Lohri 2025: लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले होती है। शाम को लोग इसकी परिक्रमा करते हैं और पवित्र अग्नि जलाई जाती है। लोहड़ी की आग में कुछ चीजें भी डालते हैं।
Lohri 2025: वास्तव में, लोहड़ी पंजाबी पर्व है। इसे मकर संक्रांति से एक दिन पहले शाम को मनाया जाता है। पंजाबी लोग इस पर्व को बड़े उत्साह से मनाते हैं और गाते-गाते खुश होते हैं। लेकिन आजकल पूरे भारत में इस त्योहार की धूमधाम से मनाते हैं।
लोहड़ी 2025 कब ?
लोहड़ी का पर्व पंचांग (Panchang) के अनुसार मकर संक्रांति से एक दिन पहले होता है। 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगी, और लोहड़ी 13 जनवरी को होगी। लोहड़ी का पर्व धार्मिक विश्वास और पारंपरिक उत्सवों के साथ कृषि का महत्व भी बताता है। इसलिए इस त्योहार को रबी फसल की कटाई भी मानते हैं।
क्यों जलाते हैं लोहड़ी
लोहड़ी पर आग जलाने का रिवाज बहुत पुराना है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है, जिसमें लकड़ियों का ढेर जमाकर अग्नि जलाई जाती है। लोहड़ी में भी अग्नि जलाना महत्वपूर्ण है। लोहड़ी की आग को पवित्र मानते हैं। इस अग्नि में कुछ विशेष सामग्री चढ़ाई जाती है, जिसे चर्खा चढ़ाना भी कहते हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने कहा कि सूर्य देव (Surya Dev) और अग्नि देवता लोहड़ी पर जला देते हैं। साथ ही, इस अग्नि से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और वातावरण को शुद्ध करता है।
लोहड़ी में क्या डालते हैं
लोग मूंगफली, गजक, रेवड़ी, तिल (Til), फुलिया यानि पॉपकॉर्न आदि को लोहड़ी की पवित्र अग्नि में डालते हैं और उसे सात बार परिक्रमा करते हैं। नमस्कार भी सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इन चीजों को अग्नि में डालकर भोजन किया जाता है और बांटा जाता है। तब सब लोग ढोल की थाप से गिद्दा और भांगड़ा करके इस उत्सव का आनंद लेते हैं।
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