धर्म

Surya Grahan 2024: 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण 6 घंटे 4 मिनट के लिए लगेगा, समय जानें, समापन के बाद पांच काम करें।

Surya Grahan 2024

Surya Grahan 2024: 2 अक्टूबर बुधवार को इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। सूर्यग्रहण छह घंटे चार मिनट तक चलेगा। अश्विन अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होता है, जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है। सूतक काल लगने से 12 घंटे पहले सूर्यग्रहण होता है। इसमें मांगलिक कार्य नहीं होते। सूतक काल में खाना बनाना, खाना खाना, पूजा करना आदि नहीं करते। इस समय मंदिरों के कपाट भी बंद हैं। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से पूछिए कि सूर्य ग्रहण का समय क्या है? सूर्य ग्रहण की सूतक अवधि कब से शुरू हुई? सूर्य ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए?

2024 में सूर्यग्रहण होने का समय क्या है?

2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट पर वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। 3 अक्टूबर गुरुवार को तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर सूर्य ग्रहण खत्म होगा। सूर्य ग्रहण छह घंटे चार मिनट तक चलेगा। तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण छह घंटे चार मिनट तक चलेगा।

इन स्थानों पर सूर्यग्रहण दिखेगा

चिली, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, उरुग्वे, पेरू, न्यूजीलैंड, फिजी, इक्वेडोर, अंटार्कटिका, टोंगा, अमेरिका, परागुआ सहित कई देशों में सूर्यग्रहण दिखाई देगा। पूर्ण सूर्यग्रहण, हालांकि, अर्जेंटीना और चिली में देखा जा सकेगा।

2024 में सूतक काल में सूर्य ग्रहण

भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। भारत में यह दिखाई देता तो 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता।

सूर्य ग्रहण के बाद इन पांच चीजों को करें

1। सूर्यग्रहण के बाद गंगाजल से पूजा घर के साथ ही पूरे घर को साफ करते हैं।

2। परिवार के सभी सदस्य इसके बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनते हैं। पुराने कपड़े धोते हैं।

3। सूर्य ग्रहण पूरा होने के बाद पूजा घर के सभी देवी और देवता स्नान करते हैं और अपने कपड़े बदलते हैं। उन्हें पूजते हैं, भोग लगाते हैं और आरती करते हैं। ग्रहण की नकारात्मकता को दूर करने के लिए घंटी और शंख बजाना चाहिए।

4। सूर्य देव को पूजने के बाद आपको गेहूं, लाल वस्त्र, फल, फूल, आदि दान देना चाहिए क्योंकि ये सभी सूर्य देव से जुड़े हैं। चंद्र ग्रहण पर चावल और सफेद वस्तुएं देते हैं।

5। ग्रहण पूरा होने के बाद ही भोजन बनाना या खाना चाहिए। तुलसी के पत्ते भी डालें। जिन गर्भवती महिलाओं ने शिशु की सुरक्षा के लिए ज्योतिषीय उपायों का उपयोग किया है,उनको घर से बाहर कर दें.

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