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  • पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर CM Pushkar Dhami ने की 04 घोषणाएं।

    पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर CM Pushkar Dhami ने की 04 घोषणाएं।

    CM Pushkar Dhami: पुलिस कार्मिकों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में रू0 100 करोड़ की राशि आवंटित की जायेगी

    पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर CM Pushkar Dhami ने की 04 घोषणाएं। पुलिस कार्मिकों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में रू0 100 करोड़ की राशि आवंटित की जायेगी। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के पौष्टिक आहार भत्ते में 100 रुपये की वृद्धि की जायेगी। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत निरीक्षकों और सहायक उप निरीक्षकों के वर्दी भत्ते में 3500 रुपये की वृद्धि की जायेगी। 9,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर तैनात पुलिस और एस.डी.आर.एफ. कर्मियों को प्रदान की जा रही उच्च तुंगता भत्ता 200 रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 300 रूपये प्रतिदिन किया जायेगा।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानूनव्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 216 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिसकर्मी शहीद हुए, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की गई है, जो हमारे पुलिस बल के अद्वितीय समर्पण और बलिदान का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी पुलिस ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। आतंकवाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलवाद, प्राकृतिक आपदाओं, कानून व्यवस्थाओं से संबंधित जटिल परिस्थितियों में हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने में हमारे पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उस राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का एक अभिन्न स्तम्भ है। राज्य पुलिस भी सेवा की भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राइम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, काँवड यात्रा प्रबंधन का सामना करती है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है। इस वर्ष 1100 से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 23 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बन चुका है। हमारी पुलिस को इस दिशा में भी सजग रहना होगा और तकनीकि रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा। राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर “महिला हैल्प डेस्क” के अन्तर्गत ‘क्यूआरटी’ का गठन किया गया है। बच्चों एवं महिलाओं के प्रति हुए अपराधों में 95 प्रतिशत से अधिक मामलों का अनावरण कर 50 प्रतिशत से अधिक अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है। जिसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 150 करोड़ से अधिक की लागत से 380 आवासों का निर्माण किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 202324 में 42 करोड़ की लागत से 05 पुलिस थानों 02 पुलिस चैकियों, 02 फायर स्टेशनों और तीन पुलिस लाईनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

    पुलिस के रिस्पॉस टाइम को बेहतर करने के लिए 1105 पुलिस वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है। पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के लिए 75 लाख से 1 करोड़ तक का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 15 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दिवंगत पुलिस कार्मिकों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। आपदा एवं राहत के क्षेत्र में सरकार द्वारा एस0डी0आर0एफ0 की एक कम्पनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया गया। 06 थानों व 21 पुलिस चैकियों के क्रियान्वयन हेतु 327 पद स्वीकृत किये गये, पी0पी0एस0 के ढांचे में 11 नये पदों का सृजन किया गया। उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गयी है तथा 2000 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखण्ड खेल नीति के अन्तर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जायेंगी।

    इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चैहान, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री मुन्ना सिंह चैहान, श्रीमती सविता कपूर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव गृह श्री शैलेश बगोली, डीजीपी श्री अभिनव कुमार एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    source: http://uttarainformation.gov.in

  • CM Dr. Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा

    CM Dr. Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा

    CM Dr. Yadav: विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता को किया कम

    • मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास – एडमिरल दिनेश त्रिपाठी
    • 3 ईएमई सेंटर में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को किया संबोधित

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है। सेना को नवीन तकनीक के नवीनतम हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 ईएमई सेंटर भोपाल में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की देश भक्ति और समर्पण में वर्तमान सेना की नींव रखी है। जब भी मौका पड़ा आप सभी ने वीरता और शौर्य का परिचय देकर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की है। भारत के साथ और भी देश आजाद हुए थे। लेकिन वर्तमान समय में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र यदि जीवित है तो यह भारतीय सेना के कारण ही संभव हुआ है। सेना ने देश की सीमाओं की रक्षा कर लोकतंत्र को जीवित रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिकों के अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदेश की जनता की ओर से अभिनंदन किया।

    मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। यहाँ सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी। सहायता राशि का आधा अंश शहीद की पत्नी को और आधा अंश आश्रित माता-पिता को दिया जाएगा। शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश निवासी ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न शौर्य एवं विशिष्ट सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों एवं उनके आश्रितों को सर्वाधिक सम्मान राशि दी जाती है। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, विकलांग सैनिकों एवं आश्रितों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

    भूतपूर्व सैनिकों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा किप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल एजुकेशन, लॉ सहित विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों के ग्रुप सी एवं डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण के साथ जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 स्तर पर कर्मचारियों के पदों में वृद्धि करने कानिर्णय लिया गया है। शासन की योजनाओं के अंतर्गत जमीन के लिए सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।

    म.प्र. ने देश को अब तक दिए 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र

    भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का रहा है। मध्यप्रदेश ने देश को अब तक 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र दिए है। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया। यह सम्मान समारोह भूतपूर्व सैनिकों के समर्पण, योग्य नेतृत्व और योगदान को समर्पित है। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों को सेना में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

    भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक

    सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टीनेन्ट जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हमेशा सकारात्मक मानसिकता, कल्याणकारी कार्य को सदैव हां और करने को तत्पर रहते है। श्री सिंह ने सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया।

    द्वितीय विश्वयुद्ध के भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों और भोपाल के अमर शहीदों के परिजन का किया सम्मान

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों का सम्मान किया। उन्होंने नं. 561सिपाही स्व. मुशीर अहमद की पत्नि श्रीमती फातमा बी, नं. 2659 सिपाही स्व. मो. सईद खान की पत्नि श्रीमती रईसा बेगम और नं. 451 सिपाही मो. सरीफ की पत्नि श्रीमती नफीसा बी का सम्मान कर उनका आशीर्वाद भी लिया। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल की अमर शहीदों के परिजन को भी सम्मानित किया। सम्मानित हुए परिजनों में कैप्टन स्व. देवाशीष शर्मा, कीर्तिचक्र (मरणोपरान्त) की माताजी श्रीमती निर्मला शर्मा, मेजर स्व. अजय कुमार, सेना मेडल (मरणोपरान्त) के पिता श्री आर.एन. प्रसाद, ग्रुप केप्टन स्व. वरुण सिंह, (शौर्यचक्र) के पिता सेवानिवृत्त कर्नल के.पी. सिंह, सीएफएन स्व. रामस्वरूप की पत्नि श्रीमती सविता देवी, सिगनलमेन स्व. रमेश कुमार की पत्नि श्रीमती लक्ष्मी बाई और नायक स्व. दिनेश चंद्र की पत्नि श्रीमती गुनमाला देवी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद सैनिकों के बलिदान, देश के प्रति सेवा और समर्पण को सदैव स्मरण किया जाएगा।

    भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सेना के शौर्य का प्रतीक स्मृति-चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से उतरे और जवानों से मिले। उनका उत्साहवर्धन किया और जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी ली। इस अवसर पर सेना के अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और उनके परिजन उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • UP News: प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 90 करोड़ रु0 की लागत से निर्मित आर0 झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया

    UP News: प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 90 करोड़ रु0 की लागत से निर्मित आर0 झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया

    UP News: वाराणसी में लगभग 2,500 करोड़ रु0 की लागत से केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य सम्पन्न हुए

    • अब काशी, पूर्वांचल सहित उ0प्र0 के बड़े आरोग्य केन्द्र, हेल्थकेयर हब के रूप में विख्यात हो रही: प्रधानमंत्री
    • हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा व नए संसाधानों के साथ नवजीवन-दायिनी बन रही
    • आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक केन्द्र कार्य कर रहे, 10 वर्षों में पूर्वांचल के प्राथमिक और सामुदायिक केन्द्रों में 10 हजार से अधिक नए बेड जोड़े गए, 5,500 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर बनाए गए
    • बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, सरकार साफ-सफाई, योग-आयुर्वेद, पोषक खान-पान आदि विषयों पर खास ध्यान दे रही
    • आज देश में क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स और आधुनिक लैब्स का नेटवर्क बनाया जा रहा
    • आज देश के हर नागरिक का बीमारी के इलाज में होने वाला औसत खर्च 25 प्रतिशत तक कम हो गया
    • पी0एम0 जन औषधि केन्द्रों में लोगों को 80 प्रतिशत डिस्काउण्ट के साथ दवाइयां मिल रहीं, हार्ट स्टेण्ट, घुटना इम्प्लाण्ट, कैंसर की दवाओं की कीमत बहुत कम की गई
    • गरीबों को 05 लाख रु0 तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना संजीवनी साबित हुई, देश में अब तक साढ़े 07 करोड़ से अधिक मरीज मुफ्त इलाज का लाभ ले चुके, अब यह सुविधा देश के हर परिवार के बुजुर्ग को मिलने लगी
    • आगामी 05 वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी
    • 30 करोड़ से ज्यादा लोग ई-संजीवनी ऐप की मदद से कंसल्टेशन ले चुके
    • शंकरा आई फाउण्डेशन नेत्र रोगियों को नया जीवन देने का देश का एक प्रतिष्ठित अभियान: मुख्यमंत्री
    • प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा, नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत 10 वर्षों में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा

    पं0 मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल, बी0एच0यू0 में 430 बेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल में 100 बेड एम0सी0एच0 विंग और ई0एस0आई0सी0 हॉस्पिटल में 150 बेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण वाराणसी में हुआ

    वाराणसी में पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण, जिला महिला चिकित्सालय कबीर चौरा में 100 बेड मैटरनिटी विंग का निर्माण कार्य सम्पन्न हुए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 15,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के माध्यम से गांव स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य व ट्रेडिशनल मेडिसिन की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज वाराणसी में 90 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आर0 झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, श्री कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य जगद्गुरु श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती उपस्थित थे। प्रधानमंत्री जी ने आई हॉस्पिटल का उद्घाटन करने के बाद पूरे परिसर एवं व्यवस्था का निरीक्षण भी किया।

    प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि काशी की पहचान अनन्तकाल से धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में रही है। अब काशी, पूर्वांचल सहित उत्तर प्रदेश के बड़े आरोग्य केन्द्र, हेल्थकेयर हब के रूप में भी विख्यात हो रही है। बी0एच0यू0 में ट्रॉमा सेण्टर हो, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हो, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और कबीरचौरा अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाना हो, बुजुर्गों के लिए, सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष अस्पताल हो, मेडिकल कॉलेज हो, ऐसे अनेक कार्य काशी में बीते एक दशक में हुए हैं। आज बनारस में कैंसर के इलाज के लिए भी आधुनिक अस्पताल है। पहले जिन मरीजों को दिल्ली-मुम्बई जाना पड़ता था, आज वह यहीं अच्छा इलाज करा पा रहे हैं। आज बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों से भी हजारों लोग यहां उपचार के लिए आते हैं। हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा के साथ, नए संसाधानों के साथ नवजीवन-दायिनी भी बन रही है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि शंकराचार्य जी के आशीर्वाद से ही काशी और पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है। भगवान शंकर की नगरी में शंकरा आई हॉस्पिटल आज से जन-जन के लिए समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह हॉस्पिटल वाराणसी और इस क्षेत्र के आने वाले लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा और उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। यह अस्पताल एक प्रकार से आध्यात्मिकता व आधुनिकता का संगम है। अस्पताल बुजुर्गों की सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रोशनी देगा। बड़ी संख्या में बच्चों को निःशुल्क इलाज मिलने वाला है। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। मेडिकल कॉलेज के छात्र इण्टर्नशिप व प्रैक्टिस कर पाएंगे। काशीवासियों को वाराणसी में ही शंकरा आई हॉस्पिटल और चित्रकूट आई हॉस्पिटल जैसे दो नए आधुनिक संस्थान मिलने जा रहे हैं।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया। हालत यह थी कि 10 साल पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार के इलाज के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार केन्द्र तक नहीं थे। बच्चों की मृत्यु होती थी, मीडिया में हो हल्ला होता था। लेकिन पहले की सरकारें कुछ नहीं करती थीं। बीते दशक में, काशी ही नहीं, पूर्वांचल के पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक ऐसे केन्द्र कार्य कर रहे हैं। 10 वर्षों में पूर्वांचल के प्राथमिक और सामुदायिक केन्द्रों में 10 हजार से अधिक नए बेड जोड़े गए हैं। 10 सालों में पूर्वांचल के गांवों में 5,500 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर बनाए गए हैं। 10 साल पहले पूर्वांचल के जिला अस्पतालों में डायलिसिस तक की सुविधा नहीं थी। आज 20 से अधिक डायलिसिस यूनिट्स कार्य कर रही हैं। जहां मरीजों को यह सुविधा मुफ्त मिल रही है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत ने हेल्थकेयर के प्रति पुरानी सोच और अप्रोच को बदल दिया है। आज आरोग्य से जुड़ी भारत की रणनीति के पांच स्तम्भ हैं। पहला-प्रिवेण्टिव हेल्थकेयर, यानि बीमारी होने से पहले का बचाव। दूसरा-समय पर बीमारी की जांच। तीसरा-मुफ्त और सस्ता इलाज, सस्ती दवाएं। चौथा-छोटे शहरों में अच्छा इलाज, डॉक्टरों की कमी दूर करना। और पांचवां-स्वास्थ्य सेवा में टेक्नॉलॉजी का विस्तार।

    किसी भी व्यक्ति को बीमारी से बचाना, भारत की स्वास्थ्य नीति की बड़ी प्राथमिकता व स्वास्थ्य क्षेत्र का पहला स्तम्भ है। बीमारी, गरीब को और गरीब बनाती है। बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। एक गम्भीर बीमारी, इन्हें फिर से गरीबी के दलदल में धकेल सकती है। इसलिए बीमारी हो ही नहीं, इस पर सरकार बहुत जोर दे रही है। इसलिए हमारी सरकार साफ-सफाई, योग-आयुर्वेद, पोषक खान-पान इन सारे विषयों पर खास ध्यान दे रही है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हम टीकाकरण अभियान को भी ज्यादा से ज्यादा घरों तक ले गए हैं। 10 साल पहले तक यह स्थिति थी कि देश में टीकाकरण का कवरेज 60 प्रतिशत के आसपास ही था। यानि करोड़ों बच्चे तो टीकाकरण के दायरे में ही नहीं थे। और टीकाकरण का यह दायरा हर साल सिर्फ एक, डेढ़ प्रतिशत की गति से बढ़ रहा था। अगर ऐसा ही चलता रहता तो हर क्षेत्र को, हर बच्चे को टीकाकरण के दायरे में लाने में 40-50 साल और लग जाते। इसलिए सरकार बनने के बाद हमने बहुत ही बड़ी प्राथमिकता बच्चों के टीकाकरण को दी, उसकी कवरेज बढ़ाने को दी। सरकार ने मिशन इन्द्रधनुष शुरू किया। एक साथ कई मंत्रालयों को इस कार्य में लगाया। नतीजा यह आया कि न केवल टीकाकरण कवरेज की दर बढ़ी, बल्कि ऐसी करोड़ों गर्भवती महिलाओं का, करोड़ों बच्चों का टीकाकरण हुआ, जो पहले इससे छूट जाते थे। भारत ने टीकाकरण पर जो जोर दिया, उसका बहुत बड़ा फायदा हमें कोरोना के दौरान मिला। आज पूरे देश में टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बीमारी से बचाव के साथ ही यह भी जरूरी है कि बीमारी का समय पर पता चल जाए। इसलिए ही देशभर में लाखों आयुष्मान आरोग्य मन्दिर बनाए गए हैं। इससे कैंसर-डायबिटीज़ जैसी अनेक बीमारियों का शुरुआत में ही पता लगना सम्भव हुआ है। आज देश में क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स और आधुनिक लैब्स का नेटवर्क भी बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र का यह दूसरा स्तम्भ, लाखों लोगों की जान बचा रहा है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य का तीसरा स्तम्भ-सस्ता इलाज, सस्ती दवा का है। आज देश के हर नागरिक का बीमारी के इलाज में होने वाला औसत खर्च 25 प्रतिशत तक कम हो गया है। पी0एम0 जन औषधि केन्द्रों में लोगों को 80 प्रतिशत डिस्काउण्ट के साथ दवाइयां मिल रही हैं। हार्ट स्टेण्ट हों, घुटना इम्प्लाण्ट हों, कैंसर की दवाएं हों, इनकी कीमत बहुत कम की गई है। गरीबों को 05 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना, उनके लिए संजीवनी साबित हुई है। देश में अब तक साढ़े 07 करोड़ से अधिक मरीज, मुफ्त इलाज का लाभ ले चुके हैं। अब यह सुविधा देश के हर परिवार के बुजुर्ग को भी मिलने लगी है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र का चौथा स्तम्भ, इलाज के लिए दिल्ली-मुम्बई जैसे बड़े शहरों पर निर्भरता कम करने वाला है। एम्स हो, मेडिकल कॉलेज हो, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हों, बीते दशक में छोटे शहरों तक ऐसे अस्पताल हमने पहुंचाए हैं। देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए बीते दशक में मेडिकल की हजारों नई सीटें जोड़ी गई हैं। सरकार ने तय किया है कि आने वाले 05 साल में 75,000 और सीटें जोड़ी जाएंगी।

    स्वास्थ्य क्षेत्र का पांचवां स्तम्भ-टेक्नॉलॉजी के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुलभ करने वाला है। आज डिजिटल हेल्थ आई0डी0 बनाई जा रही है। ई-संजीवनी ऐप जैसे माध्यमों से घर बैठे ही मरीजों को परामर्श की सुविधा दी जा रही है। अब तक 30 करोड़ से ज्यादा लोग ई-संजीवनी ऐप की मदद से कंसल्टेशन ले चुके हैं। हम ड्रोन टेक्नॉलॉजी से भी स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वस्थ और समर्थ युवा पीढ़ी, विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने वाली है। इस मिशन में पूज्य शंकराचार्य जी का आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की कि स्वस्थ और समर्थ भारत का यह मिशन यूं ही सशक्त होता रहे। उन्होंने पूज्य शंकराचार्य जी से आग्रह किया कि एक शंकरा नेत्र अस्पताल बिहार में भी स्थापित किया जाए।

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि आर0जे0 शंकरा आई हॉस्पिटल के उद्घाटन से काशी की सेवा और विकास के अभियान में एक नई कड़ी जुड़ गई है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शंकरा आई फाउण्डेशन नेत्र रोगियों को नया जीवन देने का देश का एक प्रतिष्ठित अभियान है। जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज की प्रेरणा से वर्ष 1977 से शुरू हुआ यह अभियान देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन में नई रोशनी लाने का कार्य कर रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा, नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत 10 वर्षों में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा है। शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए प्रतिमान बन रहे हैं। बाबा विश्वनाथ की पावन धरा में विकास और सेवा के नए-नए प्रकल्प यहां जुड़े हैं। लगभग 2,500 करोड़ रुपये की लागत से केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में यहां पर कार्य सम्पन्न हुए हैं। पं0 मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल, बी0एच0यू0 में 430 बेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल में 100 बेड एम0सी0एच0 विंग और ई0एस0आई0सी0 हॉस्पिटल में 150 बेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण करके न केवल काशीवासियों, बल्कि प्रदेशवासियों सहित बिहार और आसपास के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कार्यवाही यहां पर आगे बढ़ी है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वाराणसी में पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण, जिला महिला चिकित्सालय कबीर चौरा में 100 बेड मैटरनिटी विंग का निर्माण कार्य सम्पन्न हुए हैं। आर0जे0 शंकर आई हॉस्पिटल की इस नवीन इकाई के शुभारम्भ से आज वाराणसी स्वास्थ्य के बड़े हब के रूप में सामने आया है। काशी में इन स्वास्थ्य सुविधाओं के विकसित होने से प्रदेश सहित आसपास के अन्य राज्यों के लोगों को भी स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काशी की तरह प्रदेश के अन्य जनपदों में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत 10 वर्षों में बेहतरीन कार्य हुए हैं। हर जनपद में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना, डायलिसिस, सी0टी0 स्कैन की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 15,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के माध्यम से गांव स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य व ट्रैडिशनल मेडिसिन की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र व धर्मार्थ संस्थान का योगदान इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है।

    जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत विश्व का एक बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। देश तेजी से विकास कर रहा है। इसका मुख्य कारण है कि हमारे देश को अच्छे नेता मिले हैं। समाज में व्यक्ति भी मुख्य है और व्यक्तित्व भी मुख्य है। सबको जोड़ने वाला नेता भी चाहिए। अच्छे नेता ईश्वर कृपा से मिलते हैं। ईश्वर की कृपा से ही प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी मिले हैं।

    स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार सभी लोगों की सुरक्षा व विकास के लिए कार्य कर रही है। सरकार विश्व में एक आदर्श के रूप में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी सबके प्रति श्रद्धा, प्रेम, दया के साथ कार्य कर रहे हैं। सामान्य व्यक्ति को क्या जरूरत है, उनकी क्या पीड़ा है, प्रधानमंत्री जी समझते हैं। उनके पास काम करने का अनुभव है। कल्याणकारी योजनाएं साकार हो रही हैं। भारत की विशेषता के लिए धर्म और संस्कृति का भी विकास होना बहुत जरूरी है। देश का भविष्य उज्ज्वल होने से विश्व में शान्ति स्थापित होगी। भारत की उन्नति विश्व की उन्नति है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी शान्ति के लिए कटिबद्ध होकर कार्य कर रहे हैं।

    ज्ञातव्य है कि शंकरा आई फाउण्डेशन इण्डिया एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो समाज के गरीब और वंचित वर्गों को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1977 में एक छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के रूप में डॉ0 आर0वी0 रमणी और डॉ0 राधा रमणी द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी। फाउण्डेशन द्वारा 10 से अधिक राज्यों में स्थित 14 सुपर स्पेशियलिटी आई केयर अस्पतालों का प्रबन्धन किया जा रहा है।

    कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, शंकरा आई फाउण्डेशन के आर0वी0 रमणी, डॉक्टर एस0वी0 बालासुब्रमण्यम, श्री मुरली कृष्णमूर्ति, सुश्री रेखा झुनझुनवाला, फाउण्डेशन के पदाधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री जी का लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण ने स्वागत किया।
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  • PM Modi 19 अक्टूबर को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ करेंगे

    PM Modi 19 अक्टूबर को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ करेंगे

    PM Modi: प्रत्येक कर्मयोगी को कम से कम 4 घंटे की योग्यता-आधारित शिक्षा मिलेगी

    • मंत्रालय और विभाग क्षेत्र-विशिष्ट योग्यताओं को बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करेंगे

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ करेंगे।

    मिशन कर्मयोगी की शुरुआत सितंबर 2020 में हुई थी और तब से इसमें उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ भारतीय लोकाचार में निहित भविष्य के अनुकूल सिविल सेवा की कल्पना की गई है।

    राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह (एनएलडब्ल्यू) अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा जो सिविल सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकास की दिशा में नई प्रेरणा प्रदान करेगा। यह पहल सीखने और विकास के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी। एनएलडब्ल्यू का लक्ष्य “एक सरकार” का संदेश देना, सभी को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ना और आजीवन शिक्षण को बढ़ावा देना है।

    एनएलडब्ल्यू प्रतिभागियों और मंत्रालयों, विभागों व संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न रूपों के माध्यम से सीखने के लिए समर्पित होगा। राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक कर्मयोगी कम से कम 4 घंटे की योग्यता-आधारित शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा। प्रतिभागी iGOT मॉड्यूल और प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा वेबिनार (सार्वजनिक व्याख्यान/मास्टरक्लास) के माध्यम से लक्षित घंटे पूरे कर सकते हैं।

    कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात वक्ता अपने क्षेत्रों से जुड़े विषयों पर जानकारी देंगे और उन्हें अधिक प्रभावी तरीके से नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण की दिशा में काम करने में मदद करेंगे। इस दौरान, मंत्रालय, विभाग और संगठन क्षेत्र-विशिष्ट दक्षताओं को बढ़ाने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएँ भी आयोजित करेंगे।

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  • governor Mangubhai Patel: प्रतियोगिता में भाग लेने से मिलता है नया जोश और मनोबल 

    governor Mangubhai Patel: प्रतियोगिता में भाग लेने से मिलता है नया जोश और मनोबल 

    governor Mangubhai Patel केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अखिल भारतीय स्पर्धा के शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुए

    • अनुभवों से उन्नत होता प्रतिभागी का कौशल

    राज्यपाल Mangubhai Patel ने कहा है कि प्रतियोगिता में भाग लेने से नया जोश और मनोबल तो मिलता ही है, साथ ही अपने और दूसरों के प्रदर्शन के अनुभव से कौशल का नया स्तर प्राप्त होता है। प्रतियोगिता में ज्ञान और कौशल के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि हार-जीत से कही अधिक महत्वपूर्ण हमारी संस्कृति, सुसंस्कृत जीवनशैली की गरिमा और गौरव का सम्मान है।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विशिष्ट ग्रंथों, “सर्वसमावेशी शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में महर्षि दयानन्द सरस्वती” और “भारतीय ज्ञान परम्परा शिक्षक शिक्षा” का लोकार्पण किया। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, युव संसद जयपुर के संस्थापक श्री आशुतोष जोशी मंचासीन थे।    

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है।दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख ज़रिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी। विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

    केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। बताया कि राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान से प्रारम्भ होकर 55वीं वर्ष गांठ के अवसर तक विश्व में संस्कृत का पर्याय बन गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय मल्टी डिसिप्लिनरी, बहुपरिसरीय विश्वविद्यालय है, जिसमें 12 परिसर, 28 महाविद्यालय और 105 से अधिक मान्यता प्राप्त संस्थाएं शामिल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में भारतीय विधिशात्र, नाट्य शास्त्र के पाठ्यक्रम के साथ ही बी.ए. ऑनर्स, संस्कृत, सिविल सर्विसेज, शुरू किया गया है, जिसमें संस्कृत एवं सिविल सर्विसेज के पाठ्यक्रम का अध्ययन कराया जाता है। विद्यार्थी पाठ्यक्रम के 5 में से किसी एक विषय में स्नातकोत्तर की एक वर्षीय उपाधि भी प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को नेक द्वारा A++ की ग्रेडिंग प्राप्त है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति विगत 2 वर्षों से सफलता पूर्वक क्रियान्वित की जा रही है।

    केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय देश के 12 प्रांतों में प्रस्तारित है। आयोजित, प्रतियोगिता में राज्य स्तरीय स्पर्धा के विजेता शामिल हो रहे है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए विषय विशेषज्ञ विद्वान शामिल है। धन्यवाद ज्ञापन भोपाल परिसर के सहायक निदेशक प्रोफेसर नीलाभ तिवारी ने किया।

    कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों द्वारा वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों का शॉल, शंख और पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।

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  • CM Yogi ने महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं

    CM Yogi ने महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। आज यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ’रामायण’ के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से जन-जन का साक्षात्कार कराया। ’रामायण’ के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि ने समाज के सम्मुख जीवन के सर्वोत्कृष्ट मूल्यों एवं आदर्शों को प्रस्तुत किया। उनकी जयन्ती का यह अवसर हमें यह सिखाता है कि जीवन में कोई भी व्यक्ति धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलकर महानता को प्राप्त कर सकता है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार महर्षि वाल्मिकी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। महर्षि वाल्मीकि की महानता से वर्तमान और भावी पीढ़ी को सुपरिचित कराने के लिए सतत् प्रयासरत है। इस क्रम में लालापुर, जनपद चित्रकूट में उनकी तपोस्थली के सौंदर्यीकरण तथा श्री अयोध्याधाम में महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की स्थापना जैसे अनेक प्रयास किए गए हैं। आदिकवि की जयन्ती पर पूरे प्रदेश में मंदिरों/देवस्थानों पर रामायण पाठ व दीपदान तथा लालापुर में रामलीला, सन्त सम्मेलन, हवन, गौ-पूजन आदि का आयोजन किया जा रहा है।

    महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह पुण्य अवसर पूरे प्रदेश में शान्ति और सामाजिक सौहार्द को चिरस्थायी बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों के लिए सुख और समृद्धि की कामना की है।

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  • केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री Nityanand Rai के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया

    केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री Nityanand Rai के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया

    Nityanand Rai: भारत, आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) रणनीतियों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 10-सूत्रीय एजेंडे के अनुरूप आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए समावेशी और सक्रिय कार्यों को लागू करने के प्रति कटिबद्ध

    • भारत की पहल, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI) में अब 47 देश सदस्य हैं और यह आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना में निवेश के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान कर रहा है

    केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रपति श्री बोंगबोंग मार्कोस ने किया। सम्मेलन का विषय “Surge to 2030: Enhancing ambition in Asia Pacific to accelerate disaster risk reduction” था। इस सम्मेलन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मंत्री और नीति निर्माता जलवायु संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर आपदा जोखिम को कम करने की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए।

    अपने वक्तव्य में गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय ने कहा कि आपदाएँ एक ऐसी सच्चाई है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता और जिनसे जान-माल, अर्थव्यवस्था तथा समग्र विकास को नुकसान पहुँचता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) रणनीतियों के लिए 10-सूत्री एजेंडे के अनुरूप आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए समावेशी और सक्रिय कार्रवाई करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

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    केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) में अग्रिम चेतावनी प्रणाली (EWS) और अग्रिम कार्रवाई, आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना और DRR के लिए वित्तीय प्रावधान आदि प्रमुख प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया। गृह राज्यमंत्री ने EWS के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे Common Alerting Protocol (CAP) और Cell Broadcast Systems, Indian Tsunami Early Warning Centre (ITEWC) की स्थापना पर जोर दिया, जो अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए हिंद महासागर के 25 देशों को सुनामी संबंधी सलाह प्रदान करता है।

    श्री नित्यानंद राय ने सतत विकास की आधारशिला के रूप में बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत द्वारा की गई पहल, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI), में अब 47 देश सदस्य हैं और यह आपदा रोधी बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान कर रहा है।

    गृह राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में से एक है, जिन्होंने संस्थागत तंत्र के माध्यम से DRR के लिए dedicated वित्तीय प्रावधान किए हैं और भारत के 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन निधि (NDRMF) और राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि (SDRMF) के लिए 30 बिलियन अमरीकी डॉलर आवंटित किए हैं।

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  • CM Dhami ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2021 के अन्तर्गत चयनित 19 विभागों के 289 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।

    CM Dhami ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2021 के अन्तर्गत चयनित 19 विभागों के 289 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।

    सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में चयनित 289 अधिकारियों को CM Dhami ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र। 03 सालों में राज्य में 17500 अभ्यर्थियों को प्रदान किये जा चुके हैं नियुक्ति पत्र

    सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में चयनित 289 अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र। 03 सालों में राज्य में 17500 अभ्यर्थियों को प्रदान किये जा चुके हैं नियुक्ति पत्र। CM Dhami ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2021 के अन्तर्गत चयनित 19 विभागों के 289 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। राज्य में पिछले तीन सालों में 17500 से अधिक अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में नियुक्ति दी जा चुकी है।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अभ्यर्थियों को शुभकामना एवं बधाई देते हुए कहा कि आज हमारे इन युवा अधिकारियों के जीवन में एक नई शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साल 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में हमारे इन युवा कर्णधारों का योगदान भी महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि हमारे ये युवा अधिकारी आजादी के अमृतकाल के सिपाही हैं, जो विकसित भारत के स्वप्न को पूरा करेंगे। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में हमारे इन अधिकारियों की नियुक्ति होने से जनहित से जुड़े कार्यों में तेजी आयेगी। इससे व्यवस्था को नई गति और दिशा मिलेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया था कि राज्य के सरकारी विभागों में रिक्त सभी 24 हजार पदों को भरा जायेगा। अभी अनेक पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी और आदर्श राज्य बनाने के लिए सभी को टीम उत्तराखण्ड की भावना से कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश में विशिष्ट पहचान बना रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में राज्य को प्रथम स्थान मिला है।

    मुख्यमंत्री ने चयनित सभी अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में नियमित नवचार लायेंगे। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को समाज के अन्तिम छोर के लोगों तक सहजता से पहुंचायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे ये अधिकारी सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आजादी के अमृतकाल के हमारे ये कर्मयोगी अपनी प्रशासनिक क्षमता के माध्यम से आमजन की सेवा कर राज्य को लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ायेंगे।

    आज जिन 289 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये उनमें 10 डिप्टी कलैक्टर, 10 डिप्टी एस.पी., 18 वित्त अधिकारी, 16 सहायक आयुक्त राज्य कर, 03 कारागार अधीक्षक, 11 सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (ए.आर.टी.ओ.), 28 खण्ड विकास अधिकारी, 04 कार्य अधिकारी जिला पंचायत, 07 सहायक निबन्धक सहकारिता, 04 जिलापूर्ति अधिकारी, 03 उप सम्भागीय विपणन अधिकारी, 05 जिला समाज कल्याण अधिकारी, 17 सहायक निदेशक उद्योग, 02 सहायक श्रम आयुक्त, 03 सहायक निदेशक कारखाना, 32 उप शिक्षा अधिकारी, 11 जिला सूचना अधिकारी/सूचना अधिकारी, 03 सहायक निदेशक मत्स्य, 01 सहायक गन्ना आयुक्त, 19 बाल विकास परियोजना अधिकारी, 02 जिला परिवीक्षा अधिकारी, 02 जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, 28 राज्य कर अधिकारी, 12 उप निबन्धक श्रेणी2, 01 अधीक्षक राजकीय प्रमाणित संस्था, 01 प्रचार अधिकारी पर्यटन, 03 केस वर्कर, 10 सहायक निदेशक कृषि एवं उद्यान, 20 उद्यान विकास अधिकारी, 01 मशरूम विकास अधिकारी, 01 पौध सुरक्षा अधिकारी, 01 खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी शामिल हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, श्री गणेश जोशी, श्री सौरभ बहुगुणा, श्रीमती रेखा आर्या, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, श्री एल. फैनई, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिवगण और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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  • Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें

    Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें

    Governor Mangubhai Patel : पद्मभूषण डॉ. विजय पी. भटकर और डॉ. नरेन्द्र नाथ लाहा मानद उपाधि से सम्मानित

    • दीक्षांत समारोह में 126 गोल्ड मैडल, 297 पीएचडी एवं 397 स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं
    • जीवाजी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
    Governor Mangubhai Patel ने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें और “अन-लर्निंग, रि-स्किलिंग व अप-स्किलिंग” पर विशेष ध्यान दें। साथ ही यह संकल्प लें कि जीवन के उतार-चढ़ाव और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आदर्शों, ज्ञान और आचरण के उच्चतम प्रतिमानों का निष्ठा के साथ पालन करेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कही। उन्होंने गोल्ड मैडल व उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावक व गुरुजनों को बधाई दी और सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
  • CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान की जल परियोजनाएं हो रही साकार

    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश में जल संचय के क्षेत्र में ’कैच द रेन’ कैम्पेन प्रधानमंत्री की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश में जन आंदोलन बनेगा, जिससे जन भागीदारी बढ़ेगी और जल संचय होगा।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा रविवार को गुजरात के सूरत में जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की जल आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य ईआरसीपी परियोजना का एमओयू तथा हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौता हुआ। देवास परियोजना के तहत उदयपुर में जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

    राजस्थान में सदियों से जल संरक्षण एक परंपरा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जल हमेशा से एक अनमोल संसाधन रहा है, इसलिए राजस्थान में जल संरक्षण एक परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण की आवश्यकता को गहराई से समझा और सीमित संसाधनों में भी डिग्गी, कुंड और बावड़ी बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सदियों से राजस्थान में टांके, तालाब, खड़ीन, नाड़ियां, पाट और जोहड़ के माध्यम से वर्षा जल को सहजने का काम किया जा रहा है।

    ‘कैच द रेन’ कैम्पेन का राजस्थान को मिलेगा लाभ

    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संचय के लिए महत्वपूर्ण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल संचय के लिए प्रवासी राजस्थानियों का अपनी मातृभूमि के प्रति योगदान का निश्चय इस अभियान को मजबूती प्रदान करेगा। राजस्थान के हर जिले के प्रत्येक गांव में चार जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रवासी उद्यमियों का योगदान तय किया गया है। इससे जल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाला है।

    मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत हो रहे जल संरक्षण के कार्य

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में इस अभियान के तहत 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख 10 हजार कार्य करवाये जा रहे हैं। यह अभियान राज्य में जल संरक्षण और जल स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से प्रदेश के बांध भरे हुए हैं।
    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद जो परिवर्तन आया है, उसे सभी महसूस कर रहे हैं। देश में गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास योजनाएं, आतंकवाद-नक्सलवाद का खात्मा और दुनिया में बढ़ता भारत का गौरव देश के हर नागरिक ने देखा है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री गुजरात श्री भूपेन्द्र पटेल, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, उप मुख्यमंत्री बिहार श्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, सांसद श्री लुम्बाराम चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।

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