Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत में इन बातों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए; जानें पूजा का पूरा लाभ कैसे मिलेगा।

Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत में इन बातों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए; जानें पूजा का पूरा लाभ कैसे मिलेगा।Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत में इन बातों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए; जानें पूजा का पूरा लाभ कैसे मिलेगा।

Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत में इन बातों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए; जानें पूजा का पूरा लाभ कैसे मिलेगा।

Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव का व्रत और विधि-विधान से पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत के दिन कुछ काम करना वर्जित है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या नहीं करना चाहिए।

Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। प्रदोष व्रत हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर विधिपूर्वक रखा जाता है। प्रदोष व्रत उस दिन के वार के नाम से जाना जाता है। इस व्रत को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के नाम का उपवास विधिपूर्वक किया जाता है। साथ ही उनका पूजन किया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत और शिवजी का पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। जीवन में पैसे और संपत्ति की कोई कमी नहीं रहती। जीवन में आने वाली हर चुनौती समाप्त हो जाती है। साथ ही भगवान शिव से विशेष कृपा मिलती है। हिंदू धर्म शास्त्रों ने कहा है कि प्रदोष के व्रत में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। इस दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं वो काम कौनसे हैं, जिनको इस दिन करने से बचना चाहिए. साथ ही जानते हैं कि कैसे प्रदोष व्रत पर पूजा का पूरा फल प्राप्त किया जा सकता है।

प्रदोष व्रत कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 मार्च को देर रात 1 बजकर 42 मिनट पर चैत्र माह की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। वहीं 27 मार्च को रात 11 बजकर 3 मिनट पर इस दिन का समापन होगा। इसलिए गुरुवार, 27 मार्च को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। गुरुवार है। यही कारण है कि ये गुरुप्रदोष व्रत कहलाएगा।

पूजा का शुभ समय

प्रदोष काल में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 27 मार्च को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा। 8 बजकर 57 मिनट तक यह मुहूर्त चलेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त इस दिन 2 घंटे 21 मिनट तक चलेगा। इस दिन लोग इसी शुभ मुहूर्त में भगवान शिव को पूज सकते हैं।

ये काम न करें

प्रदोष व्रत के दिन व्रतियों को नमक नहीं खाना चाहिए। तामसिक भोजन, मंसाहार और शराब को भी छोड़ देना चाहिए। किसी के लिए भी मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए. किसी से कोई विवाद नहीं करना चाहिए. झूठ नहीं बोलना चाहिए. बड़ों का अपमान या अनादर नहीं करना चाहिए।

इस विधि से पूजा करने से पूरा लाभ मिलेगा।

प्रदोष व्रत के दिन पहले सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ व्रत धारण करें। पूजास्थल पर गंगाजल डालें। फिर शिवलिंग को एक पात्र में रखें। शिवलिंग को पंचामृत से सजाओ। गुड़हल, आक, बेल पत्र और मदार के फूलों को उस पर चढ़ाएं। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। शिव पुराण और शिव तांडव के स्त्रोत पढ़ें। प्रदोष व्रत कथा पढ़ें। आरती करके पूजा को समाप्त करें। पूरे दिन निर्जला या फलाहारी व्रत रखें। शाम को शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए। अगर फलाहारी व्रत हैं, तो पूजा के बाद फलाहार करें. अगले दिन शुभ मुहूर्त में स्नान के बाद पूजा-पाठ करके सात्विक भोजन से व्रत का पारण करें. इस विधि से पूजा करने पर भगवान शिव प्रसन्न होंगे और पूजा का पूरा फल मिलेगा।

Categories: धर्म
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