Symptoms of Lack of Water: सर्दियों में प्यास कम होने के कारण लोग कम पानी पीते हैं। यही कारण है कि आप भी डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं। इन लक्षणों से पता चल सकता है कि आपके शरीर में में पानी की कमी हो गई है।
लोगों की खाने-पीने की आदतें हर मौसम में बदलती हैं। गर्म खाना सर्दियों में खाया जाता है। आप चाय-कॉफी अधिक पीने लगते हैं और कम पानी पीते हैं। ठंड में प्यास कम लगती है। इसलिए लोग अपनी लिक्विड डाइट पर ध्यान नहीं देते। जब आप सर्दियों में प्यास कम महसूस करते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर को अधिक पानी की जरूरत नहीं है। शरीर को सर्दियों में भी उतना ही पानी चाहिए। पानी पीने की कमी आपको डिहाइड्रेशन का शिकार कर सकती है। कम पानी पीने पर ये लक्षण दिखाई देते हैं।
सिर में दर्द: आप कम पानी पी रहे हैं अगर आपको सिर दर्द या भारीपन लगता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी की कमी से लगातार सिर दर्द होता है। शरीर में पर्याप्त पानी नहीं होने पर दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। पानी की कमी से सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
सूखी त्वचा: त्वचा में रूखापन का बढ़ना भी सर्दियों में कम पानी पीने का एक और संकेत है। सर्दियों में त्वचा रूखी होना आम है, लेकिन यह अक्सर हो रहा है और पपड़ी जम रही है, तो त्वचा में पर्याप्त पानी नहीं है। लंबे समय से कम पानी पीने वाले लोगों की त्वचा रूखी हो सकती है। सर्दियों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
मल बहुत पीला होना: अगर आपका पेशाब बहुत पीला है। पेशाब कम होता है। जब आपको पेशाब करते समय जलन होती है, तो आपके शरीर में पानी की कमी है। कम पानी पीने से पेशाब पर असर पड़ता है। शरीर में पर्याप्त पानी नहीं होने से पेशाब में समस्याएं हो सकती हैं। जब आपका पेशाब गहरा पीला रंग होता है, तो आपको समझना चाहिए कि आप बहुत कम पानी पी रहे हैं।
मुंह का सूखना: आप पानी की कमी से जूझ रहे हैं अगर आपके होंठ बहुत फट रहे हैं, बार-बार सूख रहे हैं या फिर गला सूख रहा है। मुंह सूखा होना शरीर में पानी की कमी का संकेत है। शुष्क मुंह का अर्थ है कि लार ग्रंथियों में पर्याप्त मात्रा में पानी की कमी होने के कारण लार नहीं बन रही है। यदि आप ऐसे लक्षण देखते हैं, तो अधिक पानी पीना शुरू कर दें।
दिल में भारीपन: शरीर में लंबे समय तक पानी की कमी होने से खून की मात्रा भी प्रभावित होती है। ऐसे में दिल को खून की आपूर्ति करने के लिए अधिक परिश्रम करना होगा। इससे दिल की धड़कन और भारीपन होता है। चलते समय दिल की धड़कन अक्सर तेज हो जाती है।
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