SpiceJet
कभी भारतीय आसमान की रानी कहलाने वाली विमानन कंपनी, SpiceJet ने ऐसा किया है जो कॉरपोरेट जगत में शर्मनाक है। पहले, कंपनी ने अपनी गलती से कारोबार डुबाया और अपने विमान को जमीन पर लाया। जब कंपनी के पास पैसा नहीं बचा था, तो उसने कर्मचारियों का पैसा काटकर अपना खर्च चलाने लगा। उसने सैंकड़ों कर्मचारियों का जीवन खतरे में डालने से भी कोई गुरेज नहीं किया।खुलासा होने पर भी बेशर्मी से स्वीकार किया कि हमने गलती की है। वर्तमान में कंपनी के पास इस संकट से जल्दी बाहर निकलने का कोई स्पष्ट तरीका नहीं दिख रहा है, इसलिए इसे वापस लाने के लिए बहुत समय और कठिनाई चाहिए।
स्पाइसजेट ने इसका खुलासा प्रीलिमिनरी प्लेसमेंट डॉक्यूमेंट (PPD) में बाजार नियामक सेबी को पेश किया है। कम्पनी ने स्वीकार किया कि उसने अप्रैल 2020 से अगस्त 2023 के बीच कर्मचारियों की सैलरी से 220 करोड़ रुपये के टीडीएस (टैक्स) को सरकार को नहीं दिया। उस समय भी कर्मचारियों की सैलरी से 135.3 करोड़ रुपये का पीएफ, यानी भविष्य निधि का पैसा काटा गया, लेकिन इसे भविष्य निधि संगठन (EPFO) में भी नहीं भेजा गया। यह कर्मचारियों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है।
टीडीएस पहले भी चर्चा में था
कम्पनी ने सेबी को भेजे गए दस्तावेज में बताया है कि 2009-10 से 2013-14 के बीच आकलन में भी 72 करोड़ रुपये के टीडीएस पर विवाद चल रहा था। इसका अर्थ है कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों की सैलरी से टीडीएस काटा था, लेकिन इसे इनकम टैक्स विभाग को नहीं बताया था। इसके अलावा, कस्टम ड्यूटी, सर्विस टैक्स और जीएसटी के मुद्दों पर भी बहस चल रही है।
मजबूरी का रोना शुरू किया
कम्पनी ने सेबी को भेजे गए एक दस्तावेज में कहा कि उसके अधिकांश विमान जमीन पर खड़े हैं और कारोबार ठप हो गया है। विमानों का संचालन भी नहीं हो पा रहा है क्योंकि मेंटेनेंस के पैसे नहीं हैं, जिससे एयरक्राफ्ट लीज देने वाली कंपनियों का भी बकाया है। लीज देने वाले और वेंडर्स के खिलाफ डिफॉल्ट होने से आईबीसी कानून के तहत दिवालिया कार्यवाही भी होगी।
एक चौथाई विमान जमीन पर
30 जून, 2024 तक, स्पाइसजेट के 50% से अधिक विमान जमीन पर आ चुके हैं। कंपनी के 64 विमानों में से 36 ठप हैं। नेट वर्थ भी निगेटिव में 5,022 करोड़ रुपये है, और कंपनी का घाटा 7,728 करोड़ रुपये है। स्पाइसजेट पिछले तीन महीने से लगातार घाटा हो रहा है। हालाँकि, कंपनी ने अब पीपीडी के माध्यम से इनवेस्टर्स से धन जुटाने की घोषणा की है, जिससे जमीन पर खड़े विमानों को वापस आकाश में भेजा जा सके और कंपनी का कारोबार फिर से पटरी पर आ जाए।