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राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन में बोले
राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष Vasudev Devnani ने कहा है कि भारत और राजस्थान में महिलाएँ पूरी तरह से सुरक्षित हैं। भारत और राजस्थान में महिलाओं की सुदृढ़ता के लिये अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। केन्द्र एवं राजस्थान राज्य की सरकार महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में प्रभावी कानून और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केन्द्र व राज्यों में महिलाओं की सुदृढ़ता के लिए चलाई जा रही योजनाओं से लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने और भेदभाव का मुकाबला करने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र में नया वातावरण बना है।राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी बुधवार को आस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला-लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 365 की सक्रियता, संसदीय प्रक्रियाओं और परम्पराओं में कृत्रिम बुद्धिमता के उपयोग अवसर और चुनौतियां तथा मानकीकरण , मानक और दिशानिर्देश- सर्वोत्तम परम्पराओं को अपनाने के माध्यम से संसद को मजबूत बनाने आदि विषयों पर सम्मेलन को संबोधित किया।लिंग आधारित भेदभाव समाप्त करने के लिए भारत प्रतिबद्ध- श्री देवनानी ने कहा कि भारत और राजस्थान लिंग आधारित भेदभाव समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए केन्द्र और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाई जा रही योजनाओं में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। सुरक्षित राष्ट्र और सुरक्षित राजस्थान के लिये केन्द्र व राजस्थान सरकार प्रत्येक दिन नये सिरे से नई परिस्थितियों के अनुरूप नई योजनाओं के साथ नये सिरे से महिला सुरक्षा का वातावरण बनाने का सफल प्रयास कर रही है।प्रधानमंत्री की महिला सुरक्षा योजनाएं बना रही है प्रभावी वातावरण- श्री देवनानी ने कहा कि भारत में केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री की महिला सुरक्षा की योजनाएँ प्रभावी वातावरण बना रही है। इन योजनाओं से महिलाएं लाभांवित हो रही हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, नारी शक्ति वंदन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, मिशन शक्ति योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, सिलाई मशीन योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना, सुकन्या समृद्धि योजना और महिला समृद्धि जैसी अनेक योजनाओं से भारत में महिलाएँ मजबूत और सुरक्षित हुई हैं। इन योजनाओं के बेहतर परिणाम समाज के सामने आ रहे है। ऐसी प्रभावशाली योजनाएँ लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा को रोकने में सफल हुई हैं।भेदभावपूर्ण कानून का मुकाबला और लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 365 दिन की सक्रियता आवश्यक- अध्यक्ष श्री देवनानी ने कहा कि एक सुरक्षित दुनिया प्रदान करने वाले सम्मेलनों के प्रति सभी राष्ट्र और राज्यों को अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करना होगा ताकि महिलाओं को पुरुषों के साथ समानता से वंचित नहीं किया जा सके और अपराधियों के प्रति अधिकारियों की जवाबदेहता सुनिश्चित हो सके। इसके लिये सभी को एकजुट होकर भेदभावपूर्ण लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।श्री देवनानी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता से विधायी मण्डलों को नियमित कार्यों को सुचालित करने और जटिल डेटा के विश्लेषण करने के नये अवसर मिले है। राजस्थान विधान सभा में सदन की कार्यवाही का सजीव प्रसारण किया जा रहा है। ई-विधान के माध्यम से विधान सभा की सभी प्रक्रियाओं को डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इससे विधान सभा के सभी कार्य पेपर लैस हो जायेंगे। विधायी मण्डलों के लिये यह नवाचार है।लोकतांत्रिक जीवन में गुणवत्ता और सुदृढ़ता के लिये अंतर संसदीय संघ और राष्ट्र मण्डलीय संसदीय संघ के मानक भारतीय लोकतंत्र के लिये महत्वपूर्ण- राजस्थान विधान सभा अध्यक्षश्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य विधान सभा के लिये राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के मानक, मानकीकरण और दिशानिर्देश महत्वपूर्ण साबित हो रहे है। इनसे निष्पक्ष प्रक्रियाओं और प्रक्रियात्मक परिणामों के मूल सिद्धांतों के पालन में सहयोग मिल रहा है। लोकतांत्रिक जीवन की गुणवत्ता को बनाये रखने और सामूहिक रूप से सार्वजनिक संस्थाओं के प्रति लोगों का विश्वास सुदृढ हो रहा है।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
Lal Chand Kataruchak: केंद्र सरकार पहले दिन से पंजाब के साथ कुटिल खेल खेल रही है
Lal Chand Kataruchak: पंजाब में क्षमता के अनुसार भरे गए गोदाम केंद्र सरकार के हैं
केन्द्र सरकार पहले दिन से ही पंजाब के साथ कुटिल खेल खेल रही है। पंजाब में क्षमता के अनुसार भरे गए गोदाम केंद्र सरकार के हैं और राज्य सरकार पिछले 6 महीनों से केंद्र सरकार को इन गोदामों से अपना स्टॉक उठाने की याद दिला रही है ताकि राज्य सरकार इनमें नई फसल का भंडारण कर सके लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
यह बात खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री Lal Chand Kataruchak ने आज यहां नरोट जैमल सिंह की अनाज मंडी में धान खरीदी प्रक्रिया का जायजा लेते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब राज्य के किसानों की फसल को केंद्रीय पूल में भेजता है।
पूरे राज्य में उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की गई हैं और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान मंडियों में स्थिति का जायजा लेने के लिए नियमित आधार पर समीक्षा बैठकें आयोजित करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस साल राज्य में धान की बहुत अच्छी और बंपर फसल देखी गई है, जिसके लिए पंजाब सरकार ने मजबूत और विस्तृत व्यवस्था की है ताकि खरीद कार्यों से जुड़े किसी भी हितधारक को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि पंजाब राज्य को केंद्रीय पूल के तहत 185 एलएमटी का लक्ष्य मिला है और राज्य सरकार ने 190 एलएमटी के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की है, अब तक पंजाब की मंडियों में 26 एलएमटी धान आ चुका है, जिसमें से 24 एलएमटी की खरीद हो चुकी है। इसके अलावा, अब तक, 4000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में जमा की गई है।
source: http://ipr.punjab.gov.in
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कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है
कृषि मंत्री Edal Kanshana श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध करायेगें। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।
मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि फसलों के लिये नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटास की आवश्यकता होती है। डीएपी से नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की ही पूर्ति हो पाती है, जबकि एनपीके के उपयोग से नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश तीनों तत्वों की पूर्ति हो जाती है। इसलिये किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा डीएपी के स्थान पर एनपीके के उपयोग की सलाह दी जा रही है।
केन्द्र सरकार ने डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ा दी है जिससे कि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो। एक बैग यूरिया की कीमत 2 हजार 265 रूपये है। जबकि सरकार इसे सस्ते दर पर किसानों को 266.50 रूपये में उपलब्ध करा रही है। इसी प्रकार डी.ए.पी की एक बैग की कीमत 2 हजार 446 रूपये है, जबकि सरकार इसे किसानों को 1 हजार 350 रूपये प्रति बैग उपलब्ध कराती है।
मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि प्रदेश में किसानों को खरीफ के मौसम में दी जाने वाली सब्सिडी की गणना करें तो यह यूरिया के लिए 7 हजार 32 करोड़ रूपये एवं डीएपी के लिये 1 हजार 258 करोड़ रूपये होगी। यह सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में डीएपी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव का कारण यूक्रेन और इजराइल संघर्ष है। इनके संघर्ष के कारण आपूर्ति में बाधाओं का सामना करना पड़ा है। फिर भी किसानों को पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई है।
मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि खरीफ 2024 में किसानों को 32.97 लाख मीट्रिक टन की मांग के विरूद्ध 33.69 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है, जबकि पिछले वर्ष खरीफ 2023 में 32.62 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया था। इसी प्रकार रबी 2024 में 41.10 लाख मीट्रिक.टन की मांग के विरूद्ध 01 अक्टूबर 2024 से अभी तक 19 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है। जिसमें 7.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 5.21 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 6.05 लाख मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध करा दिया गया है।
मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि प्रदेश में रबी 2024 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जो उर्वरकों का अग्रिम भंडारण करता है ताकि किसानों को उर्वरक की कोई कमी न हो। रबी सीजन की शुरुआत में राज्य ने पहले ही 6.55 लाख मीट्रिक टन अग्रिम भंडारण कर लिया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला है और लगातर उर्वरक प्राप्त भी हो रहे है। किसानों को उनकी मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जायेगा।
मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि “नैनो यूरिया” और “नैनो डीएपी” भी किसानों को उपयोग करने की सलाह दी गई है। फूल आने से पहले स्प्रे करने से उपज में वृद्धि होती है। किसानों को उर्वरको की बिक्री पर अन्य उर्वरक टैग करने के लिये कोई दबाव नही डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिए गए उर्वरक गुणवत्तापूर्ण हों। जहाँ भी घटिया गुणवत्ता के उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक ब्रिकी की सूचना मिलेगी, उनके विरूद्ध हम सख्त कार्रवाई करेंगे। कालाबाजारी और नकली उर्वरकों के मामले में हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे।
source: http://www.mpinfo.org
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कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana: किसानों को व्यवस्थित तरीके से हो खाद का वितरण
कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी खाद की कालाबाजारी नहीं हो।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana ने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की समस्या उत्पन्न न हो। किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण सुनिश्चित किया जाये। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री आलोक कुमार सिंह, संचालक कृषि श्री अजय गुप्ता एवं अन्य अधिकारियों के साथ प्रदेश में खाद वितरण की व्यवस्था पर चर्चा कर रहे थे।किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी खाद की कालाबाजारी नहीं हो। व्यापारियों द्वारा खाद को डंप करके न रखा जाये। उन्होंने ऐसा करते पाये जाने पर जिलों में पदस्थ उप संचालक कृषि को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि टीम बनाकर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
मंत्री श्री कंषाना ने कहा कि प्रदेश में केन्द्र सरकार से मांग कर पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति बनाई रखी जाये। जिन जिलों में खाद की रैक नहीं पहुंच रही है वहाँ पर्याप्त खाद पहुंचाने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। किसानों को कोई भी समस्या नहीं होने दी जायेगी।
source: http://www.mpinfo.org
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Universal Postal Union की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए गए
Universal Postal Union
विश्व डाक दिवस के मौके पर, केन्द्र सरकार के डाक विभाग ने Universal Postal Union (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया। डाक विभाग की सचिव सुश्री वंदिता कौल ने मेघदूत भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान, ये टिकट जारी किए। डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए इस मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने UPU की स्थायी विरासत और वैश्विक डाक सेवाओं को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
9 अक्टूबर, 1874 को बर्न, स्विटजरलैंड में स्थापित UPU आधुनिक डाक सहयोग की आधारशिला है तथा भारत इसके सबसे पुराने और सबसे सक्रिय सदस्यों में से एक है। UPU ने अंतर्राष्ट्रीय डाक विनियमनों को मानकीकृत करने, अपने 192 सदस्य देशों के बीच निर्बाध मेल एक्सचेंज सुनिश्चित करने और डाक सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केंद्रीय संचार एवं उत्तरपूर्व क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस मौके पर अपना संदेश भेजा, ‘यह बहुत गर्व की बात है कि विश्व डाक दिवस पर, भारत सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया है। UPU ने एक ऐसे विश्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ संचार की कोई सीमा नहीं है। इन टिकटों के साथ, हम नवाचार और समावेशिता के लिए भारत की साझा कटिबद्धता का आदर करते हैं और वैश्विक डाक नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भारतीय डाक विभाग की भूमिका की पुनः पुष्टि करते हैं। आइए, हम सब मिलकर दूरियाँ कम करते रहें, समुदायों को एकजुट करते रहें और राष्ट्रों के बीच संचार को बढ़ावा देते रहें।”
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, सुश्री कौल ने यूपीयू के योगदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “डाक सेवाओं में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में यूपीयू की विरासत अमूल्य है। यूपीयू की पहलों में भारत की सक्रिय भागीदारी और डिजिटल प्रगति तथा ई-कॉमर्स के जरिए डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने के हमारे प्रयासों ने वैश्विक डाक परिदृश्य में भारत की स्थिति को बेहतर बनाया है।”
इस वर्ष, विश्व डाक दिवस का आयोजन विशेष रूप से सार्थक है, क्योंकि भारतीय डाक ने राष्ट्र को अपनी 170वीं वर्ष की सेवा प्रदान की है। शहरी केंद्रों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, भारतीय डाक देश भर में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
आज जारी किए गए तीन स्मारक टिकटों का सेट भारत के यूपीयू के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है तथा सहयोग, नवाचार और समावेशिता के साझा मूल्यों का प्रतीक हैं। ये डाक टिकट दूरियों को पाटने, संचार को सुगम बनाने और दुनिया भर के लोगों को जोड़ने में डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं।
विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क के साथ-साथ, भारतीय डाक विभाग यूपीयू के मिशन के साथ तालमेल बनाए हुए है और अपनी सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है तथा विश्व भर में डाक अवसंरचना के विकास में सहयोग दे रहा है।
source: http://pib.gov.in
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CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा
CM Dr. Yadav
CM Dr. Yadav ने कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार ने विगत दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं वह पिछले तीन दशक में नहीं उठाए गए। मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना आदि राज्य संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलवादियों का खात्मा करने के लिए संकल्प बद्ध हैं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में सम्पन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्राप्त मार्गदर्शन अनुसार राज्यों द्वारा पूर्ण तालमेल के साथ कार्य किया जाएगा। विकास के मुद्दों दूरसंचार, सड़क संपर्क में वृद्धि, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर समन्वय से नक्सलवाद को समाप्त किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने संयुक्त टास्क फोर्स में वृद्धि पर भी बल देते हुए कहा कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स बढ़ाए जाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई दिल्ली में आयोजित वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद पर हुई बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह केन्द्र सरकार कार्य कर रही है उसी तरह केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह भी सक्रियता से रणनीतिपूर्वक कार्य कर रहे हैं। गृह मंत्री श्री शाह ने नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ ठोस रणनीति बनाई है। यही कारण है कि अब कार्रवाई का इंतजार नहीं करना पड़ता है और ठोस कार्रवाई हो जाती है। ऐसी कार्यवाही का परिणाम भी आता है। लगातार देश के अलग-अलग राज्यों में नक्सलवादी गतिविधियां आखिरी चरणों में पहुंच गई हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज की बैठक में जैसा केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा है कि हमें कानून के शासन को स्थापित करना है और कुशासन का अंत करना है। मुझे इस बात का संतोष है कि केन्द्र सरकार ने इस बात को माना है कि हमारी नीति जीरो टॉलरेन्स की है। इस लक्ष्य के आधार पर हम यह कहेंगे कि नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो और विकास के सभी प्रकार के आयाम स्थापित हों। खास तौर पर सुरक्षा, सड़क संपर्क, पर्यावरण, दूरसंचार और अन्य गतिविधियों का संचालन जिससे सामान्य जीवन में विश्वास बढ़े।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कठोर कार्रवाई के साथ ही पुनर्वास की दृष्टि से भी कार्यवाही होनी चाहिए, जिससे नक्सलवादी, नक्सल गतिविधियाँ छोड़ कर अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं और विकास में कदम से कदम मिलाना चाहते हैं, वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह के मार्गदर्शन में हम इस दिशा में काम करेंगे। यह भी प्रयास रहेगा कि नक्सली गतिविधियों से अव्यवस्था न हो। कानून को अपने हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं मिलेगी।
source: http://www.mpinfo.org
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CM Mann के हस्तक्षेप पर आरती ने जताया आंदोलन
CM Mann: अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, हम इस मामले को मजबूती से उठाएंगे
- कहा राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
- सरकार आढ़तियों के हितों की रक्षा के लिए सभी उपाय करेगी: सीएम मान
धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करने की अपनी वचनबद्धता के अनुरूप पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को आरतियों के साथ विचार-विमर्श किया जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन वापस लेने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री ने फेडरेशन ऑफ आरथिया एसोसिएशन ऑफ पंजाब विजय कालरा के अध्यक्ष के नेतृत्व में आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार आरतियों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आढ़तियों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जो इसके प्रति ठंडे बस्ते में पड़ रही है.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आढ़तियों की आवाज बनकर उभरेगी और केंद्र के साथ उनके मुद्दों को मजबूती से उठाएगी। उन्होंने कहा कि आढ़तियों के शुल्क में वृद्धि का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा क्योंकि इससे आढ़तियों को 192 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जनवरी 2025 तक आढ़तियों के इस नुकसान की भरपाई करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार कोई शरारत करेगी तो राज्य सरकार आरती के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को अदालतों में ले जाने में संकोच नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आढ़तियों के साथ उनके मुद्दों को हल करने के लिए हर 50 दिनों के बाद बैठकें आयोजित की जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार के पास लंबित आढ़तियों के ईपीएफ के 50 करोड़ रुपये जारी करने के मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ भी उठाएंगे।
मुख्यमंत्री ने पूरी खरीद प्रक्रिया में आढ़तियों की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि वे पूरी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण धुरी थे।
उन्होंने कहा कि आढ़तियां किसानों की अवैतनिक सीए हैं, जिनके पास उनकी उपज और वित्तीय लेनदेन सहित किसानों के सभी रिकॉर्ड हैं। भगवंत सिंह मान ने अपने जिले संगरूर के आढ़तियों के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव को भी याद किया
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह राज्य में खरीद कार्यों की देखरेख के लिए व्यक्तिगत रूप से मंडियों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान की खरीद और उठान को सुचारू और परेशानी मुक्त तरीके से सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने के इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीद सीजन के दौरान किसानों द्वारा मंडियों में लाए जाने के लिए 185 एलएमटी धान खरीदने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जा रही है और पंजाब 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रख रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आरबीआई द्वारा केएमएस 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की सीसीएल पहले ही जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस सीजन में ग्रेड ‘ए’ धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के साथ-साथ राज्य खरीद एजेंसियां जैसे पुंग्रेन, मार्कफेड, पनसप, पीएसडब्ल्यूसी भारत सरकार द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद के लिए पूरी तैयारी की गई है, यह कहते हुए कि राज्य सरकार धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद और उठान के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार ने मंडियों में आते ही किसानों की फसल खरीदने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में मौके पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र विकसित किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाजार में अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
source: http://ipr.punjab.gov.in
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CM Sharma: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य सरकार ने किसान कल्याण के लिए उठाए कई महत्वपूर्ण कदम
CM Sharma: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान योजना के तहत 9.40 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में हस्तान्तरित की 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि
- देश के किसान विकसित भारत का बड़ा आधार
- 18वीं किस्त के तहत राजस्थान के 70 लाख 36 हजार 501 किसानों को कुल 1546.6 करोड़ रुपये हस्तांतरित
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार की हर नीति और निर्णय विकसित भारत को समर्पित हैं। विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार हमारे किसान हैं, इसलिए केन्द्र सरकार देश के किसानों के हित में नित नई योजनाएं संचालित कर रही है और महत्वपूर्ण फैसले ले रही है।प्रधानमंत्री श्री मोदी शनिवार को महाराष्ट्र के वाशिम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी करने तथा कृषि एवं पशुपालन से संबंधित विभिन्न नवीन पहलों के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, भी जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास से राज्यसभा सांसद श्री मदन राठौड़ के साथ वीसी के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कृषि विकास से जुड़ी कई परियोजनाएं एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। इनसे कृषि उत्पादों के स्टोरेज, प्रोसेसिंग और प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।प्रधानमंत्री ने इस दौरान किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त के रूप में देश के 9 करोड़ 40 लाख से अधिक किसानों के खातों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की। इस योजना के तहत किसानों के खातों में प्रतिवर्ष 2-2 हजार रुपये की तीन समान किस्तों के रूप में 6 हजार रुपये जमा किए जाते हैं। योजना के तहत अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है।श्री मोदी ने इस अवसर पर पशुपालन विभाग की दो योजनाएं स्वदेशी बोवाइन सीमेन सेक्स्ड सोर्टिंग टेक्नोलोजी एवं जीनोटाइपिंग चिप भी राष्ट्र को समर्पित की। उन्होंने कृषि विकास हेतु कृषि अवसंरचना कोष की 1929 करोड़ की लागत से बनी 7519 परियोजनाओं तथा 1300 करोड़ रुपये से अधिक के कुल व्यवसाय के साथ पंजीकृत 9200 एफपीओ राष्ट्र को समर्पित किए। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र को भी कई सौगातें दीं।किसान की समृद्धि से ही होगा विकसित एवं खुशहाल राजस्थान—
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार किसानों के हित में निरन्तर कल्याणकारी फैसले कर रही है। केन्द्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से राज्य के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार द्वारा भी किसान कल्याण की दिशा में कई कदम उठाए गए क्योंकि किसान की समृद्धि से ही विकसित एवं खुशहाल राजस्थान का सपना साकार होगा। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य के किसानों को पीएम किसान योजना के 6 हजार रुपये के अतिरिक्त मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 2 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में गेहूं के 2275 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के ऊपर 125 रुपये का बोनस प्रदान कर 2400 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीद की गई है। प्रदेश में 10 हजार सौर ऊर्जा संयंत्रों, 41 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर तथा 44 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में स्प्रिंकलर संयंत्रों की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में नए कृषि कनेक्शन, किसानों को बिजली के बिलों में अनुदान, अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण तथा कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना जैसे निर्णय भी किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण निर्णय हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने तथा प्रदेश को बिजली सरप्लस राज्य बनाने के लिए 2.24 लाख करोड़ के एमओयू किए गए हैं।उल्लेखनीय है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत शनिवार को जारी की गई 18वीं किस्त के माध्यम से राजस्थान के 70 लाख 36 हजार 501 किसानों को कुल 1546.6 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।वाशिम में आयोजित इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री अजीत पवार एवं श्री देवेन्द्र फड़नवीस सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant: परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाएं
Shri T. Ravikant -जीएसआई एमईसीएल द्वारा 49 ब्लॉक तैयार, 16 की नीलामी शुरु
खान व पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant ने बताया है कि राज्य में जीएसआई और एमईसीएल द्वारा मेजर मिनरल के 49 ब्लॉक तैयार कर उपलब्ध कराए गए हैं जिसमें से 16 ब्लॉकों की नीलामी की निविदा जारी कर दी गई है वहीं अन्य ब्लॉक नीलामी पूर्व आवश्यक प्रक्रिया में हैं।प्रमुख सचिव खान श्री टी. रविकान्त सोमवार को सचिवालय में ज्वाइंट वर्किंग गु्रप जेड्ब्लूजी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जेड्ब्लूजी में केन्द्र सरकार के खान विभाग, जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, एमईसीएल, आईबीएम, वन विभाग, आरएसएमईटी के साथ ही खान व भूविज्ञान विभाग के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विपुल खनि संपदा है इसलिए एक और जहां खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देनी होगी वहीं खोजे गए खनिजों की नीलामी प्रक्रिया में तेजी लानी होगी।श्री टी. रविकान्त ने कहा कि राज्य में खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य में लगी सभी संस्थाओं को परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लानी है जिससे ओवरलेपिंग भी नहीं हो और प्रदेश की खनि संपदा का बेहतर खोज व खनन कार्य हो सके। उन्होंने बताया कि मेजर मिनरल में मुख्यतः लाईम स्टोन, कॉपर, गोल्ड, लेड जिंक आदि शामिल है और प्रदेश में इनके अच्छी मात्रा में डिपोजिट मिल रहे हैं।जेड्ब्लूजी के सदस्य सचिव व जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उप निदेशक श्री अनिंध्य भट्टाचार्य ने बताया कि जीएसआई व एमईसीएल द्वारा अब तक प्रदेश में 126 जियोलोजिकल रिपोर्ट व जियोलोजिकल मेमोरेण्डम तैयार कर प्रस्तुत किये जा चुके हैं। उन्होंने प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।बैठक में भारत सरकार के निदेशक तकनीकी श्री योगेन्द्र सिंह, जीएसआई के निदेशक श्री संजय सिंह आदि अधिकारियों ने हिस्सा लिया।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
वाणिज्य राज्यमंत्री Shri K.K. Vishnoi:प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से स्थापित हुए विकास के नए आयाम
Shri K.K. Vishnoi: प्रधानमंत्री ने आईटीआई कोर्स के लाभार्थियों एवं आमजन को वर्चुअली संबोधित किया
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से विकास के नए आयाम स्थापित हुए है। इसके माध्यम से प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में आमजन के कल्याणार्थ कई कदम उठाए है। उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री श्री के.के. विश्नोई ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की वर्षगांठ पर रामसर पंचायत समिति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्धा, महाराष्ट्र से वर्चुअली आईटीआई कोर्स के लाभार्थियों कोे वर्चुअली संबोधित किया।उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री Shri K.K. Vishnoi ने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश में विकास के नए आयाम स्थापित हुए है। लोगों की सोच में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के जरिए पूरे देश में योग्यता के आधार पर स्वरोजगार के लिए युवाओं को प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में राजस्थान राइजिंग समिट का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से प्रदेश में अधिकाधिक निवेश के साथ स्थानीय स्तर पर एवं विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवा, महिला, गरीब एवं किसान वर्ग के विकास के लिए कई योजनाएं लागू की है। इसके अच्छे परिणाम सामने आए है।उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान में आमजन ने खासा उत्साह दिखाया। राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक बजट प्रस्तुत करते हुए प्रत्येक वर्ग की खुशहाली के लिए कई विकास कार्यों की सौगात दी है। इससे पहले प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने वचुअली संबोधित करते हुए कहा कि 1932 में आज के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देगी। हजारों वर्ष पुराने गौरव को स्थापित करने की दिशा में केन्द्र सरकार काम कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार की ओर से आमजन के कल्याणार्थ किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से अवगत कराया।अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने एवं आमजन को जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से प्रत्येक तबके को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमी सरकारात्मक सोच के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं का फायदा उठाएं। समाजसेवी दिपीप पालीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी उन्मूलन के लिए वृहद स्तर पर कार्य किया है। इससे कमजोर तबके को आर्थिक संबल मिलने के साथ उनके जीवन स्तर पर में सुधार आया है। सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का वास्तविक रूप से फायदा अंतिम पंक्ति में जरूरमंद व्यक्ति तक पहुंचे।समाजसेवी स्वरूपसिंह खारा ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के जरिए पुरातन परंपरा को पुर्नजीवित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मौजूदा समय में परंपरागत व्यवस्था में नवाचार करने की जरूरत है। उन्होंने आमजन से सरकारी योजनाओं से लाभांवित होने की बात कही। इस दौरान संयुक्त निदेशक गौरी शंकर ने बताया कि रामसर आईटीआई में 68 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इन लाभार्थियों ने पहले भी प्रशिक्षण प्राप्त किया था। अब इनको अपग्रेड प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पहले राज्यमंत्री के.के.विश्नोई का कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर बालिकाओं ने परंपरागत रूप से स्वागत किया। इसके उपरांत उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ लाभार्थियों से रूबरू होकर जन कल्याणकारी योजनाओं से हुए फायदे के बारे में जाना। रामसर पंचायत समिति परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपखंड अधिकारी अनिल कुमार जैन, प्रधान श्रीमती वगतु देवी, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी दिलीप जैन,जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक अनंत आर्य,विकास अधिकारी विक्रम जांगिड़, अग्रणी जिला प्रबंधक राजकुमार मीणा, जीतेन्द्रसिंह सेतराउ, सफी खान समेत विभिन्न जन प्रतिनिधिगण, विभागीय अधिकारी एवं लाभार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन रघुवीरसिंह तामलोर ने किया।लाभार्थियों को प्रमाण पत्र एवं चौक वितरित –
उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने रामसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रमाण पत्र एवं ऋण के चेक वितरित किए गए। राज्यमंत्री श्री विश्नोई ने रामसर आईटीआई में पौधारोपण भी किया।source: http://dipr.rajasthan.gov.in