प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 27 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व संपत्ति कार्डों के ई-वितरण की अध्यक्षता करेंगे, जो भारत में ग्रामीण सशक्तीकरण और सुशासन यात्रा में एक अहम चरण होगा। इस कार्यक्रम में 10 राज्यों – छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और 2 केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लगभग 50 हजार गांवों में 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे । यह कार्यक्रम स्वामित्व योजना के तहत 2 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार करने और वितरण करने और एक ही दिन में 58 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करने की एक बड़ी उपलब्धि को भी चिह्नित करेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री चयनित लाभार्थियों से बातचीत करेंगे और राष्ट्रव्यापी संबोधन देंगे। इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज भी मौजूद रहेंगे। इस समारोह में कई मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि और हितधारक भी वर्चुअल रुप से सम्मिलित होंगे। संपत्ति कार्ड के क्षेत्रीय वितरण समारोह में देश भर में करीब 13 स्थानों पर केंद्रीय मंत्री भी सम्मिलित होंगे।
पंचायती राज मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से स्वामित्व योजना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी और जागरूकता फैलाएगा और 27 दिसंबर 2024 को देश भर में लगभग 20,000 स्थानों पर अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित करके मंत्रालय की राष्ट्रीय और अन्य प्रमुख पहलों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल 2020 (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) को शुरू की गई स्वामित्व योजना का उद्देश्य ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करना है। कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद, प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2020 को संपत्ति कार्ड के पहले सेट को वर्चुअली वितरित किया, जो इस परिवर्तनकारी पहल के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। स्वामित्व योजना वित्तीय समावेशन, ग्रामीण स्थिरता और आर्थिक विकास लाने के लिए अंतर-विभागीय तालमेल को बढ़ावा देते हुए संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण का उदाहरण है। इसने न केवल संपत्ति मालिकों को सशक्त बनाया है, बल्कि ग्रामीण भारत में बेहतर बुनियादी ढांचा नियोजन, वित्तीय स्थिरता और सतत विकास को भी सक्षम बनाया है।
source: http://pib.gov.in
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