दिल को अर्जुन की छाल के एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से लाभ मिलता है। सही तरह से इस्तेमाल करने से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
अर्जुन की छाल एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो अस्थमा, खांसी, डायरिया और उच्च रक्तचाप के लिए रामबाण है। अर्जुन का पेड़ Terminalia arjuna है। आयुर्वेदिक चिकित्सा इस पेड़ के तने या छाल को औषधि के रूप में उपयोग करती है। इसे खाने से कई लाभ मिलते हैं। साथ ही दिल की बीमारी दूर रहती है।
स्ट्रोक का खा और ब्लॉकेज का खतरा भी कम होता है। अर्जुन की छाल के एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण दिल की सेहत को बेहतर बनाते हैं। अब आइए जानते हैं कि इस छाल को किन चीजों के साथ मिलाकर पीना चाहिए, ताकि वास्तविक लाभ प्राप्त किया जा सके।
अर्जुन छाल के लाभ
1. दिल की परेशानियों को कम करें और अपनी सेहत को दुरुस्त रखें।
2. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें।
3. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है
4. पाचन प्रणाली को मजबूत करना
5. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें।
अर्जुन की छाल कब खानी चाहिए?
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस छाल को बिना किसी एक्सपर्ट्स की सलाह के नहीं लेना चाहिए। इसे लंबे समय तक खाने से भी बचना चाहिए। सप्ताह में एक या दो बार ही इसका उपयोग करना चाहिए। इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर के बताए गए खुराक में ही लेना फायदेमंद है।
किन चीजों में अर्जुन की छाल मिलाकर पीना चाहिए?
1. अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर पीने से हार्ट की हेल्थ में सुधार होता है।
2. अर्जुन की छाल को दूध में मिलाकर पीना लाभकारी है। इससे शरीर मजबूत होता है।
3. अर्जुन की छाल को शहद में मिलाकर पीने से शरीर को एनर्जी मिलती है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
4. अर्जुन की छाल को अदरक के रस में मिलाकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
5. तुलसी के रस में अर्जुन की छाल मिलाकर पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ती है।
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