LG VK Saxena ने दिए दिशानिर्देश, EWS नियमों में बड़ा बदलाव होगा, जिससे दिल्ली के निजी स्कूलों में दाखिले के लिए वार्षिक आय सीमा बढ़ेगी

LG VK Saxena ने दिए दिशानिर्देश, EWS नियमों में बड़ा बदलाव होगा, जिससे दिल्ली के निजी स्कूलों में दाखिले के लिए वार्षिक आय सीमा बढ़ेगी

LG VK Saxena ने आप सरकार को सुझाव दिया है कि निजी स्कूलों में EWS श्रेणी में प्रवेश के लिए वार्षिक आय सीमा कम से कम पांच लाख रुपये होनी चाहिए

नई दिल्ली स्थित राज्य ब्यूरो। Delhi LG VK Saxena ने आप सरकार को सुझाव दिया है कि निजी स्कूलों में EWS श्रेणी में प्रवेश के लिए वार्षिक आय सीमा कम से कम पांच लाख रुपये होनी चाहिए। फिलहाल, सालाना आय सीमा एक लाख रुपये है।

सक्सेना ने फाइल पर अपनी टिप्पणी में कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित आय सीमा अवास्तविक और प्रतिबंधात्मक है, एक कोर्ट केस में जो हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान आय सीमा हजारों जरूरतमंद बच्चों को EWS (EWS) योजना से लाभ पाने से वंचित कर सकती है अगर न्यूनतम वेतन पाने वाला भी सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक कमा रहा है।

कोर्ट ने भी जारी किए हैं ये आदेश

एलजी ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए आठ लाख रुपये की आय सीमा निर्धारित की है, और पिछली सुनवाई में अदालत ने दिल्ली सरकार को इस सीमा को कम से कम ढाई लाख रुपये तक बढ़ाने का आदेश दिया था।

प्राइवेट स्कूलों की आय सीमा पांच लाख हो

सक्सेना ने सुझाव दिया कि आदर्श आय सीमा वर्ष में आठ लाख रुपये होनी चाहिए क्योंकि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर लाभ पाने वाले विद्यार्थी ही उच्च शिक्षा में आगे बढ़ते हैं। इसलिए निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए कम से कम पांच लाख रुपये की आय सीमा निर्धारित की जानी चाहिए।

उनका आदेश था कि उनकी लिखी राय अदालत की फाइल पर दर्ज की जाए। बुधवार को मामले की सुनवाई भी हुई, लेकिन फिर से चार दिसंबर, 2024 तक स्थगित कर दी गई।

एलजी ने सीडीवी को प्रदूषण नियंत्रण के लिए मंजूरी दी

एलजी वीके सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सिविल डिफेंस वालेंटियर्स (CDV) की स्थापना की अनुमति दी है। यह तैनाती एक नवंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक चलेगी, यानी चार महीने। राजनिवास अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक नवंबर 2023 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दीं।

राजनिवास अधिकारियों ने बताया कि शुरू में इस आशय के निर्देश पारित करने के बाद सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने में लगभग बारह दिन की देरी हुई। सक्सेना ने फिर से दिल्ली सरकार से बस मार्शलों के लिए एक अलग योजना बनाने की मांग की है।


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