विकास की हमारी छह सूत्रीय रणनीति है।

    श्री चौहान ने कहा कि पहला – उत्पादन बढ़ाना, प्रति हेक्टेयर पैदावार कैसे बढ़े?  पिछले दिनों किए गए फैसलों में प्रमुख फैसला था, फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए 65 फसलों की 109 प्रजातियों के नए बीज प्रधानमंत्री ने किसानों को समर्पित किए थे  जोकि जलवायु अनुकूल, कीट प्रतिरोधी और अधिक उपज वाली हैं।

    दूसरा – उत्पादन की लागत को घटाना, जितना जरूरी उत्पादन बढ़ाना है उतना ही ज़रूरी है कि उत्पादन की लागत में कमी कैसे आए इसका एक तरीका है कि किसानों को सस्ता फर्टिलाइजर उपलब्ध करायें। किसानों को समय पर सस्ता फर्टिलाइजर/खाद उपलब्ध हो जाए, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि यूरिया की एक बोरी 2366 रुपए में आती है। हम किसानों को 266 रुपए में उपलब्ध कराते हैं, डीएपी की एक बोरी 2433 रुपए की आती है जिसे हम किसानों को 1350 रुपए में उपलब्ध कराते हैं।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 100 दिनों में एक और विशेष काम हुआ है कि डिजिटल कृषि मिशन के लॉन्च को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और किसानों ने इसका उपयोग करना भी प्रारंभ कर दिया है। श्री चौहान ने कहा कि आधुनिक किसान चौपाल – लैब टू लैंड, अक्टूबर में प्रारंभ करने वाले हैं जिसमें  वैज्ञानिक, किसानों तक सीधी जानकारियां पहुंचाएंगे। हम परंपरागत फसलों के साथ-साथ बागवानी (हॉर्टिकल्चर) की फसलों के अधिक उत्पादन के प्रत्यन में लगे हैं। हम 9 आधुनिक केंद्र बना रहे हैं।

    श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की 100 दिन की कार्य योजना के तहत प्रमुख उपलब्धियां निम्मनलिखित हैं:-KISAN

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद, प्रधानमंत्री ने अपने पहले महत्वपूर्ण निर्णय में 9.26 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत रुपये 21000 करोड़ की धनराशि जारी की । सरकार के 100-दिवसीय कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सैचुरेशन अभियान चलाए गए जिसमें 25 लाख से अधिक नए किसानों को पीएम-किसान योजना से जोड़ा गया । अब इस योजना के तहत कुल लाभार्थियों की संख्या 9.51 करोड़ से अधिक हो गई है । इसके अतिरिक्त, मंत्रालय ने किसानों को उनकी अपनी भाषा में पीएम-किसान से संबंधित प्रश्नों में सहायता करने के लिए एआई-चैटबॉट “किसान-ईमित्र” का उपयोग किया। इस चैटबॉट ने अब तक 50 लाख किसानों के 82 लाख से अधिक प्रश्नों को सफलतापूर्वक हल किया है। किसान ईमित्र चैटबॉट की सफलता को देखते हुए इसे मंत्रालय की अन्य योजनाओं, जैसे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजनाओं के लिए अपग्रेड किया जा रहा है।

    आयात निर्यात (हाल ही में लिए गए महत्वपूर्ण कृषि व्यापार नीति निर्णय )

    प्याज

    • प्याज पर 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य और 40% का निर्यात शुल्क विदेशी आयातकों के लिए प्याज को अत्यधिक महंगा बनाकर इसके निर्यात को प्रतिबंधित कर रहा था।

    • इससे प्याज उत्पादकों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था क्योंकि निर्यात गिर गया था और उन्हें लाभकारी घरेलू कीमतें नहीं मिल रही थीं।

    • न्यूनतम निर्यात मूल्य को पूरी तरह से हटाने के हालिया फैसले से खुला निर्यात होने की उम्मीद है, साथ ही निर्यात शुल्क को 40% से घटाकर 20% करने का कदम भी उठाया गया है।

    • चूंकि निर्यात मांग अब घरेलू मांग में जुड़ जाएगी, इसलिए किसानों को निश्चित रूप से ऊंची कीमतों से लाभ होगा I

    बासमती चावल

    • बासमती चावल भारत के कृषि निर्यात की एक प्रमुख वस्तु है, और भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक महत्वपूर्ण और सिद्ध तुलनात्मक लाभ के साथ एक बड़ा खिलाड़ी है।

    • लेकिन बासमती चावल पर निर्यात प्रतिबंधों के कारण, 800 डॉलर से 950 डॉलर प्रति मीट्रिक टन की मूल्य वाली किस्मों का बिल्कुल भी निर्यात नहीं किया जा सका, जिससे हमारे उत्पादक विश्व बाजार में अपनी क्षमता का इष्टतम उपयोग नहीं कर सके।

    • बासमती चावल के 950 डॉलर प्रति मीट्रिक टन न्यूनतम निर्यात मूल्य को खत्म करने का स्वागतयोग्य निर्णय अब चावल किसानों को अपनी प्रमुख उपज के लिए विदेशी बाजार हासिल करने में सक्षम बनाएगा। • चूंकि भारतीय बासमती अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए निर्यात मांग में वृद्धि अब सुनिश्चित है, और किसानों को बेहतर कीमतें मिल सकेंगी I

    खाद्य तेल – पामसोया और सूरजमुखी

    • जिस प्रकार निर्यात योग्य फसलें उगाने वाले किसानों को प्रतिबंधों को हटाने की आवश्यकता है, उसी प्रकार आयात योग्य वस्तुओं के उत्पादकों को कम अंतरराष्ट्रीय कीमतों से कुछ सुरक्षा की आवश्यकता है I

    • खाद्य तेल सभी भारतीय घरों में एक आवश्यकता है, और इसलिए, ऐसी वस्तुओं के उत्पादन में आत्मनिर्भरता वांछनीय है I

    • पाम और सोया तेल की कम अंतर्राष्ट्रीय कीमतें और पाम, सोया और सूरजमुखी तेल के आयात पर शून्य बेसिक कस्टम ड्यूटी के कारण घरेलू बाजार में कीमतें कम हो रही थीं।

    • सोयाबीन की कीमतें आगामी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (4892 रुपये प्रति क्विंटल) से काफी नीचे थी।

    • कच्चे तेल (पाम, सोया और सूरजमुखी) पर प्रभावी आयात शुल्क को 5.5% से बढ़ाकर 27.5% और रिफाइंड तेल पर 13.75% से बढ़ाकर 35.75% करने का हालिया ऐतिहासिक निर्णय समय की मांग थी।

    • इससे मूंगफली तेल और सरसों तेल जैसे घरेलू स्तर पर उत्पादित खाद्य तेलों की कीमतों पर कुछ दबाव पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि इस फैसले ने खाद्य तेल बाजार को एक बहुत जरूरी और बहुप्रतीक्षित संकेत दिया है।

    • यह निर्णय सबसे उपयुक्त समय पर आया है – फसल, विशेष रूप से सोयाबीन की, मंडियों में आने वाली है, और यदि आयात पहले की तरह बाजार में जारी रहता, तो कीमतें गिर जातीं। यह निर्णय सबसे उचित समय पर आया है I

    प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान    (PM-AASHA)

    कैबिनेट ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) की एकीकृत योजना को 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान 2025-26 तक ₹ 35,000 करोड़ के कुल बजट के साथ जारी रखने को मंजूरी दी है, ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान किया जा सके और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सके।

    सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) योजना को पीएम आशा के तहत एकीकृत किया है ताकि किसानों और उपभोक्ताओं की सेवा अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके। अब, एकीकृत पीएम आशा योजना लागू किया जाएगा, जिसमें एमएसपी संचालन डीए एंड एफडब्ल्यू द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा और गैरएमएसपी संचालन डीओसीए द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा और जिसमें एनएएफईडी के ईसमृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के ईसंयुक्ति पोर्टल पर पूर्वपंजीकृत किसानों से खरीद शामिल है। इससे किसानों को इन फसलों की अधिक खेती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

    पीएमआशा में अब

    • मूल्य समर्थन योजना (PSS),
    • मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (PDPS),
    • मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) और
    • बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS)

    के घटक शामिल होंगे।

    सरकार ने अधिसूचित दलहन, तिलहन और नारियल  की खरीद के लिए मौजूदा सरकारी गारंटी को बढ़ाकर ₹ 45,000 करोड़ कर दिया है। यह तब मदद करेगा जब बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे गिरेंगी, जिससे किसानों से अधिक दालें, तेल बीज और नारियल खरीदे जा सकेंगे।

    अधिसूचित दलहन, तिलहन और नारियल  की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद 2024-25 सीजन से राष्ट्रीय उत्पादन के 25% पर आधारित होगी, जिससे राज्यों को किसानों से MSP पर इन फसलों की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी और संकट बिक्री को रोकने में सहायता मिलेगी। किसानों को तूर, उड़द और मसूर की अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, 2024-25 वर्ष के लिए इन दालों की खरीद की सीमा 25% हटा दी गई है।

    आगामी खरीफ मौसम के दौरान  किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए,

    • महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में 28.36 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की   खरीद के लिए स्वीकृति दी गई है।
    • महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में 1.33 लाख मीट्रिक टन उड़द की खरीद के लिए स्वीकृति दी गई है।
    • कर्नाटक को सूरजमुखी की 13,210 मीट्रिक टन की खरीद के लिए स्वीकृति दी गई है
    • महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में मूंग की 43,500 मीट्रिक टन की खरीद के लिए स्वीकृति दी गई है।

    राज्यों को भावान्तर भुगतान  योजना (PDPS) के कार्यान्वयन के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए,

    • अधिसूचित तिलहन की कवरेज को राज्य के तिलहन उत्पादन के मौजूदा 25% से बढ़ाकर 40% किया गया है
    • किसानों के लाभ के लिए कार्यान्वयन अवधि को 3 महीने से बढ़ाकर 4 महीने कर दिया गया है।

    मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) MIS योजना का लाभ अधिकतम लेने के लिए राज्यों को सक्षम बनाने के लिए, अब MIS के कार्यान्वयन के मानदंड में

    • केवल पिछले सामान्य वर्ष की तुलना में चलती बाजार कीमतों में 10% की कमी होनी चाहिए।
    • फसलों की कवरेज को मौजूदा 20% उत्पादन से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है।

    सरकार ने मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) के तहत भौतिक खरीद के बजाय किसानों के खाते में सीधे भावान्तर भुगतान करने का विकल्प जोड़ा है। इसके अलावा, टॉप (टमाटर, प्याज और आलूफसलों के मामले में, चरम कटाई के समय उत्पादक राज्यों और उपभोक्ता राज्यों के बीच टॉप फसलों के मूल्य अंतर को पाटने के लिए, सरकार ने NAFED और NCCF जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा किए गए संचालनों के लिए परिवहन और भंडारण व्यय वहन करने का फैसला किया है, जो न केवल किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा बल्कि बाजार में टॉप फसलों के लिए मूल्यों को भी कम करेगा। MIS अब PM-AASHA का एक घटक होगा।

    डिजिटल कृषि मिशन

    माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति ने 2 सितंबर 2024 को 2817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी।

    कृषि क्षेत्र में डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सरकार ने केंद्रीय बजट 2023-24 एवं 2024-25 में भी कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के निर्माण का उद्घोषण किया था । डीपीआई का निर्माण राज्यों के समन्वय से किया जा रहा है। अब तक 19 राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)  किया जा चुका है।

    एग्रीस्टैक डीपीआई के तहत किसानों को आधार के जैसी ही एक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) दी जाएगी, जो विश्वसनीय ‘किसान की पहचान’ होगी। किसानों द्वारा बोई गई फसलों को डिजिटल फसल सर्वेक्षण के माध्यम से मोबाइल-आधारित जमीनी सर्वेक्षण के माध्यम से दर्ज किया जाएगा। किसान आईडी बनाने के लिए छह राज्यों में और बोई गई फसल की जानकारी के मोबाइल-आधारित संग्रह के लिए 12 राज्यों में पहले ही पायलट प्रोजेक्ट चलाए जा चुके हैं।

    2026-27 तक 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। फसल बोने के आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण को दो साल के भीतर पूरे देश में शुरू करने का लक्ष्य है, जिसमें 2024-25 में 400 जिले और 2025-26 म ट देश के बाकी जिले शामिल किए जाएंगे।

    कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (Krishi DSS) जो की 16 अगस्त 2024 को लॉन्च किया गया, एक अन्य डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। यह सिस्टम फसलों, मिट्टी, मौसम, जल संसाधनों आदि पर रिमोट सेंसिंग-आधारित एकीकृत जानकारी प्रदान करेगा।

    एक अन्य डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से देश के लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि के विस्तृत मृदा प्रोफ़ाइल तथा उनके मानचित्रों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 29 मिलियन हेक्टेयर की मृदा प्रोफ़ाइल सूची पहले ही पूरी हो चुकी है।

    डिजिटल कृषि मिशन का उद्देश्य किसान-केंद्रित डिजिटल सेवाओं के विकास को सक्षम बनाना और कृषि क्षेत्र के लिए समय पर और विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध कराना है, जैसे;

    किसान अपने लाभ और सेवाओं जैसे की फसल ऋण, एमएसपी-आधारित खरीद, फसल बीमा, कृषि-इनपुट आपूर्तिकर्ताओं और कृषि उपज के खरीदारों आदि तक पहुँचने के लिए खुद को डिजिटल रूप से पहचानने और प्रमाणित करने में सक्षम होगा। कागजी कार्रवाई से छुटकारा मिलेगा और विभिन्न कार्यालयों या सेवा प्रदाताओं के पास स्वयं के जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

    विश्वसनीय डीपीआई डेटा सरकारी योजनाओं और सेवाओं को अधिक कार्यक्षम और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा:

    सटीक फसल के उत्पादन का अनुमान लगाया जा सकेगा जिससे कृषि उपज के मूल्य निर्धारण, आयात और निर्यात पर साक्ष्य-आधारित सरकारी नीतियों का फायदा लेने में मदद मिलेगी।

    डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से फसल योजना, फसल स्वास्थ्य, कीट और रोग प्रबंधन और सिंचाई आवश्यकताओं से संबंधित किसानों के अनुकूल सलाह देकर उनके समस्याओ के समाधान विकसित करने में भी मदद करेगा।  यह किसानों को फसल विविधीकरण (Crop Diversification) में सुविधा प्रदान करने में भी मदद करेगा।

     कृषि सखी

    ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालयों ने 30.08.2023 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत कृषि सखियों को “कृषि पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया हे , जो की “लखपति दीदी” कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप है।

    कृषि सखी अनुभवी और विश्वसनीय किसान होती हैं, जो की कृषि और किसानो से   गहराई से जुड़ी होती हैं। इन्होंने पूर्व में 56 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिसमें प्रमुख कृषि पद्धतियाँ जैसे एग्रो-इकोलॉजिकल तकनीक, मिट्टी की सेहत, पशुपालन और जैव-इनपुट्स शामिल हैं।

    कृषि सखियों को वर्तमान में DAY-

    NRLM कार्यक्रम के तहत 12 राज्यों में प्राकृतिक खेती और मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर पुन: प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    प्रशिक्षण के बाद, कृषि सखियाँ एक प्रवीणता परीक्षा पास करने पर “ कृषि पैरा-एक्सटेंशन वर्कर” के रूप में प्रमाणित हो जाती है ।

    प्रमाणित कृषि सखी,  गाँव स्तर पर कृषि सेवाएं प्रदान कर, प्रति वर्ष 50,000 रुपये से अधिक कमा सकेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलेगा। (Annexure I)

       कृषि सखी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) की विभिन्न योजनाओं के तहत निम्नलिखित गतिविधियाँ अपनाएगी।

     

    क्रम सं. विभाग का नाम गतिविधियाँ
    1 INM डिवीजन : मृदा स्वास्थ्य और MOVCDNER मृदा नमूना संग्रहण, मृदा स्वास्थ्य परामर्श, किसान उत्पादक संगठन का गठन, किसानों का प्रशिक्षण
    3 फसल डिवीजन क्लस्टर फ्रंट लाइन प्रदर्शन, कृषी मैपर पर डेटा संग्रह और अपलोडिंग
    4 फसल बीमा डिवीजन: PMFBY गैर-ऋणी किसानों को संगठित करना, हानि का आकलन
    5 MIDH डिवीजन बागवानी मिशन के बारे में जागरूकता
    6 NRM डिवीजन: वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (RAD) एग्रोफॉरेस्ट्री पर ड्रॉप मोर क्रॉप (PDMC) जलवायु लचीला कृषि प्रथाओं का प्रशिक्षण, पौधों का वितरण, माइक्रो इरिगेशन का अनुप्रयोग
    7 कृषि अवसंरचना फंड परियोजना को सुगम बनाना, जागरूकता पैदा करना
    8 बीज डिवीजन: बीज गाँव कार्यक्रम बीज उत्पादन पर किसान प्रशिक्षण @900 प्रति प्रशिक्षण
    9 M&T डिवीजन: कृषि यंत्रीकरण पर उप मिशन (SMAM) डेमोंस्ट्रेशन फील्ड की तीन यात्राएँ, डेटा फोटो इकट्ठा करना और कृषी मैपर ऐप पर अपलोड करना
    10 तिलहन डिवीजन: राष्ट्रीय मिशन पर खाद्य तेल/ – तिलहन (NMEO-OS) डेमोंस्ट्रेशन फील्ड की तीन यात्रा, डेटा फोटो इकट्ठा करना और कृषि मैपर पर अपलोड करना
    11 पौधा संरक्षण: NPS फसल की स्थिति की जानकारी, NPSS के माध्यम से कीट निगरानी, फोटो इकट्ठा करना और अपलोड करना
    12 क्रेडिट डिवीजन: KCC लीड कनेक्ट, KCC आवेदन समर्थन, क्रेडिट लिंकेज
    13 फसल सांख्यिकी प्रत्येक मुख्य फसल के लिए कम से कम 6 किसानों का पंजीकरण, फसल की स्थिति का पखवाड़े आकलन

    कृषि अवसंरचना कोष 

    कृषि अवसंरचना में मौजूदा अवसंरचना की कमी को दूर करने और कृषि अवसंरचना में निवेश को जुटाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना निधि (AIF) की शुरुआत की गई। AIF का उद्देश्य देश के कृषि अवसंरचना परिदृश्य को बदलना है। कृषि अवसंरचना निधि एक मध्यमदीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा है, जो 3% ब्याज सब्सिडी और क्रेडिट गारंटी समर्थन के माध्यम से फसल कटाई के बाद प्रबंधन अवसंरचना और सामुदायिक कृषि संपत्तियों में निवेश के लिए योग्य परियोजनाओं के लिए है। इस योजना के तहत ₹ 1 लाख करोड़ का फंड वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025-26 तक वितरित किया जाएगा और योजना के अंतर्गत समर्थन वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर वित्तीय वर्ष 2032-33 तक प्रदान किया जाएगा।

    कृषि अवसंरचना निधि (AIF) का प्रगतिशील विस्तार

    हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के विस्तार को मंजूरी दी है। मुख्य उपायों में शामिल हैं:

    • सभी योग्य लाभार्थियों के लिए व्यवहार्य सामुदायिक कृषि संपत्तियों की अनुमति देना,
    • योग्य गतिविधियों में प्राथमिक प्रसंस्करण के साथ एकीकृत द्वितीयक प्रसंस्करण परियोजनाओं को शामिल करना,
    • AIF को PM-KUSUM घटक-A के साथ एकीकृत करना।
    • FPOs को क्रेडिट गारंटी समर्थन प्रदान करने के लिए योजना में NABSanrakshan को शामिल किया गया है।

    योजना के तहत प्रगति

    वर्तमान में, कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के तहत 76,400 परियोजनाओं के लिए ₹ 48,500 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। AIF के तहत स्वीकृत प्रमुख परियोजनाओं में 18,606 कस्टम हायरिंग केंद्र, 16,276 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयाँ, 13,724 गोदाम, 3,102 छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयाँ, 1,909 कोल्ड स्टोर परियोजनाएँ और लगभग 21,394 अन्य प्रकार की फसल कटाई के बाद प्रबंधन परियोजनाएँ और सामुदायिक कृषि संपत्तियाँ शामिल हैं।

    AIF का प्रभाव

    अब तक, 76,400 से अधिक कृषि अवसंरचना परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिससे इस क्षेत्र में ₹ 80,000 करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 8.25 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। AIF के तहत बनाई गई भंडारण अवसंरचना ने लगभग 500 लाख मीट्रिक टन (LMT) की भंडारण क्षमता जोड़ी है, जिसमें लगभग 466 LMT की सूखी भंडारण और लगभग 34 LMT की कोल्ड स्टोरेज क्षमता शामिल है। यह अतिरिक्त भंडारण क्षमता हर साल 18.6 LMT खाद्यान्न और 3.44 LMT फल-सब्जियों को बचाने में मदद कर सकती है।

    कृषि और किसान कल्याण विभाग (DA&FW) ने अपने 100 दिन की कार्य योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में 7,000 से अधिक बुनियादी ढांचे की इकाइयाँ स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस पहल में कुल ऋण स्वीकृति राशि ₹5,000 करोड़ है, जो विभिन्न पश्चात-फसल बुनियादी ढांचे के परियोजनाओं और सामुदायिक कृषि संपत्तियों के लिए ₹7,500 करोड़ का निवेश जुटाने में मदद करेगी। इस योजना का कार्यान्वयन 10 जून से शुरू हुआ और इसे 100 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था ।प्रतिदिन 100 परियोजनाएं और 100 करोड़ रुपये का निवेश की दर से लक्ष्य पार कर लिया गया। निर्धारित लक्ष्यों के खिलाफ प्रदर्शन मापदंड निम्नलिखित हैं:

    क्रम संख्या  पैरामीटर लक्ष्य  उपलब्धि प्रदर्शन
    1 बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की संख्या 7000 10066 144%
    2 स्वीकृत ऋण (₹ करोड़) 5000 6541 131%
    3 परियोजना निवेश (₹ करोड़) 7500 10012 133%

    किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ):

    एफपीओ के दैनिक संचालन के लिए विभिन्न लाइसेंसों का समर्थन सुविधाजनक कृषि और किसान कल्याण विभाग (DA&FW), भारत सरकार, राज्य सरकार के सहयोग से, एफपीओ को बीज, उर्वरक, कीटनाशक और एपीएमसी व्यापार लाइसेंस प्रदान किए। इस पहल से, किसान सामूहिक रूप से कार्य करते हैं और विभिन्न इनपुट (बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि) की खरीद पर समूह छूट प्राप्त करते हैं, और अंततः अपने उत्पादन की बेहतर कीमत प्राप्त करते हैं। Saturation ड्राइव की शुरुआत से लेकर आज तक, एफपीओ को जारी किए गए इनपुट लाइसेंस (बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि), एपीएमसी व्यापार लाइसेंस, एफएसएसएआई और जीएसटी लाइसेंस आदि की संख्या 7,728 से बढ़कर 22,462 हो गई है, जो लगभग 3 गुना वृद्धि है। इसके अलावा, Saturation ड्राइव के दौरान 4433 एफपीओ को ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर भी जोड़ा गया। एफपीओ के किसान सदस्यों को इस हस्तक्षेप से अनेक लाभ होंगे, इनपुट और श्रम लागत में बचत उत्पादन लागत को कम करती है, जिससे किसान अपने उत्पादन से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ओएनडीसी नेटवर्क पर एफपीओ का ऑनबोर्डिंग आज तक, 7757 एफपीओ को ओएनडीसी नेटवर्क पर ऑनबोर्ड किया जा चुका है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाना है और एक ओपन तथा विकेंद्रीकृत नेटवर्क स्थापित करना है। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य है – एफपीओ के बाजार पहुंच का विस्तार करना, जिससे वे पूरे भारत में उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ सकें। सीधे उपभोक्ताओं से लेन-देन और उनके फीडबैक के आधार पर, एफपीओ अपने व्यावसायिक निर्णयों में सुधार कर पाएंगे, साथ ही उत्पाद की गुणवत्ता, पैकेजिंग, उत्पाद मिक्स आदि में भी सुधार कर पाएंगे। ओएनडीसी में शामिल होने से, एफपीओ को एक एकीकृत बाजार उपस्थिति प्राप्त होगी, और वे क्रेडिट, बीमा और लॉजिस्टिक्स जैसी मूल्यवर्धित सेवाओं तक पहुंच प्राप्त कर पाएंगे, जबकि किसी एक प्लेटफॉर्म से बंधे नहीं होंगे। नेटवर्क में बी2बी लेनदेन की सुविधा भी है, जिसके तहत एफपीओ पूरे भारत में थोक ऑर्डर कर पाएंगे। ओएनडीसी की बी2बी कार्यक्षमता में विभिन्न उत्पाद श्रेणियों, पैकेज्ड गुड्स, फल और सब्जियों से लेकर कच्चे माल तक शामिल हैं।

    स्वच्छ पौध कार्यक्रम

    बागवानी फसल विविधीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और किसानों को उनकी भूमि से बेहतर लाभ प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।

    देश के बागवानी किसानों के सामने उच्च उत्पादकता वाले, रोग मुक्त और गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्ध्ता एक बड़ी चुनौती है, खासकर फलों के बगीचे स्थापित करने में।

    इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने 1767.67 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्वच्छ पौध कार्यक्रम (Clean Plant Program) की शुरुआत की है।

    यह कार्यक्रम कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, जो फल किसानों को प्रमाणित, रोग मुक्त पौध सामग्री उपलब्ध कराया जायेगा।

    स्वच्छ पौध कार्यक्रम देश में फल फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों की आय पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा और भारत की स्थिति को एक प्रमुख वैश्विक फल निर्यातक के रूप में मजबूत करेगा, जिससे बाजार के अवसरों का विस्तार होगा और अंतर्राष्ट्रीय फल व्यापार में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी।

    इस कार्यक्रम के तहत 9 विश्व स्तरीय अत्याधुनिक स्वच्छ पौध केंद्र (Clean Plant Centres – CPCs) स्थापित किए जाएंगे, जो रोग मुक्त स्वच्छ पौध तैयार करने के लिए अत्याधुनिक तकनिकी  सुविधाओं से सुसज्जित होंगे।

    स्वच्छ पौध केंद्रों के अलावा, इस कार्यक्रम के तहत लक्षित फल पौधों के लिए 75 से अधिक बड़ी नर्सरियों का निर्माण किया जाएगा, जो चौथे वर्ष से 4 से 6 करोड़, रोग मुक्त स्वच्छ पौध सामग्री का किसानो के लिए उत्पादन शुरू करेंगी।

    नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम(एनपीएसएस)

    नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम (एनपीएसएस) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य देश भर में पेस्ट सर्विलांस व्यवस्था में सुधार करना है। इस प्रणाली में एक मोबाइल ऐप और एक वेब पोर्टल शामिल है। एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं को पेस्ट संबंधित जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। वेब पोर्टल पेस्ट संबंधित घटनाओं की निगरानी करने तथा एडवाइजरी जारी करने के लिए उपयोगी है। एनपीएसएस में 61 फसलों के लिए पेस्ट पहचान मॉड्यूल और 15 फसलों के लिए समय पर उपचार सम्बंधित एडवाइजरी जारी करने हेतु मॉड्यूल शामिल है।

    कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिनांक 15 अगस्त 2024 को देश में किसानों, छात्रों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों आदि के उपयोग के लिए नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम का शुभारम्भ किया गया है। एनपीएसएस के लाभों में बेहतर पेस्ट प्रबंधन, कृषि उत्पादकता में वृद्धि और डेटा-संचालित निर्णय लेना शामिल हैं। एनपीएसएस पेस्ट के कारण फसल के नुकसान को कम करने में मदद करता है और इस तरह से किसानों को समय पर और सटीक पेस्ट प्रबंधन समाधान प्रदान करके कृषि उत्पादकता को बढ़ाता है। यह देश के कृषि उत्पादन की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने नवाचारी दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकी प्रगति के साथ, एनपीएसएस कृषि में खाद्य सुरक्षा और अनुकूलता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।

    दिनाकं 15 अगस्त 2024 से एनपीएसएस एप्लिकेशन उपयोग की प्रगति:

    1. देशभर में 16000 किसानों ने एनपीएसएस ऐप डाउनलोड किया है।

    2. ऐप का उपयोग करके 22359 सर्वेक्षण पूरे किए गए हैं।

    3. ऐप का उपयोग 61 फसलों पर पेस्ट सर्विलांस के लिए किया गया है।

    एनपीएसएस एप्लिकेशन से संबंधित मुख्य बिंदु:

    • माननीय कृषि मंत्री जी द्वारा दिनांक 15 अगस्त 2024 को देश में किसानों, छात्रों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों आदि के उपयोग के लिए नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम का शुभारम्भ किया गया है।
    • एनपीएसएस में 61 फसलों के लिए पेस्ट पहचान मॉड्यूल और 15 फसलों के लिए समय पर उपचार सम्बंधित एडवाइजरी जारी करने हेतु मॉड्यूल शामिल है।
    • देशभर में 16000 किसानों ने एनपीएसएस ऐप डाउनलोड किया है।
    • एनपीएसएस ऐप का उपयोग करके 22359 सर्वेक्षण पूरे किए गए हैं।

     PMFBY (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)

    PMFBY एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो देश भर में कृषि और बागवानी फसलों के जीवन-चक्र के दौरान होने वाले विभिन्न जोखिमों और खतरों से कृषक समुदायों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

    योजना के तहत गतिविधियों के लिए 100 दिनों की कार्ययोजना के लिए, पिछले खरीफ की तुलना में चालू खरीफ में अधिक संख्या में किसानों को शामिल करना विभाग के कार्य बिंदुओं में से एक था।

    इस उद्देश्य के लिए, विभाग ने योजना के तहत किसानों के नामांकन की कट-ऑफ-डेट बढ़ाने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त अनुरोधों को सक्रिय रूप से मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, संबंधित बैंक शाखाओं के माध्यम से PMFBY के तहत केसीसी खाताधारक किसानों को संतृप्त करने के लिए जुलाई 2024 के महीने में एक अभियान शुरू किया गया था। इस अवधि के दौरान एक और राज्य, यानी झारखंड को भी इस योजना के तहत शामिल किया गया।

    भारत सरकार की इन पहलों के परिणामस्वरूप, योजना के तहत लगभग 35 लाख और किसानों और 40 लाख हेक्टेयर भूमि का बीमा किया गया है। खरीफ 2024 के लिए बीमित किसानों की कुल संख्या 293 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है और कुल बीमित क्षेत्र 12% से अधिक की वृद्धि दर्ज करते हुए 365 लाख हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है।

    बाढ़ सर्वेक्षण:

    कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री महोदय सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिएआन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना का दौरा किया । एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने भी इन राज्यों का दौरा किया। इस संबंध में एक रिपोर्ट माननीय गृह मंत्री को प्रस्तुत कर दी गई है।

    नए पहल (New Initiatives)

    कृषि चौपाल

    एक नया टेलीविजन और रेडियो कार्यक्रम “कृषि चौपाल” कृषि शिक्षा और outreach के क्षेत्र में एक नवोन्मेषी कदम है। अक्टूबर 2024 से शुरू होने जा रहा यह पहल किसानों और नवीनतम कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के बीच की खाई को पाटने का लक्ष्य रखता है, ताकि महत्वपूर्ण जानकारी उन लोगों तक पहुँच सके जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

    कृषि चौपाल के उद्देश्य

    • नई कृषि अनुसंधान का प्रसार:

    कार्यक्रम का फोकस किसानों के साथ अत्याधुनिक अनुसंधान निष्कर्ष साझा करने पर होगा, जिससे उन्हें नई तकनीकों, फसल किस्मों, कीट प्रबंधन और सतत प्रथाओं की जानकारी मिलेगी। जटिल अनुसंधान को व्यावहारिक, क्रियाशील सलाह में बदलकर, कृषि चौपाल किसानों को उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करेगा।

    • सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना:

    कृषि में सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के महत्व पर जोर देते हुए, यह शो सफल केस स्टडीज, नवोन्मेषी खेती के तरीकों और पारिस्थितिकी खेती की रणनीतियों को उजागर करेगा।

    • कृषि विशेषज्ञों के साथ सीधे संवाद की सुविधा:

    कृषि चौपाल की एक प्रमुख विशेषता इसका इंटरैक्टिव प्रारूप होगा, जो किसानों को लाइव प्रश्नोत्तर सत्रों के माध्यम से कृषि विशेषज्ञों के साथ सीधे संवाद करने की अनुमति देगा। यह खुला संवाद किसानों की विशिष्ट प्रश्नों, चिंताओं और चुनौतियों को संबोधित करने में मदद करेगा, जिससे सामुदायिक भावना और समर्थन को बढ़ावा मिलेगा।

    किसानों की शिकायत निवारण प्रणाली (FGRS):

    DA&FW किसानों की शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करेगा, जो किसानों को किसी भी संबंधित योजना से जुड़ी अपनी शिकायतें दर्ज करने में बहुभाषी सहायता प्रदान करेगा और स्पष्ट रूप से परिभाषित प्रक्रिया के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर निवारण की मांग करेगा।

    FGRS प्लेटफॉर्म किसानों को सब्सिडी वितरण, तकनीकी सहायता, विस्तार सेवाओं, और कार्यक्रमों और योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित किसी भी मुद्दे से जुड़ी अपनी पूछताछ या शिकायतें दर्ज करने के लिए निर्बाध, बहु-चैनल (CSC के माध्यम से वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप, कॉल सेंटर समर्थन, IVR आदि) सहायता प्रदान करेगा।

    यह शिकायत की स्थिति का वास्तविक समय में ट्रैकिंग और प्रगति पर स्वचालित अपडेट प्रदान करेगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और किसानों को सूचित रखा जाएगा। FGRS कुंजीशब्द ( keyword ) आधारित प्रणालीगत वर्गीकरण और गंभीरता के आधार पर मुद्दों की प्राथमिकता को एकीकृत करेगा ताकि प्रभावी हैंडलिंग और बढ़ाने की मैट्रिक्स सुनिश्चित हो सके, जिससे शिकायत को संबद्ध सरकारों/विभागों/पीएसयू/स्वायत्त निकायों/ सहकारी समितियों को निवारण के लिए सौंपा जा सके और प्रतिक्रिया विकसित की जा सके।

    FGRS किसानों को किसी भी संबंधित योजना से जुड़ी अपनी पूछताछ या शिकायतें दर्ज करने में बहुभाषी सहायता प्रदान करने का इरादा रखता है और स्पष्ट रूप से परिभाषित प्रक्रिया के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर निवारण की मांग करेगा।

    खाद्य उत्पादन में उपलब्धियां :

    1. वर्ष 2023-24 के लिए अंतिम अनुमानों के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन 332.2 मिलियन टन अनुमानित है जो वर्ष 2022-23 के दौरान प्राप्‍त 329.7 मिलियन टन उत्‍पादन की तुलना में 2.6 मिलियन टन अधिक है।
    2. यह वृद्धि वर्ष 2023-24 मे चावल और गेहू की अच्छी पैदावार के फलस्वरूप हुई है ।
    3. वर्ष 2024-25 मे दिनांक 13.09.2024 तक खरीफ फसलों के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल कवरेज पिछले वर्ष की तुलना में  लगभग 2% अधिक है। चावल मे पिछले वर्ष की तुलना मे लगभग 16 लाख हेक्टेएर एवं मक्का के क्षेत्र मे लगभग 4 लाख हेक्टेएर की वृद्धि हुई है ।

    श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग ;डेयर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर की 100 दिन की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में भी बताया जो कि निम्नलिखित हैं:

    1. कलाईमेट रिज़िल्यन्ट एवं गुणवत्ता वाली 109 किस्मों का अनुमोदन तथा भविष्य में उनका प्रभाव: पिछले 100 दिनों के दौरान 61 फसलों की 109 विशेष गुणों वाली किस्मों, जिनमें 34 खाद्य फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं, का विमोचन किया गया तथा माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को राष्ट्र को समर्पित किया गया । ये सभी किस्में विभिन्न जैविक तथा अजैविक दबाओं जैसे की कीड़े, बीमारी, सुखा, जलभराव, गर्मी, क्षरिए भूमि के प्रति सहनशील हैं तथा कुछ किस्में उच्च पौषक तत्वों से भरपूर है। जैसाकि  आप सभी देख रहे हैं जलवायु परिवर्तन विकट  रूप लेता जा रहा है। ये किस्में आने वाले समय में विपरीत परिस्थिति में किसान की फसल को नुकसान से बचाएंगी और जहां पूरी फसल बर्बाद हो जाती थी, किसान को उसकी पूरी पैदाववर मिलेगी।

    2. नई किस्मों को किसानों तक जल्दी से जल्दी पहुँचाने की रूपरेखा: आईसीएआर, कृषि विस्वविद्यालयों तथा राज्यों ने मिलकर इन किस्मों के बीजों को किसानों तक जल्द से जल्द ले जाने के पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।  आने वाले रबी मौसम की फसलों के ब्रीडर बीज के इंडेंट राज्यों से ले लिए गए हैं। इसके अलाव इनको जल्दी से जल्दी  किसान तक पहुंचाने के लिए सरकारी बीज उत्पादन संस्थाओं के साथ साथ किसानों की सहभागिता तथा निजी क्षेत्र के उपक्रमों का भी बीज उत्पादन में सहयोग लिया जाएगा

    3. बीज उत्पादन केंद्रों को साथी पोर्टल पर शामिल करना: इसी क्रम में मन्त्रालय ने ब्रीडर बीज उत्पादन करने वाले 266 केंद्रों  को साथी पोर्टल पर ऑन बोर्ड कर लिया है जिससे बीज की टरेसीबीलीटी रहेगी तथा किसानों को गुणवत्ता वाला बीज मिलने में मदद मिलेगी।

    4. उन्नत कृषि तकनीकों का विमोचन: 100 विभिन्न उन्नत कृषि तकनीकों का विमोचन किया गया है जो किसानों को सही मात्रा एवं समय पर इनपुट देने, लागत काम करने तथा विभिन्न बीमारी कीड़ों से फसल को बचाने में कारगर सिद्ध हो रही हैं ।

    5. जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिए सटरेटेजिक योजनाएं: ब्लॉक स्तर पर जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए 140 ब्लॉकों (28 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों) सटरेटेजिक योजनाएं विकसित की गई जिसमें सुखा, अधिक बारिश के कारण जलभराव, बाढ़,  समुद्री तूफान आदि की स्थिति में सही किस्मों का चुनाव, जल संरक्षण के तरीके, जलभराव की स्तिथि में फसल एवं पशुधन को बचाने के तरीके आदि शामिल हैं तथा इसको और  क्षत्रों में बढ़ाने पर कार्य चल रहा है।

    6.  एआई-आधारित एप/ उपकरणों का विकास:  एआई-आधारित, कम लागत एवं उच्च क्षमता वाले 10 एप/ उपकरणों  का विकास किया गया हैं जिनमें  61 फसलों के लिए एआई आधारित कीट पहचान के लिए प्लेटफॉर्म विशेष है जिससे किसान कीटों की फोटो अपलोड कर उसका नाम तथा नियंत्रण की जानकारी ले रहे है। पिछले एक माह में 15000 से अधिक किसानों ने इस एप को डाउन  लोड कर इसका उपयोग शुरू कर दिया  है। ऐसे ही नौ अन्य एआई आधारित उपकरण/ एप विकसित कर किसानों को प्रयोग के लिए उपलब्ध कराए हैं जो आने वाले समय में खेती के लिए वरदान शामिल होंगे।

    7.  कृषि शिक्षा की प्रवेश पद्यति को अनलाइन करना तथा VIKAS एप का विकास: कृषि विश्वविद्यालय में प्रवेश, मान्यता (Accreditation) और RAWE कार्यक्रम इत्यादि को पूर्णतया ऑनलाइन किया गया तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार Multiple Entry/Multiple Exit,  उद्यमिता पर जोर देने, जैसे प्रावधानों को शामिल कर कृषि स्नातक पाठ्यक्रमोंको विकसित कर लिया गया है जिन्हे आने वाले शिक्षा ससत्र  से लागू कर किया  जाएगा । इसके साथ ही स्नातक छात्रों  के लिए ‘ग्रामीण जागरूकता कार्य अनुभव (RAWE)’ के अंतर्गत एक मोबाइल ऐप “VIKAS” (Venture for Interaction of Kisan & Agri-Students) का कार्यान्वयन किया गया है जो छात्रों की कृषि में रूचि बढ़ाने के साथ साथ उनको खेती की विभिन्न गतिविधियों की गहरी जानकारी भी उपलब्ध कराएगा।

    8.  केवीके द्वारा किसानों का प्रशिक्षण: कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को कौशल विकास के क्रम में पिछले 100-दिन में कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 65,000 से अधिक किसानों एवं युवाओं को को प्रशिक्षित किया गया, इनमें से 32465 महिलाएं और 32941 पुरुष प्रशिक्षु शामिल हैं।

    9. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की तरफ उठाए गए कदम: प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक तथ्यों को जानने के लिए अनुसंधान एवं मूल्यांकन का कार्य जारी है तथा स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम का विकास किया गया है । प्राकृतिक खेती पर 425 केवीके द्वारा 2,476 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 1,01,633 किसानों को प्रशिक्षित किया गया तथा 7,592 प्रदर्शनों का आयोजन किया। इसके साथ ही 11,341 जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से 11.37 लाख किसानों और अन्य हितधारकों को शामिल किया गया।

  • CM yogi: विश्वकर्मा जयन्ती पर एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों को 50 हजार करोड़ रु0 के ऋण व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को टूलकिट वितरण कार्यक्रम

    CM yogi: विश्वकर्मा जयन्ती पर एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों को 50 हजार करोड़ रु0 के ऋण व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को टूलकिट वितरण कार्यक्रम

    CM yogi ने लाभार्थियों को ऋण के प्रतीकात्मक चेक तथा टूलकिट वितरित किए

    प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक के लिए जो लक्ष्य तय किए हैं, उसके लिए देश के हर व्यक्ति, उद्यमी, कारीगर, हस्तशिल्पी, नौजवान को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा: मुख्यमंत्री

    विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज्य’ की परिकल्पना को साकार करने का कार्य किया

    ओ0डी0ओ0पी0 योजना प्रदेश की पहचान बनी, इस योजना की मदद से उ0प्र0 एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित हुआ

    युवाओं को अपने जनपद में ही ओ0डी0ओ0पी0 योजना, पी0एम0 विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम
    से रोजगार व स्वरोजगार से जुड़ने में काफी मदद मिल रही

    हमें अपने परम्परागत उत्पादों को ब्राण्डिंग के साथ जोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर पहुंचाना होगा

    लोन मेला व टूलकिट वितरण कार्यक्रम सभी जनपदों में आयोजित किए जाएं, जनपदों में पी0पी0पी0 मोड में कॉमन फैसिलिटेशन सेण्टर बनाये जाएं

    प्रदेश सरकार ‘यू0पी0 इण्टरनेशनल ट्रेड शो’ आयोजित करने जा रही मण्डल स्तर पर भी इस प्रकार के ट्रेड शो आयोजित होने चाहिए

    पी0एम0 श्री टेक्सटाइल पार्क की निर्माण प्रक्रिया में तेजी लायी जाए, फ्लैटेड फैक्ट्रीज़ के निर्माण कार्य को और प्रोत्साहित किया जाए

    इस वित्तीय वर्ष के अंत तक प्रदेश के सी0डी0 रेशियो को 65 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य

    विकास व रोजगारपरक योजनाओं के परिणामस्वरूप उ0प्र0 नम्बर 02 की अर्थव्यवस्था वाला राज्य, वर्ष 2029-2030 तक उ0प्र0 देश की पहली अर्थव्यवस्था बनेगा

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2047 तक के लिए जो लक्ष्य तय किए हैं, उसके लिए देश के हर व्यक्ति, उद्यमी, कारीगर, हस्तशिल्पी, नौजवान को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा। राष्ट्र के प्रति हमारा समर्पण भाव, वर्तमान के साथ भावी पीढ़ियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में योगदान देगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारत आज दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। भारतीयअर्थव्यवस्था 10वें स्थान से 05वें स्थान पर पहुंच गयी है। हमें अगले 03 वर्षों में भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है। अर्थात् भारत को ग्लोबल इकोनॉमिक पावर बनाना है। हमें भारत को विकसित भारत बनाने में अपना योगदान देना होगा।

    CM yogi आज यहां विश्वकर्मा जयन्ती के अवसर पर एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों को 50 हजार करोड़ रुपये के ऋण व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को टूलकिट वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर लाभार्थियों को ऋण के प्रतीकात्मक चेक तथा टूलकिट वितरित किए। ज्ञातव्य है कि इस प्रदेशव्यापी ऋण वितरण कार्यक्रम के माध्यम से एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों को एस0एल0बी0सी0 के सहयोग से ऋण वितरित किये जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने विश्वकर्मा जयन्ती, अनन्त चतुर्दशी व नये भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा लोन मेला व टूलकिट वितरण कार्यक्रम सभी जनपदों में आयोजित किए जाएं। इस सम्बन्ध में तय समय-सीमा में व्यवस्थित रूपरेखा बनायी जाए। हमें अपने परम्परागत उत्पादों को ब्राण्डिंग के साथ जोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर पहुंचाना होगा। इसके लिए जनपदों में पी0एम0 विश्वकर्मा योजना और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़े कारीगरों व हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्हें तकनीक, डिजाइन, पैकेजिंग व मार्केटिंग से जोड़ा जाए। जनपदों में पी0पी0पी0 मोड में कॉमन फैसिलिटेशन सेण्टर बनाये जाएं। डिस्ट्रिक्ट लेवल बैंकर्स कमेटी के साथ समन्वय स्थापित कर प्रशिक्षित लोगों को लोन वितरित किया जाए। इन कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश के युवा रोजगार से जुड़ेंगे तथा प्रदेश के निर्यात में और वृद्धि होगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्रेटर नोएडा में ‘यू0पी0 इण्टरनेशनल ट्रेड शो’ आयोजित करने जा रही है। आगामी 25 से 29 सितम्बर तक आयोजित होने वाला यह ट्रेड शो उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल को वैश्विक मंच पर ले जाने का माध्यम है। इस इण्टरनेशनल ट्रेड शो के माध्यम से राज्य के विभिन्न परम्परागत उत्पाद वैश्विक स्तर पर पहुंच रहे हैं। विगत वर्ष इस ट्रेड शो में 03 लाख से अधिक लोगों ने विजिट किया था। प्रदेश स्तर पर आयोजित इस इण्टरनेशनल ट्रेड शो के साथ ही, पहले चरण में मण्डल स्तर पर भी इस प्रकार के ट्रेड शो आयोजित होने चाहिए। इससे हमारे हस्तशिल्पी व कारीगरों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तथा प्रदेश के सामर्थ्य से देश व दुनिया परिचित होगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यूनिटी मॉल के कार्याें को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। जनपद लखनऊ व हरदोई के मध्य निर्मित होने जा रहे पी0एम0 श्री टेक्सटाइल पार्क की निर्माण प्रक्रिया में तेजी लायी जाए। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर निर्मित हो रही फ्लैटेड फैक्ट्रियां रेडीमेड गारमेण्ट के क्षेत्र में प्रदेश की एक लम्बी छलांग तथा आधी आबादी के रोजगार का माध्यम बनने जा रही हैं। हमें फ्लैटेड फैक्ट्रीज़ के निर्माण कार्य को और प्रोत्साहित करना होगा। प्लेज पार्क योजना के तहत निजी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। इसके तहत राज्य में 11 प्लेज पार्क स्वीकृत हो चुके हैं, जिनमें कुछ निर्माण प्रक्रिया से भी जुड़ चुके हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 व 2019 में शुरू की गयीं विभिन्न योजनाएं देश की लोकप्रिय योजनाएं बनी हैं। यह लोकप्रिय योजनाएं उत्तर प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने तथा लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के परम्परागत उत्पादों की स्थिति अत्यन्त खराब थी। कारीगर व हस्तशिल्पियों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया था। प्रदेश में अक्सर दंगे होते थे। राज्य में व्यापार व उद्यम का बेहतर माहौल नहीं था।

    प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर वर्ष 2018 में सभी जनपदों के परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना शुरू की। इस योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार को कोरोना कालखण्ड में नौजवानों, श्रमिकों, कारीगरों, हस्तशिल्पियों के लिए नये रोजगार सृजन करने में सफलता प्राप्त हुई थी। ओ0डी0ओ0पी0 योजना आज उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी है। इस योजना की मदद से उत्तर प्रदेश आज एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित हुआ है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारम्भ की। इस योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज्य’ की परिकल्पना को साकार करने का कार्य किया है। परम्परागत कार्यों से जुड़े विभिन्न समुदायों के लोगों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें प्रशिक्षण, मानदेय के साथ टूलकिट उपलब्ध कराने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इन्हें आज की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करते हुए डिजाइनिंग व मार्केटिंग से जोड़ा जा रहा है तथा सस्ती दर में लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश के युवा वर्ष 2017 से पूर्व रोजगार के लिए राज्य से पलायन करते थे। आज युवाओं को अपने जनपद में ही ओ0डी0ओ0पी0 योजना, पी0एम0 विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से रोजगार व स्वरोजगार से जुड़ने में काफी मदद मिल रही है। बैंकों ने भी इन योजनाओं के माध्यम से लोगों को कम ब्याज दर में लोन उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्य किया है। वर्ष 2017 में प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 44 प्रतिशत था, जो आज बढ़कर 60 प्रतिशत से अधिक हो गया है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक प्रदेश के सी0डी0 रेशियो को 65 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र में यदि कोई व्यक्ति अपना उद्यम लगाता है, तो उसे 01 हजार दिन तक किसी प्रकार की एन0ओ0सी0 की आवश्यकता नहीं होगी। एम0एस0एम0ई0 विभाग में रजिस्ट्रेशन कराकर उद्यम लगाने वाले उद्यमी को राज्य सरकार 05 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर प्रदान कर रही है। जी0एस0टी0 देने वाले व्यापारियों को प्रदेश सरकार 10 लाख रुपये तक का सुरक्षा बीमा कवर भी प्रदान करती है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत 10 लाख युवाओं को उद्यम स्थापित करने हेतु प्रथम चरण में 05 लाख रुपये तथा दूसरे चरण में 10 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने जा रही है। इस योजना में महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए उद्यम स्थापित करने हेतु अनेक प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में शान्ति व सुरक्षा का वातावरण ही लोगों के वर्तमान व भविष्य को सुधारने वाला है। आज उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त प्रदेश है। सुरक्षा की गारण्टी का परिणाम है कि आज प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे डेढ़ करोड़ युवा नौकरी व रोजगार से जुड़ेंगे। अब हमारे युवा अपने गांव, जनपद व प्रदेश में नौकरी प्राप्त कर अपनी ऊर्जा व प्रतिभा का लाभ प्रदेश व देश को दे रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास व रोजगारपरक योजनाओं के परिणाम हैं कि देश की छठी अर्थव्यवस्था वाला उत्तर प्रदेश आज नम्बर 02 की अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। वर्ष 2029-2030 तक उत्तर प्रदेश देश की पहली अर्थव्यवस्था बनेगा, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। नम्बर एक की अर्थव्यवस्था का मतलब हर हाथ को काम, हर खेत को पानी, हर बेटी की सुरक्षा व हर व्यापारी का सम्मान है। इस लक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार निरन्तर आगे बढ़ रही है। यहां आयोजित यह कार्यक्रम इसी श्रृंखला का हिस्सा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने विगत साढ़े सात वर्षों में एक लम्बी दूरी तय की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश का हर नागरिक अपने-अपने क्षेत्र में एक शिल्पी के रूप में उभर कर उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर एक की अर्थव्यवस्था बनाने में अपना योगदान देगा। जनता-जनार्दन के चेहरे पर खुशहाली लाने, नौजवानों के लिए रोजगार सृजन करने तथा अपने हस्तशिल्पियों व कारीगरों के प्रोत्साहन के लिए हमें निरन्तर कार्य करने होंगे।

    कार्यक्रम को एम0एस0एम0ई0 मंत्री श्री राकेश सचान ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री आलोक कुमार, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग श्री के0 विजयेंद्र पांडियन सहित एम0एस0एम0ई0 विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि, उद्यमीगण, ओ0डी0ओ0पी0 योजना व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थी उपस्थित थे।

  • Deputy CM Diya Kumari: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में 2047 तक विकसित होगा भारत- उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी

    Deputy CM Diya Kumari: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में 2047 तक विकसित होगा भारत- उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी

    Deputy CM Diya Kumari ने अजमेर जिला स्तरीय रोजगार उत्सव एवं विकास कार्य लोकार्पण समारोह में लिया भाग— मां वाउचर योजना की हुई शुरूआत

    उप मुख्यमंत्री एवं अजमेर जिले की प्रभारी मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि PM Shri Modi का तीसरा स्वर्णिम कार्यकाल चल रहा है। उनके जन्मदिवस के अवसर पर 17 सितम्बर से आरम्भ हुए स्वच्छता सेवा पखवाडे के अन्तर्गत 2 अक्टूबर तक स्वच्छ भारत अभियान, एक पेड़ मां के नाम अभियान तथा संगोष्ठियां व प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। सेवा पखवाड़ा हर जिले, हर गांव तथा हर गली में मनाया जाएगा। हम सभी को सेवा पखवाड़ा निर्धारित गतिविधियों के साथ मनाना चाहिए।
         प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर स्वच्छता सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ एवं मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव का आयोजन मंगलवार को अजमेर में हुआ। इस अवसर पर राज्य स्तर से मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने वर्चुअली जुड़कर नव नियुक्त सरकारी कार्मिकों से संवाद किया तथा नियुक्ति पत्र प्रदान किए। Deputy CM Diya Kumari एवं जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने जवाहर रंगमंच में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर स्वच्छता सेवा पखवाड़े की शुरूआत की तथा मां वाउचर योजना के तहत महिलाओं को कार्ड प्रदान किए। इसके अतिरिक्त करोड़ो रूपए के विभिन्न विभागों के विकास कार्यों का शुभारम्भ भी किया गया।
        उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उनके कठिन परिश्रम से नई ऊर्जा मिलती है। उन्होंने हम सभी को 2047 तक विकसित भारत का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में हम सब को भागीदार बनना है। आज वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ा है। विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खुले हैं। महिलाओं को सुरक्षा मिली है तथा बालिकाओं का भविष्य उज्ज्वल हुआ है। श्री मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का दृढ़ संकल्प लिया है। सनातन संस्कृति को संरक्षण मिला है। आज भारत डबल इंजन की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने अजमेर जिले की श्रीमती मंजू, श्रीमती निकिता और श्रीमती पूनम को मां वाउचर कार्ड देकर सम्मानित किया।
         उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से रेल, हवाई यात्रा के साथ-साथ सड़क परिवहन भी सुरक्षित और सुदृढ़ हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास के साथ ही पर्यावरण को भी विशेष महत्व दिया है। एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियान चलाकर प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया है। हम सब सामूहिक रूप से पर्यावरण की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे। सेवा करने से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी हर वर्ग, हर व्यक्ति के विकास को ध्यान में रखकर कार्य करते हैं। सबको साथ लेकर चलने की भावना के साथ सबका विकास करने के लिए संकल्पबद्ध है। हमें समाज के लिए कुछ करने का चिंतन करना चाहिए। समाज की सेवा करने से आत्मिक शांति मिलती है। समाज को सशक्त बनने से ही देश सशक्त बनेगा।
         विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के चिरायु होने की कामना की। उन्होंने कहा कि अब भारत का नाम पूरे विश्व में सम्मान से लिया जाता है। श्री मोदी के जन्म दिवस को सेवा पखवाड़े के रूप में मनाएंगे। अजमेर की स्वच्छता ग्रेडिंग में सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने अजमेर के विकास के लिए आईटी पार्क, शिक्षा के क्षेत्र में आयुर्वेद विश्वविद्यालय तथा इंजीनियरिंग कॉलेज को आरआईटी में क्रमोन्नत करके विभिन्न सौगातें दी है। लेपर्ड सफारी की सौगात भी मिलेगी। हम सभी मिलकर अजमेर के सर्वांगीण विकास के भागीदार बनेंगे।
         उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 600 करोड़ रूपए केवल पानी के लिए आवंटित किए हैं। इससे अजमेर जिले को लाभ मिलेगा। अधिकारियों व कर्मचारियों को केवल वेतनभोगी ही नहीं बनना है। सेवा भाव से कार्य करते रहना है।
      इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि आज दुनिया की नजर भारत पर है। प्रधानमंत्री श्री मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास को ध्यान में रखकर देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा रहे हैं। श्री मोदी ने देश की जनता को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। राज्य की नई सरकार ने अल्प समय में ही ईआरसीपी, किसान सम्मान निधि योजना, उज्ज्वला योजना जैसी अनेक योजनाओं से जनता को लाभान्वित किया है। पेपर लीक के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं।
       उन्होंने कहा कि श्री मोदी के जन्म दिवस को स्वच्छता सेवा पखवाड़े के रूप में मनाकर समाज के हित में कार्य करने के लिए हमें आग आना चाहिए। आज बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1250 रूपए से बढ़ाकर 2600 रूपए कर दिया है। इसी प्रकार सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी की गई है। इससे किसानों की आमदानी दुगुनी करने में मदद मिलेगी।
     इस अवसर पर देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश भडाणा, विधायक श्री रामस्वरूप लांबा, संभागीय आयुक्त श्री महेश चंद्र शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक श्री ओमप्रकाश, कलक्टर श्री लोक बंधु, पुलिस अधीक्षक श्री देवेन्द्र कुमार, जिला परिषद के आयुक्त श्री अभिषेक खन्ना, एडीए आयुक्त श्रीमती नित्या के., नगर निगम आयुक्त श्री देशल दान, प्रशिक्षु आईएएस महिमा कसाना सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
  • NGLV: भारत के लिए नया पुनः प्रयोज्य कम लागत वाला प्रक्षेपण वाहन

    NGLV: भारत के लिए नया पुनः प्रयोज्य कम लागत वाला प्रक्षेपण वाहन

    NGLV :इसरो उच्च पेलोड, लागत प्रभावी, पुनः प्रयोज्य और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रक्षेपण वाहन विकसित करेगा

    मंत्रिमंडल ने अगली पीढ़ी के उपग्रह प्रक्षेपण वाहन के विकास को मंजूरी दी

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) के विकास को मंजूरी दे दी है, जो भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और संचालन और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय क्रू लैंडिंग की क्षमता विकसित करने की दिशा में सरकार के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एनजीएलवी में एलवीएम3 की तुलना में 1.5 गुना लागत के साथ वर्तमान पेलोड क्षमता का 3 गुना होगा, और इसमें पुनः प्रयोज्य भी होगी जिसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष और मॉड्यूलर ग्रीन प्रणोदन प्रणालियों तक कम लागत की पहुंच होगी।

    अमृत काल के दौरान भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लक्ष्यों के लिए उच्च पेलोड क्षमता और पुनः प्रयोज्य के साथ मानव रेटेड लॉन्च वाहनों की एक नई पीढ़ी की आवश्यकता होती है। इसलिए, नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (एन. जी. एल. वी.) का विकास शुरू किया गया है, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा में अधिकतम 30 टन की पेलोड क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें पुनः प्रयोज्य पहला चरण भी है। वर्तमान में, भारत ने वर्तमान में संचालित पीएसएलवी, जीएसएलवी, एलवीएम3 और एसएसएलवी प्रक्षेपण वाहनों के माध्यम से लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) के लिए 10 टन और जियो-सिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) के लिए 4 टन तक के उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल की है।

    एन. जी. एल. वी. विकास परियोजना को भारतीय उद्योग की अधिकतम भागीदारी के साथ लागू किया जाएगा, जिनसे शुरुआत में ही विनिर्माण क्षमता में निवेश करने की भी उम्मीद है, जिससे विकास के बाद परिचालन चरण में एक निर्बाध संक्रमण की अनुमति मिलती है। विकास चरण को पूरा करने के लिए 96 महीने (8 वर्ष) के लक्ष्य के साथ तीन विकास उड़ानों (डी1, डी2 और डी3) के साथ एन. जी. एल. वी. का प्रदर्शन किया जाएगा।

    कुल स्वीकृत राशि रु। 8240.00 करोड़ रुपये और इसमें विकास लागत, तीन विकासात्मक उड़ानें, आवश्यक सुविधा स्थापना, कार्यक्रम प्रबंधन और लॉन्च अभियान शामिल हैं।

    भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर छलांग

    एन. जी. एल. वी. के विकास से भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्र/अंतर-ग्रह अन्वेषण मिशनों के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के साथ-साथ निम्न पृथ्वी कक्षा के लिए संचार और पृथ्वी अवलोकन उपग्रह नक्षत्रों के प्रक्षेपण सहित राष्ट्रीय और वाणिज्यिक मिशनों को सक्षम बनाया जा सकेगा, जिससे देश में पूरे अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ होगा। यह परियोजना क्षमता और क्षमता के मामले में भारतीय अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी।

    source: http://pib.gov.in

  • मुख्यमंत्री Dr. Yadav ने इंदौर में अत्याधुनिक 128 स्लाइस सी.टी. स्कैन मशीन का लोकार्पण किया

    मुख्यमंत्री Dr. Yadav ने इंदौर में अत्याधुनिक 128 स्लाइस सी.टी. स्कैन मशीन का लोकार्पण किया

    CM Dr. Yadav

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय में  अत्याधुनिक 128 स्लाइस सी.टी. स्कैन मशीन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री Dr. Yadav ने सी.टी. मशीन के संबंध में विस्तृत जानकारी भी ली। उल्लेखनीय है कि यह अत्याधुनिक सी.टी. स्कैन मशीन पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सीएसआर अंतर्गत प्रदत्त की गई है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आधुनिक तकनीक से लैस यह सीटी स्कैन मशीन इंदौर और आस-पास के लोगों के लिये वरदान साबित होगी। साथ ही पीजी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को भी शिक्षण में लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अपना इंदौर पूरे देश में स्वच्छता, सुशासन और स्वाद का उदाहरण बन चुका है। मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि ये शहर आने वाले समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी मील का पत्थर स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां मैं विशेष तौर पर ये उल्लेख करना चाहता हूँ कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गरीबों के दुखों को महसूस करते हैं और यही वजह है कि सबके सिर पर छत, सबके घर अन्न, सब बच्चों को शिक्षा और सबको नि:शुल्क इलाज उनकी प्राथमिकता है। दो दिन पहले ही केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को 5 लाख तक के नि:शुल्क उपचार का लाभ मिलेगा।

    सी.टी. स्कैन मशीन के लोकार्पण अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, सांसद श्री शंकर लालवानी, विधायकगण श्री मधु वर्मा, श्री मनोज पटेल तथा श्री गोलू शुक्ला, श्री गौरव रणदिवे सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे। इस अवसर पर संभागायुक्त  श्री दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री शिवम वर्मा, पावर कॉरपोरेशन ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड के अधिकारी गण, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला सहित अन्य चिकित्सक एवं अस्पताल स्टाफ आदि उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों के साथ मध्यप्रदेश ने रचे नये कीर्तिमान

    CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों के साथ मध्यप्रदेश ने रचे नये कीर्तिमान

     CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगाँठ

     

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में शुरू हुए स्वच्छता अभियान में मध्यप्रदेश अनेक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। प्रधानमंत्री की मंशानुरूप प्रदेशवासियों ने पूरे उत्साह और जन-सहयोग से स्वच्छता के क्षेत्र में नये आयाम भी स्थापित किये हैं। इसमें जहाँ एक ओर वर्ष 2022 के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश को सबसे स्वच्छतम राज्य का दर्जा मिला, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के इंदौर शहर ने लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त किया। इसके साथ ही वर्ष 2023 में प्रदेश में गीले कचरे से बॉयो सीएनजी का उत्पादन करने का अभिनव नवाचार भी हुआ है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन 17 सितम्बर से स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी की जयंती तक चलेगा। इस वर्ष अभियान की थीम “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ रखी गयी है। स्वच्छता ही सेवा अभियान में अधिक से अधिक जन-भागीदारी और स्थानीय निकायों की भागीदारी पर जोर दिया गया है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में कई मामलों में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। प्रदेश के सभी शहरों ने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं। जनता के सहयोग से स्वच्छ भारत मिशन को जन-आंदोलन का रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जन-भागीदारी के साथ बड़े पैंमाने पर स्वच्छता संबंधी विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेगी।

    स्वच्छता के क्षेत्र में प्रदेश की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

    स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार-2023 में इंदौर शहर को लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला है। यह इंदौर के नागरिकों की जन-भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण है। मध्यप्रदेश कम लागत पर एसटीपी इंसेप्शन एण्ड डायवर्सन आधारित सीवेज उपचार प्रणाली के लिये दिशा-निर्देश तैयार करने और कार्यादेश जारी करने वाला पहला राज्य है। इस वर्ष मार्च-2024 में मध्यप्रदेश ने नगरीय निकायों के लिये “उपयोगिता जल और सेप्टेज प्रबंधन नीति’’ प्रकाशित की है, जिसमें सीवर और सैप्टिक टैंकों की मशीनीकृत सफाई 100 प्रतिशत सुनिश्चित की गयी है। इंदौर वाटर प्लस प्रमाणन और 7 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाला देश का पहला शहर है। हाल ही में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में जबलपुर को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

    शत-प्रतिशत मोटराइज्ड वाहनों से कचरा संग्रहण

    प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 7 हजार 82 से अधिक मोटराइज्ड वाहनों से कचरा संग्रहण व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। इनमें सूखे, गीले, घरेलू हानिकारक और सेनेटरी अपशिष्ट को अलग-अलग रखने के लिये कम्पार्टमेंट बनाये गये हैं। जीपीएस और पीए सिस्टम से वाहनों की निगरानी और स्वच्छता विषयों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन के लिये स्पॉट कम्पोजिटिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 850 से अधिक ठोस अपशिष्ट उत्पादकों द्वारा स्पॉट कम्पोजिटिंग की जा रही है। प्रदेश में फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता देते हुए 368 नगरीय निकायों में 399 एफएसटीपी और 20 निकायों में 55 एसटीपी संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में 401 नगरीय निकाय 368 केन्द्रीयकृत इकाइयों से कम्पोजिटिंग कर रहे हैं। सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 401 नगरीय निकायों में 360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है।

     गीले कचरे से बॉयो सीएनजी का उत्पादन

    निकायों में लीगेसी वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से खत्म करने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के 108 नगरीय निकायों के लीगेसी वेस्ट का उपचार किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण में 50 नगरीय निकायों ने अपने लीगेसी वेस्ट का पूर्ण निपटान कर लिया है। गीले कचरे की कम्पोजिटिंग के लिये कटनी और सागर में अत्याधुनिक स्व-चलित इकाइयाँ कार्य कर रही हैं। इन इकाइयों में 16 शहरों से कचरा लाकर उसे कम्पोस्ट में बदला जा रहा है। इंदौर में गीले कचरे से बॉयो सीएनजी तैयार करने के लिये 550 टन प्रतिदिन क्षमता की गोवर्धन इकाई काम कर रही है। रीवा और जबलपुर में कचरे से बिजली बनाने की इकाइयाँ भी चल रही हैं। इन इकाइयों में प्रतिदिन 950 टन कचरे का प्र-संस्करण कर 18 मेगावॉट बिजली पैदा की जा रही है। प्रदेश के 10 निकायों के लिये क्लस्टर आधारित 1019 टन प्रतिदिन क्षमता की इकाइयों के लिये केन्द्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। इंदौर और उज्जैन में 660 टन कचरे से बिजली बनाने का काम प्रस्तावित है। इस यूनिट में करीब 12.15 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। इन सब कामों से प्रदेश के नगरीय निकाय वर्ष 2027 तक कचरा प्रबंधन में आत्म-निर्भर बन सकेंगे।

    स्वच्छ सर्वेक्षण में हासिल की नई ऊँचाइयाँ

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में मध्यप्रदेश को देश के सबसे स्वच्छतम राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ है। वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे स्वच्छतम राज्य घोषित किया गया है। स्वच्छता के मामले में मध्यप्रदेश को 7 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 361 निकाय ओडीएफ डबल प्लस, 3 निकाय ओडीएफ प्लस और 7 निकाय को ओडीएफ का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। नगरीय निकायों में अपशिष्ट जल के शोधन एवं उपचारित जल के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये 7 निकायों को वाटर प्लस का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। अब तक प्रदेश के 384 निकायों द्वारा स्वयं को सीपीएचईईओ मानदण्डों के आधार पर संरक्षित शहर घोषित किया गया है।

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2024

    खुले में शौच से मुक्त शहरों की श्रेणी में 27 शहरों को वाटर प्लस और शेष सभी शहरों को डबल प्लस, वहीं कचरा मुक्त स्टार प्रमाणीकरण के लिये सभी शहरों को कम से कम 3 स्टार से प्रमाणित किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है।

    नवाचार एवं उत्कृष्ट प्रयास

    प्रदेश में स्वच्छता विषयों के प्रति जागरूकता लाने के लिये स्वच्छता की पाठशाला नामक गतिविधि शुरू की गयी है। इसके लिये अब तक 388 प्रशिक्षण सत्रों में 44 हजार 639 सफाई मित्रों, 2004 अधिकारियों, 243 जन-प्रतिनिधियों और 200 अशासकीय संगठनों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिलाया गया है। आपसी अनुभव से सीखने की प्रक्रिया को सशक्त करने के मकसद से प्रतिदिन स्वच्छता संवाद परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। सफाई मित्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन के सहयोग से सफाई मित्रों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये शिविर लगाये गये। इनमें 44 हजार 701 सफाई मित्रों और उनके परिवार को फायदा पहुँचाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता से जुड़े प्रमुख विषयों पर 10 से अधिक ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जा चुके हैं। हाल ही में आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में 16 प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की दिशा में 14 नगरीय निकायों और 311 निकायों में 600 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण के साथ सह एक्सपोजर विजिट कराया गया।

    source: http://www.mpinfo.org

  • Minister Shri Vijayvargiya मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में  हुए शामिल

    Minister Shri Vijayvargiya मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल

    Minister Shri Vijayvargiya: सरकारी योजनाओं की सफलता में जन-भागीदारी की अहम भूमिका

    नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि सरकारी योजनाओं और कार्यक्रम की सफलता में जन-भागीदारी का महत्वपूर्ण रोल होता है। उन्होंने समाज के हर स्तर पर जन-भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। मंत्री श्री विजयवर्गीय आज भोपाल के नरोन्हा प्रशासन अकादमी में नगरीय सुशासन – मानव अधिकार विषय पर हुए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन किया गया।

    नगरीय विकास मंत्री श्री विजयवर्गीय ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिये केन्द्र सरकार से अधिक से अधिक राशि मिल रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शहरों के विकास के लिये स्मार्ट सिटी जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इंदौर शहर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में एक दिन में केवल 12 घंटे में सफल जन-भागीदारी से 12 लाख पौधे लगाये गये हैं। आज इन पौधों की देख-भाल शहर का नागरिक आगे बढ़कर कर रहा है।

    स्वच्छता कार्यक्रम में संस्कार जरूरी

    स्वच्छता ही सेवा अभियान की चर्चा करते हुए मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि बच्चों में सफाई के संस्कार शुरू से डाले जायें, तो इसके बेहतर परिणाम इंदौर में देखे जा सकते हैं। इंदौर शहर में स्वच्छता के मामले में देशभर में मध्यप्रदेश को विशिष्ट पहचान दिलाई है। अब इंदौर को क्लीन सिटी के साथ ग्रीन सिटी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब का दायित्व है कि हम सफाई मित्रों के हितों का ख्याल रखें और उन्हें पूरा सम्मान दें। मंत्री श्री विजयवर्गीय ने अपने नगर निगम जन-प्रतिनिधि के रूप में कच्चे शौचालय को पक्के शौचालय में परिवर्तित किये गये कार्यों की जानकारी दी।

    मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने आयोग की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोग की पहुंच बढ़ाने के लिये नवाचार करते हुए ‘आयोग आपके द्वार’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। आयोग 35 जिला मुख्यालय तक अपने कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। अध्यक्ष श्री ममतानी ने बताया कि आयोग की मंशा है कि समाज के प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार हो। कार्यक्रम को आयोग के सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में महानिदेशक नरोन्हा अकादमी श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव विधि श्री एन.पी. सिंह भी मौजूद थे।

    कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की योजनाओं की जानकारी, नगर निगम भोपाल, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान का प्रेजेन्टेशन भी दिया गया।

    source: http://www.mpinfo.org

  • PM Shri Narendra Modi 15-17 सितंबर तक झारखंड, गुजरात और ओडिशा का करेंगे दौरा 

    PM Shri Narendra Modi 15-17 सितंबर तक झारखंड, गुजरात और ओडिशा का करेंगे दौरा 

    PM Shri Narendra Modi झारखंड के टाटानगर में 660 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे

    प्रधानमंत्री झारखंड में छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे

    प्रधानमंत्री 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। अहमदाबाद में 8,000 करोड़ रुपये

    प्रधानमंत्री गांधीनगर के महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और प्रदर्शनी (री-इन्वेस्ट) का उद्घाटन करेंगे

    प्रधानमंत्री सबसे बड़ी, एकल महिला केंद्रित योजना ‘सुभद्रा’ का शुभारंभ करेंगे

    प्रधानमंत्री भुवनेश्वर में देश भर से पीएमएवाई के 26 लाख लाभार्थियों के लिए गृह प्रवेश समारोह में भाग लेंगे

    प्रधानमंत्री अतिरिक्त घरों के सर्वेक्षण के लिए आवास + 2024 ऐप भी लॉन्च करेंगे
    पर पोस्टः पीआईबी दिल्ली द्वारा 14 सितंबर 2024.9:53AM
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15-17 सितंबर, 2024 को झारखंड, गुजरात और ओडिशा का दौरा करेंगे।

    PM Shri Narendra Modi 15 सितंबर को झारखंड की यात्रा करेंगे और सुबह करीब 10 बजे झारखंड के टाटानगर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर टाटानगर-पटना वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। सुबह लगभग 10:30 बजे, वह आधारशिला रखेंगे और 1,50,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा टाटा नगर, झारखंड में 20 हजार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लाभार्थियों को मंजूरी पत्र भी वितरित किए।

    16 सितंबर को सुबह लगभग 09:45 बजे प्रधानमंत्री गांधीनगर में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। इसके बाद लगभग 10:30 बजे, वह महात्मा मंदिर, गांधीनगर, गुजरात में चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक और प्रदर्शनी (री-इन्वेस्ट) का उद्घाटन करेंगे। लगभग 1:45 बजे, प्रधानमंत्री अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना का उद्घाटन करेंगे और सेक्शन 1 मेट्रो स्टेशन से गिफ्ट सिटी मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो की सवारी करेंगे। लगभग 3:30 बजे, अहमदाबाद में, वह 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे। 8, 000 करोड़ रु.

    प्रधानमंत्री 17 सितंबर को ओडिशा की यात्रा करेंगे और सुबह लगभग 11:15 बजे प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। इसके बाद दोपहर लगभग 12 बजे, वह आधारशिला रखेंगे और 25 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भुवनेश्वर, ओडिशा में 3800 करोड़ रुपये।

    टाटानगर में प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 660 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह झारखंड के देवघर जिले में मधुपुर बाई पास लाइन और हजारीबाग जिले में हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की आधारशिला रखेंगे। पूरा होने के बाद, मधुपुर बाईपास लाइन हावड़ा-दिल्ली मुख्य लाइन पर ट्रेनों के ठहराव से बचने में सुविधा प्रदान करेगी और गिरिडीह और जसीडीह के बीच यात्रा के समय को कम करने में भी मदद करेगी और हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो इस स्टेशन पर कोचिंग स्टॉक के रखरखाव में मदद करेगा।

    प्रधानमंत्री कुरकुरा-कनारोआ दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो बोंडामुंडा-रांची एकल लाइन खंड का एक हिस्सा है और रांची, मुरी और चंद्रपुरा स्टेशनों के माध्यम से राउरकेला-गोमोह मार्ग का हिस्सा है। यह परियोजना माल और यात्री यातायात की गतिशीलता को बढ़ाने में काफी मदद करेगी। इसके अलावा, आम लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 04 रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) को भी राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।

    प्रधानमंत्री छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों से इन मार्गों पर संपर्क में सुधार होगाः

    1) टाटानगर-पटना

    2) भागलपुर-दुमका-हावड़ा

    3) ब्रह्मपुर-टाटानगर

    4) गया-हावड़ा

    5) देवघर-वाराणसी

    6) राउरकेला-हावड़ा

    इन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत से नियमित यात्रियों, पेशेवरों, व्यवसायियों और छात्र समुदाय को लाभ होगा। ये ट्रेनें देवगढ़ (झारखंड) में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में काशी विश्वनाथ मंदिर, कालीघाट, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में बेलूर मठ आदि तीर्थ स्थलों तक यात्रा का तेज साधन प्रदान करके क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी। इसके अलावा धनबाद में कोयला खान उद्योग, कोलकाता में जूट उद्योग, दुर्गापुर में लोहा और इस्पात से जुड़े उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

    सभी के लिए आवास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री झारखंड के 20 हजार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लाभार्थियों को मंजूरी पत्र वितरित करेंगे। वह लाभार्थियों को सहायता की पहली किस्त जारी करेंगे। प्रधानमंत्री 46 हजार लाभार्थियों के गृह प्रवेश समारोह में भी भाग लेंगे।

    गांधीनगर में प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महात्मा मंदिर, गांधीनगर, गुजरात में री-इन्वेस्ट 2024 का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम अक्षय ऊर्जा निर्माण और परिनियोजन में भारत की प्रभावशाली प्रगति को उजागर करने के लिए तैयार है। इसमें दुनिया भर के प्रतिनिधियों को आकर्षित करने वाला ढाई दिवसीय सम्मेलन होगा। प्रतिभागी मुख्यमंत्री स्तरीय पूर्ण अधिवेशन, सीईओ गोलमेज सम्मेलन और नवीन वित्तपोषण, हरित हाइड्रोजन और भविष्य के ऊर्जा समाधानों पर विशेष चर्चा सहित एक व्यापक कार्यक्रम में शामिल होंगे। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नॉर्वे इस आयोजन में भागीदार देशों के रूप में भाग ले रहे हैं। गुजरात राज्य मेजबान राज्य है और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्य भागीदार राज्यों के रूप में भाग ले रहे हैं।

    यह शिखर सम्मेलन भारत की 200 गीगावॉट से अधिक की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता की उल्लेखनीय उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं को सम्मानित करेगा। एक प्रदर्शनी होगी जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों, स्टार्ट-अप और प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों के अत्याधुनिक नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी एक स्थायी भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगी।

    अहमदाबाद में प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। गुजरात के अहमदाबाद में 8,000 करोड़ रु.

    प्रधानमंत्री समखियाली-गांधीधाम और गांधीधाम-आदिपुर रेलवे लाइनों के चौगुनीकरण, एएमसी, अहमदाबाद में प्रतिष्ठित सड़कों का विकास और बक्रोल, हाथीजान, रामोल और पंजरपोल जंक्शन पर फ्लाईओवर पुलों के निर्माण सहित कई प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

    प्रधानमंत्री 30 मेगावाट की सौर प्रणाली का उद्घाटन करेंगे। वह कच्छ लिग्नाइट थर्मल पावर स्टेशन, कच्छ में 35 मेगावाट की बीईएसएस सौर पीवी परियोजना और मोर्बी और राजकोट में 220 किलोवोल्ट सबस्टेशन का भी उद्घाटन करेंगे।

    प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण की एकल खिड़की आईटी प्रणाली (स्विट्स) का शुभारंभ करेंगे, जिसे वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

    प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 30,000 से अधिक घरों को मंजूरी देंगे और इन घरों के लिए पहली किस्त जारी करेंगे, साथ ही पीएमएवाई योजना के तहत घरों के निर्माण का शुभारंभ करेंगे। वह पीएमएवाई के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के तहत राज्य के लाभार्थियों को घर भी सौंपेंगे।

    इसके अलावा, वह भुज से अहमदाबाद तक भारत की पहली वंदे मेट्रो और नागपुर से सिकंदराबाद, कोल्हापुर से पुणे, आगरा कैंट से बनारस, दुर्ग से विशाखापत्तनम, पुणे से हुबली और वाराणसी से दिल्ली के लिए पहली 20 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन सहित कई वंदे भारत ट्रेनों को भी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

    भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार की प्रमुख योजना ‘सुभद्रा’ का शुभारंभ करेंगे। यह सबसे बड़ी, एकल महिला केंद्रित योजना है और इसमें 1 करोड़ से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है। योजना के तहत, 21-60 वर्ष की आयु के बीच सभी पात्र लाभार्थियों को रु। 50, 000/- 2024-25 से 2028-29 के बीच 5 साल की अवधि के लिए। दो समान किश्तों में प्रति वर्ष 10,000 रुपये की राशि सीधे लाभार्थी के आधार-सक्षम और डीबीटी-सक्षम बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री 10 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में धन अंतरण की शुरुआत करेंगे।

    प्रधानमंत्री रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भुवनेश्वर में 2800 करोड़। ये रेलवे परियोजनाएं ओडिशा में रेलवे के बुनियादी ढांचे को बढ़ाएंगी और इस क्षेत्र में विकास और संपर्क में सुधार करेंगी। वह 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। 1000 करोड़ रु.

    प्रधानमंत्री लगभग 14 राज्यों के पीएमएवाई-जी के तहत लगभग 13 लाख लाभार्थियों को सहायता की पहली किस्त जारी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान देश भर से पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) के 26 लाख लाभार्थियों के लिए गृह प्रवेश समारोह आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) लाभार्थियों को उनके घर की चाबियां सौंपेंगे। वह पीएमएवाई-जी के लिए अतिरिक्त घरों के सर्वेक्षण के लिए आवास + 2024 ऐप भी लॉन्च करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के परिचालन दिशानिर्देशों का शुभारंभ करेंगे।

    source: http://pib.gov.in

  • Union Cabinet ने जलविद्युत परियोजनाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय सहायता की योजना में संशोधन को मंजूरी दी

    Union Cabinet ने जलविद्युत परियोजनाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय सहायता की योजना में संशोधन को मंजूरी दी

    Union Cabinet: वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक 12461 करोड़ रुपये के परिव्यय को क्रियान्वित किया जाएगा

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में Union Cabinet ने 12461 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ जल विद्युत परियोजनाओं (एचईपी) से संबंधित बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय समर्थन की योजना में संशोधन हेतु विद्युत मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक क्रियान्वित की जाएगी।

    भारत सरकार जल विद्युत परियोजनाओं के विकास में बाधा डालने वाली दूरदराज के स्थानों, पहाड़ी क्षेत्रों, बुनियादी ढांचे की कमी आदि से संबंधित समस्याओं का समाधान करने हेतु कई नीतिगत पहल कर रही है। जल विद्युत क्षेत्र को बढ़ावा देने तथा इसे और अधिक व्यवहारिक बनाने हेतु मार्च, 2019 में मंत्रिमंडल ने बड़ी पनबिजली परियोजनाओं को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के रूप में घोषित करने, जल विद्युत खरीद संबंधी दायित्व (एचपीओ), बढ़ते टैरिफ के माध्यम से टैरिफ युक्तिकरण के उपाय, भंडारण एचईपी में बाढ़ को नियंत्रित करने हेतु बजटीय समर्थन और बुनियादी ढांचे यानी सड़कों एवं पुलों के निर्माण को संभव करने की लागत के लिए बजटीय समर्थन जैसे उपायों को अनुमोदित किया।

    जलविद्युत परियोजनाओं के तीव्र विकास और दूरस्थ परियोजना स्थलों पर बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने हेतु पिछली योजना में निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं:

    सड़कों एवं पुलों के निर्माण के अलावा चार और मदों को शामिल करके बुनियादी ढांचे को सक्षम बनाने की लागत यानी (i) बिजली घर से  राज्य/केंद्रीय ट्रांसमिशन यूटिलिटी के पूलिंग सबस्टेशन के उन्नयन सहित निकटतम पूलिंग बिंदु तक ट्रांसमिशन लाइन (ii) रोपवे (iii) रेलवे साइडिंग, और (iv) संचार संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण में आने वाली लागत के लिए बजटीय समर्थन के दायरे को विस्तारित करना। परियोजना की ओर जाने वाली मौजूदा सड़कों/पुलों का सुदृढ़ीकरण भी इस योजना के तहत केंद्रीय सहायता का पात्र होगा।

    लगभग 31350 मेगावाट की संचयी उत्पादन क्षमता वाली इस योजना का कुल परिव्यय 12,461 करोड़ रुपये है, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक क्रियान्वित किया जायेगा।

    यह योजना निजी क्षेत्र की परियोजनाओं सहित 25 मेगावाट से अधिक क्षमता की सभी जल विद्युत परियोजनाओं पर लागू होगी, जिन्हें पारदर्शी आधार पर आवंटित किया गया है। यह योजना कैप्टिव/मर्चेंट पीएसपी सहित सभी पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) पर भी लागू होगी, बशर्ते कि परियोजना पारदर्शी आधार पर आवंटित की गई हो। इस योजना के तहत लगभग 15,000 मेगावाट की संचयी पीएसपी क्षमता का समर्थन किया जाएगा।

    जिन परियोजनाओं के पहले बड़े पैकेज का लेटर ऑफ अवार्ड 30.06.2028 तक जारी कर दिया गया है, उन पर इस योजना के तहत विचार किया जाएगा।

    बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय समर्थन की सीमा को 200 मेगावाट तक की परियोजनाओं के लिए 1.0 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट और 200 मेगावाट से अधिक की परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये एवं 0.75 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट तक तर्कसंगत बनाया गया है। असाधारण मामलों में बजटीय सहायता की सीमा 1.5 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट तक जा सकती है, बशर्ते पर्याप्त औचित्य मौजूद हो।

    बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय सहायता डीआईबी/पीआईबी द्वारा बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के मूल्यांकन और मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद प्रदान की जाएगी।

    लाभ:

    यह संशोधित योजना जल विद्युत परियोजनाओं के तेजी से विकास में मदद करेगी, दूरदराज एवं पहाड़ी परियोजना स्थलों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाएगी और परिवहन, पर्यटन, लघु-स्तरीय व्यवसाय के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार / उद्यमशीलता के अवसरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। यह योजना जल विद्युत क्षेत्र में नए निवेश को प्रोत्साहित और नई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।

    source: http://pib.gov.in


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