LIC Investment in Adani: गौतम अडानी के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका में लगे आरोपों के बाद उनकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है
LIC Investment in Adani: गौतम अडानी के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका में लगे आरोपों के बाद उनकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इससे उन निवेशकों की संपत्ति, जो उन स्टॉक्स में निवेश कर चुके हैं, भी प्रभावित हुई है। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) भी इन निवेशकों में से एक है। एलआईसी ने अडानी की सात कंपनियों में धन लगाया है। इससे एलआईसी को 12000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
अडानी समूह पर लगे रिश्वत के आरोपों के बाद, समूह के शेयरों में 20% तक की गिरावट आई है। अडानी पोर्ट्स ने एलआईसी को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाया है, जो अडानी स्टॉक्स में गिरावट के बाद हुआ है।
कहाँ कितनी घटी संपत्ति
अडानी पोर्ट्स के शेयरों में गिरावट से एलआईसी को 5009 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज से 3012 करोड़ रुपये, अंबुजा सीमेंट्स से 1207 करोड़ रुपये, अडानी टोटल गैस से 807 करोड़ रुपये, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन से 716 करोड़ रुपये और अडानी ग्रीन एनर्जी से 592 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा एलआईसी ने अडानी की ही कंपनी एसीसी से 381 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
क्या मामला है?
रॉयटर्स ने बताया कि गौतम अडानी समेत आठ लोगों पर रिश्वत देने का आरोप लगा है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने भारत सरकार को लगभग 25 करोड़ डॉलर (लगभग 2029 करोड़ रुपये) की रिश्वत की पेशकश की थी। न्यूयॉर्क में यह आरोप लगाया गया है। आरोप है कि 2020 से 24 तक ऐसा किया गया। इस मामले में गौतम अडानी (अडानी ग्रुप का चेयरमैन) के अलावा सात अन्य लोग शामिल हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, अडानी की एक कंपनी को भारत सरकार की सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को 8 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी देने का अनुबंध मिला। सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली को केंद्र सरकार राज्यों को बेचती। केंद्र, हालांकि, इसके लिए कोई खरीदार नहीं पाया, इसलिए सौदा नहीं चल सका। तब अडानी समूह ने अधिकारियों को घूस देना शुरू किया ताकि वह कंपनी को विद्युत सप्लाई का कॉन्ट्रेक्ट दिला सकें। रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे में अडानी समूह को दो दशक में दो अरब डॉलर का लाभ मिलना था।
जस्टिस डिपार्टमेंट के आपराधिक प्रभाग की डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर ने अरेस्ट वॉरेंट जारी अडानी के खिलाफ यह आरोप लगाया है। इस मामले में एक लिखित औपचारिक शिकायत दाखिल की गई है। गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ इसके बाद अरेस्ट वॉरेंट लगाया गया है। हालाँकि, अडानी समूह ने सिर्फ इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि इस संबंध में सभी कानूनी विकल्पों की सहायता दी जाएगी।