Shukra Pradosh Vrat Date 2024: मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शुक्र प्रदोष व्रत है।
Shukra Pradosh Vrat Date 2024: मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शुक्र प्रदोष व्रत है। भक्तों को इस दिन शिव की पूजा करने के लिए दो घंटे चौबीस मिनट का शुभ समय मिलेगा। प्रदोष व्रत के दिन तीन शुभ योग बनेंगे। शाम को व्रत रखकर शिव की पूजा करते हैं। शिव की कृपा से हर प्रकार का कष्ट दूर होता है और हर दोष दूर होता है। धन, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से पूछिए कि शुक्र प्रदोष व्रत कब शुरू होता है? क्या पूजा का शुभ मुहूर्त और योग है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 2024 में शुक्र प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 10 बजे 26 मिनट पर शुरू होगा। 13 दिसंबर को शाम 7 बजे 40 मिनट पर इस दिन का समापन होगा। 13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत की शुरुआत होगी।
शुक्रप्रदोष व्रत का समय 2024 में
13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे 26 मिनट से 7 बजे 40 मिनट तक है। उस दिन आपको शिव पूजा करने में लगभग सवा दो घंटे का समय मिलेगा।
यह दिन प्रातः 5 बजे 16 मिनट से सुबह 6 बजे 11 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त है। उस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजे 55 मिनट से 12 बजे 36 मिनट तक है।
3 शुभ अवसरों में शुक्रप्रदोष व्रत
शुक्र प्रदोष व्रत में इस बार तीन शुभ योग बन रहे हैं। प्रदोष व्रत के दिन शिव, सिद्ध और रवि योग बनेंगे। रवि योग सुबह 7 बजे 50 मिनट से शुरू होगा और 14 दिसंबर को सुबह 5 बजे 48 मिनट तक चलेगा। रवि योग में सभी दोष दूर होते हैं क्योंकि इसमें सूर्य का अधिक प्रभाव होता है।
शिव योग प्रात:काल से दिन में 11 बजकर 54 मिनट तक चलता है। तब सिद्ध योग बनेगा, जो पूरी रात्रि तक चलेगा। प्रदोष व्रत पर भरणी नक्षत्र सुबह 7 बजे से 7 बजे तक चलता है। 14 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र है।
शुक्रप्रदोष व्रत की भूमिका
प्रदोष व्रत को शुक्रवार कहते हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य, सुख और सुख मिलेंगे। सूर्योदय के बाद प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा की जाती है।