Tag: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

  • Vasudev Devnani का इंडोनेशिया में लोगों से संवाद

    Vasudev Devnani का इंडोनेशिया में लोगों से संवाद

    Vasudev Devnani रामायण व महाभारत की कथायें इण्डोनेशियाई लोक कला का स्त्रोत

    • भारत और इण्डोनेशिया के सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक संबंध प्रगाढ़

    राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष Vasudev Devnani ने कहा है कि भारत और इण्डोनेशिया के मध्य साझा सांस्कृतिक विरासत होने के साथ व्यापारिक संबंध भी प्रगाढ़ हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में सांस्कृतिक व वाणिज्यिक संबंध की घनिष्ठता बहुत समय से है। रामायण व महाभारत ग्रंथ  इण्डोनेशिया में लोक कला व नाटकों का स्त्रोत है।

    श्री देवनानी ने कहा कि साझा सांस्कृतिक विरासत, औपनिवेशिक इतिहास और राजनैतिक सम्प्रंभुता दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर एकीकृत प्रभाव डालते हैं। श्री देवनानी ने बुधवार को सिंगापुर रवाना होने से पहले बाली में भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित समारोह में भारत और इण्डोनेशिया के लोगों को संबोधित किया, जहां  लोगों ने श्री देवनानी का सम्मान किया।
    श्री देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल से दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों में एक नये युग की शुरूआत हुई है। नई व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी से विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग बढ़ा है। दोनों देशों के मध्य नियमित रूप से संसदीय आदान-प्रदान भी होते हैं।
     विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने कहा कि रामायण व महाभारत ग्रंथ इंडोनेशिया में नाटक व लोक कला का स्रोत है। यहां भारतीय संगीत, नृत्य कला के साथ-साथ योग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत के अनेक ग्रंथों पर यहां सांस्कृतिक शोध होता है। भारतीय संस्कृति व चिंतन यह रचा-बसा हुआ है।
    श्री देवनानी के सम्मान में बाली में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। श्री देवनानी का काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया श्री शशांक विक्रम ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। श्री देवनानी ने दूतावास का अवलोकन किया और अधिकारियों से परिचय लिया।
  • CM Dr. Mohan Yadav: डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें

    CM Dr. Mohan Yadav: डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें

    CM Dr. Mohan Yadav: डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें

    • जागरूकता और त्वरित कार्यवाही साइबर जालसाजों से बचने में कारगर
    • मुख्यमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट घटना में साइबर पुलिस की दक्षतापूर्ण कार्यवाही को सराहा
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुलिस को प्रोत्साहित करने पहुंचे राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी जागरूकता, साइबर जालसाजों का साहस के साथ सामना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इन अपराधों से बचा जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी लोगों को इस दिशा में जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गत दिवस प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट से बचाने के उपाय बताते हुए कहा था कि डिजिटल अरेस्ट से डरे नहीं, रूकें, सोचें तथा एक्शन लें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय में मीडिया को संवाद कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि साइबर पुलिस द्वारा 9 नवम्बर को अरेरा कॉलोनी भोपाल निवासी व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट में त्वरित कार्रवाई कर लाईव रेड करते हुए उन्हें मुक्त कराकर करोड़ों रूपए के साइबर फ्राड से बचाने की कार्यवाही की गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश की साइबर पुलिस को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे। संभवत: डिजिटल अरेस्ट में लाईव रेड का देश-दुनिया का यह पहला ऐसा प्रकरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साइबर पुलिस की दक्षता और त्वरित कार्यवाही की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री योगेश देशमुख, डीआईजी साइबर सेल श्री युसुफ कुरैशी और त्वरित रूप से घटना स्थल पहुंचने वाले उप निरीक्षक साइबर श्री सचिन यादव की प्रशंसा की।

    डिजिटल अरेस्ट से डरने की जरूरत नहीं

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साइबर अपराध में पुलिस टीम द्वारा दिखाई गई तत्परता की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय और प्रेरणादायक बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनसामान्य प्राय: सीबीआई, ईडी आदि की कार्यवाही से अनभिज्ञ रहता है और चालाक अपराधी ऐसे लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। मध्यप्रदेश पुलिस सूचना प्राप्त होते ही एक्शन में आयी और ठोस कार्रवाई करते हुए डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से साइबर फ्रॉड के इस प्रकरण में देश-दुनिया के सामने यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि डिजिटल अरेस्ट से डरने की जरूरत नहीं है। समय पर पुलिस को सूचना दी जाए और त्वरित कार्रवाई की जाए तो अपराध से बचा जा सकता है और ऐसे अपराधियों को पकड़ा भी जाया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों पर हमें गर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस को सूचना देने वाले श्री राजीव ओबेराय से मोबाइल पर बातचीत भी की।

    प्रत्येक जिले में साइबर थाना और प्रदेश के प्रत्येक थाने में साइबर डेस्क होगी स्थापित

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में साइबर पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए कार्य जारी है। प्रत्येक जिले में साइबर थाना आरंभ करने के साथ ही प्रदेश के प्रत्येक थाने में साइबर डेस्क स्थापित की जा रही है। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को भी अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। प्रदेश में व्यापक स्तर पर साइबर जागरूकता अभियान चलाकर साइबर अपराध रोकथाम के उपायों की जानकारी जन-जन को दी जाएगी।

    साइबर अपराधों से बचने के लिए नियमित रूप से जारी होती है एडवाइजरी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि साइबर अपराध और शिकायतों में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019 में लगभग चार हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि वर्ष 2024 में अब तक लगभग पांच लाख शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पिछले पांच वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 24 हजार पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और लोक अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। गत पांच वर्ष में साइबर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं सहित लगभग 31 लाख नागरिकों को जागरूक किया गया। साइबर पुलिस द्वारा बिजली बिल भुगतान व कस्टम ड्यूटी के नाम पर ठगी, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टॉस्क और डिजिटल अरेस्ट संबंधी एडवाइजरी नियमित रूप से जारी की जाती रही है। राज्य शासन को साइबर अपराधों से बचाव संबंधी जागरूकता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।

    दुबई और सीरिया के वर्चुअल नंबर से आए कॉल पर ईडी और सीबीआई अफसर बन किया डिजिटल अरेस्ट

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अरेरा कॉलोनी में हुई डिजिटल अरेस्ट संबंधी घटना के बारे में बताया कि 9 नवम्बर को एक व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट की सूचना उनके परिचित श्री राजीव ओबेरॉय ने साइबर पुलिस को दी। पुलिस टीम बिना एक पल गंवाए अरेरा कॉलोनी स्थित पीड़ित विवेक ओबेरॉय (जो कि दुबई में कॉर्पोरेट सेक्टर उद्यमी हैं) के घर पहुंची। टीम ने पाया कि पीड़ित को अज्ञात साइबर जालसाजों द्वारा ईडी, सीबीआई ऑफीसर बनकर दुबई और सीरिया के वर्चुअल नंबर से कॉल कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है। दोपहर एक बजे से उनके ही घर के कमरे में छह घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। साइबर जालसाजों द्वारा पीड़ित और उनके परिवार की निजी जानकारियां, बैंकिंग डिटेल्स ले ली गईं और न बताने पर उन्हें गिरफ्तार करने और परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की धमकियां दी गईं। साथ ही यह भी कहा गया कि डिजिटल अरेस्ट के संबंध में किसी को न बताया जाए।

    पीड़ित परिवार ने दिया मध्यप्रदेश पुलिस और राज्य साइबर पुलिस को धन्यवाद

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि साइबर पुलिस द्वारा रेड करने पर जालसाजों द्वारा तत्काल वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया। टीम द्वारा पीड़ित को समुचित तरीके से समझाइश देते हुए उन्हें फोन और लैपटॉप की डिजिटल अरेस्ट की वर्चुअल दुनिया से बाहर निकाला गया। रियल टाइम पर उनके साथ होने वाले करोड़ों की ठगी को रोका गया। पीड़ित ने स्वयं कहा कि यदि पुलिस टीम आज त्वरित रूप से उनके पास नहीं पहुंचती तो वे जालसाजों को करोड़ों रूपए ट्रांसफर कर देते और लंबे समय तक अपने ही घर में डिजिटल अरेस्ट की प्रताड़ना सहते। पीड़ित और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस और राज्य साइबर पुलिस को धन्यवाद दिया गया।

    साइबर अपराधों के रोकथाम के समुचित प्रयास

    प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में लगभग 24,000 पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, लोक अभियोजन अधिकारी प्रशिक्षित किये गये है। लगभग 4700 हजार साइबर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 31 लाख नागरिकों (छात्र-छात्राओं, महिलाओं, वृद्धों आदि) को जागरुक किया गया। नियमित रुप से नवीन साइबर अपराधों (डिजीटल अरेस्ट़ बिजली बिल भुगतान करने के नाम पर, कष्टम ड्यूटी के नाम पर, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टास्क आदि) से संबंधित एडवाइजरी जारी की जाती रही है।

    राष्ट्रीय स्तर के मिले पुरस्कार

    मध्यप्रदेश को साइबर अपराध रोकने के लिये किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिये निरंतर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त हुए है। वर्ष 2021 एवं 2022 में NCRB (MHA), वर्ष 2018 एवं 2022 DSCI (केपेसिटी बिल्डिंग), वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2022 में साइबर कॉप ऑफ दी ईयर और वर्ष 2022 में FICCI (केपेसिटी बिल्डिंग) पुरस्कार मिला।

    source: http://www.mpinfo.org

  • Jagdeep Dhankhar: महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर

    Jagdeep Dhankhar: महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर

    उप राष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar, राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अखिल भारतीय कालिदास समारोह का किया शुभारंभ

    • जीवन मूल्यों को सदैव प्रेरित करती हैं कालिदास की रचनाएं
    • महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण

    Jagdeep Dhankhar ने कहा है कि अद्भुत प्रतिभा के धनी महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण है। महाकवि की रचनाएं देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर हैं। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के गरिमामय आयोजन द्वारा म.प्र. शासन हमारी संस्कृति एवं विरासत को सहेजने और संरक्षित करने का सराहनीय कार्य कर रहा है। महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे जीवन मूल्यों को सदैव प्रेरित करती रहेंगी। उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ मंगलवार को उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ कर मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे।

    उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने 66 वें भव्य अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विद्वतजनों की उपस्थिति में गरिमामय शुभारंभ किया। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की समारोह में गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर सारस्वत अतिथि के रुप में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी श्री गोविंददेव गिरीजी महाराज उपस्थित थे। सांसद श्री अनिल फिरोजिया, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल भी मंचासीन थे।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानवीय भावों को अद्भुत रूप से प्रदर्शित करती है और मानवीय मूल्य के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत है। महाकवि कालिदास की रचनाओं में मानव तथा प्रकृति के बीच अद्भुत एवं अटूट संबंध देखने को मिलता है। महाकवि कालिदास ने अपनी रचनाओं में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है जो सदैव प्रासंगिक है। मेघदूतम जैसी उनकी कालजयी रचनाओं से प्रेरणा लेकर हमें अपनी पृथ्वी को बचाना होगा। पर्यावरण-संरक्षण, जलवायु-संरक्षण की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे, क्योंकि रहने के लिए कोई दूसरी पृथ्वी उपलब्ध नहीं है।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस गरिमामय आयोजन के लिए मध्यप्रदेश शासन एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। राज्य शासन द्वारा कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है।

    उप राष्ट्रपति ने देश की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का आहवान करते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों को सदैव संभालकर रखना होगा। देश की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त प्राचीन है, हमारी संस्कृति की जड़े अत्यंत गहरी हैं जो जीवन के उद्देश्य को बताती हैं। उप राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कुटुंब प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि कुटुंब प्रबंधन पर ध्यान देने से ही राष्ट्र का भी ध्यान हमारे मन-मस्तिष्क में सदैव रहेगा। अपने बच्चों के चारित्रिक एवं नैतिक विकास के लिए भी सदैव गंभीर रहना होगा। हमारे बच्चे अच्छे नागरिक बने, राष्ट्र निर्माण के साथ अपने कर्तव्यों का पूर्णता से निर्वहन करें। हम सबको मिलकर नागरिक दायित्वों का निर्वहन करना होगा। भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्र सर्वोपरि है, इसके लिए नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्रत्येक नागरिक को अपनी आहुति देना होगी। नारी सशक्तिकरण का जिक्र करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि महाकवि कालिदास की रचनाएं नारी सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण उदाहरण है। उनकी रचना अभिज्ञान शाकुंतलम् को संदर्भ के रूप में देखा जा सकता है।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर है। देश में तकनीक का विकास सारी दुनिया को अचंभित कर रहा है। पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा “एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान संचालित किया गया है। यह अभियान वैसी ही क्रांति लाएगा जैसी स्वच्छता के क्षेत्र में आई है। आने वाले वर्ष 2047 में हमारा भारत दुनिया का सिरमौर बनेगा।

    कार्यक्रम में अखिल भारतीय कालिदास सम्मान से अलंकृत होने वाली प्रतिभाओं को बधाई देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों के द्वारा हमारी संस्कृति के श्रेष्ठ तत्वों को सहेजने के साथ प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने अवंतिका नगरी के पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण की है। यहां कालिदास और भृतहरि को ज्ञान का प्रकाश मिला है। सम्राट विक्रमादित्य के जग प्रसिद्ध न्याय का आदर्श उदाहरण उज्जैन है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि वे स्वयं उज्जैन आकर धन्य हुए हैं। यहां से प्राप्त अद्भुत अनुभव को जीवनभर संजोकर रखेंगे, यहां से एक नवीन ऊर्जा मिली है।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आध्यात्मिक चेतना के केंद्र उज्जैन में उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ का हृदय से स्वागत है। उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक भव्यता प्रदान की है। राज्यपाल ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह के माध्यम से महाकवि कालिदास की महान रचनाओं तथा सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एक महत्वपूर्ण गौरवशाली परंपरा के रूप में उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। आज इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की जिन प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया है वे बधाई की पात्र हैं। उज्जैन आगमन पर उप राष्ट्रपति का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन है। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि महाकवि कालिदास और विक्रमादित्य की उज्जयैनी नगरी का प्रत्येक काल एवं युग में सदैव अस्तित्व रहा है। कई जन्मों के पुण्य, फलों के बाद हमें यह गौरव मिला है कि यहां आकर कुछ समय बिताएं। उप राष्ट्रपति ने आज अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ कर समारोह के गौरव में अभिवृद्धि की है। हम सबका यह सौभाग्य है कि इस समारोह के आयोजन का अवसर उज्जैन को सदैव मिलता है। मुख्यमंत्री ने समारोह के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।

    समारोह में स्वामी श्री गोविंददेव गिरी ने अपने उद्बोधन में महाकवि कालिदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का वर्णन करते हुए कहा कि ऐसा कोई अन्य कवि विश्व में नहीं हो सकता जिसकी महाकवि कालिदास से तुलना की जा सके, कालिदास अद्भुत एवं अनुपम है। स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में कालिदास की विभिन्न रचनाओं का वर्णन करते हुए महाकवि द्वारा रचित साहित्य को अमूल्य बताया।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलन तथा महाकवि कालिदास के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में राष्ट्रगान भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा उप राष्ट्रपति का पुष्पहार से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। समारोह का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन सुश्री वृंदा अजमेरा ने किया।

    विभूतियों को किया राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से अलंकृत

    उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली विभूतियों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में वर्ष 2022 के लिए पंडित उदय भवालकर पुणे, तथा डॉ. संध्या पूरेचा मुंबई एवं वर्ष 2023 के लिए पं. अरविंद पारीख मुंबई को सम्मानित किया गया। रुपंकर कलाएं वर्ष 2022 के लिए श्री पी.आर. दारोच नई दिल्ली, रुपंकर कलाएं वर्ष 2023 के लिए श्री रघुपति भट्ट मैसूर, रंगकर्म वर्ष 2022 के लिए श्री भानु भारती अजमेर, रंगकर्म वर्ष 2023 के लिए श्री रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता कोलकाता को सम्मानित किया गया। शास्त्रीय नृत्य के लिए गुरु कलावती देवी मणीपुर सम्मानित की गई। इसके अलावा इंदौर के आचार्य मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी राष्ट्रीय कालिदास श्रेष्ठ कृति अलंकरण एवं ग्वालियर के आचार्य बालकृष्ण शर्मा को प्रादेशिक भोज श्रेष्ठ कृति अलंकरण से सम्मानित किया गया।

    उप राष्ट्रपति ने अकादमी के ग्रंथों/प्रकाशनों का विमोचन किया

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने समारोह में कालिदास अकादमी उज्जैन द्वारा प्रकाशित दस ग्रंथों/प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें व्‍याकरण सिद्धांत कोमुदी, संज्ञा परिभाषा प्रकरण, श्रीधार भास्कर वर्णेकर विरचित्तम कालिदास रहस्यम (खण्ड काव्यम), हरिरामचन्द्र दिवेकर विरचित कालिदास महोत्सहम्, कालिदास साहित्य में वनस्पति, पीयूष वर्धिनी क्षिप्रा कल आज और कल, वृत्तांत (पत्रिका), राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कला प्रदर्शनी (केटलॉग) 2023, श्रेष्ठ कृति अलंकरण, कार्यक्रमों की विवरणिका एवं राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कला प्रदर्शनी (केटलॉग) 2024 सम्मिलित हैं। सभी ग्रंथों एवं प्रकाशनों के प्रधान सम्पादक कालिदास संस्कृत अकादमी निर्देशक डॉ. गोविन्द गंधे हैं।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Pushkar Dhami ने डामटा में यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह में प्रतिभाग किया।

    CM Pushkar Dhami ने डामटा में यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह में प्रतिभाग किया।

    CM Pushkar Dhami ने डामटा में यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह में प्रतिभाग किया स्थानीय लोगों ने पारंपरिक ढंग से मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।

    CM Pushkar Dhami ने डामटा में यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह में प्रतिभाग किया स्थानीय लोगों ने पारंपरिक ढंग से मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने मेले में जुटे ग्रामीणों के साथ पारंपरिक लोक नृत्य में भी थिरके मुख्यमंत्री ने यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह के आयोजन के लिए पांच लाख रूपये की धनराशि देने सहित अनेक घोषणाएं की मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले के डामटा में आयोजित यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह के आयोजन के लिए पांच लाख रूपये की धनराशि देने के साथ ही मुगरसंती पट्टी के पैंसठ गांव के आराध्य रूद्रेश्वर महाराज के डांडा देवराणा मेला को राजकीय मेले के कैलेण्डर में सम्मिलित करने और टीकरा टॉप में खेल मैदान व हेलीपैड का निर्माण कराने की घोषणा की है।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डामटा क्षेत्र में पॉलीटेक्नीक संस्थान की आवश्यकता का आकलन कर उचित निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी आज यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह में प्रतिभाग करने डामटा पहॅुंचे थे। सूरत स्टेडियम डामटा कांडी में आयोजित इस समारोह में हजारों की संख्या में जुटे स्थानीय लोगों ने पारंपरिक ढंग से मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।

    मुख्यमंत्री ने मेले में जुटे ग्रामीणों के साथ रवांईजौनसारजौनपुर क्षेत्र के पारंपरिक लोक नृत्य में भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उपस्थित जन समुदाय को इस समारोह के आयोजन एवं लोक पर्व इगास बग्वाल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस क्षेत्र के लोगों ने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने तथा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस समारोह के जरिए महत्वपूर्ण एवं सराहनीय प्रयास किया है। राज्य सरकार इस तरह के प्रयासों को निरंतर प्रोत्साहन देगी।

    मुख्यमंत्री ने इस समारोह के आयोजन हेतु पॉंच लाख रूपये देने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने तथा राज्य की समृद्ध परंपराओं के संरक्षण व संवर्द्धन पर विशेष ध्यान दे रही है। खेलों से संबंधित अवस्थापनाओं एवं सुविधाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। युवाओं की प्रतिभा व कौशल के विकास, खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रोत्साहन हेतु इस बार के बजट में डेढ हजार करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि का अलग से प्राविधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का गौरव मिला है। इससे राज्य में खेल गतिविधियों को नई ऊंचाई मिलेगी और राज्य के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाग को उजागर करने का बेहतर अवसर मिल सकेगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनाघाटी क्षेत्र के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के चलते इस क्षेत्र में पर्यटन एवं तीर्थाटन के विकास की विपुल संभावनाएं हैं। जिन्हें साकार करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार ने यमुना घाटी क्षेत्र के धार्मिक क्षेत्रों को विकसित कर श्रीकृष्ण यमुना तीर्थ सर्किट विकसित करने का बीड़ा उठाया है। जिसके तहत यमुना नदी के तटों पर विभिन्न प्रकार के घाट बनाकर विशेष आरती की व्यवस्थाएं की जाएंगी। इस तरह के प्रयासों से इस क्षेत्र में आजीविका के नये अवसर पैदा होंगे और आर्थिकी को भी संबल मिलेगा।

    मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि इस क्षेत्र के विकास को सरकार ने प्राथमिकता दी है और मुख्यमंत्री घोषणा के तहत इस क्षेत्र के लिए सर्वाधिक घोषणाएं की गई हैं। चारधाम ऑल वेदर रोड के तहत इस क्षेत्र की सड़कों के चैडीकरण के लिए राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से वार्ता के बाद डामटा से आगे यमुनोत्री मार्ग के चैड़ीकरण कार्य हेतु टेंडर की प्रक्रिया संपन्न करा ली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनाघाटी क्षेत्र में रेलवे लाईन के निर्माण के बावत भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्यहित में सरकार ने अनेक ऐतिहासिक व कठोर फैसले लिए हैं। उत्तराखंड में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया गया है और समान नागरिक संहिता बनाई गई है। अवैध अतिक्रमण पर कड़ी कार्रवाई कर पांच हजार एकड़ से अधिक जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया है। राज्यभर में यह अभियान पूरी सख्ती के साथ निरंतर जारी रहेगा। सरकारी व निजी संपत्ति को नुकासान पहॅुचाने वाले दंगाईयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उनसे नुकसान की भरपाई करने का कानून बनाया गया है। श्री धामी ने कहा कि इन्हीं ऐतिहासिक फैसलों की कड़ी में अब सशक्त भूकानून लाने की तैयारी की जा रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा राज्य स्थापना दिवस पर राज्य के विकास एवं बेहतरी के लिए जारी संदेश के अनुरूप राज्य को देश का श्रेष्ठ व विकसित राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार जन सहयोग से प्रतिबद्धता से काम करेगी। इस अवसर पर पुरोला क्षेत्र के विधायक दुर्गेंश्वर लाल ने राज्य सरकार के निर्णयों एवं योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में राज्य विकास के नये आयाम छू रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के एतिहासिक कार्यों से इस क्षेत्र की तस्वीर बदली है। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी देवानंद शर्मा, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भंडारी, मेला समिति के अध्यक्ष बचन सिंह चैहान, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण सिंह चैहान, भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र राणा, चमन सिंह चैहान, सुलोचना गौड़, दयाराम थपलियाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं मेला आयोजन समिति के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

    CM Dr. Mohan Yadav: जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

    CM Dr. Mohan Yadav को अपने बीच पाकर अभिभूत हुए जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन

    • इंदौर की हुकुमचंद मिल की तर्ज पर करायेंगे जेसी मिल ग्वालियर के श्रमिकों का भुगतान
    • जिलों में लम्बे समय से खाली पड़ी आवंटित भूमि का करेंगे उचित निराकरण
    • श्रमिकों ने कहा अब हमें भरोसा है कि जल्द हमारी सभी देनदारियां मिल जायेंगीं
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी मिल ग्वालियर का लिया जायजा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मजदूरों के हित के लिये प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30-40 साल से बंद पड़ी ग्वालियर की जेसी मिल के मजदूरों के प्रकरणों में 8 हजार से ज्यादा मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की जानकारी ली।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपने बीच पाकर जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन अभिभूत हो गए। सभी ने पुष्पाहारों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। साथ ही कहा पहली बार कोई मुख्यमंत्री हमारी दुख-तकलीफ सुनने जेसी मिल तक आया है। अब हमें पूरा भरोसा है कि जेसी मिल पर लंबित हमारी वर्षों पुरानी देनदारियों का भुगतान हो जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जेसी मिल श्रमिकों की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार जताया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन और परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा और किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है।

    ग्वालियर में आईटी इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ के आईटी विशेषज्ञ युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाइयों को विशेष बढ़ावा दिया जायेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग एवं जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जायेंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

    source: http://www.mpinfo.org

  • विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani की बाली विधान सभा चेयरमैन श्री देवा मैड महायादनया से मुलाकात

    विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani की बाली विधान सभा चेयरमैन श्री देवा मैड महायादनया से मुलाकात

     बाली विधान सभा देखी Vasudev Devnani ने, योग शुरू करने का दिया सुझाव, बाली सरकार को राजस्थान में निवेश का निमंत्रण

     राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष Vasudev Devnani ने सोमवार को इण्डोनेशिया के बाली के विधान सभा सदन, इसकी विभिन्न दीर्घाओं और भवन का अवलोकन किया। श्री देवनानी ने विधान सभा चेयरमैन श्री देवा मैड महायादनया से शिष्टाचार मुलाकात की। इस भेंट के दौरान दोनों के मध्य भारत और इण्डोनेशिया की चुनाव प्रणाली, संसदीय प्रणाली, संस्कृत भाषा, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंध सहित दोनों विधान सभाओं की कार्यवाही, कार्य प्रणाली, सदन संचालन और संसदीय परम्पराओं व नियमों पर विस्तृत चर्चा हुई। श्री देवनानी ने श्री महायादनया को बाली विधान सभा में सदस्यों, अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए योग-ध्यान अभ्यास कार्यक्रम शुरु करने का सुझाव दिया।

    श्री देवनानी से बाली विधान सभा के चेयनमैन ने बाली के पर्यटन स्थलों पर भारतीय निवेश किये जाने का अनुरोध किया। श्री देवनानी ने बाली सरकार को भारत और राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किये जाने का निमंत्रण भी दिया। श्री देवनानी ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की नीतियां अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल हो रही है। भारत में विश्व के अनेक राष्ट्र निवेश के लिये विभिन्न क्षेत्रों में पहल कर रहे है। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख बढ़ रही है। श्री देवनानी को चेयरमैन ने इण्डोनेशिया यात्रा की यादगार को बनाये रखने के लिये गरुड स्मृति चिन्ह भेंट किया।

    श्री देवनानी के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन

    राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के सम्मान में बाली में भारत के कॉन्सुलेट जनरल श्री शशांक विक्रम ने दोपहर भोज का आयोजन किया। इस मौके पर सांसद श्री आर्या वेदा, भारतीय मूल के विधायक डॉ. सौमवीर, भारत के राजदूत सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इस दौरान दोनों देशो के पर्यटन स्थलों और विधान सभा में किये जा रहे नवाचारों पर विचार-विमर्श हुआ। श्री विक्रम ने श्री देवनानी को उनके सम्मान में बाली का गरुड स्मृति पत्रक भेंट किया।

    श्री देवनानी ने बाली में भगवान विष्णु और भगवान गरुड की ऐतिहासिक प्रतिमा देखी

    राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने इण्डोनेशिया के बाली द्वीप में स्थित भगवान श्री विष्णु और उनके वाहन भगवान गरुड की विशाल और ऐतिहासिक प्रतिमा का अवलोकन किया। भगवान विष्णु और गरुड की इस प्रतिमा की ऊंचाई 122 फीट है। गरुड के पंख की चौडाई 64 फीट है। यह विशाल प्रतिमा तांबे और पीतल से निर्मित है।
  • Department of Pension and Pensioners’ Welfare ने 1 से 30 नवंबर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 शुरू किया है

    Department of Pension and Pensioners’ Welfare ने 1 से 30 नवंबर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 शुरू किया है

    Department of Pension and Pensioners’ Welfare: राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 800 शहरों/जिलों में 1900 स्थानों पर चलाया जा रहा है

    • डीएलसी अभियान 3.0 के शुभारंभ के पहले सप्ताह के भीतर देश भर में 37 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाए गए
    • डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को आसान और निर्बाध बनाएगी

    Department of Pension and Pensioners’ Welfare ने पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 शुरू किया है। जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है। डीएलसी अभियान 3.0 1 से 30 नवंबर, 2024 तक भारत के 800 शहरों/कस्बों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्र/राज्य सरकारों/ईपीएफओ/स्वायत्त निकायों के सभी पेंशनभोगी पेंशन वितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। सुपर सीनियर पेंशनभोगी इसे अपने घर से ही जमा कर सकते हैं और घर पर ही सेवाएंभी प्राप्त कर सकते है। सभी पेंशन वितरण बैंक, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई देशभर में डीएलसी अभियान को लागू करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

    राष्ट्रव्यापी अभियान 2.0 1 से 30 नवंबर, 2023 तक देश भर के 100 शहरों में 600 स्थानों पर 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों/विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई आदि के सहयोग से चलाया गया। इस अभियान के तहत 1.47 करोड़ से अधिक डीएलसी बनाए गए, जो कि एक बड़ी सफलता थी।

    अभियान 3.0 में, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग कार्यालयों और सभी बैंक शाखाओं/एटीएम में लगाए गए बैनर/पोस्टर के माध्यम से डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में सभी पेंशनभोगियों को बीच जागरूकता पैदा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। सभी बैंकों ने अपनी शाखाओं में समर्पित कर्मचारियों की एक टीम बनाई है, जिन्होंने अपने स्मार्टफोन में आवश्यक ऐप डाउनलोड किए हैं, जो पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए इस तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं। यदि पेंशनभोगी वृद्धावस्था/बीमारी/कमजोरी के कारण शाखाओं में जा पाने में सक्षम नहीं है, तो बैंक अधिकारी उपरोक्त उद्देश्य के लिए उनके घर/अस्पताल भी जा रहे हैं।

    पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन इस अभियान को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं। उनके प्रतिनिधि पेंशनभोगियों को आस-पास के शिविर स्थलों पर जाकर डीएलसी जमा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी भी देश भर में प्रमुख स्थानों का दौरा कर पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभिन्न डिजिटल तरीकों के इस्तेमाल में मदद कर रहे हैं और इस संबंध में हुई प्रगति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

    सभी हितधारकों, विशेष रूप से सभी स्थानों पर बीमार/बुजुर्ग पेंशनभोगियों में बहुत उत्साह देखने को मिला है। इसके परिणामस्वरूप, 3.0 अभियान के शुभारंभ के पहले सप्ताह के अंत तक 37 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाए गए, जिनमें से 90 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 14,329 पेंशनभोगी और 80-90 वर्ष की आयु के बीच के 1,95,771 पेंशनभोगी अपने घर/स्थान/कार्यालय/शाखाओं से अपने डीएलसी जमा कर सके।

    एसबीआई और पीएनबी महीने भर चलने वाले अभियान के पहले सप्ताह के दौरान 5 लाख से अधिक डीएलसी बनाकर अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्य महीने भर चलने वाले अभियान के पहले सप्ताह के दौरान 8.5 लाख से अधिक डीएलसी बनाकर सूची में शीर्ष पर हैं।

    पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग इस अभियान को पूरे देश में सफल बनाने के लिए अपने सभी प्रयास जारी रखेगा।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Yogi Adityanath ने ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया

    CM Yogi Adityanath ने ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया

    CM Yogi Adityanath: देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको अच्छी कृतियों के प्रति आग्रही बनना पड़ेगा

    • प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘व्हेन सिटीजंस रीड द कंट्री लीड्स’ अर्थात् जब लोग पढ़ते, तो देश आगे बढ़ता
    • पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ-साथ बच्चों को ऐसी पुस्तकें दें, जो उनके मन में नए भाव को जागृत कर सकें
    • डिजिटल युग में सभी लोग स्मार्टफोन जैसी युक्तियों के पराधीन, पहले तकनीक का उपयोग मनुष्य करता था, अब तकनीक मनुष्य का उपयोग कर रही
    • भारत की परम्परा प्राचीन काल से ही ज्ञान के प्रति आग्रही रही
    • वैदिक संस्कृत को व्यावहारिक संस्कृत का स्वरूप प्रदान करने वाले महर्षि वाल्मीकि ने उ0प्र0 की धरती पर जन्म लिया
    • गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की
    • कालजयी रचनाओं को आगे बढ़ाने के लिए लेखकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आम जनमानस को भी जागरूक करना होगा
    • हम सभी उस महान परम्परा के उत्तराधिकारी, जहां युद्ध भूमि में श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ की रचना की जाती
    • नैमिषारण्य में भारत की वैदिक ज्ञान की परम्परा को हजारों ऋषि मुनियों ने लिपिबद्ध किया था
    • जो भी व्यक्ति पुस्तक महोत्सव में आए अपनी रूचि के अनुसार किसी न किसी पुस्तक का क्रय अवश्य करे
    • जिला प्रशासन प्रयास करे कि इस पुस्तक महोत्सव में अगले 09 दिनों तक लखनऊ की प्रत्येक संस्था की उपस्थिति हो
    • यदि युवा डिजिटल दुनिया के साथ-साथ कुछ समय रोचक पुस्तकों को पढ़ने तथा रचनात्मक कार्यों में व्यतीत करेंगे, तो उन्हें इसका लाभ प्राप्त होगा
    • गोमती केवल नदी नहीं, बल्कि एक संस्कृति भी, देश में नदियां संस्कृति के रूप में मान्य रहीं

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ-साथ बच्चों को ऐसी पुस्तकें दें, जो उनके मन में नए भाव को जागृत कर सकें। छात्र-छात्राओं को पुस्तकों का अध्ययन तथा मनन कर अच्छी बातों को अपने जीवन में उतारने का कार्य करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि ‘व्हेन सिटीजंस रीड द कंट्री लीड्स’ अर्थात् जब लोग पढ़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है। देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको अच्छी कृतियों के प्रति आग्रही बनना पड़ेगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज गोमती रिवर फ्रंट पर ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने पुस्तकों के स्टॉलों का अवलोकन किया तथा बच्चों से संवाद कर उन्हें पुस्तकें व चॉकलेट भेंट कीं। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में सभी लोग स्मार्टफोन जैसी युक्तियों के पराधीन हो चुके हैं। पहले तकनीक का उपयोग मनुष्य करता था, अब तकनीक मनुष्य का उपयोग कर रही है।

    युवाओं की 24 घंटे की दिनचर्या में औसतन 06 घण्टे स्मार्टफोन अथवा किसी अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यतीत होते हैं। युवा अपने जीवन का लगभग एक चौथाई हिस्सा यदि किसी अन्य सार्थक कार्य में लगायें, तो यह उसके स्वास्थ्य व देश तथा समाज के लिए उपयोगी हो सकता है। यही कारण है कि अच्छे लेखन तथा लेखकों के प्रति आम जनमानस का रुझान कम होता जा रहा है। टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अच्छी बात है लेकिन हम टेक्नोलॉजी के दास बन जाएंगे, तो यह देश व समाज के लिए उचित नहीं होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश इस दृष्टि से बहुत सौभाग्यशाली है कि आम जनमानस की सुविधा हेतु वैदिक संस्कृत को व्यावहारिक संस्कृत का स्वरूप प्रदान करने वाले महर्षि वाल्मीकि ने उत्तर प्रदेश की धरती पर जन्म लिया। उन्होंने रामायण के रूप में दुनिया का पहला महाकाव्य रचा था। समय के अनुरूप संस्कृत के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में भी साहित्य का सृजन किया गया। गोस्वामी तुलसीदास जी ने जब रामायण की रचना संस्कृत में करना प्रारम्भ किया, तो वह जितना लिखते थे, उतना गायब हो जाता था। कहा जाता है कि हनुमान जी ने उन्हें दर्शन देते हुए कहा कि रामायण की रचना स्थानीय भाषा में करें। तब उन्होंने श्रीरामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की। आज प्रत्येक घर में श्रीरामचरितमानस का पाठ अवधी भाषा में किया जाता है। हमें कालजयी रचनाओं को आगे बढ़ाने के लिए लेखकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आम जनमानस को भी जागरूक करना चाहिए। कालजयी रचनाएं लिखने वाले लेखकों के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। उनकी कृतियों को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया जाना चाहिए। भारत की परम्परा इस कार्य के साथ सदैव जुड़ी रही है। पाठकों को इस कार्य के साथ जोड़ने के लिए तैयार होना होगा। चिंतन की परम्परा को विकसित करना होगा। लेखकों को बच्चों, युवाओं तथा वृद्धजन आदि से सम्बन्धित अलग-अलग विषयों पर कालजयी रचनाएं लिखनी पड़ेंगी। पाठकों की रुचि का पूरा ध्यान रखना होगा। एक समय था जब लोग मोटे-मोटे ग्रंथ खरीदते थे। आज के समय में लोगों को कम पेज की रचनात्मक कृतियों को रोचक तरीके से उपलब्ध कराने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने लेखकों, समाज के सुधीजनों तथा नेतृत्व वर्ग से लेखन कार्य का आह्वान करते हुए कहा कि इससे आने वाली पीढ़ियों तथा समाज को मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी उस महान परम्परा के वारिस हैं, जहां युद्ध भूमि में श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ की रचना की जाती है। 5,000 वर्षों से श्रीमद्भगवद्गीता हम सभी के लिए प्रेरणा का केन्द्र बनी हुई है। कुरुक्षेत्र धर्म क्षेत्र हो गया। आज भी प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी कुरुक्षेत्र जाकर प्राचीन कूप में स्नान करने की इच्छा रखता है।

    भारत की परम्परा प्राचीन काल से ही ज्ञान के प्रति आग्रही रही है। यह परम्परा मूल रूप से श्रवण, मनन, और निदिध्यासन की है। अर्थात् सुनना, मनन करना तथा सद्विचारों का अपने जीवन में आचरण करना। श्रीमद्भागवतगीता में व्यक्त किया गया ’न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते’ का भाव हम सबको प्रेरणा प्रदान करता है। एक कालखण्ड के बाद हमारी ऋषि परम्परा को इस बात का एहसास हुआ होगा कि एक समय ऐसा भी आएगा, जब लोग इस परम्परा के प्रति आग्रही नहीं बन सकेंगे, तो लखनऊ के समीप स्थित सीतापुर के नैमिषारण्य में भारत की वैदिक ज्ञान की परम्परा को हजारों ऋषि मुनियों ने अपने चिंतन तथा मनन से लिपिबद्ध किया था। परिणामस्वरूप नैमिषारण्य एक तीर्थ के रूप में विकसित हुआ।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोमती केवल नदी नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति भी है। देश में नदियां संस्कृति के रूप में मान्य रही हैं। हम सभी ने उस संस्कृति को सभ्यता के साथ जोड़ा है। दुनिया की सभी प्राचीन संस्कृतियां किसी न किसी नदी के तट पर विकसित हुई हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन के सहयोग से लखनऊ की जीवनधारा गोमती नदी के तट पर गोमती पुस्तक महोत्सव के तृतीय संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। इस पुस्तक महोत्सव का आयोजन 09 से 17 नवम्बर, 2024 तक किया जाएगा। नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रदेश सरकारके साथ मिलकर यह अच्छी पहल की है। इस पहल को घर-घर तक पहुंचाना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के सभी मण्डल मुख्यालयों पर नेशनल बुक ट्रस्ट के इस प्रयास को आगे बढ़ाना होगा। जिला प्रशासन प्रयास करे कि इस पुस्तक महोत्सव में अगले 09 दिनों तक लखनऊ की प्रत्येक संस्था की उपस्थिति हो। जो भी व्यक्ति पुस्तक महोत्सव में आएं अनी रूचि के अनुसार किसी न किसी पुस्तक का क्रय अवश्य करे। यहां उन्हें अपनी रूचि पर टिप्पणी भी देनी चाहिए। हमें पढ़ने की रूचि विकसित करनी होगी। यदि युवा डिजिटल दुनिया के साथ-साथ कुछ समय रोचक पुस्तकों को पढ़ने तथा रचनात्मक कार्यों में व्यतीत करेंगे, तो उन्हें इसका लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गोमती पुस्तक महोत्सव ऊंचाईयां प्राप्त करेगा। हमें प्रदेश की आबादी के अनुरूप देश के सबसे बड़े पुस्तक महोत्सव के रूप में इसे आगे बढ़ाना होगा।

    नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो0 मिलिन्द सुधाकर मराठे तथा निदेशक श्री युवराज मलिक ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, मण्डलायुक्त श्रीमती रोशन जैकब तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • CM Pushkar Dhami: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सादगी से मनाया गया राज्य स्थापना दिवस।

    CM Pushkar Dhami: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सादगी से मनाया गया राज्य स्थापना दिवस।

    CM Pushkar Dhami ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर भराडीसैंण, गैरसैंण ( चमोली ) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

    ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सादगी से मनाया गया राज्य स्थापना दिवस। राज्य स्थापना दिवस पर अमर शहीदों, शहीद राज्य आंदोलनकारियों और अल्मोड़ा बस दुर्घटना में मृतकों को दी गई श्रृद्वांजलि। सिमली में महिला बेस अस्पताल को पूर्ण बेस अस्पताल बनाने की घोषणा कर CM Pushkar Dhami ने जनपद को दी बड़ी सौगात। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर भराडीसैंण, गैरसैंण ( चमोली ) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के 24 वर्ष पूर्ण होने और रजत जयन्ती वर्ष के शुभारम्भ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। विधानसभा परिसर भराडीसैंण में राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस एवं एनसीसी जवानों द्वारा विधानसभा परिसर में सेरेमोनियल परेड का आयोजन किया गया। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा बहुउद्देशीय शिविर लगाकर विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए स्टॉल लगाए गए। जिसमें विकास मुखी एवं कल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री ने विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 47 राज्य आंदोलनकारियों को पुष्प माला व शाल भेंट कर सम्मानित भी किया।

    मुख्यमंत्री ने देश के लिये सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों एवं राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए सम्मानित किया। उन्होंने उत्तराखण्ड की मजबूत नींव रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेई को भी राज्य की जनता की ओर से नमन किया। रजत जयंती के अवसर मुख्यमंत्री ने विधानसभा परिसर भराडीसैंण से सिमली में महिला बेस अस्पताल को पूर्ण बेस अस्पताल बनाने और रा.इ.का आगरचट्टी में विज्ञान वर्ग शुरू करने की घोषणा भी की। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इन 24 सालों में जनता के सहयोग से हर क्षेत्र में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए जन सहभागिता से राज्य सरकार हर क्षेत्र में अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य कर रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अनेक क्षेत्रों में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान मिला है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को अचीवर्स और स्र्टाटप में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि जीएसडीपी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रीणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाई गई है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए बड़ा अवसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप राज्य, तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है। वर्ष 202324 के सतत विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हुआ है। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य गतिमान हैं। इसी प्रकार मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत प्रथम चरण में 16 पौराणिक मंदिर क्षेत्रो को विकसित किया जा रहा हैं। ऋषिकेशकर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही पहाड़ में रेल का सपना साकार होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के लिये मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की गई है। वाईब्रेंट विलेज योजना से उत्तराखण्ड के सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। पिछले 03 वर्षों में सरकारी सेवाओं में लगभग 18 हजार 500 भर्तियां की जा चुकी हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान करते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही सहकारी समितियों में भी राज्य की महिलाओं के 33 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, लखपति दीदी योजना और मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना सहित अनेक योजनाएं महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बना रही हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये राज्य में जबरन धर्मांतरण के विरूद्ध कठोर कानून बनाया गया है। प्रदेश में अब दंगा करने वाले दंगाईयों से ही सारे नुकसान की भरपाई का कानून लागू किया गया है। राज्य की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रजत जयंती वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो यह हमारा संकल्प है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड का चहुंमुखी विकास हो रहा है और हम भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अल्मोडा के मरचूला बस हादसे में दिवंगतों की आत्मा को शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की ईश्वर से कामना भी की। इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने क्षेत्र के विकास कार्याे को तेजी आगे बढाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य आज स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में विकास की ओर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने प्रदेश वासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, राज्य मंत्री रमेश गडिया, ब्लाक प्रमुख शशि सौर्याल, गढवाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, पुलिस महानिरीक्षक के.एस नगन्याल, जिलाधिकारी संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, सीडीओ नंदन कुमार, एडीम विवेक प्रकाश, एसडीएम संतोष कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।

    source: http://uttarainformation.gov.in

  • CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: मध्यप्रदेश में 1. 29 लाख विद्यार्थियों ने लिया बहुविषयक अध्ययन का लाभ

    • कृषि पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की रूचि बढ़ी

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि नई शिक्षा नीति: 2020 के अंतर्गत प्रदेश में अनेक नवाचार हुए हैं। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर भी उच्च शिक्षा के जुड़े नवाचार करें। अच्छे प्रयोगों का सदैव स्वागत है। शिक्षा की गुणवत्ता को निरंतर श्रेष्ठ बनाने के प्रयास हों। पैरामेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाएं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सक्षम युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे बड़ी गारंटी मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल से इस संदर्भ में नई शिक्षा नीति में अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान भी हुए हैं। इस नीति में युवाओं को ज्ञानवान और अनेक विषयों में पारंगत बनाने की रणनीति बनाई गई है। इस नाते मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक अभिनव प्रयास इस दिशा में किए गए हैं। मध्यप्रदेश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जहां भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यशालाएं आयोजित की गईं, वहीं राज्य सरकार द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में टास्क फोर्स का गठन किया गया। विद्यार्थियों को उनकी रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार शिक्षा व्यवस्था करने के प्रसार सफल हो रहे हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में प्रदेश अग्रणी है। मध्यप्रदेश का सकल पंजीयन अनुपात राष्ट्रीय अनुपात 28.4 प्रतिशत के मुकाबले 28.9 प्रतिशत है जो एक उपलब्धि है।

    बहुविषयक शिक्षा में आगे मध्यप्रदेश

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालयों द्वारा बहुविषयक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए उपयोगी पाठ्यक्रमों के संचालन की सराहना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं पर कुलगुरूओं और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की है। बताया गया कि विद्यार्थियों को बहुविषयक दृष्टिकोण (मल्टी डिस्पलीनरी एप्रोच) के माध्यम से अन्य विषयों के अध्ययन के लिए प्रेरित करने के निरंतर प्रयास किए जाएं। वर्तमान में प्रदेश के लगभग एक लाख विद्यार्थी वाणिज्य के साथ कला और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। कला संकाय के 18 हजार विद्यार्थी वाणिज्य और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में विज्ञान संकाय के ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 11 हजार है, जिन्होंने कला और वाणिज्य विषय का चयन किया है। इस तरह एक लाख 29 हजार विद्यार्थियों ने बहुविषयक शिक्षा का लाभ लिया है।

    विद्यार्थी ले रहे खेती किसानी की शिक्षा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनेक बिन्दुओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। उच्च शिक्षा व्यवस्था में स्नातक स्तर पर कृषि जैसे विषय के अध्ययन के प्रावधान के भी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। सात विश्वविद्यालयों और 18 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में बी.एससी. कृषि पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है। इन पाठ्यक्रामों का लाभ 1189 विद्यार्थी ले रहे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सर्वाधिक 240 विद्यार्थी खेती किसानी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में पायलेट ट्रेनिंग के कोर्स के संचालन और एविएशन के सर्टिफिकेट कोर्स के लिए पांच विश्वविद्यालयों ने पहल की है। निश्चित ही युवाओं को इन पाठ्यक्रमों का रोजगार की दृष्टि से पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।

    इन्क्यूबेशन केन्द्रों की सक्रिय भूमिका, र्स्टाट अप्स को पूर्ण प्रोत्साहन

    प्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 47 इन्क्यूबेशन सेन्टर प्रारंभ किए गए हैं। इनमें शासकीय विश्वविद्यालय में 16, निजी विश्वविद्यालय में 12 एवं शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में 19 इन्क्यूबेशन केंद्र संचालित हैं। देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर को केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पांच करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर इन्क्यूबेशन सेंटर को अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग ने अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर के लिए 2.5 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। इसी तरह जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के लिए 13.4 लाख रूपए स्वीकृत हुए हैं। प्रदेश के 2 निजी विश्वविद्यालयों में भी अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इनमें रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल और लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (एलएनसीटी) भोपाल शामिल हैं। इन्क्यूबेशन केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर 65 स्टार्ट अप्स तथा 2 निजी विश्वविद्यालयों में कुल 295 स्टार्ट अप्स प्रारंभ हुए हैं। स्टार्ट अप्स को विश्वविद्यालयों ने प्रोत्साहन राशि भी दी है। वर्तमान में कुल लाभान्वित विद्यार्थी संख्या 620 है। पेटेंट के अंतर्गत पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार से विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स को कुल 14 पेटेंट प्राप्त हुए हैं। इनमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में छह, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चार, विक्रम विश्वविद्यालय में तीन और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में एक पेटेंट शामिल हैं। समस्त विश्वविद्यालयों के कुल 27 पेटेंट के आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं।

    source: http://www.mpinfo.org


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