Indian Marriage Rituals: लड़के की मां इस सात फेरे को नहीं देखती, हालांकि वर और वधू के परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहते हैं।
Indian Marriage Rituals: शादी का दौर अभी चल रहा है। हर जगह शहनाई बजती है। शादी विवाह के दौरान हर जगह अलग-अलग परंपरा से कई तरह के रष्म और रीती रीवाज निभाए जाते हैं। सात फेरा शादी की एक विशिष्ट परंपरा है। वहीं वर वधु अग्नि को साक्षी मानकर विवाह में सात फेरे लेते हैं। लड़के की मां इस सात फेरे को नहीं देखती, हालांकि वर और वधू के परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहते हैं।
देवघर के ज्योतिषाचार्य क्या कहते हैं?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी मांगलिक कार्य, चाहे वह शादी, मुंडन या घर प्रवेश हो, बिना रीति रिवाज के नहीं होता। लेकिन शादी का सीजन अभी चल रहा है। हिंदू धर्म में शादी विवाह के दौरान कई नियम हैं। शादी में वर वधु पवित्र बंधन में बंधकर सात फेरे लेते हैं। सात फेरे लड़के की माँ इसके बाद शादी सम्पन्न न मानी जाती है
लड़के की माँ फेरे क्यों नहीं देखती?
ज्योतिषी कहते हैं कि वर-वधू अग्नि को साक्षी मानकर शादी करते हैं। वह बारात में नहीं जाती, इसलिए वह रष्म लडके की माँ नहीं देखती। लड़के को आम महुवा से शादी कराकर माँ विदा करती है, एक प्राचीन परंपरा है। लड़के की माँ को बारात जाने में के बाद घर में कुछ रष्म करना पड़ता है, इसलिए वह बारात में नहीं जाती। दूसरी बात यह है कि जब शादी विवाह संपन्न हो जाती है, तो उसका गृह प्रवेश भी माँ ही कराती है। इसलिए माँ बारात में नहीं जाती और अपने बेटे के सात फेरे नहीं देख सकती।
ख़त्म हो रही है यह परंपरा
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह परंपरा अब धीरे-धीरे खत्म होने वाली है। अब लड़के की मां भी बारात में जाती है, जो अनुचित है। माँ को घर में रहना चाहिए और दुल्हन के घर में गृह प्रवेश कराना चाहिए.