Lord Ganesha
हिन्दू धर्म में Lord Ganesha को एक विशिष्ट स्थान दिया गया है। उन्हें प्रथम पूज्य कहा जाता है और इसलिए हर शुभ काम से पहले पूजा की जाती है। उन्हें बुद्धि का देवता और सिद्धि का दाता भी कहा जाता है। वे अपने अनुयायियों की प्रार्थना को जल्दी सुनते हैं और उनके संकटों को हरते हैं। गणेश के अलावा, भक्त उन्हें गणपति, गजानन, लंबोदर, एकदंत, विनायक और बप्पा भी कहते हैं। गणेश भगवान के भक्त बप्पा मोरया के जयकारे भी खूब लगाते हैं, खासकर इन दिनों पूरे देश में गणेश उत्सव की लहर है। आपने इन नारों को बहुत सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेशजी को बप्पा क्यों कहा जाता है? क्या आप जानते हैं कि मोरया शब्द का क्या अर्थ है? यदि ऐसा नहीं है तो पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, भोपाल निवासी वास्तु सलाहकार और ज्योतिषी से जानें।
इसलिए भगवान गणेश को बप्पा कहा जाता है
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि गणपति शब्द दो शब्दों से बना है: “गण” और “पति”। “पति” का अर्थ है स्वामी या प्रभु, और “गण” का अर्थ है समूह या समुदाय। इसलिए, जब यह शब्द जुड़कर गणपति बनता है, तो यह सभी गणों का स्वामी होता है।
यदि हम बप्पा की बात करें तो यह एक मराठी शब्द इसका अर्थ है पिता या पिताजी। जब कोई बच्चा अपने पिता को बुलाता है, तो उसे बहुत करुणा होती है और पिता भी तुरंत उसकी बात सुनते हैं। भक्त गणेश जी को बप्पा कहकर भी यही भाव आता है।
मोरया शब्द का क्या अर्थ है?
गोसावी शब्द से मोरा का संबंध माना जाता है। माना जाता है कि भगवान गणेश को गोसावी नामक संत ने सबसे पहले बप्पा मोरया कहा था। कुछ धार्मिक ग्रंथों की जांच से पता चलता है कि गणपति बप्पा नाम उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है। यही कारण है कि मंदिरों में और गणेशोत्सवों के दौरान लोग गणपति बप्पा मोरया का बहुत जयकार करते हैं।