Kannuuj
कन्नौज जिले में जहारा देवी का एक बहुत पुराना मंदिर है। इस मंदिर को इतनी मान्यता मिली है कि सच्चे दिल से दी गई सराहना कभी भी बेकार नहीं जाती। इस मंदिर में अन्न और धन चढ़ाया जाता है। वहीं बीमार मवेशियों के ऊपर से उतारकर अगर यहां पर अन्न चढ़ाया जाता है, तो उन मवेशियों की गंभीर से गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाती है। यहां पर देश भर से लोग दर्शन करने आते हैं। शनिवार को भादो में मेला लगता है, जिसमें बहुत से लोग आते हैं।
क्या मान्यता है?
मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर गेहूं का अनाज चढ़ाने से किसानों के खेतों में कभी अनाज की कमी नहीं होती। ऐसी भी मान्यता है कि बीमार जानवरों पर ऊपर से उतार कर यहां पर अनाज चढ़ाने से उन जानवरों की बीमारी भी ठीक हो जाती है.। इसके अलावा कई और अनाज भी चढ़ते हैं, लेकिन यहां पर गेहूं और पैसे का चढ़ावा सबसे अधिक चढ़ता है। यहां पर देश भर से लोग दर्शन करने आते हैं।
देवी रूपी बच्ची
राजस्थानी लोग जहारा देवी को पूजते हैं। क्योंकि वहां से एक व्यक्ति के द्वारा एक बच्ची को यहां पर उसके कहने पर लाया गया था। तब बच्ची यहां पर बैठ गई और फिर नहीं उठी। जब वह शीला बन गई, तब से यहां उसका मंदिर बनाया गया। उस बच्ची को जहरा देवी कहा जाता है। आज भी राजस्थान से बहुत से लोग यहां पर देवी के दर्शन करने आते हैं।
मंदिर किस स्थान पर है?
कन्नौज से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर तलाग्राम क्षेत्र में रोहली गांव में यह प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर समय श्रद्धालु आते हैं, लेकिन भादो मास के प्रत्येक शुक्रवार और शनिवार को मेला होता है। जहां दूर-दूर से लोग आकर दर्शन करते हैं और भोजन और धन चढ़ाते हैं।
ग्राम प्रधान ने क्या कहा?
रोहली के ग्राम प्रधान ने कहा कि यह मंदिर बहुत पुराना है। करीब चार शताब्दी से यहाँ मेला होता है। यहां पर अन्न और रुपये चढ़ाना इस मंदिर की सबसे बड़ी मान्यता है। वह भी मान्यता है कि यहां पर अन्न चढ़ाने से घरों और खेतों में कभी भी भोजन की कमी नहीं होगी। वहीं बीमार जानवरों को भी यहां इलाज मिलता है। यहां पर शीला की तरह एक बच्ची आई थी। तब से यह मंदिर जहरा देवी के नाम से यहां बना हुआ है।
श्रद्धालु ने क्या कहा?
श्रद्धालु आदित्य ने बताया कि देश भर से लोग यहां आते हैं। हम भी हर साल यहां आते हैं, दर्शन करने, खाने और पैसे चढ़ाने। बीमार जानवरों की बीमारी माता की कृपा से ही दूर होती है। वहीं भोजन चढ़ाने से कभी भी भोजन की कमी नहीं होती।