Lord Krishna Marriage: हर हल्द्वानीवासी इस अद्भुत मिलन का साक्षी बनेगा। विवाह की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं।
Lord Krishna Marriage: उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक बार फिर से एक अनोखा विवाह होने वाला है। भगवान श्रीकृष्ण और साधारण व्यक्ति का विवाह है। भगवान श्रीकृष्ण के साथ 21 वर्षीय हल्द्वानी की हर्षिका पंत का विवाह पहले भी चर्चा में रहा था। तब भावना, जो अब हल्द्वानी में रहती हैं, 55 वर्ष की उम्र में भगवान श्रीकृष्ण से शादी करने वाली हैं। भावना भगवान श्रीकृष्ण से शादी करेगी। शुभ बेला में मांगल गीत होंगे, शहनाई बजेगी और बारातियों को टीके से शगुन मिलेगा। हर हल्द्वानीवासी इस अद्भुत मिलन का साक्षी बनेगा। विवाह की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं।
भावना, जो मूल रूप से हल्द्वानी से है, श्रीकृष्ण से 30 साल से जुड़ी है। भावना हल्द्वानी के आवास विकास कालोनी में पंचेश्वर मंदिर में रहकर पिछले 30 वर्षों से निरंतर भगवान श्रीकृष्ण की सेवा कर रही हैं। वह श्रीकृष्ण को अपना परिवार मानती है। अब वह कान्हा से शादी करने जा रही हैं।
वृंदावन से भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की मांग
भावना के घर में पिछले कुछ दिनों से विवाह की सभी रस्मों की शुरुआत हो चुकी है। बीते दिन सुबह, शुभ मुहूर्त में गणेश पूजन के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हुई। महिलाओं ने शगुन आंखर गाकर देवताओं को विवाह में आमंत्रित किया, “सुवा से सुवा बणखंडी सुवा, जा सुवा नगरी में न्योत दिआ..।” सायंकाल दुल्हन को हल्दी लगाई गई। दुल्हन भावना और उनकी सहेलियों ने श्रीकृष्ण के नाम की मेंहदी अपने हाथों में रखी। आवास विकास पंचेश्वर मंदिर से आज गुरुवार को बारात तैयार की जाएगी। बारात बैंड-बाजे के साथ शहर के विभिन्न स्थानों से निकलेगी। मंदिर में श्रीकृष्ण की प्रतिमा से शादी होगी। इसके लिए पंचेश्वर मंदिर समिति ने वृंदावन से श्रीकृष्ण की मूर्ति मांगी है। मूर्ति को सजाया गया है। दूल्हा की तरह कान्हा सजाया गया है वर वधू सात फेरे लेंगे और सिर मुकुट सजेंगे।
कॉलोनी निवासी और मंदिर समिति खर्च करेगी
भावना के माता-पिता बहुत पहले चले गए हैं। बारात में उनके दो सगे भाई शामिल होंगे। भावना की कान्हा की शादी का पूरा खर्च मंदिर समिति और कॉलोनी के लोगों द्वारा उठाया जाएगा। शहर के अन्य लोग भी भावना की शादी में सहयोग करने के लिए आगे आए हैं। वहीं, मंदिर समिति के पदाधिकारी घरातियों की जिम्मेदारी निभाएंगे और बारातियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है।