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  • CM Dr. Yadav के मुख्य आतिथ्य में वन समितियों का सम्मेलन 9 अक्टूबर को

    CM Dr. Yadav के मुख्य आतिथ्य में वन समितियों का सम्मेलन 9 अक्टूबर को

    CM Dr. Yadav: 57 करोड़ 42 लाख के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन करेंगे

    CM Dr. Yadav के मुख्य आतिथ्य में श्योपुर जिले की तहसील वीरपुर मुख्यालय स्थित कृषि उपज मण्डी परिसर में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का जागरूकता सम्मेलन होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 18 करोड़ 94 लाख रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं 38 करोड़ 48 लाख रुपये के विकास कार्यों का भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा वन समिति के सदस्यों के बच्चों को स्कूल बैग का वितरण भी किया जायेगा।

    कार्यक्रम में अध्यक्ष विधानसभा श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री राकेश शुक्ला, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री ऐदल सिंह कंषाना, खजुराहो सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा, मुरैना-श्योपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर, उपाध्यक्ष सहरिया अभिकरण राज्य मंत्री दर्जा श्री सीताराम आदिवासी और आम नागरिक उपस्थित रहेंगे।

    इन विकास कार्यों का होगा लोकार्पण

    शासकीय महाविद्यालय ढोढर लागत 4 करोड़ 34 लाख, एसडीएम कार्यालय कराहल लागत एक करोड़ 31 लाख, जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेसईपुरा में 10 अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य लागत 3 करोड़ 78 लाख, तहसील वीरपुर में नल-जल योजना लागत 5 करोड़ 39 लाख, ग्राम बड़गाँव नल-जल योजना लागत एक करोड़ 82 लाख, ग्राम आसीदा नल-जल योजना लागत एक करोड़ 30 लाख और ग्राम कुडायथा नल-जल योजना लागत एक करोड़ 30 लाख के विकास कार्य शामिल हैं।

    विकास कार्यों का होगा भूमि-पूजन

    पीएम जन-मन योजना में श्योपुर विकासखण्ड के 6 ग्रामों में मल्टीपर्पस सेंटर निर्माण लागत 3 करोड़ 60 लाख, विजयपुर एवं कराहल विकासखण्ड क्षेत्र के 18 ग्रामों में मल्टीपर्पस सेंटर का निर्माण कार्य लागत 10 करोड़ 80 लाख और तहसील विजयपुर में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन निर्माण कार्य लागत 24 करोड़ 8 लाख रुपये के कार्य शामिल हैं।

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  • CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा

    CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा

    CM Dr. Yadav

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार ने विगत दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं वह पिछले तीन दशक में नहीं उठाए गए। मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना आदि राज्य संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलवादियों का खात्मा करने के लिए संकल्प बद्ध हैं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में सम्पन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्राप्त मार्गदर्शन अनुसार राज्यों द्वारा पूर्ण तालमेल के साथ कार्य किया जाएगा। विकास के मुद्दों दूरसंचार, सड़क संपर्क में वृद्धि, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर समन्वय से नक्सलवाद को समाप्त किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने संयुक्त टास्क फोर्स में वृद्धि पर भी बल देते हुए कहा कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स बढ़ाए जाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं रहेगी।

  • CM Dr. Yadav: भारत विश्व गुरु के रूप में शिक्षक परंपरा को स्थापित करना चाहता है

    CM Dr. Yadav: भारत विश्व गुरु के रूप में शिक्षक परंपरा को स्थापित करना चाहता है

    CM Dr. Yadav: राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज के मार्ग पर चलने से ही शिक्षा व्यवस्था होगी बेहतर

    • शिक्षा, धर्म का पुनर्रागमन और मानव मन व इन्द्रियों की स्वामिनी है
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा भूषण अखिल भारतीय सम्मान समारोह को किया संबोधित

    CM Dr. Yadav ने कहा कि गुरुकुल परंपरा हमारे देश की शिक्षा का आधार रही है। शिक्षक हमेशा पूज्य थे और पूज्य रहेंगे। भारत विश्व गुरु के रूप में उस शिक्षक परंपरा को स्थापित करना चाहता है, जो गुरुकुल परंपरा चाणक्य से चंद्रगुप्त तक और चंद्रगुप्त से विक्रमादित्य तक हर जगह, हर समय, हर काल में कायम रही है। मुख्यमंत्री रविवार को रवीन्द्र भवन सभागार में शिक्षा भूषण अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन मध्यप्रदेश शिक्षक संघ द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री सुरेश सोनी, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह, राज्यसभा सदस्य स्वामी उमेश नाथ जी महाराज कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा भूषण अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान -2024 से डॉ. रामचंद्रन आर., प्रोफेसर के.के. अग्रवाल और प्रोफेसर कुसुमलता केडिया को सम्मानित किया।

    गुरु और गुरुकुल परंपरा में गुरु का विशेष महत्व

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज के उद्देश्य से आयोजित शिक्षक समारोह के आयोजन में शैक्षिक फाउंडेशन और अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत की गुरु और गुरुकुल परंपरा में गुरु का बड़ा महत्व है। इतिहास में जब भी कोई प्रश्न खड़े हुए तो गुरु की भूमिका सामने आई। यदि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को गुरु वशिष्ठ वनवास के लिए नहीं ले जाते तो रामायण में राम का चरित्र अधूरा रहता। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा में गुरु सांदीपनि का उज्ज्वल चरित्र शिष्यों के लिए अनुकरणीय और चुनौतियों में प्रेरणा का स्रोत रहा है।

    शिक्षा न तो सत्ता की दासी है और न ही कानून की किन्करी

    अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री सुरेश सोनी ने कहा कि वास्तव में विकास तभी हो सकता जब हमारे आसपास के परिवेश और जीवन मूल्यों का विकास हो। उन्होंने 1928 में गुजरात विद्यापीठ में दिए गए काका कालेलकर के संबोधन को उद्घृत करते हुए कहा कि शिक्षा ने अपने स्वरूप की व्याख्या करते हुए कहा कि शिक्षा न तो सत्ता की दासी है और न ही कानून की किन्करी है, न ही यह विज्ञान की सखी है औप न ही कला की प्रतिहारी यह अर्थशास्त्र की बांदी, शिक्षा तो धर्म का पुनर्रागमन है, यह मानव के हृदय, मन और इन्द्रियों की स्वामिनी है। मानव शास्त्र और समाज शास्त्र, इनके दो चरण हैं, तर्क और निरीक्षण शिक्षा की दो आँखें हैं, विज्ञान मस्तिष्क, इतिहास कान और धर्म शिक्षा के हृदय है। श्री सोनी ने बताया कि काका कालेलकर ने अपने संबोधन में कहा था कि उत्साह और उद्यम शिक्षा के फेफड़े हैं। शिक्षा ऐसी जगत जननी जगदम्बा है, जिसका उपासक कभी किसी का मोहताज नहीं होगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।”

    काका कालेलकर के चिंतन के अनुरूप देश में शिक्षा का वातावरण बनाना जरूरी

    श्री सोनी ने कहा कि मूल्य परक शिक्षा-भारत केंद्रित शिक्षा, शिक्षकों के सामाजिक सम्मान और संस्कारों पर जोर देने वाली शिक्षा के लिए सामूहिक रूप से विचार करते हुए काका कालेलकर द्वारा दिए गए चिंतन के अनुरूप देश में शिक्षा का वातावरण बनाने के लिए प्रयास करने होंगे। इसी से 2047 तक विश्व के रंग मंच पर भारत, प्रमुख नेतृत्व कर्ता के रूप में स्थापित होगा। कार्यक्रम में पुरुस्कृत डॉ. रामचंद्रन आर., प्रोफेसर के.के. अग्रवाल और प्रोफेसर कुसुमलता केडिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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  • CM Dr. Yadav: कन्या-पूजन मातृ-शक्ति की आराधना का प्रतीक

    CM Dr. Yadav: कन्या-पूजन मातृ-शक्ति की आराधना का प्रतीक

    CM Dr. Yadav: विशाल कन्या-पूजन कार्यक्रम में हुए शामिल

    सेवा भारती द्वारा गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में आयोजित किया गया कार्यक्रम

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नवरात्रि पर होने वाला कन्या-पूजन मातृशक्ति की आराधना का प्रतीक है। साथ ही नवरात्रि, जीवन में ऋतु परिवर्तन की महत्ता को भी स्थापित करती है। सनातन परंपरा में विद्यमान उपवास की अवधारणा और उसके लाभ को आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था भी स्वीकार करती है। भारतीय संस्कृति मातृसत्ता की महत्ता को नमन करती है। हमारी संस्कृति में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी और मां लक्ष्मी को धन संपदा की देवी के रूप में पूजा जाता है। भारतीय संस्कृति भोजन और भाव दोनों को महत्व देती है यह स्व से संपूर्ण ब्रह्मांड को एकाकार करने के विचार पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सेवा भारती महावीर मंडल भोपाल द्वारा गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में आयोजित विशाल कन्या-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्प वर्षा कर कन्याओं का स्वागत और विधि-विधान से उनका पूजन भी किया।

    नवदुर्गा शक्ति संचय का पर्व है

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति जीव मात्र से प्रेम और शांति का संदेश देती है। यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों और देश का सामर्थ्य ही है, जिसके परिणामस्वरूप विश्व, शांति के लिए भारत की ओर देखता है। रूस-यूक्रेन युद्ध हो या ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष, शांति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर सभी देश आशा से देख रहे हैं। यह हम सबके लिए गौरव का विषय है। नवदुर्गा शक्ति संचय का पर्व है, देश भी शक्ति सम्पन्न हो तथा अधिक से अधिक शक्ति संचय की ओर हम अग्रसर हों, इसी उद्देश्य से सेवा भारती संस्था समाज के सभी वर्गों के कल्याण और हित संवर्धन के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवरात्रि, दशहरा और दीपावली की सभी को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर सेवा भारती के श्री रवि सेठी, श्री विमल त्यागी, गोविंदपुरा क्षेत्र के उद्योगपति, जन-प्रतिनिधि एवं समाजसेवी उपस्थित थे।

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  • CM Dr. Yadav: रानी दुर्गावती जयंती अद्वितीय मनी

    CM Dr. Yadav: रानी दुर्गावती जयंती अद्वितीय मनी

    CM Dr. Yadav ने विजिटर पंजी में लिखा अद्भुत दृश्य मंत्रीगण के साथ आना इतिहास बना

    • पर्यटन की दृष्टि से नए केलेवर में रानी दुर्गावती से जुड़े स्थल विकसित होंगे
    • मुख्यमंत्री ने सिंगौरगढ़ किले के हाथी दरवाजा का भ्रमण कर प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

    वीरांगना रानी दुर्गावती की  500वीं जयंती पर CM Dr. Yadav ने दमोह जिले के जबेरा तहसील स्थित सिंगौरगढ़ के किले के हाथी दरवाजा का भ्रमण किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रानी दुर्गावती के इतिहास पर केन्द्रित पुरातत्व विभाग की प्रदर्शनी का फीता काटकर और दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रीगणों के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन कर रानी दुर्गावती के इतिहास और शौर्य से रू-ब-रू हुए। मुख्यमंत्री ने हाथी दरवाजा पर विजिटर पंजी में लिखा कि अद्भुत दृश्य, ऐतिहासिक किला, रानी दुर्गावती  और अन्य पुरातत्व महत्व के स्थानों पर आकर खासकर मंत्रीगणों के साथ आना अत्यंत आनंददायक रहा। इतिहास बना। रानी दुर्गावती जयंती अद्वितीय मनी। मंत्रीगणों द्वारा भी शुभकामनाएं लिखी गई।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती की जयंती एक ऐतिहासिक दिन है। कई योजनाएं भी रानी दुर्गावती के नाम पर संचालित होगी। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर प्रदेश और देश से लोग आएं तथा रानी दुर्गावती के गौरवान्वित करने वाले इतिहास से अवगत हो। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रीगणों को बधाई दी और कहा कि पर्यटन की दृष्टि से इस स्थल को नए केलेवर में विकसित किया जाएगा।

    किले की उम्र कई सौ साल होने के बाद भी उसकी दीवारें आज भी मजबूती से खड़ी हैं। रानी महल, हाथी दरवाजे, स्नान के लिए किले के अंदर बने जलाशय और किले की पहाड़ियों में बने गुप्त रास्तों का रहस्य आज भी पहेली लगता है। किले के मुख्य हाथी दरवाजे से कुछ दूरी पर सिंगौरगढ़ जलाशय है यहां आज भी बारह महीने पानी रहता है। रानी दुर्गावती की वीरता के किस्से और प्रसिद्धि अब भी चहुंओर फैली है।

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  • CM Dr. Yadav: सिंग्रामपुर के लिये 5 अक्टूबर का दिन होगा अभूतपूर्व

    CM Dr. Yadav: सिंग्रामपुर के लिये 5 अक्टूबर का दिन होगा अभूतपूर्व

    CM Dr. Yadav

    • रानी दुर्गावती के सिंहासन कक्ष से प्रेरित पहली ओपन-एयर कैबिनेट
    राज्य शासन द्वारा मातृ शक्ति को पूर्ण सम्मान देते हुए स्वतंत्रता संग्राम, सुशासन, साहस जैसे क्षेत्रों में राष्ट्र के लिये योगदान के साथ प्राणोत्सर्ग करने वाली वीरांगनाओं, शासिकाओं की स्मृति को स्थायी बनाये रखने के लिये विविध प्रयास किए जा रहे हैं। पहले इंदौर में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयन्ती समारोह पूर्वक मनाई गई। अब रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की बैठक दमोह के सिंग्रामपुर में उनकी जयंती पर की जा रही है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पूरा मंत्री मण्डल और उच्च प्रशासनिक अमला 5 अक्टूबर का दिन दमोह के सिंग्रामपुर में बितायेंगे। यहां कैबिनेट बैठक के साथ सभी मंत्रीगण विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

    सिंग्रामपुर में होने वाले प्रमुख कार्यक्रम

    • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक।

    • प्रदेश की लाड़ली बहना योजना में पात्र हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण।

    • सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण।

    • प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की हितग्राही बहनों के खाते में अनुदान राशि का अंतरण।

    • विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन।

    • ग्राम हरदुआ जामशा विकासखंड बटियागढ़ के उत्कृष्ट विद्यार्थियों का सम्मान।

    • सिंगौरगढ़ किला, निदानकुण्ड जल प्रपात, प्राचीन दुर्गा माता मंदिर का भ्रमण।

    कैबिनेट स्थल का डिजाईन रानी दुर्गावती के किले की भव्यता को करेगा प्रतिबिंबित

    रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में, सिंग्रामपुर में एक भव्य ओपन-एयर कैबिनेट बैठक होगी, जो रानी दुर्गावती के सुशासन, उनकी कार्यकुशलता और महिलाओं के सशक्तिकरण से प्रेरित है। इस बैठक का डिज़ाइन रानी दुर्गावती के किले की भव्यता को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें एक किला-नुमा प्रवेश द्वार और शिव मंदिर भी शामिल हैं।

    यह पहली बार है जब कैबिनेट की बैठक एक खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में आयोजित की जा रही है, जो रानी दुर्गावती के समय की स्थापत्य कला से प्रेरित है। यहां की आर्किटेक्चरल छत और दीवारें रानी के जीवन की संपूर्ण यात्रा को जीवंत रूप से प्रस्तुत करेंगी, जिसमें नारी युद्ध, प्रगतिशील शासन, और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा।

    इस आयोजन की डिज़ाइन में शानदार पत्थर की दीवारें, मेहराबदार खिड़कियाँ और एक मध्यकालीन किले की प्रामाणिकता को दर्शाने वाले तत्व शामिल होंगे। सजावट गोंड कला से प्रेरित होगी, जो रानी दुर्गावती के सिंग्रामपुर क्षेत्र के गोंड समुदाय के साथ उनके गहरे संबंध को उजागर करेगी।

    खाद्य क्षेत्र को एक पारंपरिक गोंड गाँव के आँगन की तर्ज पर सजाया गया है, जहाँ मेहमान पेड़ों के नीचे बैठकर, हटा से लाए गए प्राचीन कांसे के बर्तनों में परोसा गया भोजन का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, मंत्रियों के लिए विशेष कार्यालय गोंड कला और भित्ति चित्रों से प्रेरित होकर बनाए जा रहे हैं, जो कार्य-क्षमता और सांस्कृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम प्रस्तुत करेंगे।

    सिंग्रामपुर के भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों का स्वागत स्थानीय जनजातीय सांस्कृतिक टीम द्वारा पारंपरिक शैली में किया जाएगा, जो क्षेत्र की अनोखी परंपराओं और जीवंत आत्मा को उजागर करेगा।

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  • CM Dr. Yadav: विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव

    CM Dr. Yadav: विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव

    CM Dr. Yadav

    • प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश आत्मविश्वास के साथ निरंतर बढ़ रहा आगे
    • देश की युवा शक्ति भविष्य के भारत के ध्वजवाहक है
    • वीआईटी भोपाल यूनिवर्सिटी का 5वां वार्षिक दीक्षांत समारोह सम्पन्न

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। मात्र पाठ्यक्रम तक सीमित रहने वालों को शिक्षक कहा जा सकता है, परंतु जो विद्यार्थी के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देते हैं, उन्हें सम्मानपूर्वक गुरु का संबोधन प्राप्त होता है। विश्वविद्यालय, विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक वातावरण, सुविधा और मार्गदर्शन उपलब्ध कराते हैं, इसलिये प्रदेश के विश्वविद्यालय के कुलपति को कुलगुरु का संबोधन प्रदान किया गया है, जो भारतीय परंपरा के अनुकूल है। शैक्षणिक संस्थाओं का उत्साह से भरपूर वातावरण और दीक्षांत समारोह की गरिमा विद्यार्थियों में आत्म-विश्वास का संचार करती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कोठरीकलां जिला सीहोर में वीआईटी भोपाल यूनिवर्सिटी के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में महिला छात्रावास ब्लॉक-2 एवं पुरूष छात्रावास ब्लॉक-6 का लोकार्पण भी किया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में से एक है। यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का प्लेसमेंट सुनिश्चित है। यहाँ भोपाल सहित अमरावती, वेल्लोर, तमिलनाडु के विश्वविद्यालय भारतीय युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरदर्शिता के अनुरूप है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश आत्मविश्वास के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के जननायक प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्व में भारत की साख को स्थापित किया है। उनका स्वयं का नीर क्षीर जीवन देश को समर्पित है, वे एक-एक पल देश के विकास और जन-कल्याण के लिए सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी, अद्यतन तकनीक का उपयोग करते हुए देश की युवा पीढ़ी को वैश्विक मानकों के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम बनाने के लक्ष्य को समर्पित हैं। उनकी मंशा और भावना के अनुरूप वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज विदेशी विद्यार्थी भी हमारी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन के लिए आ रहे हैं। देश की युवा शक्ति भविष्य के भारत की ध्वज वाहक है। भारत में वैज्ञानिक सोच और ज्ञान परंपरा प्राचीन काल से ही पर्याप्त संपन्न रही है, इसके पर्याप्त उदाहरण हमारे प्राचीन ग्रंथो में मिलते हैं। कोविड काल की कठिन परिस्थितियों से संघर्ष में भारत ने अपनी सामर्थ्य और बौद्धिक क्षमता से संपूर्ण विश्व को परिचित कराया। जी-20, आसियान आदि सभी मंचों पर भारत ने अपनी क्षमता का परिचय दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 में विश्व में 11वें स्थान पर थी, जो अब चौथे स्थान पर है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अगले 5 साल में भारत विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों का आहृवान करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ ही दीक्षा अर्थात सबको जोड़कर चलते हुए, अपने परिवार-समाज और देश के लिए समर्पित भाव से कार्य करते हुए आगे बढ़े। यह सौभाग्य की बात है कि संस्थान में अध्यनरत देश के अलग-अलग भागों के विद्यार्थियों का मध्यप्रदेश से संबंध जुड़ा है। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए आशीष और शुभकामनाएं दी।

     मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अंग वस्त्रम पहना कर स्वागत किया गया। उन्होंने एक पौधा भी लगाया। दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी की स्थापना, संचालित अकादमी गतिविधियों , विद्यार्थियों की उपलब्धियों और विस्तार योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, विधायक श्री सुदेश राय, विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर, वीआईटी. समूह के संस्थापक सह चांसलर डॉ. जी. विश्वनाथन तथा रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के प्रेसिडेंट डॉ. रवि पी गांधी सहित वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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  • CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सरकार जनजातियों के समग्र विकास के लिये तत्पर

    CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सरकार जनजातियों के समग्र विकास के लिये तत्पर

    CM Dr. Yadav: 23.4 प्रतिशत बढ़ाया गया जनजातीय विभाग का बजट

    CM Dr. Yadav की जनजातीय वर्ग के कल्याण और इन्हें समर्थ बनाने की संवेदनशील पहल पर वित्त वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित जनजाति (उप योजना) के लिये 40 हजार 804 करोड़ रूपये का बजट पारित किया है। जनजातियों के समग्र विकास के लिये पारित यह बजट वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 3,856 करोड़ रूपये (करीब 23.4 प्रतिशत) अधिक है। जनजातीय बंधुओं और इनकी पुरा संस्कृति के संरक्षण और समयानुकूल विकास के लिये सरकार द्वारा अनेक नवाचारी कदम उठाये जा रहे हैं। सरकार के प्रयासों से ही जनजातीय वर्ग के विद्यार्थी, युवा, खिलाड़ी और कलाकार अब विकास की एक नई राह पर चल पड़े हैं।

    पीएम जन-मन अभियान

    प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) में विशेष रूप से पिछड़े एवं कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सर्वांगीण विकास के लिये भी मध्यप्रदेश सरकार अत्यंत संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, भारिया एवं सहरिया निवास करती हैं। पीएम जन-मन में इन विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल क्षेत्रों में बहुउद्देश्यीय केन्द्र, ग्रामीण आवास, ग्रामीण सड़क, समग्र शिक्षा एवं विद्युतीकरण से जुडे कार्य कराये जा रहे हैं। सरकार ने जारी साल के बजट में इन कामों के लिये 1,607 करोड़ रूपये दिये हैं।

    पीवीटीजी बटालियन

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्णय लिया है कि जनजातीय कार्य विभाग की शौर्य संकल्प योजना के अंतर्गत प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह बैगा, भारिया एवं सहरिया के लिये अलग से बटालियन गठित की जायेगी। साथ ही इस समूह के इच्छुक युवाओं को पुलिस, सेना एवं होमगार्ड में भर्ती कराने के लिये आवश्यक प्रशिक्षण दिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के युवाओं को रोजगार एवं सेवा से जोड़ने के लिये पीवीटीजी बटालियन बनाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश में बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति पीवीटीजी समूह में आती हैं। इसी प्रकार आर्म्ड फोर्सेस में भर्ती के लिये प्रशिक्षण योजना में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के युवाओं को नेवी, आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, पुलिस, होमगार्ड एवं अन्य निजी सुरक्षा एजेन्सियों में भर्ती कराने के लिये इन्हें प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

    आहार अनुदान योजना

    मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पीवीटीजी आहार अनुदान योजना में इन जनजातीय परिवारों की महिला मुखिया को 1,500 रूपये प्रतिमाह पोषण आहार अनुदान राशि दी जाती है। इसके लिये सरकार ने बजट 2024-25 में 450 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं। बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजातीय परिवारों के समग्र विकास के लिये मध्यप्रदेश सरकार 2024-25 में 100 करोड़ रूपये अतिरिक्त व्यय करेगी। पीवीटीजी क्षेत्रों में 217 नये आंगनवाड़ी भवन बनाये जा रहे हैं। इसके लिये बजट में 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

    रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी की जायेगी स्थापित

    जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिये राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। जनजातीय विद्यार्थियों को बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित कराने के लिये फ्री-कोचिंग दी जायेगी। इसके लिये सरकार प्रदेश के सभी जनजातीय विकासखंडों में रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। इस अकादमी के जरिये जनजातीय विद्यार्थियों को जेईई, नीट, क्लेट और यूपीएससी जैसी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की बड़ी परीक्षाओं के लिए फ्री कोचिंग देकर इन्हें परीक्षाओं में सफल होने के गुर सिखाए जायेंगे। शासन से स्वीकृति मिलते ही रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी प्रारंभ कर दी जायेंगी।

    आकांक्षा योजना “एक सराहनीय पहल”

    वर्तमान में जनजातीय विद्यार्थियों को ‘आकांक्षा योजना’ के अंतर्गत जेईई, नीट, क्लेट की तैयारी के लिये भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में कोचिंग दी जा रही है। अखिल भारतीय सेवाओं की परीक्षा की तैयारी कराने के लिये निजी कोचिंग संस्थाओं द्वारा विद्यार्थियों को कोचिंग दी जा रही है। अब सभी ट्राइबल ब्लॉकों में जनजातीय विद्यार्थियों को इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग का लाभ देने के लिये योजना की संशोधित डीपीआर तैयार कर ली गई है।

    जनजातीय वर्ग के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की ठोस चिंता करते हुए सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में सीएम राइज स्कूलों के निर्माण के लिये 667 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया है। इस वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति प्रोत्साहित करने के लिये सरकार ने 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालयीन का छात्रवृत्ति के लिये 500 करोड़ रूपये प्रावधान किया हैं। नि:शुल्क कोचिंग के साथ सरकार जनजातीय विद्यार्थियों को टैबलेट भी देगी। टैबलेट के लिये डेटा प्लान भी सरकार नि:शुल्क उपलब्ध करायेगी। योजना के लिये सरकार ने बजट में 10.42 करोड़ रूपये आरक्षित किये हैं।

    तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये कार्यरत हैं पृथक-पृथक विकास प्राधिकरण

    जनजातीय कार्य विभाग में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये संचालक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों के विकास के लिए योजना बनाने एवं इनका क्रियान्वयन के लिये एजेन्सी भी कार्यरत है। इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिये योजना बनाने एवं योजनाओं का क्रियान्वयन करने के लिये प्रदेश में बैगा, भारिया एवं सहरिया पीवीटीजी के लिये पृथक-पृथक विकास प्राधिकरणों सहित कुल 11 प्राधिकरण कार्यरत हैं।

    पेसा नियमों से एक करोड़ से अधिक जनजातीय आबादी को मिल रहा लाभ

    पेसा एक्ट में मध्यप्रदेश में पेसा नियम, नवम्बर 2022 से लागू हैं। यह नियम प्रदेश के 20 जिलों के 88 विकासखंडों की 5 हजार 133 ग्राम पंचायतों के अधीन 11 हजार 596 गावों में लागू है। इन नियमों में प्राप्त अधिकारों का उपयोग जनजातीय वर्ग के हितों के लिये अत्यंत प्रभावशाली साबित हो रहा है। पेसा से जनजातीय वर्ग अपनी क्षेत्रीय परम्पराओं, अपनी संस्कृति और जरूरतों के मुताबिक फैसले लेकर विकास की राह में आगे बढ़ सकेंगे। पेसा नियमों के क्रियान्वयन से जनजातीय समुदाय के एक करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हो रहा है।

    जनजातीय विद्यार्थियों के लिये सरकार के महती प्रयास

    कक्षा पहली से आठवीं तक प्री-मेट्रिक राज्य छात्रवृत्ति योजना में वर्ष 2023-24 में 17 लाख 36 हजार 14 विद्यार्थियों को 56 करोड़ 59 लाख रूपये छात्रवृत्ति दी गई। कक्षा 9वीं और 10वीं केन्द्र प्रवर्तित प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना में वर्ष 2023-24 में 1 लाख 51 हजार 292 विद्यार्थियों को 52 करोड़ 15 लाख रूपये छात्रवृत्ति दी गई। कक्षा 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय में पढ़ रहे कुल 2 लाख 33 हजार 91 विद्यार्थियों को 356 करोड़ 95 लाख रूपये पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति वितरित की गई।

    अजजा विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना में वित्त वर्ष 2023-24 में 10 होनहार विद्यार्थियों को 2 करोड़ 89 लाख रूपये की विदेश अध्ययन छात्रवृति राशि दी गई। आवास किराया सहायता योजना में वित्त वर्ष 2023-24 में विभाग द्वारा एक लाख 44 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 109 करोड़ 52 लाख रूपये की किराया प्रतिपूर्ति भुगतान की गई। सिविल सेवा परीक्षा के लिये निजी संस्थाओं द्वारा कोचिंग योजना में वर्ष 2023-24 में 2 करोड़ 13 लाख रूपये व्यय कर 97 विद्यार्थियों को कोचिंग कराई गई। सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना में 2023-24 में एक करोड़ से 497 अभ्यर्थियों को लाभ दिया गया। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण योजना में 2023-24 में 18 लाख रूपये से 580 अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया गया।

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  • राज्यपाल Mr. Patel माँ दुर्गा की आरती में हुए शामिल

    राज्यपाल Mr. Patel माँ दुर्गा की आरती में हुए शामिल

    Mr. Patel: राजभवन में हुआ गरबा महोत्सव का आयोजन

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल राजभवन में नवरात्रि के उपलक्ष्य में आयोजित गरबा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने गरबा महोत्सव का शुभारंभ माँ अम्बे की आरती से किया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने सभी को नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दी।

    राजभवन में आयोजित गरबा महोत्सव में माँ अम्बे की आराधना के उपरांत मुंबई के लखी ईवेंट के श्री कल्पेश सोलंकी के 11 सदस्यीय दल की सुमधुर स्वर लहरियों और ध्वनि तरंगों के साथ बालभवन, राजभवन परिसर के बच्चे, रहवासी परिवार, भोपाल गुजराती समाज के सदस्य एवं अन्य गणमान्य परिवारों के सदस्यों ने गरबा खेला गया। इससे पूर्व राज्यपाल श्री पटेल का पुष्पगुच्छ भेंट कर गुजराती समाज भोपाल के अध्यक्ष श्री संजय पटेल ने अभिनंदन किया।

    इस अवसर पर राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी, उनके परिजन और गुजराती समाज के सदस्य एवं नागरिक गण उपस्थित थे।

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  • CM Dr. Yadav: नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र

    CM Dr. Yadav: नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र

    CM Dr. Yadav ने नई दिल्ली में की संत ईश्वर सम्मान 2024 समारोह में सहभागिता

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नि-स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मौका मिलना परमात्मा की कृपा है। मृत्यु-लोक में अपने प्रारब्ध के बल पर 84 लाख योनियों में से मानव शरीर का मिलना भी परमात्मा की कृपा है। जन्म और मृत्यु के बीच काल-खंड में अपने श्रेष्ठ कर्मों से प्रारब्ध को सत्कर्मों में बदलने, विशेषकर समाज सेवा का अवसर परमात्मा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संत ईश्वर सम्मान जैसा मंच समाज सेवा की इस अनुपम भावना को मान्यता प्रदान करता है। संत ईश्वर फाउंडेशन और राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा सुदूर क्षेत्रों से आए सनातन संस्कृति के विभिन्न समाजसेवियों को सम्मानित कर समाज सेवा की परंपरा को बढ़ाने का काम सराहनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2024 में शामिल हुए।

    CM Dr. Yadav ने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व में अद्वितीय है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में अग्नि-वस्त्रधारी संतों का योगदान सर्वाधिक है, जो प्राणियों को सूर्य की भूमिका में ऊर्जा और मार्गदर्शन देते हैं। संत और सनातन परंपरा जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों से सामना करने की राह दिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संतश्री 33 करोड़ देवताओं का प्रतिनिधित्व कर ‘यद् पिण्डे-तद् ब्रह्मांडे’ के वैदिक वाक्य को चरितार्थ कर रहे है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ‘संत ईश्वर फाउंडेशन’ ने पिछले 22 वर्षों में जो उत्कृष्ट कार्य किये हैं, वे समाज सेवा का सच्चा उदाहरण है। फाउंडेशन ने ऐसे क्षेत्रों में सेवा का दीपक जलाने का बीड़ा उठाया है, जहाँ संसाधनों का अभाव है और शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच सीमित है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण साधन है। फाउंडेशन ग्रामीण औद दुर्गम क्षेत्रों शिक्षा का अलख जगाने का कार्य कर रहा है, जो आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित हैं। समाज में एकता, समरसता और शिक्षा के प्रसार के लिये फाउंडेशन के कार्य प्रशंसनीय हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में श्रीराम कथा से सनातन की अलख जगाने वाले व अपनी कविताओं से युवाओं के मन में राष्ट्र सेवा का जागरण करने वाले कवि श्री कुमार विश्वास को संत ईश्वर विशेष सम्मान प्रदान किया गया। शाजापुर जिले के काला पीपल निवासी श्री जयराम पाटीदार को वर्ष 2002 से श्रीकृष्ण बलराम गौशाला के माध्यम से गौवंश की सेवा, पंचगव्य उत्पादों के निर्माण, प्राकृतिक खेती और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के संत ईश्वर सम्मान से पुरस्कृत किया गया।

    कार्यक्रम में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू, स्वामी ज्ञानानंद महाराज सहित राष्ट्रीय सेवा भारती और संत ईश्वर फाउंडेशन के पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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