Tag: उत्तर प्रदेश राजय न्यूज़

  • CM Yogi Adityanath ने दो दिवसीय आकांक्षा हाट का शुभारम्भ किया

    CM Yogi Adityanath ने दो दिवसीय आकांक्षा हाट का शुभारम्भ किया

     CM Yogi Adityanath: आकांक्षा हाट प्रदेश के विभिन्न जनपदों की महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित करने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी प्रतिभा और योगदान को सम्मानित करने का एक सामूहिक प्रयास

    • आकांक्षा समिति ने महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया, इनमें आकांक्षा दीदी की शुरुआत एक प्रशंसनीय कदम
    • मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 की पहली डबल डेकर ई0वी0 बस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया
    • डबल डेकर ई0वी0 बस में महिला यात्रियों को टिकट में 50 प्रतिशत की छूट और शनिवार को महिलाओं के लिए हैरिटेज टूर हेतु टिकट की व्यवस्था निःशुल्क रहेगी
    • महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोडक्ट की क्वालिटी, ब्राण्डिंग, पैकेजिंग, डिजाइनिंग, मार्केटिंग व एक्सपोर्ट में आकांक्षा समिति का मार्गदर्शन प्राप्त हो
    • आकांक्षा समिति द्वारा प्रोडक्ट्स को तकनीक से जोड़ने, अन्य राज्यों के साथ एम0ओ0यू0 करने की नई शुरुआत की गयी, कार्यक्रम में 04 एम0ओ0यू0 हुए
    • हर जनपद की आकांक्षा समिति हर विकास खण्ड व नगर निकायों में एक-एक महिला स्वयं सहायता समूह को लेकर कार्य करे, तो एक साथ अनेक समूह कार्य करते दिखायी देंगे
    • बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह का बेहतरीन उदाहरण, इसी प्रकार के समूह प्रदेश के अन्य जनपदों में बनें, इसके लिए राज्य सरकार ने 05 नये क्षेत्रों को धनराशि उपलब्ध करायी
    • मुख्यमंत्री ने महिलाओं को ‘आकांक्षा दीदी परिश्रम सम्मान’,‘आकांक्षा महिला उद्यमी सम्मान’,‘आकांक्षा विशिष्ट युवा प्रतिभा सम्मान’ से सम्मानित किया

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आकांक्षा हाट, प्रदेश के विभिन्न जनपदों की महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित करने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी प्रतिभा और योगदान को सम्मानित करने का एक सामूहिक प्रयास है।

    मुख्यमंत्री जी आज यहां आकांक्षा हाट के शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर अपनेविचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने दो दिवसीय आकांक्षा हाट का शुभारम्भ किया और उत्तर प्रदेश की पहली डबल डेकर ई0वी0 बस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस वातानुकूलित नगर बस सेवा की प्रथम यात्रा आकांक्षा दीदियों और छात्राओं ने की।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आकांक्षा समिति के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश की पहली डबल डेकर ई0वी0 बस का आज शुभारम्भ हुआ है। उन्होंने घोषणा की कि डबल डेकर ई0वी0 बस में महिला यात्रियों को टिकट में 50 प्रतिशत की छूट और शनिवार को महिलाओं के लिए हैरिटेज टूर हेतु टिकट की व्यवस्था निःशुल्क रहेगी। प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट निरन्तर मजबूत हो रहा है। हिन्दुजा ग्रुप लखनऊ में इलेक्ट्रिक व्हिकल का एक प्लाण्ट स्थापित कर रहा है, जो बहुत शीघ्र प्रोडक्शन का कार्य प्रारम्भ कर देगा। इस प्लाण्ट के क्रियाशील होने से लोगों को रोजगार मिलेगा, ट्रांसपोर्ट की सुविधा में वृद्धि होगी तथा पर्यावरण को बचाने में भी मदद मिलेगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आकांक्षा समिति की स्थापना वर्ष 1987 में की गयी थी। यह समिति विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित समुदायों की महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। आकांक्षा समिति ने महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। इनमें आकांक्षा दीदी की शुरुआत एक प्रशंसनीय कदम है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह महिला स्वावलम्बन का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह का बेहतरीन उदाहरण है। श्रीमती रचना पाल व उनकी सहयोगियों द्वारा बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। 05 महिलाओं से शुरू हुए इस समूह से वर्तमान में 71 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इस समूह से जुड़ी महिलाएं प्रतिमाह 08 से 10 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं। समूह का सैकड़ों करोड़ रुपये का टर्नओवर है। इस समूह की महिलाएं सामान्य ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई हैं, जो बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। इसी प्रकार के समूह प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बन सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने 05 नये क्षेत्रों को धनराशि उपलब्ध करायी है। लोग इनसे जुड़कर अपने कार्याें को आगे बढ़ा सकते हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रोडक्ट की क्वालिटी, ब्राण्डिंग, पैकेजिंग, डिजाइनिंग, मार्केटिंग व एक्सपोर्ट को लेकर कुछ नया काम हो सकता है। आकांक्षा समिति का मार्गदर्शन महिला स्वयं सहायता समूहों को जनपदों में भी प्राप्त हो, तो बहुत अच्छा कार्य हो सकता है। महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रोडक्ट या ओ0डी0ओ0पी0 काफी बड़े पैमाने पर प्रदेश में नये महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के सृजन और स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने में सहायक हो सकते हैं। इन प्रोडक्ट्स को तकनीक से जोड़ने या अन्य राज्यों के साथ एम0ओ0यू0 के माध्यम से हम इस कार्यक्रम को और अच्छा बना सकते हैं। इस दिशा में आकांक्षा समिति द्वारा नई शुरुआत की गयी है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष यू0पी0 इण्टरनेशनल टेªड शो ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया। टेªड शो में लाखों लोगों ने हर जनपद के प्रोडक्ट को देखा। इस वर्ष इस टेªड शो में 05 लाख से अधिक लोग आए। अब लोग उत्तर प्रदेश में आना चाहते हैं और उत्तर प्रदेश से जुड़ना चाहते हैं। आकांक्षा समिति इन लोगों को जोड़ने का माध्यम बन सकती है। आकांक्षा समिति का रचनात्मक अभियान निरन्तर आगे बढ़ना चाहिए।

    मुख्यमंत्री जी ने आकांक्षा समिति को समाज की रचनात्मक भावनाओं को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए डॉ0 रश्मि सिंह व उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यदि हर जनपद में वहां की आकांक्षा समिति हर विकास खण्ड व नगर निकायों में एक-एक महिला स्वयं सहायता समूह को लेकर कार्य करे, तो एक साथ अनेक समूह कार्य करते दिखायी देंगे। इससे आधी आबादी का विश्वास आकांक्षा समिति के साथ जुड़ेगा और वह विश्वास आकांक्षा समिति व समिति के रचनात्मक कार्यों के प्रति आम जनमानस का समर्थन और आशीर्वाद होगा। आकांक्षा समिति लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि प्रदेश के सभी जनपदों में कार्य करे।

    मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम में आकांक्षा मसाला मठरी केन्द्र के सफल संचालन में योगदान के लिए 03 महिलाओं (सुश्री लक्ष्मी, सुश्री कौशल्या व सुश्री अलीमा) को ‘आकांक्षा दीदी परिश्रम सम्मान’ से सम्मानित किया। उन्होंने 05 महिला उद्यमियों को ‘आकांक्षा महिला उद्यमी सम्मान’ से सम्मानित किया। इनमें सुश्री रंजना पाल (समूह सखी बलिनी डेयरी), सुश्री ममता सिंह (ड्रोन सखी), सुश्री उर्वशी (बी0सी0 सखी), सुश्री राजश्री शुक्ला (विद्युत सखी) और सुश्री गुंजन देवी (महिला स्वयं सहायता समूह-बेकरी इकाई) शामिल हैं। मुख्यमंत्री जी ने ‘आकांक्षा विशिष्ट युवा प्रतिभा सम्मान’ के अन्तर्गत अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित उत्तर प्रदेश की कुश्ती खिलाड़ी सुश्री दिव्या काकरान और गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर को सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्होंने ’आकांक्षा आरोग्य परियोजना‘ के अन्तर्गत एक महिला को वित्तीय सहायता का चेक भी प्रदान किया।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के समक्ष आकांक्षा समिति द्वारा शुरू की जाने वाली नई परियोजनाओं और साझेदारियों के अन्तर्गत 04 एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान किया गया। इनमें उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा आकांक्षा समिति के मध्य एम0ओ0यू0 किया गया। इसके अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, क्वालिटी एश्योरेंस, बिक्री तथा ब्राण्डिंग के लिए सहयोग किया जाएगा। राज्य शहरी आजीविका मिशन जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश हैण्डीक्राफ्ट्स डेवलपमेन्ट एण्ड मार्केटिंग कॉरपोरेशन तथा एम0एस0एम0ई0 और निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश के मध्य एम0ओ0यू0 किया गया। इसका उद्देश्य दोनों राज्यों के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों व हस्तशिल्प के प्रोत्साहन हेतु मार्केट लिंकेज का कार्य है।

    तीसरा एम0ओ0यू0 साउथ एशियन विमेन इन टेक (साविट) तथा आकांक्षा समिति के मध्य किया गया। इस एम0ओ0यू0 का उद्देश्य लाभार्थियों को ए0आई0 तकनीक तथा डिजिटल स्किल का प्रशिक्षण प्रदान करना है। ट्रेनिंग में उच्च शिक्षण संस्थानों की छात्राओं को वरीयता दी जाएगी। आकांक्षा समिति प्रशिक्षणार्थियों के चयन के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग तथा लॉजिस्टिकल सपोर्ट भी प्रदान करेगी।

    चौथा एम0ओ0यू0 आर्ट ऑफ लिविंग एवं आकांक्षा समिति के मध्य सम्पन्न हुआ। mइसके अन्तर्गत महिला सशक्तीकरण, टिकाऊ कृषि, जल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य और कौशल विकास के कार्य किये जाएंगे।

    उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक व आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ0 रश्मि सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बबीता चौहान, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात, आकांक्षा समिति की सचिव श्रीमती प्रियंका प्रियदर्शी, आकांक्षा समिति की पदाधिकारी सहित विभिन्न जनपदों के महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यगण उपस्थित थीं।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi Adityanath ने ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया

    CM Yogi Adityanath ने ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया

    CM Yogi Adityanath: देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको अच्छी कृतियों के प्रति आग्रही बनना पड़ेगा

    • प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘व्हेन सिटीजंस रीड द कंट्री लीड्स’ अर्थात् जब लोग पढ़ते, तो देश आगे बढ़ता
    • पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ-साथ बच्चों को ऐसी पुस्तकें दें, जो उनके मन में नए भाव को जागृत कर सकें
    • डिजिटल युग में सभी लोग स्मार्टफोन जैसी युक्तियों के पराधीन, पहले तकनीक का उपयोग मनुष्य करता था, अब तकनीक मनुष्य का उपयोग कर रही
    • भारत की परम्परा प्राचीन काल से ही ज्ञान के प्रति आग्रही रही
    • वैदिक संस्कृत को व्यावहारिक संस्कृत का स्वरूप प्रदान करने वाले महर्षि वाल्मीकि ने उ0प्र0 की धरती पर जन्म लिया
    • गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की
    • कालजयी रचनाओं को आगे बढ़ाने के लिए लेखकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आम जनमानस को भी जागरूक करना होगा
    • हम सभी उस महान परम्परा के उत्तराधिकारी, जहां युद्ध भूमि में श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ की रचना की जाती
    • नैमिषारण्य में भारत की वैदिक ज्ञान की परम्परा को हजारों ऋषि मुनियों ने लिपिबद्ध किया था
    • जो भी व्यक्ति पुस्तक महोत्सव में आए अपनी रूचि के अनुसार किसी न किसी पुस्तक का क्रय अवश्य करे
    • जिला प्रशासन प्रयास करे कि इस पुस्तक महोत्सव में अगले 09 दिनों तक लखनऊ की प्रत्येक संस्था की उपस्थिति हो
    • यदि युवा डिजिटल दुनिया के साथ-साथ कुछ समय रोचक पुस्तकों को पढ़ने तथा रचनात्मक कार्यों में व्यतीत करेंगे, तो उन्हें इसका लाभ प्राप्त होगा
    • गोमती केवल नदी नहीं, बल्कि एक संस्कृति भी, देश में नदियां संस्कृति के रूप में मान्य रहीं

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ-साथ बच्चों को ऐसी पुस्तकें दें, जो उनके मन में नए भाव को जागृत कर सकें। छात्र-छात्राओं को पुस्तकों का अध्ययन तथा मनन कर अच्छी बातों को अपने जीवन में उतारने का कार्य करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि ‘व्हेन सिटीजंस रीड द कंट्री लीड्स’ अर्थात् जब लोग पढ़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है। देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको अच्छी कृतियों के प्रति आग्रही बनना पड़ेगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज गोमती रिवर फ्रंट पर ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने पुस्तकों के स्टॉलों का अवलोकन किया तथा बच्चों से संवाद कर उन्हें पुस्तकें व चॉकलेट भेंट कीं। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में सभी लोग स्मार्टफोन जैसी युक्तियों के पराधीन हो चुके हैं। पहले तकनीक का उपयोग मनुष्य करता था, अब तकनीक मनुष्य का उपयोग कर रही है।

    युवाओं की 24 घंटे की दिनचर्या में औसतन 06 घण्टे स्मार्टफोन अथवा किसी अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यतीत होते हैं। युवा अपने जीवन का लगभग एक चौथाई हिस्सा यदि किसी अन्य सार्थक कार्य में लगायें, तो यह उसके स्वास्थ्य व देश तथा समाज के लिए उपयोगी हो सकता है। यही कारण है कि अच्छे लेखन तथा लेखकों के प्रति आम जनमानस का रुझान कम होता जा रहा है। टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अच्छी बात है लेकिन हम टेक्नोलॉजी के दास बन जाएंगे, तो यह देश व समाज के लिए उचित नहीं होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश इस दृष्टि से बहुत सौभाग्यशाली है कि आम जनमानस की सुविधा हेतु वैदिक संस्कृत को व्यावहारिक संस्कृत का स्वरूप प्रदान करने वाले महर्षि वाल्मीकि ने उत्तर प्रदेश की धरती पर जन्म लिया। उन्होंने रामायण के रूप में दुनिया का पहला महाकाव्य रचा था। समय के अनुरूप संस्कृत के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में भी साहित्य का सृजन किया गया। गोस्वामी तुलसीदास जी ने जब रामायण की रचना संस्कृत में करना प्रारम्भ किया, तो वह जितना लिखते थे, उतना गायब हो जाता था। कहा जाता है कि हनुमान जी ने उन्हें दर्शन देते हुए कहा कि रामायण की रचना स्थानीय भाषा में करें। तब उन्होंने श्रीरामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की। आज प्रत्येक घर में श्रीरामचरितमानस का पाठ अवधी भाषा में किया जाता है। हमें कालजयी रचनाओं को आगे बढ़ाने के लिए लेखकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आम जनमानस को भी जागरूक करना चाहिए। कालजयी रचनाएं लिखने वाले लेखकों के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। उनकी कृतियों को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया जाना चाहिए। भारत की परम्परा इस कार्य के साथ सदैव जुड़ी रही है। पाठकों को इस कार्य के साथ जोड़ने के लिए तैयार होना होगा। चिंतन की परम्परा को विकसित करना होगा। लेखकों को बच्चों, युवाओं तथा वृद्धजन आदि से सम्बन्धित अलग-अलग विषयों पर कालजयी रचनाएं लिखनी पड़ेंगी। पाठकों की रुचि का पूरा ध्यान रखना होगा। एक समय था जब लोग मोटे-मोटे ग्रंथ खरीदते थे। आज के समय में लोगों को कम पेज की रचनात्मक कृतियों को रोचक तरीके से उपलब्ध कराने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने लेखकों, समाज के सुधीजनों तथा नेतृत्व वर्ग से लेखन कार्य का आह्वान करते हुए कहा कि इससे आने वाली पीढ़ियों तथा समाज को मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी उस महान परम्परा के वारिस हैं, जहां युद्ध भूमि में श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ की रचना की जाती है। 5,000 वर्षों से श्रीमद्भगवद्गीता हम सभी के लिए प्रेरणा का केन्द्र बनी हुई है। कुरुक्षेत्र धर्म क्षेत्र हो गया। आज भी प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी कुरुक्षेत्र जाकर प्राचीन कूप में स्नान करने की इच्छा रखता है।

    भारत की परम्परा प्राचीन काल से ही ज्ञान के प्रति आग्रही रही है। यह परम्परा मूल रूप से श्रवण, मनन, और निदिध्यासन की है। अर्थात् सुनना, मनन करना तथा सद्विचारों का अपने जीवन में आचरण करना। श्रीमद्भागवतगीता में व्यक्त किया गया ’न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते’ का भाव हम सबको प्रेरणा प्रदान करता है। एक कालखण्ड के बाद हमारी ऋषि परम्परा को इस बात का एहसास हुआ होगा कि एक समय ऐसा भी आएगा, जब लोग इस परम्परा के प्रति आग्रही नहीं बन सकेंगे, तो लखनऊ के समीप स्थित सीतापुर के नैमिषारण्य में भारत की वैदिक ज्ञान की परम्परा को हजारों ऋषि मुनियों ने अपने चिंतन तथा मनन से लिपिबद्ध किया था। परिणामस्वरूप नैमिषारण्य एक तीर्थ के रूप में विकसित हुआ।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोमती केवल नदी नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति भी है। देश में नदियां संस्कृति के रूप में मान्य रही हैं। हम सभी ने उस संस्कृति को सभ्यता के साथ जोड़ा है। दुनिया की सभी प्राचीन संस्कृतियां किसी न किसी नदी के तट पर विकसित हुई हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन के सहयोग से लखनऊ की जीवनधारा गोमती नदी के तट पर गोमती पुस्तक महोत्सव के तृतीय संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। इस पुस्तक महोत्सव का आयोजन 09 से 17 नवम्बर, 2024 तक किया जाएगा। नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रदेश सरकारके साथ मिलकर यह अच्छी पहल की है। इस पहल को घर-घर तक पहुंचाना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के सभी मण्डल मुख्यालयों पर नेशनल बुक ट्रस्ट के इस प्रयास को आगे बढ़ाना होगा। जिला प्रशासन प्रयास करे कि इस पुस्तक महोत्सव में अगले 09 दिनों तक लखनऊ की प्रत्येक संस्था की उपस्थिति हो। जो भी व्यक्ति पुस्तक महोत्सव में आएं अनी रूचि के अनुसार किसी न किसी पुस्तक का क्रय अवश्य करे। यहां उन्हें अपनी रूचि पर टिप्पणी भी देनी चाहिए। हमें पढ़ने की रूचि विकसित करनी होगी। यदि युवा डिजिटल दुनिया के साथ-साथ कुछ समय रोचक पुस्तकों को पढ़ने तथा रचनात्मक कार्यों में व्यतीत करेंगे, तो उन्हें इसका लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गोमती पुस्तक महोत्सव ऊंचाईयां प्राप्त करेगा। हमें प्रदेश की आबादी के अनुरूप देश के सबसे बड़े पुस्तक महोत्सव के रूप में इसे आगे बढ़ाना होगा।

    नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो0 मिलिन्द सुधाकर मराठे तथा निदेशक श्री युवराज मलिक ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, मण्डलायुक्त श्रीमती रोशन जैकब तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in


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