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  • CM Dr. Mohan Yadav: इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात

    CM Dr. Mohan Yadav: इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात

    CM Dr. Mohan Yadav: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मुख्यमंत्री ने इन्दौर में प्रेस कांफ्रेंस कर जताया आभार

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना की स्वीकृति मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय है। मध्यप्रदेश, देश के मध्य भाग में स्थित है। इसको देखते हुए यहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं है। उन्होंने इंदौर-मनमाड़ परियोजना की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन से मध्यप्रदेश के मालवा एवं निमाड़ अंचल के अनुसूचित जनजाति के लोगों का समुचित विकास होगा। यह परियोजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव का बड़ा माध्यम बनेगी। मध्यप्रदेश के अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन में यह रेलवे लाइन एक नई शुरुआत करेगी। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में रोजगार के साधन बढ़ेंगे। व्यापारिक, औद्योगिक, कृषि क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब बनाने की संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि जहां से यह रेल लाइन जाएगी वहां समान रूप से राज्य शासन द्वारा भी विकास के कार्य किए जाएंगे। इस क्षेत्र को इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। हम संकल्प लेकर यह कार्य शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन के बन जाने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। चार ज्योतिर्लिंग परस्पर जुड़ जाएंगे। अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों तक भी आवागमन का सहज हो जाएगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज यहां इंदौर में आयोजित प्रेस कांन्फ्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर सांसद श्री शंकर लालवानी, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि  ने विकसित भारत का जो संकल्प लिया है उसमें देश के इन्फ्रा-स्ट्रक्चर को मजबूत करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। पिछले दस वर्षों में देश में कनेक्टिविटी बेहतर होने से विकास और रोजगार तेजी से बढ़ा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने रेलवे की कायापलट की है। देश अब बुलेट ट्रेन के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री के दूरगामी विजन का लाभ मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में मिला है। प्रदेश में रेलवे के विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में इंदौर-मनमाड़ नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह रेल लाइन परियोजना मालवा-निमाड़ क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी की बड़ी सौगात है।

    केन्द्रीय रेल मंत्री श्री वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना प्रधानमंत्री के ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत विकसित की गई है, जो हमारे देश के लॉजिस्टिक नेटवर्क को मजबूत करने और नई कनेक्टिविटी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना की कुल लंबाई 309 किलोमीटर है, जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ेगी। परियोजना की कुल लागत 18,036.25 करोड़ रूपये है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों जैसे इंदौर, धार, खरगोन, और बड़वानी को सीधे महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से जोड़ेगी, जिससे इन जिलों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिलेगा।

    यह परियोजना राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे मध्यप्रदेश के प्रमुख जिलों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। इस परियोजना के निर्माण के दौरान और पूर्ण होने पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे राज्य के युवाओं को लाभ मिलेगा।

    इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी, जिससे किसानों और उद्योगपतियों को बड़ा लाभ मिलेगा। नासिक और धुले जैसे जिलों के प्याज उत्पादक हब और इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

    इस नई रेल लाइन से उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी में कमी आएगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    बड़वानी जिला, जो कि एक आकांक्षी जिला है, पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़े़गा। इससे इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं और आर्थिक विकास के लिए अवसर प्राप्त होंगे।

    परियोजना के अंतर्गत कई प्रमुख नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए पुलों और सुरंगों का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे बेहतर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर और यातायात सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

    देश में रेलवे का अमृत काल प्रधानमंत्री का विजन

    प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को नए युग में प्रवेश करने का अवसर मिल रहा है। हर साल 5,000 किलोमीटर से अधिक नए ट्रैक का निर्माण और 1300 से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है, जो देश के परिवहन ढांचे को और भी मजबूत बनाएगा।

    परियोजना से मध्यप्रदेश के लिए लाभ

    इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 4 जिलों (बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर) को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। लगभग 309 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी. जिससे स्थानीय विकास को गति मिलेगी।

    राज्य के विकास में नया अध्याय

    इस परियोजना से 29 लाख लोगों को पहली बार रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जो राज्य के समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    18,036 करोड़ रूपये की इस परियोजना से राज्य के आर्थिक परिदृश्य में व्यापक सुधार होगा, जिससे नए उद्योगों और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

    आर्थिक विकास और रोजगार

    इंदौर और मुंबई जैसे दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ने से बड़वानी और खरगोन जैसे औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों में भी आर्थिक विकास होगा। इंदौर के निकट स्थित औद्योगिक क्षेत्रों से उत्पन्न EXIM कार्गो के लिए जेएनपीए और पश्चिमी महाराष्ट्र के अन्य बंदरगाहों तक पहुँच के लिए यह एक छोटा और सीधा मार्ग प्रदान करेगा। परियोजना के दौरान प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा, जो हमारे राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर होगा। 18036 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे पर्यटन, उद्योग और कृषि क्षेत्रों को नए अवसर मिलेंगे।

    कृषि और औद्योगिक विकास

    नासिक, धुले और नंदुरबार के प्याज उत्पादक हब को यह नई रेल लाइन वैकल्पिक और तेज़ परिवहन सुविधा प्रदान करेगी, जिससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। मिलेट्स (ज्वार, मक्का) उत्पादक क्षेत्रों को भी पहली मील की कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादों का परिवहन और अधिक सुलभ होगा। इस नई रेल लिंक से मुंबई (व्हाया मनमाड) से इंदौर तक की यात्रा में 188 किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे 4.5 घंटे कम समय में यात्रा पूर्ण हो सकेगी।

    पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा

    इस नई रेल लाइन से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को जेएनपीए और हजीरा पोर्ट तक सीधा कनेक्शन मिलेगा, जिससे महिंद्रा एंड महिंद्रा, वीई कमर्शियल व्हीकल्स (वोल्वो और आयशर के बीच JV), फोर्स मोटर्स, और राठी स्टील इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख उद्योगों को बड़ा फायदा होगा।

    बेहतर माल ढुलाई और वस्त्रों का परिवहन

    इस परियोजना से खाद्यान्न, वस्त्र, उर्वरक, इस्पात उत्पादों आदि का तेज गति से परिवहन और कुशल प्रबंधन हो सकेगा।

    धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

    उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच में सुधार होगा, जिससे पर्यटन और तीर्थ-यात्राओं में वृद्धि होगी। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों तक आसान और त्वरित पहुंच से राज्य का धार्मिक पर्यटन समृद्ध होगा।

    पर्यावरण संरक्षण

    इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना पर्यावरण के अनुकूल है। इससे हर साल लगभग 138 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। साथ ही, 18 करोड़ लीटर हाई स्पीड डीजल आयात की बचत होगी, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

    आकांक्षी जिलों का विकास

    परियोजना से बड़वानी जैसे आकांक्षी जिलों को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे जनजातीय सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। इससे इन क्षेत्रों में पर्यटन और औद्योगिक विकास के साथ आर्थिक उन्नति के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

    भारतीय रेलवे की क्षमता में वृद्धि

    इस नई रेलवे लाइन से भारतीय रेलवे की माल ढुलाई क्षमता में 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की वृद्धि होगी, जिससे राज्य के उद्योगों को फायदा होगा। यह परियोजना उन क्षेत्रों को जोड़ने में सहायक होगी जो अब तक रेल नेटवर्क से जुड़े नहीं थे, जिससे लॉजिस्टिक में सुधार और बॉटलनेक्स को दूर किया जा सकेगा।

     समाज के सभी वर्गों के लिए फायदेमंद

    यह परियोजना जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तिकरण और समावेशी विकास को सुनिश्चित करेगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा।

    महाराष्ट्र में लाभ

    महाराष्ट्र के प्रमुख शहर जैसे मालेगांव, धुले, सिंधखेड़ा, शिरपुर और अन्य शहरों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

    नासिक, धुले, और नंदुरबार जैसे प्याज उत्पादक हबों के लिए वैकल्पिक और तेज़ लॉजिस्टिक्स विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे किसानों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।

    धार्मिक स्थलों तक आसान पहुँच

    महाराष्ट्र में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिरडी साई मंदिर, और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच में सुधार होगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    मध्य भारत से महाराष्ट्र के विभिन्न बंदरगाहों जैसे मुंबई पोर्ट (MBPA) और जेएनपीए तक सीधा और छोटा मार्ग उपलब्ध होगा।

    औद्योगिक और कृषि विकास के लिए नए अवसर

    इंदौर और मुंबई के बीच इस नई रेल परियोजना से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के लिए त्वरित और सुविधाजनक परिवहन मार्ग प्राप्त होगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को बल मिलेगा महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों और मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को भी इस नई रेल मार्ग से लाभ होगा, जिससे लॉजिस्टिक में सुधार होगा।

    पर्यावरण और ऊर्जा की बचत

    इस नई रेल परियोजना से न केवल कार्गो की ढुलाई में वृद्धि होगी बल्कि CO2 उत्सर्जन में कमी और डीजल आयात की बचत भी होगी, जो पर्यावरण और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

    राज्य के आर्थिक परिदृश्य में सुधार

    यह परियोजना न केवल दो प्रमुख राज्यों (महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश) को जोड़ने में सहायक होगी, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक परिदृश्य में भी व्यापक सुधार होगा, जिससे अधिक से अधिक निवेश और उद्योगों की स्थापना हो सकेगी।

    इंदौर-मनमाड़ नई रेल परियोजना का कुल निवेश

    इस परियोजना का कुल निवेश 18,036.25 करोड़ रूपये है, जिसमें से मध्य प्रदेश के हिस्से का खर्च 13,628.20 करोड़ रूपये और महाराष्ट्र के हिस्से का खर्च 4.408.05 करोड़ रूपये है।

     मध्यप्रदेश का योगदान

    मध्यप्रदेश सरकार इस परियोजना में राज्य के हिस्से के लिए 10% की राशि, अर्थात 1,362.80 करोड़ रूपये का योगदान देगी। यह राज्य के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

     भूमि अधिग्रहण

    परियोजना के लिए मध्य प्रदेश में 905.191 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि महाराष्ट्र में 796.104 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। कुल मिलाकर 1,701.295 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाएगी।

    राज्य सरकार की तत्परता

     मध्यप्रदेश सरकार इस परियोजना के तहत अपने हिस्से के लिए आवश्यक धनराशि का वहन राज्य खजाने से करेगी, ताकि परियोजना समय पर और सुचारू रूप से पूरी हो सके।

    महाराष्ट्र का सहयोग

    महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस परियोजना में किसी प्रकार का वित्तीय योगदान नहीं किया जाएगा, जिससे इस परियोजना का वित्त पोषण मुख्य रूप से केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।

    प्रमुख तथ्य

    •  इस परियोजना की कुल लंबाई 309.432 किलोमीटर है, जिसमें से मध्यप्रदेश में 170.056 किलोमीटर और महाराष्ट्र में 139.376 किलोमीटर की दूरी कवर की जाएगी।

    •  भूमि अधिग्रहण और परियोजना के अन्य खर्चों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह तत्पर है।

    इंदौर-मनमाड़ नई ब्रॉड गेज लाइन परियोजना

    रेलवे बोर्ड द्वारा 31 मार्च 2016 को इंदौर से मनमाड़ तक नई ब्रॉड गेज लाइन के निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) को मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना का डीपीआर जुलाई 2017 में 8857.97 करोड़ रूपये की लागत के साथ प्रस्तुत किया गया था।

    परियोजना की लागत और फंडिंग

    •  इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना को (357.37 किमी) को पिक बुक में 9968 करोड़ रूपये की लागत के साथ शामिल किया गया है, जिसमें 50% फंडिंग कैपिटल से और 50% EBR से होगी।

    •  परियोजना का अद्यतन पूर्ण लागत 18,036.25 करोड़ रूपये है, जिसमें से मध्यप्रदेश राज्य सरकार 10% (1.362.80 करोड़ रूपये) का योगदान करेगी।

    •  इस परियोजना के हिस्से के रूप में धुले-नरडाना (50.6 किमी) को 31 जनवरी 2019 को रेलवे बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई और इसकी आधारशिला फरवरी 2019 में धुले में रखी गई थी।

    •  परियोजना के अद्यतन डीपीआर को 01 जनवरी 2024 को रेलवे बोर्ड में प्रस्तुत किया गया, जिसमें पूरी परियोजना की लागत 18036.25 करोड़ रूपये थी। इस परियोजना पर 08 मार्च 2024 को नीति आयोग में चर्चा की गई, जिसमें परियोजना के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया।

    •  मध्यप्रदेश सरकार ने 27 अगस्त 2024 को राज्य हिस्से की लागत का 10% देने की सहमति व्यक्त की, जो 1362.80 करोड़ रूपये है। राज्य सरकार इस परियोजना में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

    source: http://www.mpinfo.org

  • Minister Shri Vijayvargiya ने कहा-आय को बढ़ाकर “आत्मनिर्भर नगर निगम” बनाना सरकार की प्राथमिकता :

    Minister Shri Vijayvargiya ने कहा-आय को बढ़ाकर “आत्मनिर्भर नगर निगम” बनाना सरकार की प्राथमिकता :

    Minister Shri Vijayvargiya ने कहा-आय को बढ़ाकर “आत्मनिर्भर नगर निगम” बनाना सरकार की प्राथमिकता:

    Minister Shri Vijayvargiya News: नगरीय निकाय एवं आवास मंत्री Minister Shri Vijayvargiya की अध्यक्षता में नगर पालिक निगमों के कार्यों की समीक्षा मंत्रालय में हुईं। Minister Shri Vijayvargiya ने निर्देशित किया कि सभी नगर निगम सौलर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग किया करें। नगरीय निकाय सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं, इससे बिजली की बचत होगीं। उन्होंने बताया कि बजट का बड़ा हिस्सा बिजली बिल में जाता है। सौर ऊर्जा से बिजली बिल कम कर राशि को विकास कार्यों में लगा सकते हैं। प्रधानमंत्री सूर्य लक्ष्मी योजना से नगरीय निकाय, निजी भवन मालिकों को घरों पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि ग्रीन पॉवर में प्रदेश नम्बर 1 हो, नगर निगम अपनी आय बढ़ा कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य करें। विज्ञापन के माध्यम से आय वृद्धि की जा सकती हैं। पुनर्घनत्वीकरण परियोजना को नगरीय निकायों द्वारा लिया जायें और प्रक्रिया को सरल किया जायें। शासकीय भवनों से भी सेवा कर लिया जायें।

    Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि समस्याओं के निराकरण के लिए लगातार कार्य करना चाहते हैं, यह प्रसन्नता कि बात हैं। जनभागीदारी को भी अधिकांश योजनाओं में भी बढ़ावा देने पर भी सभी महापौरगण विचार कर सकते हैं। शहर के प्रतिष्ठित नागरिकों की सूची बनाएं, जिसमें इंजीनियर, आर्किटेक्ट, प्रोफेशनल्स, कलाकार आदि सभी प्रकार के नागरिक शामिल हों। शहर के विकास में सभी को साथ लेकर चलें। हमें पूरी टीम वर्क के साथ काम करना चाहिए। निकायों के पास बहुत अधिकार हैं, इनका उपयोग शहर हित में करना चाहिये।

    Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि जनभागीदारी का सबसे अच्छा उदाहरण इंदौर शहर हैं। यहाँ पौध-रोपण कार्यक्रम में की लोगों ने लाखों पेड़ लगा दिये। सफाई से निगम की छवि बनती हैं, इसलिए सफाई के लिए विशेष ध्यान दिया जाये। कई योजनाओं में प्रदेश नम्बर 1 है तो आगे भी बना रहें। अपने क्षेत्र में ग्रीन एरिया चिन्हित कर वृक्षारोपण करायें, आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण बहुत आवश्यक हैं। Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि कल्याणकारी राज्य की अवधारणा पर काम करें और सहज होकर काम करें। लोगों के काम करने के लिए स्थानीय शासन की जबावदेही ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि आप शहरी सरकार है, अपनी शक्तियां पहचान कर कार्य करें परंतु निर्णय लोकहित में होने चाहिए। नगर निगम क्षेत्रांतर्गत अनाधिकृत कालोनियों पर सख्ती से रोक लगाई जावें। सरकार निगमों की हरसभंव मदद करेगी परंतु निगमों को भी अपने टैक्स कलेक्शन को बढ़ाना होगा। Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि अपनी आय बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय अवश्य किये जाऐं। शहरी के नागरिकों को भी टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित करें। न्यूनतम दर से कम राशि के टेण्डर आने पर कमेटी बनाकर जांच हो ताकि गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सकें। एक-एक योजना पर विचार कर कार्ययोजना बनाएं और प्रोजेक्ट को फायदे में चलाएं।

    Minister Shri Vijayvargiya ने अवैध कालोनियों पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिये। आवारा कुत्तों पर नियंत्रण एवं उनके द्वारा काटने की घटनाओं को रोकने के लिए कार्य करने के निर्देश दिये। Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि मल्टी स्टोरी भवनों के लिफ्ट एवं फायर सेफ्टी सिस्टम नगरीय निकाय द्वारा देखें जाये। फायर संचालनालय का गठन किया जायेगा, इसके लिए लगभग 4 सौ करोड़ का बजट प्रस्तावित हैं। नये सिरे से फायर एक्ट भी बनाये जाऐगें। नगर निगमों तक संसाधनों को पहुंचाया जायेगा। किरायेदारी अधिनियम बनायेंगे, जिससे संपत्ति के मालिक का स्वामित्व बना रहे और किरायेदार को भी असुविधा न हों। Minister Shri Vijayvargiya ने कहा कि शहरों में यातायात व्यवस्था सुचारू बनाये रखने के लिए बारात, जुलूसों आदि के लिए नियम बनाये जायेंगे। उन्होंने लोक निर्माण, गृह निर्माण मंडल, रेल्वे, विद्युत, दूरसंचार आदि से नगरीय क्षेत्रों में अपने विभागीय कार्यों को करने के पहले आयुक्त एवं महापौर से चर्चा करने के निर्देश दिये। जिससे सड़कों पर टूट-फूट होने को रोका जा सके।

    राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि निकायों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये सभी ने सुझाव दिये है। सबके सहयोग से प्रदेश के सभी निकायों को सुंदर एवं स्वच्छ बनाते हुए विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगें। पर्यावरण, अपशिष्ट प्रबंधन, सौर संयंत्र, जल संग्रहण, नदियों की स्वच्छता इत्यादि पर और बेहतर कार्य करना सुनिश्चित किया जायें।

    अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने सौर ऊर्जा पर प्रेंजेंटेशन दिया। उन्होंने इसे वर्तमान समय की आवश्यकता बताया। इससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता में मदद मिल सकेगी।

    प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मण्डलोई ने शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने शहरीकरण की आवश्यकता पर अपना प्रेंजेंटेशन दिया। शहरी जनसंख्या वर्तमान परिदृश्य में निरंतर बढ़ती जा रही हैं, प्रदेश में 2047 तक 50 प्रतिशत शहरीकरण होने की संभावना हैं। प्रदेश में निरंतर शहरीकरण हो रहा हैं। ग्रामीणों के शहरों में आने पर रोजगार, भोजन, आवास, यातायात, जैसी व्यवस्थाओं के लिए तैयारी करनी होगीं। सड़क, बिजली, पानी, जल-मल निकासी पर भी कार्य करना होगा।

    प्रमुख सचिव पर्यावरण, पशुपालन एवं डेयरी श्री गुलशन बामरा ने कहा कि जल, भूमि प्रदूषण से संबंधित नियमों का पालन करें। नदियों में प्रदूषण कम करने और प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने के कानूनी प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें। मध्यप्रदेश वैटलैण्डस संरंक्षण एवं प्रबंधन, पशु जन्म नियंत्रण कानून को लेकर कार्य किये जायें और शहरों को रैबिज फ्री सिटी बनायें। गौ-शालाओं का संचालन, आवारा पशुओं पर नियंत्रण को लेकर भी निकायों को स्वयं-सेवी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए।

    आयुक्त नगर तथा ग्राम निवेश श्री श्रीकांत बनोठ ने शहरों में हॉस्टल एवं मैरिज गार्डन के लिए नियम बनाये जाने के साथ “नगर विकास योजना” पर प्रेंजेंटेशन दिया।

    ओपन सेशन में सभी ने चर्चा की और निकायों की सफलता की कहानियां भी बतायी गईं। सभी महापौरों ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने वर्ष 1956 के अधिनियम में संशोधन की बात कही। मुद्रांक शुल्क, सरकारी जमीन की उपलब्धता, महापौर को प्रोटोकाल एवं पॉवर, पुनर्घनत्वीकरण, सरकारी संपत्तियों से टैक्स एवं सर्विस चार्ज वसूली, अलग-अलग एजेंसियों द्वारा काम करने की जानकारी एक दूसरे को नहीं होना, टाउन कंट्री प्लानिंग की समस्याएं एवं फ्री होल्ड समेत विभिन्न समस्याओं को जनप्रतिनिधियों द्वारा रखा गया।

    बैठक में विगत 5 वर्षों में नगर पालिक निगम को स्वयं की आय में वृद्धि तथा वर्तमान वर्ष के बजट, पेयजल आपूर्ति के संचालन/संधारण में व्यय तथा आय, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वर्तमान पेयजल आपूर्ति (स्त्रोत, वितरण, गुणवत्ता, मात्रा तथा नागरिकों की संतुष्टि), अमृत 1.0 तथा 2.0 की अद्यतन स्थिति, स्वच्छ भारत मिशन 1.0 तथा 2.0 की अद्यतन स्थिति, कायाकल्प योजना में स्वीकृति तथा प्रगति, पौध-रोपण अभियान लक्ष्य तथा प्रगति, प्रधानमंत्री आवास योजना-अद्यतन स्थिति, प्रगति, बसों के संचालन एवं संख्या, सवारी, प्रचलित कॉन्ट्रेक्ट, भविष्य की योजना, वित्तीय स्थिति एवं ई-बस संचालन की तैयारी, निकायों की स्वयं की आय बढ़ाने संबंधी विषय एवं सुझाव, अनाधिकृत कॉलोनी में अधोसरंचना निर्माण तथा भवन अनुज्ञा की अद्यतन स्थिति आदि विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुईं।

    आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास श्री भरत यादव ने आभार माना। बैठक में प्रदेश के नगरीय निकायों के महापौर, आयुक्त नगर निगम, सीईओ स्मार्ट सिटी एवं नगरीय प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।

    source: https://www.mpinfo.org/


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