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  • CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों के साथ मध्यप्रदेश ने रचे नये कीर्तिमान

    CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों के साथ मध्यप्रदेश ने रचे नये कीर्तिमान

     CM Dr. Yadav: स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगाँठ

     

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में शुरू हुए स्वच्छता अभियान में मध्यप्रदेश अनेक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। प्रधानमंत्री की मंशानुरूप प्रदेशवासियों ने पूरे उत्साह और जन-सहयोग से स्वच्छता के क्षेत्र में नये आयाम भी स्थापित किये हैं। इसमें जहाँ एक ओर वर्ष 2022 के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश को सबसे स्वच्छतम राज्य का दर्जा मिला, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के इंदौर शहर ने लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त किया। इसके साथ ही वर्ष 2023 में प्रदेश में गीले कचरे से बॉयो सीएनजी का उत्पादन करने का अभिनव नवाचार भी हुआ है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन 17 सितम्बर से स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी की जयंती तक चलेगा। इस वर्ष अभियान की थीम “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ रखी गयी है। स्वच्छता ही सेवा अभियान में अधिक से अधिक जन-भागीदारी और स्थानीय निकायों की भागीदारी पर जोर दिया गया है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में कई मामलों में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। प्रदेश के सभी शहरों ने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं। जनता के सहयोग से स्वच्छ भारत मिशन को जन-आंदोलन का रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जन-भागीदारी के साथ बड़े पैंमाने पर स्वच्छता संबंधी विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेगी।

    स्वच्छता के क्षेत्र में प्रदेश की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

    स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार-2023 में इंदौर शहर को लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला है। यह इंदौर के नागरिकों की जन-भागीदारी का बेहतरीन उदाहरण है। मध्यप्रदेश कम लागत पर एसटीपी इंसेप्शन एण्ड डायवर्सन आधारित सीवेज उपचार प्रणाली के लिये दिशा-निर्देश तैयार करने और कार्यादेश जारी करने वाला पहला राज्य है। इस वर्ष मार्च-2024 में मध्यप्रदेश ने नगरीय निकायों के लिये “उपयोगिता जल और सेप्टेज प्रबंधन नीति’’ प्रकाशित की है, जिसमें सीवर और सैप्टिक टैंकों की मशीनीकृत सफाई 100 प्रतिशत सुनिश्चित की गयी है। इंदौर वाटर प्लस प्रमाणन और 7 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाला देश का पहला शहर है। हाल ही में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में जबलपुर को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

    शत-प्रतिशत मोटराइज्ड वाहनों से कचरा संग्रहण

    प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 7 हजार 82 से अधिक मोटराइज्ड वाहनों से कचरा संग्रहण व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। इनमें सूखे, गीले, घरेलू हानिकारक और सेनेटरी अपशिष्ट को अलग-अलग रखने के लिये कम्पार्टमेंट बनाये गये हैं। जीपीएस और पीए सिस्टम से वाहनों की निगरानी और स्वच्छता विषयों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन के लिये स्पॉट कम्पोजिटिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 850 से अधिक ठोस अपशिष्ट उत्पादकों द्वारा स्पॉट कम्पोजिटिंग की जा रही है। प्रदेश में फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता देते हुए 368 नगरीय निकायों में 399 एफएसटीपी और 20 निकायों में 55 एसटीपी संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में 401 नगरीय निकाय 368 केन्द्रीयकृत इकाइयों से कम्पोजिटिंग कर रहे हैं। सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 401 नगरीय निकायों में 360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है।

     गीले कचरे से बॉयो सीएनजी का उत्पादन

    निकायों में लीगेसी वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से खत्म करने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के 108 नगरीय निकायों के लीगेसी वेस्ट का उपचार किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण में 50 नगरीय निकायों ने अपने लीगेसी वेस्ट का पूर्ण निपटान कर लिया है। गीले कचरे की कम्पोजिटिंग के लिये कटनी और सागर में अत्याधुनिक स्व-चलित इकाइयाँ कार्य कर रही हैं। इन इकाइयों में 16 शहरों से कचरा लाकर उसे कम्पोस्ट में बदला जा रहा है। इंदौर में गीले कचरे से बॉयो सीएनजी तैयार करने के लिये 550 टन प्रतिदिन क्षमता की गोवर्धन इकाई काम कर रही है। रीवा और जबलपुर में कचरे से बिजली बनाने की इकाइयाँ भी चल रही हैं। इन इकाइयों में प्रतिदिन 950 टन कचरे का प्र-संस्करण कर 18 मेगावॉट बिजली पैदा की जा रही है। प्रदेश के 10 निकायों के लिये क्लस्टर आधारित 1019 टन प्रतिदिन क्षमता की इकाइयों के लिये केन्द्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। इंदौर और उज्जैन में 660 टन कचरे से बिजली बनाने का काम प्रस्तावित है। इस यूनिट में करीब 12.15 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। इन सब कामों से प्रदेश के नगरीय निकाय वर्ष 2027 तक कचरा प्रबंधन में आत्म-निर्भर बन सकेंगे।

    स्वच्छ सर्वेक्षण में हासिल की नई ऊँचाइयाँ

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में मध्यप्रदेश को देश के सबसे स्वच्छतम राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ है। वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे स्वच्छतम राज्य घोषित किया गया है। स्वच्छता के मामले में मध्यप्रदेश को 7 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 361 निकाय ओडीएफ डबल प्लस, 3 निकाय ओडीएफ प्लस और 7 निकाय को ओडीएफ का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। नगरीय निकायों में अपशिष्ट जल के शोधन एवं उपचारित जल के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये 7 निकायों को वाटर प्लस का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। अब तक प्रदेश के 384 निकायों द्वारा स्वयं को सीपीएचईईओ मानदण्डों के आधार पर संरक्षित शहर घोषित किया गया है।

    स्वच्छ सर्वेक्षण-2024

    खुले में शौच से मुक्त शहरों की श्रेणी में 27 शहरों को वाटर प्लस और शेष सभी शहरों को डबल प्लस, वहीं कचरा मुक्त स्टार प्रमाणीकरण के लिये सभी शहरों को कम से कम 3 स्टार से प्रमाणित किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है।

    नवाचार एवं उत्कृष्ट प्रयास

    प्रदेश में स्वच्छता विषयों के प्रति जागरूकता लाने के लिये स्वच्छता की पाठशाला नामक गतिविधि शुरू की गयी है। इसके लिये अब तक 388 प्रशिक्षण सत्रों में 44 हजार 639 सफाई मित्रों, 2004 अधिकारियों, 243 जन-प्रतिनिधियों और 200 अशासकीय संगठनों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिलाया गया है। आपसी अनुभव से सीखने की प्रक्रिया को सशक्त करने के मकसद से प्रतिदिन स्वच्छता संवाद परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। सफाई मित्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन के सहयोग से सफाई मित्रों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिये शिविर लगाये गये। इनमें 44 हजार 701 सफाई मित्रों और उनके परिवार को फायदा पहुँचाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता से जुड़े प्रमुख विषयों पर 10 से अधिक ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जा चुके हैं। हाल ही में आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में 16 प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की दिशा में 14 नगरीय निकायों और 311 निकायों में 600 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण के साथ सह एक्सपोजर विजिट कराया गया।

    source: http://www.mpinfo.org

  • Dr. Mohan Yadav: 4 हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि की दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति

    Dr. Mohan Yadav: 4 हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि की दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति

     औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई जिला नर्मदापुरम में विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र की स्थापना की स्वीकृति मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

    मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा नीमच जिले की जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 1 लाख 8 हजार 600 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृत परियोजना से नीमच जिले की नीमच तहसील के 253 गाँव की 59700 हेक्टेयर एवं जावद तहसील के 212 गाँवों की 48900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

    मंत्रि-परिषद द्वारा विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई जिला नर्मदापुरम में पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन की स्थापना एवं संचालन के लिए औद्यानिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीनस्थ संस्था एमपी इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को अधिकृत करने की स्वीकृति दी। मेन्युफेक्चरिंग जोन की स्थापना के लिए राज्य शासन की अंश राशि 93 करोड 50 लाख रूपये में से 40% राशि अर्थात राशि 37 करोड़ 40 लाख रूपये समायोजन के बाद शेष 60% राशि 56 करोड़ 10 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति विभागीय बजट अंतर्गत प्राप्त राशि से किए जाने का अनुमोदन किया गया।

    निर्णय अनुसार पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन में स्थापित होने वाली इकाइयों को प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति 2014 यथा संशोधित के अतिरिक्त अन्य सुविधाएँ दी जायेंगी। विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र में विद्युत दर राशि रुपये 4.36 प्रति यूनिट प्रथम 05 वर्ष तक और इसके बाद 3 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष वृद्धि का अनुमोदन एवं मध्यप्रदेश नियामक आयोग द्वारा स्वीकृत विद्युत दर के अंतर की राशि की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किये जाने, इकाइयों को विद्युत संयोजन दिनांक से 05 वर्षों के लिए विद्युत शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किये जानें, विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र में जल दर राशि रुपये 25 प्रति किलोलीटर प्रथम 05 वर्ष तक तत्पश्चात् 3 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष वृद्धि का अनुमोदन किया गया। पार्क में स्थापित होने वाली इकाइयों को भूमि संबंधी दस्तावेजों के लिखत प्रभार्य स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया। प्रस्तावित पार्क में इकाईयों को भूमि आवंटन हेतु स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। विकास शुल्क 35 वर्ष तक बिना कोई वृद्धि के वार्षिक दर 20 रूपये प्रति वर्ग मीटर किये जाने का अनुमोदन किया गया। भूमि प्रब्याजी रुपये 1 टोकन राशि पर भूमि आवंटित करने लीज रेंट वार्षिक दर एक रूपये प्रति वर्ग मीटर लिये जाने का अनुमोदन किया गया। प्रस्तावित पार्क में इकाईयों के भू-आवंटन हेतु प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन की अध्यक्षता में समिति के गठन का अनुमोदन किया गया।

    मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट पार्क की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत

    मंत्रि-परिषद द्वारा औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर (द्वितीय चरण), जिला मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट पार्क की स्थापना के लिए राज्य शासन की अंश राशि 111 करोड़ 4 लाख रूपये का बजट/वित्तीय अंश उपलब्ध करने की स्वीकृति दी गई। भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव, औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर (द्वितीय चरण), जिला मुरैना में कुल क्षेत्रफल 161.7 एकड़ पर मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर की स्थापना का अनुमोदन किया गया।

    प्रस्तावित क्लस्टर में मान्य गतिविधियों अंतर्गत लेदर फुटवेयर, बैग्स, बैल्ट, जैकेट, गारमेंट, लेदर एसेसरीज़ जैसे कि वॉच स्ट्रैप, नॉन-लेदर फुटवेयर एवं लेदर से संबंधित अन्य विनिर्मित/तैयार उत्पाद, मेगा लेदर, फुटवेयर एण्ड एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट क्लस्टर, जिला-मुरैना में निवेशकों को भूमि के विकास शुल्क, भूमि प्रब्याजी तथा लीज रेंट में दिये जाने वाली छूट के वित्तीय भार की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किये जाने का अनुमोदन किया गया। प्रस्तावित क्लस्टर में इकाइयों को भू-आवंटन के लिए प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की अध्यक्षता में समिति के गठन का अनुमोदन किया गया।

  • Dr. Mohan Yadav: प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की करेंगे स्थापना

    Dr. Mohan Yadav: प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की करेंगे स्थापना

    Dr. Mohan Yadav: सिंचाई परियोजनाओं का लाभ अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में समय पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने की सहकारिता विभाग और नर्मदा नियंत्रण मंडल के कार्यों की समीक्षा

    Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना की जाएगी। सोयाबीन की फसल के साथ ज्वार, बाजरा, मक्का की फसलों को भी प्रोत्साहित किया जाए। किसानों को पीएम किसान समृद्धि केंद्रों के द्वारा खाद, बीज, कृषि उपकरण, मिट्टी परीक्षण के साथ विभिन्न प्रकार की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री मनोज गुप्ता ने 4 करोड़ 27 लाख के लाभांश का चेक भेंट किया।

    बैठक में सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान, सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा 5 ऑइल मिल की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 235 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय नवाचार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत नवीन सहकारी समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंको को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए योजना तैयार करें।

    मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ के कार्यों और मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ की विभन्न लेनदारियों के संबंध में बैठक में चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि अपेक्स बैंक में राज्य शासन द्वारा 142 करोड़ रुपए की अंशपूंजी निवेशित की है। बैंक में आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। प्रदेश की 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित कोर बैंकिग सोल्यूशन प्रणाली पर कार्यरत हैं। अपेक्स बैंक को 131.83 करोड़ का संचित लाभ हुआ है। अपेक्स बैंक द्वारा राज्य शासन को विगत 4 वर्ष में 12 करोड़ 10 लाख रुपए राशि का लाभांश दिया है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम अच्छे ढंग से कराए जा रहे हैं। बुरहानपुर और खरगोन में शक्कर कारखाने कार्य कर रहे हैं।

    नर्मदा नियंत्रण मंडल की समीक्षा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सिंचाई परियोजनाओं का लाभ अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों को समय पर और सही ढंग से पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में नर्मदा नियंत्रण मंडल की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजौरा सहित वरिष्ठ अधिकारी और सदस्यगण उपस्थित थे।

    बैठक में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा हुई। परियोजनाओं की निविदा एवं स्वीकृति की जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों को सिंचाई परियोजनाओं से अधिक लाभ मिलेगा।

    seource:http://www.mpinfo.org


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