Jhulelal Jayanti 2025: झूलेलाल जयंती को चेटी चण्ड कहा जाता है। इस दिन भगवान झूलेलाल को जल से पूजा जाता है। माना जाता है कि इससे सुख मिलता है। व्यापार में उत्पन्न हुई समस्याएं दूर होती हैं।
Jhulelal Jayanti 2025: चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि को भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव मनाया जाता है, इस दिन सिंधी नववर्ष शुरू होता है। यह दिन भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव है, जिसे झूलेलाल जयंती कहते हैं। सिंधी में चैत्र मास को चेट और चांद को चण्ड कहा जाता है।
सभी त्योहारों की तरह, इस पर्व में भी कहानियां हैं। चेटीचंड को अवतारी युगपुरुष भगवान झूलेलाल का जन्मदिन मानते हैं। झूलेलाल जयंती इस वर्ष कब मनाई जाएगी?
झूलेलाल जयंती 2025 की तारीख
30 मार्च 2025 को चेटी चंड, यानी झूलेलाल की जयंती मनाई जाएगी। 10वीं सदी में सिन्ध प्रांत में भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था। यह सुमरा वंश का सिन्ध राज्य था। सुमरा वंश के शासक अन्य सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु थे।
झूलेलाल जयंती 2025 का समय
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी।
चेटी चण्ड मुहूर्त: एक घंटे सात मिनट (शाम 6.38 से रात 7.45)
झूलेलाल जयंती की विधि
यह दिन बहुत शुभ है और बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर, जीवन रूपी जल की पूजा की जाती है। इस दिन सिंधी समुदाय के लोग एक लकड़ी का मंदिर बनाकर जल और ज्योति प्रज्वलित करते हैं।
श्रद्धालु चेटीचंड (बहिराणा साहब) के दिन इस मंदिर को अपने सिर पर उठाते हैं। चेटी चण्ड वह दिन है, जब अमावस्या के बाद पहली बार चाँद दिखाई देता है। चेटी माह में चंद्रमा का प्रथम दर्शन होने के कारण इस दिन को चेटी चण्ड कहा जाता है।
झूलेलाल जल देवता है
पुराने समय में सिंधी लोगों ने व्यापार के लिए जलमार्ग का उपयोग किया। तब यात्रा को सफल बनाने के लिए जल देवता झूलेलाल से प्रार्थना की गई और सफल होने पर उनका आभार व्यक्त किया गया। इस परंपरा को मानते हुए चेटीचंड का त्योहार मनाया जाता है।
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