Sunday, May 19

अमीर हो या गरीब, हर व्यक्ति की पसंदीदा सब्जी आलू है। जब हरी सब्जियों की कीमतें गिरती हैं, तो आलू की खपत गिर जाती है। लेकिन जब हरी सब्जियों की कीमतें बढ़ती हैं, तो गरीब और मध्यम वर्ग आलू की ओर आकर्षित होते हैं। फिलहाल हरी सब्जियां तो महंगी हो ही रही हैं, आलू भी महंगा हो रहा है| ऐसे में गरीबों की स्थिति खराब हो जाती है|

आलू-प्याज के दाम आपकी नींद उड़ा सकते हैं| दरअसल, पिछले महीने खुदरा आलू की कीमत में करीब 30 फीसदी का इजाफा हुआ है| प्याज की कीमतें अभी भी कमजोर हैं| लेकिन पिछले शनिवार को सरकार ने खुद ही प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया| इससे प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका है|

आलू की कीमत 10 रुपये प्रति किलो बढ़ गया

पिछले महीने, आलू की किस्मों की औसत खुदरा कीमत 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच थी। अगर आप चिप्सोना या सुरिया आलू खरीदना चाहते हैं तो इसकी कीमत करीब 35-40 रुपये प्रति किलो है| बेबी पोटैटो जो कुछ दिन पहले 14 रुपये बिक रहा था, अब 20-22 रुपये प्रति किलो बिक रहा है| आलू की कीमतों में बढ़ोतरी की दर पर नजर डालें तो आप मान सकते हैं कि महंगाई दर एक बार फिर दोहरे अंक में पहुंच सकती है|

आलू तो हर कोई खाता है

आलू एक ऐसी सब्जी है जिसे हर कोई खाता है। आप भी व्रत में आलू खाते हैं. यह अमीर हो या गरीब हर किसी के दैनिक आहार का हिस्सा है। इसके अलावा हरी सब्जियां महंगी होने से आलू की खपत भी बढ़ जाती है। अगर आज बाजार में सब्जियों की बात करें तो कोई भी 50-60 रुपये प्रति किलो से कम नहीं बिकती| ऐसे में गरीब लोग आलू के अलावा कुछ भी नहीं खा पाते हैं|

महंगा हो सकता है प्याज भी

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज भी अब और महंगा हो सकता है। दरअसल, पिछले शनिवार को सरकार ने सभी देशों के लिए प्याज का निर्यात खोल दिया। पहले, बांग्लादेश सहित कुछ देशों को निर्यात संभव था। जब भारतीय प्याज पर निर्यात प्रतिबंध लागू था, तब इन देशों में प्याज की कीमत 100-150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी। नासिक के प्याज निर्यातकों का कहना है कि निर्यात बाजार में प्याज की कीमत अभी भी 100 रुपये प्रति किलो है. इसलिए निर्यातक भी बाजार से महंगा प्याज खरीदते हैं| ऐसे में घरेलू खपत के लिए प्याज की कीमतें भी बढ़ने लगीं।

महंगाई दर दोहरे अंक तक पहुंच सकती है

देश में जुटाए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों में सब्जियों की हिस्सेदारी करीब 7.5 फीसदी है| फूड इंफ्लेशन की बात करें तो इसमें सब्जी का वेटेज करीब 15 फीसदी हो जाता है। अब हरी सब्जियां तो महंगी हो ही रही हैं, आलू-प्याज भी महंगे हो रहे हैं| इस पृष्ठभूमि में यह उम्मीद की जा रही है कि महंगाई दोहरे अंक तक पहुंच सकती है।

 

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