Investment in Data Center: अंबानी के अलावा इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने वाले कई अन्य उद्योगपति भी हैं। गौतम अडानी इस क्षेत्र में पहले से ही मशहूर हैं। यह क्षेत्र 2025 तक 20 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
Investment in Data Center: भारत में डेटा सेंटर उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। अब इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश की खबरें आ रही हैं। देश के सबसे अमीर लोगों में से एक मुकेश अंबानी, एक बिजनेसमैन, ने हाल ही में कहा कि उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाएगी। यह परियोजना अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेगी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
मुकेश अंबानी का साहसिक निर्णय
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अमेरिका की बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी Nvidia से AI तकनीक के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने का निर्णय लिया है। यह कदम रिलायंस को डेटा प्रोसेसिंग में अग्रणी बनाएगा और उसके AI क्षमताओं को भारतीय बाजार में बढ़ावा देगा। यह अंबानी का निवेश भारत को विश्वस्तरीय डेटा सेंटर हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डेटा सेंटर उद्योग का विस्तार
भारत का डेटा सेंटर क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। 2025 तक यह 20 बिलियन डॉलर हो सकता है। 5G तकनीक की शुरुआत, इंटरनेट इस्तेमाल में तेजी और क्लाउड सेवाओं की मांग ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद सबसे खास डेटा सेंटर बन रहे हैं।
ये कंपनियां भी डेटा सेंटर में निवेश कर रही हैं।
अंबानी के अलावा इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने वाले कई अन्य उद्योगपति भी हैं। गौतम अडानी ने पहले ही इस क्षेत्र में प्रवेश किया है, और उन्होंने अपनी कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को अडानीकॉनेक्स नामक एक संयुक्त उद्यम बनाया है. EdgeConneX एक अमेरिकी कंपनी है। भारत में यह बहुराष्ट्रीय वेंचर एक हाइपरस्केल डेटा सेंटर का नेटवर्क बनाने की योजना बना रहा है।
वैश्विक कंपनियां भी कर रहे हैं निवेश
भारत में डेटा सेंटरों की वृद्धि को देखते हुए वैश्विक कंपनियां जैसे AWS, Microsoft और Google भी बड़े निवेश कर रही हैं। AWS ने भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए हाल ही में 8.3 बिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की, जो हजारों लोगों को रोजगार देगा।
ग्रीन डेटा सेंटर का विस्तार
भारत में ग्रीन डेटा सेंटर भी तेजी से विकसित हो रहे हैं। अब कंपनियां सौर और पवन ऊर्जा के स्रोतों का उपयोग करती हैं। गुजरात और राजस्थान इस दिशा में आगे हैं। इसके अलावा, लिक्विड कूलिंग और प्राकृतिक संसाधनों से तापमान नियंत्रण की तकनीकें ऊर्जा की खपत को कम करने में मदद कर रही हैं।
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