Hyundai
14 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड 3 अरब डॉलर का मेगा पब्लिक इश्यू ला रही है। विशेष रूप से, 2022 में एलआईसी के 2.7 अरब डॉलर के पब्लिक इश्यू रिकॉर्ड को यह आईपीओ तोड़ देगा। ज्ञात कंपनियों के आईपीओ ने निवेशकों को पिछले कुछ सालों में भारी रिटर्न दिया है, इसलिए हुंडई जैसी कंपनी के पब्लिक इश्यू को लोगों में बहुत क्रेज है। लेकिन किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से पता होना चाहिए। खासतौर पर, कंपनी आईपीओ को किस वैल्युएशन पर ला रही है।
हुंडई आईपीओ की तारीख घोषित हो चुकी है। हालाँकि, सूत्रों के अनुसार, इस पब्लिक इश्यू का मूल्य इस सप्ताह तक घोषित किया जाएगा। ईरान-इजरायल, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली के बीच इस आईपीओ में निवेश करना कितना सही होगा? हम आपको हुंडई आईपीओ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
हुंडई मोटर लिमिटेड, दक्षिण कोरिया की कार निर्माता कंपनी, पिछले 28 साल से भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में है। इस आईपीओ के माध्यम से Hyundai Motor India ने अपने प्रमोटर की हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है, जो पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा। 20 बिलियन डॉलर के वैल्युएशन पर हुंडई ने आईपीओ से 3 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई है।
दुनिया भर में कंपनी का स्थान
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, हुंडई मोटर ग्रुप दुनिया में यात्री वाहन बिक्री के आधार पर हुंडई मोटर इंडिया को CY 2023 में तीसरी सबसे बड़ी ऑटो ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफ्रैक्चरर बनाएगा। क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार, हुंडई मोटर इंडिया वित्त वर्ष 2009 से भारतीय यात्री वाहन बाजार में दूसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी रही है।
हुंडई की आय और लाभ
DRP पत्र के अनुसार, 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त 9 महीने की अवधि में हुंडई मोटर इंडिया का रेवेन्यू 52,157.91 करोड़ रुपये था। FY23 में यह 60,307.58 करोड़ रुपये था, जबकि FY22 में यह 47,378.43 करोड़ रुपये था। 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त हुई 9 महीने की अवधि में कंपनी ने 4,376.52 करोड़ रुपये की कुल आय प्राप्त की। FY23 में आमदनी 4,692.01 करोड़ रुपये थी, जबकि FY22 में 2,904.29 करोड़ रुपये थी।
हुंडई का आईपीओ लाभदायक नहीं है!
हुंडई मोटर के आईपीओ में निवेश करने के लिए निवेशक उत्सुक हैं, साथ ही भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी। लेकिन एक इन्वेस्टमेंट फर्म का कहना है कि भारतीय निवेशकों के लिए यह आईपीओ बहुत अच्छा नहीं होगा। इक्विटास इन्वेस्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में इसके पीछे कई कारणों का उल्लेख किया है, जिनमें बेमेल वैल्युएशन और ऑटो इंडस्ट्री की चुनौतियां शामिल हैं।
रिपोर्ट में इक्विटास ने कहा, “भारत में यह ग्लोबल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री चुनौतियों से जूझ रही है। वहीं, इस क्षेत्र में गिरावट का संकेत दिखाई देता है। इससे ऑटोमोबाइल उद्योग मुश्किलों का सामना कर रहा है। भारतीय निवेशकों को हुंडई का आईपीओ अच्छा नहीं लग सकता।”
आईपीओ वैल्युएशन गलत है
इक्विटास ने हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड की वैल्युएशन पर चिंता व्यक्त की। रिपोर्ट में कहा गया है कि हुंडई की भारतीय इकाई की लिस्टिंग वैल्यू, मूल कंपनी के मार्केट कैप का लगभग 42 प्रतिशत होगी, “ग्लोबल रेवेन्यू में केवल 6.5 प्रतिशत और प्रॉफेटिबिलिटी में 8 प्रतिशत योगदान देने के बावजूद।वैल्युएशन में यह विसंगति चिंता पैदा करती है कि क्या हुंडई के विश्वव्यापी बिजनेस में भारतीय शाखा के अपेक्षाकृत छोटे योगदान को देखते हुए आईपीओ की कीमत उचित है या नहीं।