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  • केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    Shivraj Singh Chouhan: किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई,  उन्होंने कई रचनात्मक सुझाव दिये

    • किसानों ने एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसानों को लाभकारी खेती के लिए मॉडल कृषि फार्मिंग के प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया : श्री चौहान
    • किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे, राज्यों को संबंधित विषय भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे : श्री चौहान
    • किसानों से संवाद बहुत उपयोगी, संवाद से हमें मिल रही मूल समस्याओं की जानकारी, साथ ही शासकीय योजनायें भी किसानों तक पहुंच रहीं : केंद्रीय मंत्री श्री चौहान
    • हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को किसान हितैषी निर्णय के लिए अभिनंदन और शुभकामनायें श्री चौहान

    केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और उनके सदस्यों व अलग-अलग राज्यों के अनेकों किसान प्रतिनिधियों व किसानों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई है। श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये गये सभी प्रयासों सहित पिछले कल रबी की एमएसपी बढ़ाने की जानकारी किसानों को दी गई। किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की व कई रचनात्मक सुझाव दिये। किसानों ने कहा कि मॉडल कृषि फार्म (मॉडल कृषि फार्मिंग) बनना चाहिए जिसमें यह जानकारी दी जाये कि एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसान कैसे खेती करें और किस तरह से उसी में लाभकारी खेती करें? किसानों ने एक एकड़ वाले फार्म में ही लाभकारी खेती कर रहे किसानों के उदाहरण भी दिये। उन्होंने पानी पहॅुंचाने, उर्वरकों के प्रयोग, मिट्टी को स्वस्थ बनाना, प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान के कारण परेशानियां, चीनी मिलों के बंद होने और आवारा पशुओं की समस्याओं आदि को लेकर चर्चा की। किसानों ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने को लेकर भी सुझाव दिये हैं।

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    केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार से संबंधित विषय राज्यों को भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे। किसानों से संवाद बहुत उपयोगी है। इस संवाद से हमें मूल समस्याओं की जानकारी सीधे किसानों से मिल रही है। साथ ही, शासकीय योजनाओं को भी किसानों तक पहुंचा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को सभी 23 फसलों को घोषित एमएसपी पर खरीदने का फैसला लेने पर धन्यवाद देता हूं व अभिनंदन करता हूँ। इस किसान हितैषी निर्णय के लिए उनका अभिनंदन और उन्हें शुभकामनायें।

    source: http://pib.gov.in

  • Union Minister Chouhan: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कल महाराष्ट्र के वाशिम से पूरे देश के किसानों के खाते में पीएम किसान निधि की 18वीं किश्त जारी  करेंगे

    Union Minister Chouhan: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कल महाराष्ट्र के वाशिम से पूरे देश के किसानों के खाते में पीएम किसान निधि की 18वीं किश्त जारी  करेंगे

    Union Minister Chouhan: राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन के अन्तर्गत पूरे देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जायेगी

    किसानों के हित व खाद्य सुरक्षा की रक्षा करने के लिए कैबिनेट ने कल 1 लाख करोड़ रूपये की प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नत योजना को मंजूरी दी : केन्द्रीय मंत्री

    Union Minister Chouhan ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किश्त जारी करने और केंद्रीय कैबिनेट द्वारा कृषि से संबंधित लिये गये दो महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर भोपाल में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कल महाराष्ट्र के वाशिम से पूरे देश के किसानों के खाते में पीएम किसान निधि की 18वीं किश्त जारी करेंगे। पिछले 120 दिनों में किसानों के कल्याण के लिए समर्पित मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनेकों किसान हितैषी फैसले किये हैं और आगे भी यह जारी रहेंगे। हमारी छह सूत्रीय रणनीति- उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधिकरण, वेल्यू एडिशन और प्राकृतिक खेती है। किसानों को ठीक दाम मिलें इसके लिए पिछले दिनों कुछ बड़े निर्णय लिये गये हैं।

    केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में आयात होने वाले खाद्य तेलों को लेकर लिये गये फैसले से तिलहन के उत्पादन और उसकी कीमतों पर व्यापक असर पड़ रहा है। आयात होने वाले खाद्य तेलों – सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी, तिल पर पहले 0 % आयात शुल्क था लेकिन अब वह साढ़े 27 % हो गया है। पहले सस्ता पाम ऑयल मध्य प्रदेश में आ रहा था उसके कारण ही सोयाबीन के दाम भी काफी कम हुए थे। इस फैसले से औसत 500 रूपये प्रति क्विंटल सोयाबीन के दाम बढ़े हैं और दाम बढ़ने का क्रम भी जारी है। सरकार ने भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने का फैसला किया है ताकि किसानों को सही दाम दिये जा सकें। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्य भी खरीद करेंगे और उसके सामान्तर भावान्तर भुगतान योजना भी जारी रहेगी।

    श्री चौहान ने बताया कि बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क लगा हुआ था जिसके कारण निर्यात महंगा हो गया था। बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है। ग़ैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा लिया है जिसके कारण भी किसानों को धान के दाम बेहत्तर मिलेंगे। प्याज़ पर निर्यात शुल्क 40 % था उसे भी 20 % कम कर दिया गया है। ये सभी फैसले इसलिए किये गये हैं कि किसान को ठीक दाम मिल सके।

    श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कैबिनेट ने कल खाद्य तेलों को लेकर बड़ा फैसला किया है। 10 हजार 1 सौ तीन करोड़ 38 लाख रूपये की लागत से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है। देश में खाद्य तेलों का उत्पादन काफी कम होता है। आईसीएआर-ICAR द्वारा बनाये जाने वाले ब्रीडर सीड – उन्नत बीज, सर्टिफाइड सीड, फाउंडेशन सीड किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिए पूरे देश में 600 कलस्टर बनाये जायेंगे। 21 राज्यों के 347 ज़िलों में जहां ऑयल सीड-तिलहन का उत्पादन होता है उन्हें विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन कलस्टर में किसानों को मुफ्त में बीज, नई तकनीक द्वारा अधिक उत्पादन की ट्रेनिंग और किसानों के उत्पादन की 100 फीसदी खरीद की जायेगी। इस मिशन के अन्तर्गत इस तरह की सुविधायें दी जायेंगी। पूरे देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जायेगी। हर साल ये 10 लाख हेक्टेयर का क्षेत्र बदला जायेगा। 7 सालों में लगभग 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस योजना के अन्तर्गत लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि उन्नत बीजों की कमी पूरा करने के लिए 65  नये बीज केंद्र बनाये जायेंगे, अभी यह केंद्र 35 हैं कुल 100  केंद्र बनाये जायेंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाईयां भी बनाई जायेंगी। उन राज्यों पर हम ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं जहां किसान केवल एक फसल ही लेते हैं। इंटर क्रॉपिंग का भी प्रयोग किया जायेगा।

    श्री चौहान ने बताया कि किसानों के हित व खाद्य सुरक्षा की रक्षा करने के लिए कैबिनेट ने कल 1 लाख करोड़ रूपये की एक और योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नत योजना बनाई गई हैं। इन योजनाओं में कुल मिलाकर 1 लाख 1 हजार 321 करोड़ 61 लाख रूपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत मृदा स्वस्थ प्रबंधन, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, कृषि वानिकी, परंपरागत कृषि को बढ़ावा देना, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि का यंत्रिकरण, पर ड्रॉप मोर क्रॉप, क्रॉप डायवर्सिफिकेशन-फसल विविधिकरण, कृषि र्स्टाअप के लिए निधि शामिल है। कृषि उन्नत योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, कृषि विस्तार पर उप मिशन, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, डिजिटल कृषि मिशन और कृषि जनगणना अर्थशास्त्र और सांख्यिकी इस पर भी एकीकृत योजनायें बनेंगी। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को लचीला रखा गया है। राज्य अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी योजना को ले सकते हैं और उसमें पैसा लगा सकते हैं और इन सभी योजनाओं के लिए स्वीकृति भी एक बार में ही हो जायेगी। इन योजनाओं से उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी, साथ ही खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे।

    उन्होंने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन के बहुत फायदे होंगे। इससे रिकॉर्ड में हेराफेरी नहीं हो सकेगी, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से फसल के नुकसान का आंकलन होने से फसल बीमा योजना का पूरा लाभ मिलेगा। किसानों को डिजिटल माध्यम से जितना लाभ दिया जा सकता है उतना देने के प्रयत्न जारी हैं। स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को ड्रोन दिये गये हैं। ड्रोन में बैटरी जल्दी खत्म होने की समस्या आ रही है तो उन्हें अब ड्रोन की 5 बैटरी दी जायेंगी।

    source: http://pib.gov.in


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