Right way to light a lamp : भक्तों के लिए कार्तिक महीने में दीपक की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है। दीप कैसे जलाया जाना चाहिए? क्या तेल उपयोग करना चाहिए? इन तेलों का क्या उद्देश्य है? चित्तूर जिले के पुजारी श्रीनिवास स्वामी ने इस विषय पर विस्तृत चर्चा की। दीप को परमात्मा का रूप और जीवात्मा का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि देवता की पूजा से पहले दीपक जलाया जाता है। हिंदू धर्म में दीप जलाकर किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करना पवित्र है।
हर दिन दीप जलाना सुख, समृद्धि, ज्ञान और विकास का कारण बनता है। साथ ही, अपशकुन से बचें। श्रीनिवास स्वामी कहते हैं कि दो कुंडों में दीप आराधना करनी चाहिए। एक कुंड में गाय का घी और दूसरे में तिल का तेल डालकर दीप जलाना जल्दी शुभ फल देता है।
हिंदू परंपरा के अनुसार, गाय का घी और तिल का तेल दीप आराधना के लिए सर्वोत्तम हैं. बाजार में कई प्रकार का तेल उपलब्ध है। श्रीनिवास स्वामी कहते हैं कि दीप जलाने के लिए कम से कम दो बातियों का उपयोग करना चाहिए। पुरुष दीप जलाते समय तीन बातियों का उपयोग करना अधिक शुभ होगा, जबकि महिलाएं दस बातियां (एक कुंड में पांच और दूसरे में पांच) जलाएं।
दीप को उत्तर की ओर जलाना धन लाता है, जबकि पूर्व की ओर जलाना कीर्ति और प्रतिष्ठा लाता है। श्रीनिवास स्वामी ने कहा कि दीप आराधना के समय पूजा घर में छोटे विग्रह रखने चाहिए। नए कपड़े पर चावल, तामलपत्र और विग्रह रखकर पूजा करना श्रेष्ठ है।
यहाँ हर दिन दीप जलता है, वहाँ लक्ष्मी रहती है और सभी शुभ फल मिलते हैं। श्रीनिवास स्वामी का कहना है कि भक्तों को दीप आराधना करने से दोनों भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
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