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  • CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: मध्यप्रदेश में 1. 29 लाख विद्यार्थियों ने लिया बहुविषयक अध्ययन का लाभ

    • कृषि पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की रूचि बढ़ी

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि नई शिक्षा नीति: 2020 के अंतर्गत प्रदेश में अनेक नवाचार हुए हैं। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर भी उच्च शिक्षा के जुड़े नवाचार करें। अच्छे प्रयोगों का सदैव स्वागत है। शिक्षा की गुणवत्ता को निरंतर श्रेष्ठ बनाने के प्रयास हों। पैरामेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाएं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सक्षम युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे बड़ी गारंटी मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल से इस संदर्भ में नई शिक्षा नीति में अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान भी हुए हैं। इस नीति में युवाओं को ज्ञानवान और अनेक विषयों में पारंगत बनाने की रणनीति बनाई गई है। इस नाते मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक अभिनव प्रयास इस दिशा में किए गए हैं। मध्यप्रदेश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जहां भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यशालाएं आयोजित की गईं, वहीं राज्य सरकार द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में टास्क फोर्स का गठन किया गया। विद्यार्थियों को उनकी रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार शिक्षा व्यवस्था करने के प्रसार सफल हो रहे हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में प्रदेश अग्रणी है। मध्यप्रदेश का सकल पंजीयन अनुपात राष्ट्रीय अनुपात 28.4 प्रतिशत के मुकाबले 28.9 प्रतिशत है जो एक उपलब्धि है।

    बहुविषयक शिक्षा में आगे मध्यप्रदेश

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालयों द्वारा बहुविषयक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए उपयोगी पाठ्यक्रमों के संचालन की सराहना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं पर कुलगुरूओं और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की है। बताया गया कि विद्यार्थियों को बहुविषयक दृष्टिकोण (मल्टी डिस्पलीनरी एप्रोच) के माध्यम से अन्य विषयों के अध्ययन के लिए प्रेरित करने के निरंतर प्रयास किए जाएं। वर्तमान में प्रदेश के लगभग एक लाख विद्यार्थी वाणिज्य के साथ कला और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। कला संकाय के 18 हजार विद्यार्थी वाणिज्य और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में विज्ञान संकाय के ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 11 हजार है, जिन्होंने कला और वाणिज्य विषय का चयन किया है। इस तरह एक लाख 29 हजार विद्यार्थियों ने बहुविषयक शिक्षा का लाभ लिया है।

    विद्यार्थी ले रहे खेती किसानी की शिक्षा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनेक बिन्दुओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। उच्च शिक्षा व्यवस्था में स्नातक स्तर पर कृषि जैसे विषय के अध्ययन के प्रावधान के भी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। सात विश्वविद्यालयों और 18 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में बी.एससी. कृषि पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है। इन पाठ्यक्रामों का लाभ 1189 विद्यार्थी ले रहे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सर्वाधिक 240 विद्यार्थी खेती किसानी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में पायलेट ट्रेनिंग के कोर्स के संचालन और एविएशन के सर्टिफिकेट कोर्स के लिए पांच विश्वविद्यालयों ने पहल की है। निश्चित ही युवाओं को इन पाठ्यक्रमों का रोजगार की दृष्टि से पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।

    इन्क्यूबेशन केन्द्रों की सक्रिय भूमिका, र्स्टाट अप्स को पूर्ण प्रोत्साहन

    प्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 47 इन्क्यूबेशन सेन्टर प्रारंभ किए गए हैं। इनमें शासकीय विश्वविद्यालय में 16, निजी विश्वविद्यालय में 12 एवं शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में 19 इन्क्यूबेशन केंद्र संचालित हैं। देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर को केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पांच करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर इन्क्यूबेशन सेंटर को अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग ने अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर के लिए 2.5 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। इसी तरह जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के लिए 13.4 लाख रूपए स्वीकृत हुए हैं। प्रदेश के 2 निजी विश्वविद्यालयों में भी अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इनमें रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल और लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (एलएनसीटी) भोपाल शामिल हैं। इन्क्यूबेशन केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर 65 स्टार्ट अप्स तथा 2 निजी विश्वविद्यालयों में कुल 295 स्टार्ट अप्स प्रारंभ हुए हैं। स्टार्ट अप्स को विश्वविद्यालयों ने प्रोत्साहन राशि भी दी है। वर्तमान में कुल लाभान्वित विद्यार्थी संख्या 620 है। पेटेंट के अंतर्गत पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार से विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स को कुल 14 पेटेंट प्राप्त हुए हैं। इनमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में छह, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चार, विक्रम विश्वविद्यालय में तीन और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में एक पेटेंट शामिल हैं। समस्त विश्वविद्यालयों के कुल 27 पेटेंट के आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं।

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  • CM Pushkar Dhami: राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन किया जायेगा

    CM Pushkar Dhami: राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन किया जायेगा

    CM Pushkar Dhami ने दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन“ में सभी प्रवासी उत्तराखंड़ियों का स्वागत किया

    राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन किया जायेगा मुख्यमंत्री दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन“ में CM Pushkar Dhami ने की घोषणा। उत्तराखंड रजत जयंती वर्ष का लोगो किया जारी। राज्य के विकास में अपना योगदान देने के लिए प्रवासी उत्तराखंड़ियों से सीएम ने किया आह्वाहन। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन“ में सभी प्रवासी उत्तराखंड़ियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अल्मोड़ा जनपद में बस हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की माटी से जुड़े हुए प्रवासियों ने शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चैहान उत्तराखंड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस श्री विपिन रावत भी इसी भूमि से थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति अपने आप में विशिष्ट है। हमारे प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों में अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में उन्हें देश के अनेक राज्यों में पर्वतीय समाज के लोगों से मिलने का अवसर मिला और उन्होंने महसूस किया कि हमारे प्रवासियों के भीतर बसा उत्तराखंड सदैव उनके साथ रहता है। उन्होंने उत्तराखंड की भाषा, संस्कृति और संस्कारों को कभी नहीं छोड़ा। यह प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन सभी को उत्तराखंड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास है। यह ऐसा समागम है जहां सभी प्रवासी भाई बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों के साथ संवाद कर सकेंगे बल्कि उन्हें विभिन्न राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखंडी प्रवासियों से भी मिलने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां से निकलने वाला संदेश लाखों उत्तराखंडी प्रवासियों तक पहुँचेगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने में उत्तराखंड भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पेयजल सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत हो रहा है। ऋषिकेशकर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य भी तेजी से चल रहा है। एयर कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। 30 से अधिक नई नीतियां लाकर उत्तराखंड को निवेश और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल बनाया है। प्रदेश में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी प्राथमिकता के साथ कार्य हो रहे हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। यूसीसी का कानून राज्य में जल्द लागू होगा। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। लैंड जिहाद के खिलाफ भी मुहिम चलाकर प्रदेश भर में 5000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी में है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है। राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म नीति को भी मंजूरी दी है जिसमें राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने पर कई प्रकार की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को प्रदेश की विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से अपील की कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनीअपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें। आपके सुझावों एवं कार्यों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर उन पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज होने वाले मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह अवश्य ही उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

    पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह गौरवशाली क्षण है, आज प्रवासी उत्तराखंड़ियों ने अपने संघर्ष और परिश्रम के बल पर देश के कोनेकोने में अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य में कार्य करने के लिए अनेक क्षेत्रों में संभावनाएं हैं। विधायक श्री विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना बड़े संघर्षों के बाद हुई। राज्य में कार्य करने के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। हम सबको राज्य के विकास के लिए सामुहिक प्रयास करने होंगे। प्रवासी उत्तराखंडी और मेयर लखनऊ श्रीमती सुषमा खरकवाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रवासी सम्मेलन में आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मेरे लिए मातृभूमि उत्तराखंड है।

    यह देवभूमि प्रतिभाओं की धनी है। प्रवासी उत्तराखंडी और अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा कि राज्य में क्षेत्रीय फिल्मों को बढ़ावा मिलना चाहिए। उत्तराखंड की लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन सेतु के रूप में कार्य करेंगे। प्रवासी उत्तराखंडी और भारत सरकार में सचिव वाणिज्य श्री सुनील बर्थवाल ने कहा कि प्रवासियों को अपने गांव को गोद लेने वाला विचार बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए वे हर संभव सहयोग देंगे और अपनी मातृभूमि के विकास के लिए भागीदार बनेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जैविक उत्पाद के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इनकी मांग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ी है।

    सामुहिक खेती से उत्त्राखंड में जैविक उत्पादों को बढ़ाया जा सकता है। प्रवासी उत्तराखंडी और राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को अपने माटी से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय पहल की गई है। राज्य में पर्यटन, ऊर्जा, वन संपदाओं, उद्योग के क्षेत्र में कार्य के अनेक संभावनाएं हैं। हर क्षेत्र में राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि के लिए कार्य करने के लिए उन्हें जो भी अवसर मिलेगा, वे हमेशा उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री किशोर उपाध्याय, श्रीमती सविता कपूर, विधायक एवं प्रवासी उत्तराखंडी श्री सुरेन्द्र मैठाणी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अनेक संख्या में आये प्रवासी उत्तराखंडी और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    source: http://uttarainformation.gov.in

  • राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन में बोले

    राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन में बोले

    रेखांकित विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani ने भारत और राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित, प्रधानमंत्री श्री मोदी और राजस्थान सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तीकरण की योजनाओं को सम्मेलन में किया

    राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani ने कहा है कि भारत और राजस्थान में महिलाएँ पूरी तरह से सुरक्षित हैं। भारत और राजस्थान में महिलाओं की सुदृढ़ता के लिये अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। केन्द्र एवं राजस्थान राज्य की सरकार महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।  भारत में प्रभावी कानून और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केन्द्र व राज्यों में महिलाओं की सुदृढ़ता के लिए चलाई जा रही योजनाओं से लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने और भेदभाव का मुकाबला करने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र में नया वातावरण बना है।
    राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी बुधवार को आस्ट्रेलिया के सिडनी  में आयोजित राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला-लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 365 की सक्रियता, संसदीय प्रक्रियाओं और परम्पराओं में कृत्रिम बु‌द्धिमता के उपयोग अवसर और चुनौतियां तथा मानकीकरण , मानक और दिशानिर्देश- सर्वोत्तम परम्पराओं को अपनाने के माध्यम से संसद को मजबूत बनाने आदि  विषयों पर सम्मेलन को संबोधित किया।
    लिंग आधारित भेदभाव समाप्त करने के लिए भारत प्रतिबद्ध- श्री देवनानी ने कहा कि भारत और राजस्थान लिंग आधारित भेदभाव समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए केन्द्र और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाई जा रही योजनाओं में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। सुरक्षित राष्ट्र और सुरक्षित राजस्थान के लिये केन्द्र व राजस्थान सरकार प्रत्येक दिन नये सिरे से नई परिस्थितियों के अनुरूप नई योजनाओं के साथ नये सिरे से महिला सुरक्षा का वातावरण बनाने का सफल प्रयास कर रही है।
    प्रधानमंत्री की महिला सुरक्षा योजनाएं बना रही है प्रभावी वातावरण- श्री देवनानी ने कहा कि भारत में केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री की महिला सुरक्षा की योजनाएँ प्रभावी वातावरण बना रही है। इन योजनाओं से महिलाएं लाभांवित हो रही हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, नारी शक्ति वंदन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, मिशन शक्ति योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना,  सिलाई मशीन योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना, सुकन्या समृ‌द्धि योजना और महिला समृ‌द्धि जैसी अनेक योजनाओं से भारत में महिलाएँ मजबूत और सुरक्षित हुई हैं। इन योजनाओं के बेहतर परिणाम समाज के सामने आ रहे है। ऐसी प्रभावशाली योजनाएँ लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा को रोकने में सफल हुई हैं।
    भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला और लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 365 दिन की सक्रियता आवश्यक- अध्यक्ष श्री देवनानी ने कहा कि एक सुरक्षित दुनिया प्रदान करने वाले सम्मेलनों के प्रति सभी राष्ट्र‌ और राज्यों को अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करना होगा ताकि महिलाओं को पुरुषों के साथ समानता से वंचित नहीं किया जा सके और अपराधियों के प्रति अधिकारियों की जवाबदेहता सुनिश्चित हो सके। इसके लिये सभी को एकजुट होकर भेदभावपूर्ण लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।

    राजस्थान विधान सभा सदन की कार्यवाही का हो रहा है सजीव प्रसारण-अध्यक्ष श्री देवनानी

    श्री देवनानी ने कहा कि कृत्रिम बु‌द्धिमता से विधायी मण्डलों को नियमित कार्यों को सुचालित करने और जटिल डेटा के विश्लेषण करने के नये अवसर मिले है। राजस्थान विधान सभा में सदन की कार्यवाही का सजीव प्रसारण किया जा रहा है। ई-विधान के माध्यम से विधान सभा की सभी प्रक्रियाओं को डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इससे विधान सभा के सभी कार्य पेपर लैस हो जायेंगे। विधायी मण्डलों के लिये यह नवाचार है।
    लोकतांत्रिक जीवन में गुणवत्ता और सुदृढ़ता के लिये अंतर संसदीय संघ और राष्ट्र मण्डलीय संसदीय संघ के मानक भारतीय लोकतंत्र के लिये महत्वपूर्ण- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष
    श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य विधान सभा के लिये राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के मानक, मानकीकरण और दिशानिर्देश महत्वपूर्ण साबित हो रहे है। इनसे निष्पक्ष प्रक्रियाओं और प्रक्रियात्मक परिणामों के मूल सिद्धांतों के पालन में सहयोग मिल रहा है। लोकतांत्रिक जीवन की गुणवत्ता को बनाये रखने और सामूहिक रूप से सार्वजनिक संस्थाओं के प्रति लोगों का विश्वास सुदृढ हो रहा है।
  • कैबिनेट(CCEA) ने भारतीय खाद्य निगम में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दी

    कैबिनेट(CCEA) ने भारतीय खाद्य निगम में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दी

    कैबिनेट(CCEA)ने 2024-25 में वेज एंड मीन्स एडवांस को इक्विटी में परिवर्तित करके भारतीय खाद्य निगम में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दी

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश भर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। यह रणनीतिक कदम किसानों को समर्थन देने और भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और 4 करोड़ रुपये की इक्विटी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी। एफसीआई के संचालन में कई गुना वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी, 2023 में अधिकृत पूंजी 11,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गई। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एफसीआई की इक्विटी 4,496 करोड़ रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2023 24 में बढ़कर 10,157 करोड़ रुपये हो गई। अब, भारत सरकार ने एफसीआई के लिए 10,700 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण इक्विटी को मंजूरी दी है, जो इसे वित्तीय रूप से मजबूत करेगी और इसके परिवर्तन के लिए की गई पहलों को एक बड़ा बढ़ावा देगी।

    एफसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्नों की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार के रखरखाव, कल्याणकारी उपायों के लिए खाद्यान्नों के वितरण और बाजार में खाद्यान्नों की कीमतों के स्थिरीकरण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    इक्विटी का निवेश एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वह अपने अधिदेश को प्रभावी ढंग से पूरा कर सके। एफसीआई फंड की आवश्यकता से जुड़ी कमी को पूरा करने के लिए अल्पकालिक उधार का सहारा लेता है। इस निवेश से ब्याज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और अंततः भारत सरकार की सब्सिडी कम होगी।

    एमएसपी आधारित खरीद और एफसीआई की परिचालन क्षमताओं में निवेश के प्रति सरकार की दोहरी प्रतिबद्धता, किसानों को सशक्त बनाने, कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav: उज्जैन में 12 नवम्बर को उप राष्ट्रपति करेंगे अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ

    • नर्मदापुरम में सात दिसंबर को होगी अगली रीजनल इंडस्ट्री समिट
    • हाथियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा
    • उमरिया-बांधवगढ़ क्षेत्र में स्थाई रूप से बसे हाथियों पर केंद्रित पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयास के रूप में राज्य शासन द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। अपनी संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता को प्रकट करते इस नवाचार की सभी ओर सराहना हुई। गौ-वंश के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने वाले इस पर्व से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उत्साहवर्धक रही है। उद्योगपतियों और निवेशको नें प्रदेश में गतिविधियों के संचालन में रुचि प्रदर्शित की है। रीवा में 31 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए और लगभग 28 हजार रोजगार के अवसर सृजित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अगली रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव आगामी 7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले हुए संबोधन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ मंत्रालय में आरंभ हुई।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नीमच, मंदसौर और सिवनी मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया गया। धन्वंतरि जयंती पर हुए कार्यक्रम में 512 आयुर्वेदिक चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश को मिली इन सौगातों ने धन्वंतरि जयंती को अविस्मरणीय बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 12 नवम्बर को अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करने के लिए पधार रहे हैं। उन्होंने मंत्रीगण को अपने विभाग के नवीन पदों संबंधी जानकारी अगले तीन दिन में लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जंगली जानवरों द्वारा जनहानि पर सहायता राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया गया है। हाथियों के दलों के आवागमन संबंधी पूर्व सूचना के आदान-प्रदान, आवश्यक सतर्कता और सावधानियां बरतने तथा उनके प्रबंधन के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत की गई है। प्रयास है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उमरिया और बांधवगढ़ के वन क्षेत्र में लगभग एक सौ से अधिक हाथी स्थाई रूप से बस गए हैं। उनके प्रबंधन के लिए हाथी मित्र योजना लागू करने, टास्क फोर्स बनाने सहित मानक परिचालन निर्देश लागू किए जाएंगे। राज्य शासन का प्रयास होगा कि जंगल आबाद रहे, उनमें हाथी विद्यमान रहें और कोई जनहानि ना हो। वन और वन्य जीव के क्षेत्र में प्रदेश की साख बेहतर हुई है, टाइगर और चीतों के संरक्षण में मध्यप्रदेश, देश में प्रथम है। प्रदेश में हाथियों पर केंद्रित पर्यटन संभावनाओं को तलाशते हुए गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट को उनके जन्मदिन पर बधाई दी।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Bhajanlal Sharma: राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर किसानों को मिलेंगी बड़ी सौगातें

    CM Bhajanlal Sharma: राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर किसानों को मिलेंगी बड़ी सौगातें

    CM Bhajanlal Sharma: हमारी जनकल्याणकारी योजनाएं आमजन के सम्पूर्ण सशक्तीकरण की ओर महत्वपूर्ण कदम

    CM Bhajanlal Sharma राज्य सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रदेश के किसानों को कई बड़ी सौगातें देने जा रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं की प्रगति और लाभ हस्तांतरण के बारे में जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं सिर्फ योजनाएं नहीं, बल्कि आमजन के सम्पूर्ण सशक्तीकरण की ओर बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों से बराबर सम्पर्क रखते हुए विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ और जानकारी जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में विकसित राजस्थान बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है।

    श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अपनी प्रथम वर्षगांठ पर किसानों को बड़ी सौगातें देने की प्रभावी तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत 5 हजार 500 फार्मपौण्ड के लिए किसानों के खातों में सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी है। इसी प्रकार 2 हजार किलोमीटर पाइपलाइन, 5 हजार किसानों को तारबंदी के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नहरी क्षेत्र में 500 डिग्गियों, एक हजार किसानों को कृषि उपकरण सहायता और 2 हजार वर्मी कम्पोस्ट इकाइयों के लिए अनुदान सहायता प्रदान करेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के अंतर्गत 3 हजार किसानों को गोवंश से जैविक खाद उत्पादन के लिए सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नमो ड्रोन दीदी योजना में 50 क्लस्टर्स विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त भी किसानों को जारी की जाएगी।

    श्री शर्मा ने कहा कि कुसुम योजना के माध्यम से सोलर पम्प की स्थापना के लिए 15 हजार किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई हेतु एक दीर्घकालिक समाधान है। सरकार द्वारा 15 हजार किसानों को ड्रिप इरिगेशन के लिए वित्तीय सहायता डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। इसके साथ ही 1 हजार लाभार्थियों को कृषि एवं अकृषि ऋण ब्याज अनुदान पर प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर पशुपालकों को गोपाल क्रेडिट कार्ड वितरण के साथ-साथ एक हजार नए डेयरी बूथों का आवंटन, 200 नए बल्क मिल्क कूलर्स की स्थापना और एक हजार नए दूध संकलन केन्द्रों का उद्घाटन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के अंतर्गत 3.25 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान राशि देते हुए 183.22 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

    इस दौरान मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री कुलदीप रांका, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती श्रेया गुहा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री आलोक गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

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  • केन्द्रीय गृह Amit Shah ने केन्द्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की

    केन्द्रीय गृह Amit Shah ने केन्द्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की

    Amit Shah: केन्द्रीय हिंदी समिति का उद्देश्य हिंदी के साहित्य का संवर्धन और हिंदी को देश की संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना है

    • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और व्यापक उपयोग के लिए अनेक कदम उठायें हैं
    • अगले 5 साल में ‘हिंदी शब्द सिंधु’ शब्दकोष विश्व का सबसे बड़ा और समृद्ध शब्दकोष बनेगा
    • मोदी सरकार का कालखंड भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौरवमयी कालखंड है
    • भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश, जिसके पास 11 शास्त्रीय भाषाएँ हैं
    • मोदी जी ने हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिंदी में अपने विचार व्यक्त कर राजभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया
    • देश के विकास में युवा पीढ़ी की शत-प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने के लिए आवयश्क है कि वें अपनी मातृभाषा में पढ़ें, सोचें, विश्लेषण करें और निर्णय लें
    • देश में इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राथमिक और सेकंडरी शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना है
    • हिंदी को सशक्त बनाने के लिए 5 साल में हुए 3 बड़े कार्य- हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष का निर्माण, भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना और राजभाषा सम्मेलन का देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजन करना

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय हिन्दी समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय हिन्दी समिति हिन्दी के विकास और प्रसार के संबंध में दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है।

    अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और व्यापक उपयोग के लिए कई बड़ी पहल की हैं और 2014 से 2024 तक का कालखंड भारतीय भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए गौरवमयी कालखंड है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 5 और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया है। श्री शाह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिदी में अपने विचार व्यक्त कर राजभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश में इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राथमिक और सेकंडरी शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना है। श्री शाह ने कहा कि देश में भाषाओं के विकास की दिशा में यह एक प्रेरणादायी परिवर्तन है और इसका उद्देश्य देश की क्षमता का शत-प्रतिशत दोहन करना है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे बच्चों और  युवाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग देश के विकास में करना है तो ये आवयश्क है कि वे अपनी मातृभाषा में पढ़ें, विश्लेषण करें और निर्णय लें। श्री शाह ने कहा कि केन्द्रीय हिन्दी समिति का उद्देश्य हिन्दी के साहित्य का संवर्धन और हिन्दी को देश की संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना है।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हिंदी को सशक्त बनाने के लिए पिछले 5 साल में 3 बड़े कार्य किए गए हैं। पहला बड़ा कार्य हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष का निर्माण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले 5 साल में शब्दसिंधु विश्व का सबसे समृद्ध शब्दकोष बनेगा। भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना दूसरा बड़ा कार्य हुआ है। श्री शाह ने कहा कि जब तक हम सभी भारतीय भाषाओं को मज़बूत नहीं करेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा अनुभाग ने तकनीक का प्रयोग कर अनुवाद करने की पहल की है। गृह मंत्री ने कहा कि तीसरा बड़ा कार्य देश के विभिन्न हिस्सों में राजभाषा सम्मेलन आयोजित करना है जिससे राजभाषा के महत्व को समझने में सरलता होगी।

    श्री अमित शाह ने हिंदी को मज़बूत करने के लिए दो बड़े कार्य करने की आवश्यकता बताई। पहला, हिंदी साहित्य को मज़बूत करने, संजोने और व्याकरण के लिए दीर्घकालीन नीति बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही आधुनिक शिक्षा के सभी पाठ्यक्रमों का हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की भी जरूरत है। गृह मंत्री ने हिंदी को सर्वस्वीकृत और लचीली बनाने पर भी बल दिया।

    बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा, शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, विधि और न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल, संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री डॉ. एल.मुरुगन , ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी, संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्‍यक्ष श्री भर्तृहरि महताब,

    संसदीय राजभाषा समिति की तीनों उप समितियों के संयोजक, राजभाषा विभाग की सचिव श्रीमती अंशुली आर्या और संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली ने भाग लिया।

    उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय हिन्दी समिति हिन्दी के प्रचार-प्रसार तथा प्रगामी प्रयोग के संबंध में दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है। समिति का कार्य हिन्दी के विकास और प्रसार में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे कार्यों और कार्यक्रमों का समन्वय करना है। अपने काम के निष्पादन में सहायता देने के लिए समिति को आवश्यकतानुसार उप-समितियां नियुक्त करने और अतिरिक्त सदस्य सहयोजित करने का अधिकार है। समिति का कार्यकाल सामान्‍यत: तीन वर्ष का होता है। वर्तमान समिति का पुनर्गठन 09 नवंबर, 2021 को किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता वाली वर्तमान केन्द्रीय हिन्दी समिति में 9 केन्द्रीय मंत्री, 6 राज्यों के मुख्यमंत्री और संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष एवं तीनों संयोजकों सहित कुल 21 सदस्य हैं।

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  • CM BhajanLal Sharma: मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव से हो रहे युवाओं के सपने साकार

    CM BhajanLal Sharma: मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव से हो रहे युवाओं के सपने साकार

    CM BhajanLal Sharma ने ली समीक्षा बैठक, बजट घोषणाओं की समयबद्ध क्रियान्विति हो सुनिश्चित

    CM BhajanLal Sharma ने कहा कि राज्य सरकार पांच वर्षों में निजी क्षेत्र में 6 लाख एवं सरकारी क्षेत्र में 4 लाख सहित कुल 10 लाख रोजगार अवसरों के सृजन की निरंतरता में कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही है। दिसंबर माह में आयोजित होने वाला तीसरा मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव युवाओं के रोजगार के सपने को पूरा करने की दृष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और ‘सुराज संकल्प’ की दिशा में अहम कदम साबित होगा।

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय पर आगामी मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव की तैयारियों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश में नियमित रूप से मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। विगत दो रोजगार उत्सवों में 28 हजार 200 युवाओं को नियुक्ति पत्र भी दे चुकी है। अब दिसंबर माह में प्रस्तावित तीसरे मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव में भी हजारों युवाओं को नियुक्तियां दी जाएगी। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार युवाओें को रोजगार देने के संकल्प पत्र के वादे को पूरा करने के लिए पारदर्शी एवं समयबद्ध भर्ती परीक्षाओं का आयोजन सुनिश्चित भी कर रही है।

    मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकाय विभाग को सफाईकर्मियों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शीघ्र निस्तारित करते हुए इसे पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपादित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 48 हजार 593 चतुर्थ श्रेणी एवं समकक्ष पदों तथा 3 हजार 170 वाहन चालकों की भर्ती प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू करेगी।

    मार्च 2025 की स्थिति में रिक्तियों के लिए निकाले भर्ती

    उन्होंने विभिन्न विभागों को निर्देशित किया कि वे भर्तियों के संबंध में अभ्यर्थना मार्च 2025 की स्थिति में भिजवाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा पदों पर भर्तियां हो और युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिल सके। इस कार्य में कोताही बरतने पर संबंधित विभाग के अधिकारी पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

    श्री शर्मा ने परिवर्तित बजट 2024-25 की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिला स्तर पर लंबित विकास कार्यों के लिए कलक्टर्स जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर जमीन आवंटन सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों को महत्वपूर्ण परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों की सतत् मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी प्रदान किए।

    बैठक में मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा श्री आलोक, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री कुलदीप रांका, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती श्रेया गुहा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री आलोक गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख शासन सचिव एवं सचिव उपस्थित रहे।

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  • CM Yogi ने लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया

    CM Yogi ने लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया

    CM Yogi ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलायी

    • सरदार पटेल ने अखण्ड भारत के वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया: मुख्यमंत्री
    • उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरा देश विगत 10 वर्षों में एकात्मता के भाव से जुड़कर प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा
    • आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पावन जयन्ती पर हम स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार पटेल की पावन जयन्ती से पूर्व, ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन से जुड़ रहे
    • 31 अक्टूबर को प्रस्तावित यह कार्यक्रम उस दिन दीपावली का आयोजन होने के कारण 02 दिन पूर्व ही आयोजित किया गया
    • इस वर्ष पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा
    • लौहपुरुष के 150वें जन्मदिवस के कार्यक्रम 31 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित होंगे
    • व्यक्ति व समाज के सशक्तिकरण के लिए आरोग्यता पहली शर्त, रन फॉर यूनिटी एकता दौड़ के साथ ही, भारतीय मनीषा के ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ के उद्घोष को चरितार्थ करने का माध्यम

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा कि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देव माने जाते हैं। आज भगवान धन्वंतरि की पावन जयन्ती है। इस दिवस को हम धनतेरस के रूप में भी मनाते हैं। आरोग्य के देवता की पावन जयन्ती पर हम स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल की पावन जयन्ती से पूर्व, ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन से जुड़ रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वर्ष 1947 में अखण्ड भारत के वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। यह पर्व, त्योहार एवं महापुरुषों की जयन्ती हमें नए भाव से आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में एक भारत-श्रेष्ठ भारत को समर्पित फ्रीडम रन (रन फॉर यूनिटी) के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलायी। उन्होंने झण्डी दिखाकर रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया। ज्ञातव्य है कि रन फॉर यूनिटी 05, कालिदास मार्ग से के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम तक आयोजित की गई।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर को प्रस्तावित था, लेकिन उस दिन दीपावली का आयोजन होने के कारण इस दौड़ को 02 दिन पूर्व ही आयोजित किया गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व और भी अधिक है, जब पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। लौहपुरुष के 150वें जन्मदिवस के कार्यक्रम देश और प्रदेश में 31 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2025 तक वर्ष भर अलग-अलग रूपों में आयोजित होंगे।

    मुख्यमंत्री जी प्रदेशवासियों को भगवान धन्वंतरि जयन्ती, धनतेरस, दीपावली एवं छठ तक आयोजित होने वाले सभी पर्वों की बधाई दी। उन्होंने आगामी 31 अक्टूबर से लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के 150वें जयन्ती वर्ष की शुरूआत के अवसर पर उनकी स्मृतियों को नमन कर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आरोग्यता वहां पर होगी, जहां समाज स्वस्थ होगा। यदि व्यक्ति या समाज स्वयं रूग्ण है, तो वह समर्थ और सशक्त नहीं हो सकता। व्यक्ति व समाज के सशक्तिकरण के लिए आरोग्यता पहली शर्त है। भारतीय मनीषा ने ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ के माध्यम से स्वास्थ्य के महत्व के विषय में बताया है। रन फॉर यूनिटी न केवल हमारी एकता दौड़ है, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए भारतीय मनीषा के उद्घोष को चरितार्थ करने का भी एक माध्यम है। आरोग्य के देवता की जयन्ती पर हम रन फॉर यूनिटी के आयोजन से जुड़ रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल वर्तमान भारत के शिल्पी हैं। अखण्ड भारत के शिल्पी के रूप में पूरा देश लौहपुरुष सरदार पटेल का स्मरण करता है और उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखता है। वह प्रखर स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे और आजादी के आन्दोलन से जुड़े थे। वर्ष 1947 में देश आजाद हुआ, उस समय ब्रिटिश सत्ता भारत को अलग-अलग भागों में बांटना चाहती थी। सरदार पटेल ने उस षडयंत्र को बेनकाब करते हुए अपनी सूझ-बूझ और दृढ़प्रतिज्ञ भाव से 563 रियासतों को भारतीय गणराज्य में शामिल किया। इनमें बहुत सी रियासतें ऐसी थी, जो भारतीय गणराज्य में मिलने को तैयार नहीं थी। जूनागढ़ के नवाब तथा हैदराबाद के निजाम सहित सभी रियासतों को सरदार पटेल की दूरदर्शिता के सामने नतमस्तक होना पड़ा था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अखण्ड भारत का स्वरूप हमारे सामने है। उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरा देश विगत 10 वर्षों में एकात्मता के भाव से जुड़कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। इसकी नींव में राष्ट्रीय एकता और अखण्डता हम सभी के लिए सर्वोपरि है। इस दौड़ से पहले सभी को राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और आन्तरिक सुरक्षा की शपथ लेनी है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि कोई भारत की सुरक्षा पर संेध लगाएगा, तो एक सजग नागरिक के रूप में हम मौन नहीं रह सकते। सुरक्षाबलों के बहादुर जवान अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करते हैं। सुरक्षाबलों के जवानों के भरोसे के साथ ही, एक नागरिक कर्तव्य के रूप में हमारा भी दायित्व है कि राष्ट्ररूपी यज्ञ में अपना योगदान दे। इसी योगदान का निर्वहन करने के लिए आज हम रन फॉर यूनिटी का हिस्सा बन रहे हैं।

    इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती की राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। सरदार पटेल की सोच के अनुरूप प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में एकता का भाव उत्पन्न हुआ है।

    उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने छोटी-छोटी रियासतों को भारत में मिलाकर देश के विराट स्वरूप को प्रदर्शित करने का कार्य किया था। प्रधानमंत्री जी ने सरदार पटेल की सोच को धरातल पर उतारते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का कार्य किया है। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव, सांसद श्री नरेश बंसल, उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष श्री मोहसिन रजा, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, खिलाड़ी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • Union Home Minister Amit Shah ने राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत नई दिल्ली में आयोजित ‘एकता दौड़’ को हरी झंडी दिखाई

    Union Home Minister Amit Shah ने राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत नई दिल्ली में आयोजित ‘एकता दौड़’ को हरी झंडी दिखाई

    गृह मंत्री Amit Shah ने देशवासियों से एकता दौड़ के माध्यम से भारत की एकता को मज़बूत करने और 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प लेने का आह्वान किया

    • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में सरदार पटेल जी की याद में देश की एकता व अखंडता के लिए पूरे देश को संकल्पित करने हेतु ‘एकता दौड़’ का आयोजन शुरू किया
    • आज ‘एकता दौड़’ देश की एकता के संकल्प के साथ-साथ विकसित भारत का संकल्प भी बनी
    • आज़ादी के बाद 550 से ज़्यादा रियासतों को एकजुट कर वर्तमान भारत का निर्माण सरदार साहब की दृढ़ इच्छाशक्ति और त्वरित निर्णय से संभव हुआ
    • आज भारत दुनिया के सामने मज़बूती के साथ सर्वप्रथम बनने के रास्ते पर खड़ा है, इसकी नींव डालने का काम सरदार पटेल जी ने किया
    • वर्षों तक सरदार साहब को भुलाने का काम किया गया, मगर मोदी जी ने सरदार साहब की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाकर उनकी याद को चिरंजीव करने का काम किया
    • मोदी जी ने हर क्षेत्र में सरदार साहब के दृष्टिकोण, विचार व संदेश को मूर्त रूप देने का काम किया


    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah ने आज नई दिल्ली में आयोजित ‘एकता दौड़’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ‘एकता दौड़’ का आयोजन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती यानी 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, डॉ. मनसुख मंडाविया, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और दिल्ली के उप-राज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

    अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में सरदार पटेल जी की याद में देश की एकता व अखंडता के लिए पूरे देश को संकल्पित करने हेतु ‘एकता दौड़’ का आयोजन शुरू किया। उन्होंने कहा कि तब से आज तक पूरा देश एकता दौड़ से न सिर्फ पूरे देश की एकता और अखंडता के लिए संकल्प लेता है बल्कि अपने आप को भारत माता की सेवा में फिर से समर्पित भी करता है। श्री शाह ने कहा कि आज ‘एकता दौड़’ देश की एकता के संकल्प के साथ-साथ विकसित भारत का संकल्प भी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण का संकल्प सभी देशवासियों के सामने रखा है, जो हर क्षेत्र में पूरी दुनिया में सर्वप्रथम हो।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत एक फलता-फूलता, विकसित होता, मजबूत राष्ट्र बनकर दुनिया के सामने खड़ा है। उन्होंने कहा कि इतिहास की ओर मुड़कर देखें तो आज़ादी के बाद 550 से ज़्यादा रियासतों को एकजुट कर वर्तमान भारत का निर्माण सरदार साहब की दृढ़ इच्छाशक्ति और त्वरित निर्णय से संभव हुआ। उन्होंने कहा कि वे सरदार पटेल ही थे जिनकी दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण आज भारत एकजुट होकर दुनिया के सामने मज़बूती के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि आज जब भारत दुनिया के सामने मज़बूती के साथ सर्वप्रथम बनने के रास्ते पर खड़ा है, इसकी नींव डालने का काम सरदार पटेल ने किया था।

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    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि सालों तक सरदार वल्लभभाई पटेल को भुलाने का काम किया गया और उन्हें भारत रत्न के उचित सम्मान से भी वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुजरात के केवड़िया में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाकर सरदार पटेल की याद को चिरंजीव करने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर क्षेत्र में सरदार वल्लभभाई पटेल के दृष्टिकोण, विचार और संदेश को मूर्त रूप देने का काम किया है।

    श्री अमित शाह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के महान विचार निश्चित रूप से देश की युवा पीढ़ी के लिए पथ प्रदर्शक बनेंगे। गृह मंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया कि एकता दौड़ के माध्यम से भारत की एकता को मज़बूत करने और 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प लें।

    source: http://pib.gov.in


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