Ram ji arti bhajan: ”पायो जी मैंने राम रतन धन पायो” भगवान राम को पूजें। मैं राम रतन धन पायो आरती भजन पायो। मेरे सतगुरु ने इसे अमोलिक से प्राप्त किया। कृपा कर अपनाओ। मैं राम रतन धन पायो । पायो जी मैंने राम रतन धन पाया पायो जी।
भगवान श्रीराम की आरती करें। यह भजन रामलला की प्राण पतिष्ठा में हर जगह गूंजा था; आप भी इसे गाकर अपने राम को मनाएं।
यह भजन भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में हर जगह गूंजा है; आप भी गाओ और भगवान राम की भक्ति में मगन हो जाओ।
राम जी आरती भजन
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु ।
कृपा कर अपनायो ॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
जन्म जन्म की पूंजी पाई ।
जग में सबी खुमायो ॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे।
दिन दिन बढ़त सवायो॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
सत की नाव खेवटिया सतगुरु।
भवसागर तरवयो॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नगर।
हर्ष हर्ष जस गायो॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।