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  • CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि योजना से न सिर्फ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे एवं सामुदायिक सहभागिता से ग्रामीणों को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके ने बताया कि पहले जहां हर साल गर्मी में पानी की गंभीर कमी होती थी और लोग जलस्त्रोतों के सूखने के कारण पानी की समस्या से जूझते थे, वहीं अब गांधीसागर बांध से जल आपूर्ति का एक स्थिर रास्ता तैयार किया जा रहा है। इस योजना से जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को साकार किया जा रहा है।

    समुदाय की सहभागिता और रोजगार सृजन

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना का उद्देश्य न सिर्फ पानी की आपूर्ति करना है, बल्कि स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना भी है। इस योजना के तहत 1200 से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल चुका है और योजना के पूरा होने पर भी अन्य कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

    इस योजना के समुचित संचालन के लिये ग्राम जल एवं स्वच्छता तदर्थ समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 25 प्रतिशत एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि होंगे। ये समितियां जल आपूर्ति और इसके प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी, जिससे जल संकट का स्थायी समाधान और ग्रामीणों की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित होगी।

    जल जीवन मिशन में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार

    यह योजना न सिर्फ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी, बल्कि जल जनित रोगों में कमी लाने और ग्रामीण समुदायों को स्वस्थ बनाने का भी काम करेगी। ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाने से निजात मिलेगी और वह अपने अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर सकेंगे।

    आने वाले समय में बदलाव की बयार

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक नई उम्मीद और स्थायी समाधान लेकर आई है। इस योजना से न सिर्फ जल संकट का समाधान होगा, बल्कि इससे ग्रामीण जीवन के स्तर में भी सुधार होगा।

    जल आपूर्ति के इस महत्वाकांक्षी प्रयास के साथ, मंदसौर जिले में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जो आने वाले समय में विकास और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ आवागमन और सौन्दर्यीकरण से संबंधित अनेक अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य प्रगतिरत हैं। उज्जैन पहुँचने वाले श्रद्धालु, विशेष रूप से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिये ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे कम समय में सहजता से क्षिप्रा के घाटों और श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में साधु-संतों के लिये इस बार विशेष पहल कर हरिद्वार की तरह स्थायी धार्मिक नगरी और आश्रम बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महंतों के लिये आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इन प्रयासों से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के माध्यम से उज्जैन को विश्व पटल पर प्रमुखधार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने के समग्र प्रयास किये जा रहे है। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मन्दिर की पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिये सदावल में हेलीपेड का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही उज्जैन की हवाई पट्टी को एयरपोर्ट बनाने की पहल भी की जा रही है। उज्जैन को जोड़ने वाले चारों ओर के मार्गों को फोरलेन किया जायेगा, जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्र मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही उज्जैन शहर और उज्जैन ग्रामीण के बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थाई प्रकृति के 62 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसमें आधुनिक बिजली ग्रिड, नवीन विद्युत लाइन, इंटर कनेक्शन और नवीन उपकेन्द्र बनाये जायेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य से उज्जैन में 658 करोड़ से अधिक के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन हो चुका है। इनमें प्रमुख रूप से हरिफाटक-लालपुल-मुल्लापुरा फोरलेन मार्ग शंकराचार्य चौराहा से चंदूखेड़ी, 2 नग 2 लेन आरओबी और क्षिप्रा पर 2-लेन ब्रिज सहित फोरलेन मार्ग, उज्जैन बड़नगर बाईपास टू-लेन मार्ग निर्माण कार्य, बडावदा-कलसी-नागदा से दोत्रु मार्ग का निर्माण, नागदा गिद्धगढ़ विदखेड़ा मोकड़ी मार्ग, तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग, रालामंडल-कांकरिया-चिराखान-लेकोडा़-झिरोलिया-बारोदा-हमीरखेड़ी-उमरिया मार्ग, लालपुर से चिंतामन गणेश मंदिर, बड़ापुल-रणजीत-हनुमान-मोजमखेड़ी मार्ग, वाकंणकर पुल से दाऊद खेड़ी, करोहन-नाईखेड़ी-पंचक्रोशी मार्ग, खाचरोद-बड़नगर-बायपास, सेदरी से बड़ावदा, मुरानाबाद से बेड़ावन्या, रतलाम खाचरोद का शेष भाग का मजबूतीकरण, सदावल हेलीपैड निर्माण, जहांगीरपुर से चामुंडा माता मार्ग, रूदाहेड़ा से गुनई-महिदपुर से काचरिया एवं महिदपुर से नागेश्वर तीर्थ, सुतारखेड़ा एप्रोच रोड-मीन रोड से सुतारखेड़ा एवं रूदाहेड़ा एप्रोच रोड और मक्सी-तराना-रूपाखेड़ी एवं कानीपुरा-तराना मार्ग, मास्टर माईंड स्कूल तराना से लिम्बादित मेन रोड का काम प्रारंभ किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक विकसित होने के बाद उज्जैन वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। यहाँ आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिये अभी से कार्य प्रारंभ कर दिये है, जिससे यहाँ आने वाले श्रृद्धालु और नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन

    राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुCM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।

    गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), श्री मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), श्री भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, श्री राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और श्री कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्यप्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में 2 बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।

    समिति के प्रमुख दायित्व

    टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।

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  • Suresh Singh Rawat: बेहतरीन प्रबन्धन के दिए निर्देश, समस्त गतिविधियों के लिए उपलब्ध रहेगा पर्याप्त बजट

    Suresh Singh Rawat: बेहतरीन प्रबन्धन के दिए निर्देश, समस्त गतिविधियों के लिए उपलब्ध रहेगा पर्याप्त बजट

    जल संसाधन मंत्री Suresh Singh Rawat ने ली बैठक

     श्री पुष्कर पशु मेला-2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में जल संसाधन मंत्री Suresh Singh Rawat ने मंगलवार को अजमेर जिले में  आरटीडीसी होटल सरोवर में श्री पुष्कर मेला-2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक लेकर बेहतरीन प्रबन्धन के निर्देश दिए। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु द्वारा विभागीय अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए।

         जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि पुष्कर मेला अन्तर्राष्ट्रीय महत्व का है। इस मेले के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। इनके लिए समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाये।  सुविधाओं के साथ-साथ संसाधनों का भी बेहतरीन प्रबन्धन करें। यह हम सभी का सम्मिलित आयोजन है। जन सहभागिता से प्रशासन इसमें हमेशा उत्कृष्ट कार्य करता आया है। इस वर्ष भी सभी के सहयोग से यादगार मेला होना चाहिए।

         उन्होंने कहा कि मेले के दौरान सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में लगातार सफाई सुनिश्चित करें। इसके लिए आवश्यक मानवीय संसाधन लगाएं। पुष्कर सरोवर के घाटों की भी लगातार सफाई  करें। घाटों को फिसलनमुक्त बनाया जाये। सरोवर भरा होने के कारण सफाई की विशेष आवश्यकता रहेगी। मेला क्षेत्र में बडे़ कचरा पात्र रखवाकर समय-समय पर खाली करवाना सुनिश्चित करें। मोबाईल शौचालय भी पर्याप्त संख्या में कार्यशील रखें।

         उन्होंने मेला क्षेत्र में फोगिंग, छिड़काव तथा एंटी लार्वा एक्टीविटी करके मौसमी बीमारियों को फैलने से रोकने, मेले के दौरान पेयजल की अतिरिक्त मात्रा उपलब्ध करवाने, मानक गुणवत्ता का प्रसाद बिकना सुनिश्चित करने, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समस्त भोज्य पदार्थों की लगातार सेम्पलिंग जांच करने,  ब्रह्मा मन्दिर के आस-पास मिलावट रहित शुद्ध एवं सात्विक प्रसाद की बिक्री के निर्देश दिए।

         उन्होंने कहा कि पुष्कर घाटी की सड़कों तथा रिपेयरिंग वॉल की मरम्मत एवं झाड़ियां हटाने का कार्य मेले से पहले करें। पुष्कर घाटी से बुढ़ा पुष्कर की सड़क को पर्याप्त चौड़ाई के साथ मरम्मत किया जाए। इसी प्रकार बांसेली-तिलोरा, खरेखड़ी, अजयसर, अम्बा मशीनिया, अजयपालजी को पुष्कर से जोड़ने वाले समस्त रास्तों की मरम्मत भी हो। सराधना से आम्बा मशीनीया तक की सड़क का निर्माण कार्य तत्काल आरम्भ करें। सावित्री मन्दिर से रेल्वे क्रोसिंग की सड़क की मरम्मत भी की जाए।

         उन्होंनें कहा कि पुष्कर के प्रवेश द्वार के निर्माण कार्य में तेजी लाएं। पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही पार्किंग से सरोवर तथा ब्रह्मा मन्दिर तक का ऑटो रिक्शा किराया निर्धारित करें। इससे अधिक वसूली पर कार्रवाई की जाएगी। तीर्थयात्रियों की संख्या के अनुरूप अतिरिक्त रोड़वेज की बसें लगाएं। निर्धारित स्थानों पर से सवारी बैठाने तथा छोड़ने के लिए स्टाफ को पाबन्द करें। सबसे साफ, स्वास्थ्य नियमों की पालना करने वाले भोज्य पदार्थ निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधि भी आयोजित होगी।

         उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पर्याप्त बजट दिया जाएगा। इसमें कोई कमी नहीं रहेगी। पुष्कर मेले की भव्यता सभी तीर्थयात्रियों के लिए यादगार रहेगी। सरोवर में गन्दा पानी जाने से रोकने के लिए 50 करोड़ रूपये की राशि से कार्य करवाया जा रहा है। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिता, पशु स्पर्धा, आध्यात्मिक यात्रा, महाआरती जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। मेले के दौरान कानून एवं शान्ति व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेगा।

         जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने कहा कि समस्त विभागीय अधिकारियों को सौंपे हुए दायित्व निर्धारित समय पर पूर्ण करने चाहिए। पुष्कर मेले के अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए समस्त व्यवस्थाएं चाक चौबन्द की जाए। सरकार द्वारा पुष्कर मेले के सम्बन्ध में जारी निर्देशों की पालना हो। समस्त विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करेंगे। नवीन मेला मैदान में भी पशुपालकाें को समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। यहां हेल्पडेस्क की स्थापना होगी।

         इस अवसर पर पुष्कर नगर परिषद सभापति श्री कमल पाठक, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती ज्योति ककवानी, प्रशिक्षु आईएएस  महिमा कसाना सहित गणमान्य नागरिक, जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

    source:http://dipr.rajasthan.gov.in

  • Rajasthan Assembly by-elections-2024, मतदान 13 नवम्बर को होगा, मतगणना 23 नवम्बर को, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से वार्ता की

    Rajasthan Assembly by-elections-2024, मतदान 13 नवम्बर को होगा, मतगणना 23 नवम्बर को, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से वार्ता की

    Rajasthan Assembly by-elections में 7 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवम्बर को होगा।

    Rajasthan Assembly by-elections में 7 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवम्बर को होगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इन सीटों पर मतगणना महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभाओं के लिए मतगणना के साथ ही 23 नवम्बर को होगी। राज्य में झुंझुनूं, रामगढ़ (अलवर), दौसा, देवली-उनियारा (टोंक), खींवसर (नागौर), सलूम्बर (उदयपुर) और चौरासी (डूंगरपुर) विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने इस बारे में  मंगलवार को राज्य के विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ  सचिवालय में बैठक कर उन्हें  विधानसभा उपचुनाव-2024 के कार्यक्रम तथा आदर्श चुनाव आचार संहिता की जानकारी दी । निर्वाचन विभाग ने सभी दलों से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान तथा आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करवाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव की घोषणा के साथ ही संबंधित राजस्व जिलों में आचार संहिता लागू हो गयी है। आचार संहिता दौसा और डूंगरपुर में सम्पूर्ण जिले में तथा अलवर, झुंझुनू, टोंक, नागौर और सलूम्बर के नवीन पुनर्गठित राजस्व जिलों में लागू रहेगी। उप चुनाव के लिए अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी होगी और उसके साथ ही उम्मीदवारों के लिए नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी जो 25 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक चलेगी। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 28 अक्टूबर को की जाएगी एवं 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
    श्री महाजन ने कहा कि निर्वाचन आयोग के नियमानुसार चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, टीवी चैनल्स, राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रों में प्रत्याशी की आपराधिक पृष्ठभूमि का विवरण  कम से कम तीन बार प्रकाशित, प्रसारित करवाना होगा। उन्होंने कहा कि पोलिंग एजेंट को यह निर्देश दिया जाए कि वे मतदान के दिन सुबह मतदान शुरू होने से 90 मिनट पूर्व ईवीएम मशीन पर मॉक पोल के लिए आवश्यक रूप से मौजूद रहें।

    7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19.36 लाख मतदाता

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान 19,36,533 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे,  7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,862 मतदान केंद्र और 53 सहायक मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
    श्री महाजन ने बताया कि सभी संबंधित जिलों में मीडिया प्रकोष्ठ और मीडिया में जारी होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के अधिप्रमाणन के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने अधिकाधिक मतदान के लिए मतदाताओं को जागरूक करने, नए मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया और ईवीएम की जानकारी देने तथा उपचुनाव के दौरान लोगों की अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया कार्मिकों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबंधित क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के निस्तारण हेतु सी-विजिल एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मतदाता जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियानों, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए होम वोटिंग की सुविधा सहित  स्वीप गतिविधियों, मतदाता सूचियों के अपडेशन, चुनावी खर्च की मॉनिटरिंग पर विस्तार से जानकारी दी।  उन्होंने मतदाता जागरूकता तथा आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में मीडिया की प्रभावी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने मीडियाकर्मियों से इन गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होकर निष्पक्ष, भयमुक्त और धनबल के प्रभाव से रहित चुनाव संपन्न कराने में सहयोग का आह्वान किया।
  • CM Atishi ने की क्रियान्वयन की समीक्षा, दिल्ली सरकार ने जीआरएपी-1 के तहत प्रदूषण पर कार्रवाई शुरू

    CM Atishi ने की क्रियान्वयन की समीक्षा, दिल्ली सरकार ने जीआरएपी-1 के तहत प्रदूषण पर कार्रवाई शुरू

    CM Atishi: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 1 के तहत सख्त उपाय शुरू किए हैं।

    CM Atishi ने मंगलवार को घोषणा की कि धूल शमन उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 99 टीमें दिल्ली में निजी और सरकारी निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी, क्योंकि जीआरएपी चरण 1 को अन्य संबंधित उपायों के साथ लागू किया गया है।

    मुख्यमंत्री आतिशी ने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और राजस्व विभाग सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।

    बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए, आतिशी ने कहा, दिल्ली ने इस साल 200 दिनों के लिए ‘अच्छी’ वायु गुणवत्ता का अनुभव किया, लेकिन पिछले दो दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में स्थानांतरित हो गया है। 13 अक्टूबर को, एक्यूआई 224 तक पहुंच गया, और 14 अक्टूबर को, यह 234 पर पहुंच गया, जिससे वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में आ गई। इसके कारण, जीआरएपी स्टेज 1 प्रतिबंध लगाए गए हैं, “उसने कहा।

    वायु प्रदूषण के स्तर में हालिया स्पाइक के जवाब में, धूल नियंत्रण अनुपालन के लिए दिल्ली भर में निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने के लिए 99 टीमों को जुटाया गया है। इनमें से डीपीसीसी, राजस्व और उद्योग विभागों की 33-33 टीमें धूल शमन उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निजी और सरकारी दोनों निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी।

    इस बीच, पीडब्ल्यूडी 200 एंटी-स्मॉग गन तैनात करेगा, एमसीडी 30 तैनात करेगा, डीएमआरसी 80 तैनात करेगा, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) 14 तैनात करेगा, जो हाई-डस्ट जोन और निर्माण हॉटस्पॉट को लक्षित करेगा।

    आतिशी ने निवासियों से कचरा या पटाखे जलाने से बचने का आग्रह किया, जब संभव हो तो कारपूल करें और ग्रीन दिल्ली ऐप का उपयोग करके प्रदूषण की घटनाओं की रिपोर्ट करें।उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी शीतकालीन कार्य योजना पूरी ताकत से लागू है, लेकिन पड़ोसी राज्यों को एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जीआरएपी को भी लागू करना चाहिए।

    उन्होंने जीआरएपी -1 के तहत प्रमुख कार्यों पर प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया कि सड़क की धूल को नियंत्रित करने और निर्माण से संबंधित कचरे का प्रबंधन करने के लिए, एमसीडी ने निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) कचरे को साफ करने के लिए दिन की पाली के लिए 79 टीमों और रात की पाली के लिए 75 टीमों को तैनात किया है।

    उन्होंने कहा, “सी और डी अपशिष्ट पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है, जिसे हम युद्ध स्तर पर संबोधित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दिल्ली पुलिस यातायात प्रबंधन में सहायता के लिए स्टैंडबाय पर होमगार्ड के साथ यातायात-भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करेगी।

    उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार ने यातायात पुलिस को यातायात हॉटस्पॉट की बारीकी से निगरानी करने और भीड़ को कम करने के लिए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया है।त्योहारी सीजन की तैयारी में, आतिशी ने यह भी घोषणा की कि डीजल जनरेटर का उपयोग प्रतिबंधित किया जाएगा, बिजली विभाग ने जनरेटर पर निर्भरता कम करने के लिए 24/7 बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा है।

    दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित एनसीआर राज्यों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

    “दिल्ली का प्रदूषण सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं है; प्रदूषण के स्रोत हमारी सीमाओं से परे फैले हुए हैं। हम पड़ोसी राज्यों से सामूहिक रूप से इस मुद्दे से निपटने के लिए जीआरएपी को लागू करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना पर काम कर रही है।

    उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही ग्रीन वॉर रूम का संचालन शुरू कर दिया है और ग्रीन दिल्ली ऐप लॉन्च कर दिया है. दिल्ली में पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि सीएक्यूएम द्वारा जारी जीआरएपी नियम न केवल दिल्ली बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सहित पूरे एनसीआर पर लागू होते हैं।

    उन्होंने कहा, ‘हालांकि, हम अक्सर देखते हैं कि दिल्ली सरकार उपायों को लागू करने के लिए सक्रिय रूप से काम करती है, लेकिन पड़ोसी क्षेत्रों में ऐसा नहीं किया जाता है. दिल्ली में हमारी सरकार है, आसपास के क्षेत्रों में भाजपा की सरकार है, और हम उन पर निर्भर हैं। एक्यूआई का स्तर बढ़ने के साथ मैं इन क्षेत्रों की सभी भाजपा सरकारों से इसी तरह की बैठकें आयोजित करने और जीआरएपी का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की अपील करता हूं, जैसा कि हमने दिल्ली में किया है।

    इसके अतिरिक्त, पंजाब में पराली जलाने के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए, राय ने कहा कि पिछले एक साल में पंजाब में घटनाएं 1,105 से घटकर 811 हो गईं, जबकि हरियाणा के मामले 341 से बढ़कर 417 हो गए और उत्तर प्रदेश में भी 244 से बढ़कर 417 हो गए।

    राय ने जोर देकर कहा, “पंजाब को दोष देने के बजाय, भाजपा शासित राज्यों को अपने क्षेत्रों के भीतर पराली जलाने को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पीटीआई एनएसएम वीआईटी एचआईजी


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